जयपुर : चर्च रोड स्थित कुमारानन्द हॉल में रविवार को दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, राजस्थान पत्रिका, इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ़ इंडिया व पूरे राजस्थान राज्य के पत्रकार एवं गैर-पत्रकार कर्मचारी पहली बार एकसाथ एकत्रित हुए और मजीठिया के अनुसार वेतनमान के लिए आरपार की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया। माननीय सुप्रीम कोर्ट में चल रहे अवमाननना के 51 प्रतिनिधियों, अनेक यूनियन के नेताओं तथा विभिन्न सस्ंथानो के कर्मचरियों की और से लड़ रहे अधिवक्ताओं के एकसाथ मंच पर आने से मजीठिया की लड़ाई और मजबूत हुई है। पत्रकारों मैं ऐसी एकता पहले कभी नहीं देखी गयी उन्होंने एक साथ एक सुर मैं कहा की हम चाहे कुछ भी हो जाये अख़बार मालिक कितनी भी ओछी हरकतों पर उतर आयें लेकिन हम सब एक होकर मजीठिया की इस लड़ाई को अंजाम तक ले जाकर रहेंगे । चाहे हम प्रताड़ित हों, चाहे निलंबित हों या फिर निष्कासित कर दिए जायें, हर हाल मैं मजीठिया के अनुसार वेतन लेकर रहेंगे । हम सब एक साथ रहकर यह लड़ाई लड़ेंगे ।
इस मंच पर सुप्रीम कोर्ट के कई सीनियर अधिवक्ताओं ने कर्मचारियों को अख़बार मालिकों व उनके चमचों से सतर्क रहने के लिए कहा तथा सबको एक जुट होकर लड़ाई लड़ने पर जोर दिया, तथा मजीठिया की लड़ाई के लिए आगे की रणनीति तय की गयी । उन्होंने कहा कि यह उन लोगों के लिए भी सुनहरा मौका है जिन्होंने नौकरी के दबाव में आकर मजीठिया के अनुसार वेतन न चाहने वाले बिना डेट वाले कागजों पर पहले ही साइन कर दिए हों। उनको करना यह है कि वे लेबर इंस्पेक्टर या लेबर कमिश्नर को लिखित मैं सूचित करें कि हमे मजीठिया के अनुसार वेतन अभी तक नहीं मिला है तथा नौकरी से निकालने की धमकी देकर हमसे साइन करवा लिए हैं, जो निराधार है। हमारे द्वारा अस्वीकार है व इसकी सही रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट मैं पेश करें।
यह तय मानिये कि यदि आप सच्चाई के साथ हैं तो आपका हक़ आपसे कोई भी नहीं छीन सकता, बस कलम उठाएं और लेबर इंस्पेक्टर को सच्चाई से लिखित में अवगत कराएं। उसको भी अपनी नौकरी प्यारी है। अपने बच्चों से प्यार है। वह किसी भी कीमत पर सुप्रीम कोर्ट को गलत रिपोर्ट पेश नहीं कर सकता ।
इस मंच पर सुप्रीम कोर्ट के कई सीनियर अधिवक्ताओं ने कर्मचारियों को अख़बार मालिकों व उनके चमचों से सतर्क रहने के लिए कहा तथा सबको एक जुट होकर लड़ाई लड़ने पर जोर दिया, तथा मजीठिया की लड़ाई के लिए आगे की रणनीति तय की गयी । उन्होंने कहा कि यह उन लोगों के लिए भी सुनहरा मौका है जिन्होंने नौकरी के दबाव में आकर मजीठिया के अनुसार वेतन न चाहने वाले बिना डेट वाले कागजों पर पहले ही साइन कर दिए हों। उनको करना यह है कि वे लेबर इंस्पेक्टर या लेबर कमिश्नर को लिखित मैं सूचित करें कि हमे मजीठिया के अनुसार वेतन अभी तक नहीं मिला है तथा नौकरी से निकालने की धमकी देकर हमसे साइन करवा लिए हैं, जो निराधार है। हमारे द्वारा अस्वीकार है व इसकी सही रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट मैं पेश करें।
यह तय मानिये कि यदि आप सच्चाई के साथ हैं तो आपका हक़ आपसे कोई भी नहीं छीन सकता, बस कलम उठाएं और लेबर इंस्पेक्टर को सच्चाई से लिखित में अवगत कराएं। उसको भी अपनी नौकरी प्यारी है। अपने बच्चों से प्यार है। वह किसी भी कीमत पर सुप्रीम कोर्ट को गलत रिपोर्ट पेश नहीं कर सकता ।
0 comments:
Post a Comment