मजीठिया वेज बोर्ड की अनुशंषा के अनुसार वेतन और सुविधाएं पाने के लिये सुप्रीम कोर्ट में या देश के दूसरे किसी भी अदालत में या लेबर कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे सभी पत्रकार भाई अपने अपने प्रमोशन की तरफ भी अपने वरिष्ठ अधिवक्ता का ध्यान दिलाएं। सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 11 नवम्बर 2011 को भारत के राजपत्र में अधिसूचना संख्या 2532 (अ) में अधिसूचित कर आदेश दिया है जिसके मुताबिक़ 10 वर्ष की सेवा संतोषजनक करने पर पदोन्नति का प्रावधान है।
अगर आप दस साल से ज्यादा समय से एक ही समाचार पत्र प्रतिष्ठान में कार्यरत हैं तो आपको एक प्रमोशन मिलना चाहिए। इसी आदेश में पूरे सेवाकाल में तीन प्रमोशन की बात है। यानी अगर आप 20 साल से ज्यादा समय से काम कर रहे हैं एक ही समाचार पत्र या उस प्रतिष्ठान में तो आपको दो प्रमोशन मिलना चाहिए था जो कि समाचार पत्र प्रबंधन ने नहीं दिया है।
वेतन के साथ अगर हम इस मुद्दे को भी अदालत में रख कर पूछें कि आपने कितने लोगों को प्रमोशन दिया है तो अच्छे अच्छे अख़बार मालिकों की और फर्जी रिपोर्ट तैयार कर माननीय सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने वाले श्रम आयुक्त कार्यालय की पूरी पोल पट्टी खुल जायेगी और उन्हें सजा भी मिलनी तय है। तो दोस्तों, आप सबसे निवेदन है कि जो लोग भी माननीय सुप्रीम कोर्ट में 14 मार्च की सुनवाई में उपस्थित होंगे वे अपने अपने अधिवक्ता का ध्यान पहले से ही इस मुद्दे की तरफ भी दिलाएं। मान लीजिये टाइम्स ऑफ इंडिया कहता है कि हमने मजीठिया वेज बोर्ड लागू कर दिया तो टाइम्स प्रबंधन से पूछना चाहिए कि आपने प्रमोशन कितने लोगों को दिया, तब राज खुलेगा कि कितना सही तरीका इस्तेमाल किया गया है मजीठिया वेज बोर्ड के पालन में।
शशिकांत सिंह
मुंबई
9322411335
अगर आप दस साल से ज्यादा समय से एक ही समाचार पत्र प्रतिष्ठान में कार्यरत हैं तो आपको एक प्रमोशन मिलना चाहिए। इसी आदेश में पूरे सेवाकाल में तीन प्रमोशन की बात है। यानी अगर आप 20 साल से ज्यादा समय से काम कर रहे हैं एक ही समाचार पत्र या उस प्रतिष्ठान में तो आपको दो प्रमोशन मिलना चाहिए था जो कि समाचार पत्र प्रबंधन ने नहीं दिया है।
वेतन के साथ अगर हम इस मुद्दे को भी अदालत में रख कर पूछें कि आपने कितने लोगों को प्रमोशन दिया है तो अच्छे अच्छे अख़बार मालिकों की और फर्जी रिपोर्ट तैयार कर माननीय सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने वाले श्रम आयुक्त कार्यालय की पूरी पोल पट्टी खुल जायेगी और उन्हें सजा भी मिलनी तय है। तो दोस्तों, आप सबसे निवेदन है कि जो लोग भी माननीय सुप्रीम कोर्ट में 14 मार्च की सुनवाई में उपस्थित होंगे वे अपने अपने अधिवक्ता का ध्यान पहले से ही इस मुद्दे की तरफ भी दिलाएं। मान लीजिये टाइम्स ऑफ इंडिया कहता है कि हमने मजीठिया वेज बोर्ड लागू कर दिया तो टाइम्स प्रबंधन से पूछना चाहिए कि आपने प्रमोशन कितने लोगों को दिया, तब राज खुलेगा कि कितना सही तरीका इस्तेमाल किया गया है मजीठिया वेज बोर्ड के पालन में।
शशिकांत सिंह
मुंबई
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