Thursday, April 28, 2016

गूगल वायस सर्च से एंड्राॅयड फ़ोन पर बोलकर हिन्दी लिखें

अब हिन्दी भाषा बोलकर टाइप किया जा सकता है। कमस-कम एंड्राॅयड प्रयोगकर्ताओं के लिए गूगल ने इसे गूगल वॉइस इनपुट टूल के अंर्तगत जारी किया है। यानि एंड्राॅयड पर अब हिन्दी एस. एम. एस. या अन्य संदेश बिना टाइप किए सिर्फ़ बोलकर लिखे जा सकते हैं। इसे अपने एंड्राॅयड मोबाइल पर सक्षम करने के लिए भाषा और इनपुट सेटिंग्स के अंर्तगत गूगल वाइस टाइपिंग का विकल्प चुनना होगा। इसके दायीं ओर दिये गये सेटिंग आइकन को क्लिक करके हिन्दी भाषा को भी चुन लें। सुविधा के लिए किसी अन्य भाषा को न चुनें।
अब यहाँ से बाहर निकल जाएँ और एंड्राॅयड पर कोई इनपुट विंडो खोलें, जैसे- व्हाट्सऐप(वॉट्सैप), एस. एम. एस., टेक्स्ट, हैंगआउट, ईमेल, डाॅक्स आदि कुछ भी। आप यहाँ कीबोर्ड पर स्पेसबार के बायीं या दायीं ओर माइक या माइक्रोफ़ोन का आइकन दिखायी देगा।
अब माइक्रोफ़ोन आइकन पर क्लिक करें या उसे थोड़ी देर दबाये रखें, यह आपको स्पीक नाउ का स्क्रीन पर गोल बटन दिखायेगा। आप जैसे बोलना शुरू करेंगे यह बटन लाल रंग का हो जायेगा और रियल टाइम में समझकर हिंदी में टाइप करने लगेगा।

एटीएम कार्ड होल्डर्स का होता है 10 लाख तक का इन्श्योरेंस

एटीएम कार्ड ने बैंकिंग प्रक्रिया को काफी आसान बना दिया है। इसके चलते एटीएम का इस्‍तेमाल तेजी से बढ़ा है। बैंकों ने भी कस्‍टमर को बैंकिंग की बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए एटीएम कार्ड के साथ कई नई सर्विसेज जोड़ी हैं। आज हम आपको एटीएम कार्ड से जुड़ीं 5 ऐसी ही बातें बता रहे हैं, जिनकी जानकारियां ज्‍यादातर लोगों के पास नहीं होती हैं। इन्‍हें जानकर आप एटीएम कार्ड का इस्‍तेमाल और अच्‍छे ढंग से कर सकते हैं। 
ATM कार्ड होल्डर को मिलता है इन्‍श्‍योरेंस 
सभी पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर... के बैंक एटीएम कार्ड होल्डर को एक्सीडेंटल हॉस्पिटलाइजेशन कवर और एक्सीडेंटल डेथ कवर देते हैं। यह कवर 50 हजार रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का होता है। इस सुविधा का लाभ प्रत्‍येक कार्ड होल्डर को इश्‍यू करने वाले बैंक की ओर से मिलता है। हालांकि, इस सुविधा का लाभ लेने के लिए कार्ड होल्डर का बैंक अकाउंट ऑपरेशनल होना चाहिए। अगर, अकाउंट निष्क्रिय है तो इन्‍श्‍योरेंस का लाभ कार्ड होल्डर को नहीं मिलेगा।... 
ATM कार्ड होल्‍डर द्वारा इन्‍श्‍योरेंस कवर क्‍लेम करने का यह है प्रोसेस 
-एक्सिडेंट होने के तत्‍काल बाद पुलिस में रिपोर्ट करनी होगी।
 -पुलिस रिपोर्ट में एक्सिडेंट से जुड़े सभी तथ्‍यों का जिक्र... का जिक्र होना चाहिए। 
-हॉस्पिटलाइजेशन केस में अस्‍पताल की मेडिकल रिपोर्ट जमा करनी होगी। 
-अगर, एक्सीडेंटल डेथ का केस है तो पोस्‍ट मॉर्टम रिपोर्ट, पुलिस पंचनामा, अस्‍पताल द्वारा मिला मृत्‍यु प्रमाणपत्र, वैध ड्राइविंग लाइसेंस जमे करने होंगे। 
-बैंक को बताना होता है कि कार्ड होल्‍डर ने 90 दिनों के अंदर अकाउंट से ट्रांजैक्‍शन किया है।


Wednesday, April 27, 2016

उपभोक्ताओं ने दिया 908 करोड़ रुपए टैक्स

कोटा। संभागके चार जिलों के उपभोक्ताओं ने मिलकर समाप्त हुए वित्त वर्ष 2015-16 में सरकार को 908 करोड़ रुपए का टैक्स चुकाया है। यह टैक्स वैट, एंट्री टैक्स, लग्जरी टैक्स एवं एंटरटेनमेंट टैक्स के रूप में उपभोक्ताओं से वसूला जाता है। वाणिज्यिक कर विभाग को वैट का 945 करोड़ रुपए का टारगेट मिला था, जिसका 82 प्रतिशत यानी 774 करोड़ रुपए ही वसूल हो पाया है। जो पिछले वित्त वर्ष 2014-15 से 52 करोड़ रुपए अधिक है।समाप्त हुए वित्त वर्ष में वाणिज्यिक कर विभाग को 130 करोड़ रुपए एंट्री टैक्स से प्राप्त हुए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष से 23 करोड़ रुपए कम हैं। पिछले वित्त वर्ष में 153 करोड़ रुपए मिले थे। इसी तरह लक्जरी टैक्स के रूप में 59 लाख रुपए की आय हुई है, जबकि पिछली बार 84 लाख रुपए की आय हुई थी। एंटरटेनमेंट टैक्स के रूप में विभाग को इस बार 2.82 करोड़ रुपए मिले हैं। पिछले वित्त वर्ष में इस मद में 1.15 करोड़ रुपए मिले थे। इस बार 1.67 करोड़ रुपए अधिक हैं। 
तीन नई सेवाओं पर टैक्स 
पिछले वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने तीन नई सेवाओं पर वैट एवं लग्जरी टैक्स लगाया था। इनमें प्रमुख रूप से मैरिज गार्डन, मैरिज हॉल पर लग्जरी टैक्स एवं मैस और केटरिंग पर वैट लागू किया गया था। सरकार ने पिछली बार फर्निश्ड क्लॉथ पर टैक्स लगाया था। वहीं इस बार महिलाओं के अर्द्ध सिले वस्त्रों को भी वैट के दायरे में ले लिया है। अभी तक सिर्फ रेडिमेड गारमेंट ही वैट के दायरे में थे, अब इन कपड़ों पर भी टैक्स लागू है। 

बैंकों का एनपीए दीमक के समान: वैंकटरामन

कोटा। बैंकों में बढ़ता एनपीए उस दीमक के समान है, जो बैंक की उपलब्धियों को धीरे-धीरे चट कर जाता है। यह चिंता स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर के मुख्य महाप्रबंधक (रिटेल बैंकिंग) एस. वैंकटरामन ने मंगलवार को झालावाड़ रोड स्थित एक होटल में आयोजित समारोह में कोटा अंचल के बैंक अधिकारियों के समक्ष जताई। 
उन्होंने कहा कि समयबद्ध लगातार स्टाफ के सम्मिलित प्रयासों से किसी भी ऋण खाते को समय रहते एनपीए में बदलने से रोक सकते हैं। समारोह में मुख्य महाप्रबंधक ने 31 मार्च 2016 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के कार्य परिणामों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने बैंक अधिकारियों से नए वित्तीय वर्ष के निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए शुरू से ही योजना बद्ध तरीके से जुट जाने का आह्वान किया। 
उन्होंने इस अवसर पर गत वित्त वर्ष में खुदरा जमाओं में सर्वाधिक वृद्धि के लिए बैंक की सीएडी सर्किल स्थित शाखा, खुदरा ऋणों में बढ़ोतरी के लिए नाहरगढ़ शाखा, सर्वाधिक आवास एवं कार ऋणों के लिए एरोड्रम सर्किल शाखा एवं एनपीए में कमी के लिए सिकंदरा शाखा (जिला दौसा)को सम्मानित किया गया। 
महाप्रबंधक (जयपुर नेटवर्क) नेमिराजा एच. सी. ने उत्कृष्ट ग्राहक सेवा पर जोर देते हुए कहा कि बैंक की सेवाएं इस प्रकार प्रतिबद्धता पूर्ण हों कि ग्राहकों को शिकायत का अवसर ही नहीं मिले। 
समारोह के प्रारंभ में बैंक के कोटा अंचल के उप महाप्रबंधक जगपाल सिंह ने समाप्त हुए वित्त वर्ष की उपलब्धियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया एवं भविष्य की कार्ययोजनाओं के बारे में बताया। कार्यक्रम में एसोसिएट बैंक्स ऑफिसर्स एसोसिएशन यूनिट एसबीबीजे के अंचल सचिव एवं सहायक महाप्रबंधक आरके जैन ने एवं सहायक महाप्रबंधक एचपी सोमानी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। 

Monday, April 25, 2016

एक मई से 'एक कर्मचारी एक पीएफ खाता' योजना

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने एक मई को ‘एक कर्मचारी, एक ईपीएफ खाता’ लांच करने की योजना बनाई है। इस योजना का उद्देश्य परिपक्वता से पहले भविष्य निधि से पैसों की निकासी को हतोत्साहित करना और राज्य सरकारों को इसकी पेंशन प्रणाली से जुड़ने के लिए प्रेरित करना है।
ईपीएफओ ने 21 अप्रैल को हुई एक आंतरिक बैठक में यह फैसला किया। इससे एक दिन पहले सरकार ईपीएफ से निकासी के नये कानून के संदर्भ में अपना फैसला वापस ले चुकी थी। नए कानून में सरकार ने निकासी को सख्त बनाने और अंशधारकों को 58 साल की उम्र से पहले ईपीएफ से नियोक्ता का योगदान (मूल वेतन का 3.67 प्रतिशत) निकालने के संबंध में मानदंडों को सख्त बनाया था।
बैठक में ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त वीपी जॉय ने भविष्य निधि निकासी के नियम से जुड़े विवादों पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच प्रभावी संवाद होना चाहिए। साथ ही कहा कि कर्मचारियों द्वारा हर बार नौकरी बदलने पर निकासी से जुड़े मुद्दे का समाधान अच्छी सेवा और आसान माध्यम के जरिए किए जाने की जरूरत है।

Thursday, April 21, 2016

खराब फोन के बदले मिलेगा आपको सोना

अगर आपका फोन खराब हो गया है तो आप यकीनन उसे फेंक देंगे। अरे नहीं, अब ऐसा करने की कोई जरुरत नहीं है। क्योंकि एपल ने यूस्ड फोन और कम्प्यूटर्स को रीसाइकल कर, करीब 40 मिलियन डॉलर यानि 264 करोड़ का सोना निकाला है। इसका मतलब अब सोना खरीदने के लिए पैसे खर्च करने की जरुरत नहीं है।
तो हैं न ये खुशखबरी। दरअसल, एपल ने गुरुवार को एक सालाना इन्वायरमेंट रिपोर्ट जारी की, जिसमे बताया गया की कैसे एपल ने अपने इस्तेमाल किये गए फोन और कम्प्यूटर्स से 61 मिलियन पाउंड का स्टील, एलुमिनियम, ग्लास जैसे मटेरियल रिकवर किया है। तो देर किस बात की है, आप भी अपने खराब फोन और कम्प्यूटर्स को एपल के हवाले कर दीजिये, और जीतिए चमचमाता सोना।लेकिन इन बेकार हो गए इलेक्ट्रॉनिक्स में से इतना सोना निकला कैसे। चलिए ये भी आपको बता देते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन पर काम करने वाले एक्टिविस्ट ग्रुप फेयरफोन ने बताया कि एक स्मार्टफोन के सर्किट्स और इन्टरनल कम्पोनेंट्स में करीब 30 मिलीग्राम सोना होता है, जिसे रिकवर किया जा सकता है। तो ऐसे में ये भी हो सकता है की एपल ने अपनी स्मार्ट वॉचेस को भी रीसाइकल किया हो। जिसे बनाने में करीब 50 ग्राम तक का सोना इस्तेमाल किया जाता है। प्राप्त खबरों के मुताबिक अपनी स्मार्ट वॉचेस को लोगो ने एपल को सौंप दिया है, और उसे रीसाइकल करवा रहे हैं। एपल का ये रीसाइकल एक्सपेरिमेंट बेहद उम्दा साबित हो रहा है।

Monday, April 18, 2016

सिर्फ थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस ही ना लें

कभी भी सिर्फ थर्ड पार्टी इंश्योरेंस ना खरीदें उसके साथ ओन डैमेज इंश्योरेंस भी उतना ही जरूरी है। इसके जरिए आपकी कार को होने वाले नुकसान की पूरी भरपाई होगी। कई बार लोग ये इंश्योरेंस नहीं लेते और कार एक्सीडेंट के बाद उसे सुधरवाने में बड़ा खर्च करते हैं। गाड़ी को नुकसान कहीं भी पहुंच सकता है। इसका अंदाज कोई भी नहीं लगा सकता है।
कार के कवर के लिए आप ये भी कर सकते हैं
नो क्लैम बोनस
हर बिना क्लैम वाले साल के लिए कंपनी नो क्लैम बोनस ऑफर करती है। इसमें कार का प्रीमियम हर साल घटता जाता है। अगर किसी साल क्लैम करने से आपका नो क्लैम बोनस चला जाता है तो आप अतिरिक्त प्रीमियम देकर नो क्लैम बोनस प्रोटेक्शन ले सकते हैं। ये सिर्फ पूरी पॉलिसी के दौरान 1 क्लैम करने पर ही  मिलेगा।
डेप्रिसिएशन रिइंबर्समेंट
ये स्टैंडर्ड कार इंश्योरेंस के लिए एड ऑन कवर है। स्टैंडर्ड कार कवर में आपको डेप्रिसिएशन के बाद क्लैम मिलता है। अगर आप इस कवर को लेते हैं तो आपको आपको कार के पार्ट्स की पूरी कीमत मिलेगी।
ड्राइवर को यात्रियों का कवर
इस फीचर के जरिए नौकरी पर रखे गए ड्राइवर और कार में बैठे यात्रियों का इंश्योरेंस होता है। इस कवर की एक लिमिट होती है।
हॉस्पिटल डेली कैश
अगर एक्सीडेंट होता है तो इस कवर के जरिए एक फिक्स्ड रकम मिलती है। अगर बीमित व्यक्ति हॉस्पिटल में भर्ती होता है तो हर दिन के हिसाब से उसको तय रकम मिलेगी।
सामान खोने का कवर
कुछ इंश्योरेंस कंपनियां बीमित व्यक्ति की कार में रखी चीजों से हुए नुकसान को भी कवर करती हैं। ये कवर एक्सीडेंट से हुए नुकसान को कवर करता है। इसके अलावा आप डेली अलाउंस और रिटर्न टू इनवाइस कवर भी ले सकते हैं। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के साथ अगर आप एड ऑन कवर जोड़ेंगे तो आपका प्रीमियम बढ़ेगा। इसलिए अपनी जरूरत के मुताबिक ही एड ऑन कवर चुने।

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Thursday, April 14, 2016

कोटा के कोचिंग संस्थानों ने दिया 165 करोड़ सर्विस टैक्स

बिजनेस रिपोर्टर|कोटा
कोचिंगइंडस्ट्री की ग्रोथ के साथ समाप्त हुए वित्त वर्ष 2015-16 में 324 करोड़ का सर्विस टैक्स प्राप्त हुआ है। इसमें कोचिंग संस्थानों का 165 करोड़ रुपए का योगदान रहा है। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस बार कोचिंग संस्थानों के सर्विस टैक्स में 45 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि शहर के 300 से अधिक कोचिंग संस्थानों में से लगभग 50 ने ही सर्विस टैक्स चुकाया है। शहर की कोचिंग इंडस्ट्री का सालाना टर्न ओवर 1200 करोड़ रुपए से अधिक है। कोचिंग संस्थानों में करीब 1.35 लाख छात्र हैं। इसके आधार पर कोचिंग संस्थानों ने 165 करोड़ रुपए सर्विस टैक्स दिया है। वित्त वर्ष 2014-15 में 120 करोड़ का सर्विस टैक्स प्राप्त हुआ था, तब कोचिंग संस्थानों का टर्नओवर 1000 करोड़ रुपए के आसपास था। उस समय सर्विस टैक्स की दर 12.36 थी। वर्तमान में 14.5 प्रतिशत है। इसमें 0.5 प्रतिशत स्वच्छता उपकर शामिल है। 
वहीं, विभिन्न सेवाओं से इस बार 324 करोड़ रुपए सर्विस टैक्स प्राप्त हुआ है, जो पिछले वित्त वर्ष से 35 प्रतिशत अधिक है। पिछले वित्त वर्ष में 244 करोड़ रुपए सर्विस टैक्स प्राप्त हुआ था। एक्साइज एवं सर्विस टैक्स विभाग के सहायक आयुक्त नरेश बुंदेल ने बताया कि फिर भी कोचिंग संस्थानों से जितना टैक्स मिलना चाहिए था, उतना नहीं मिला। बड़े कोचिंग संस्थानों से सर्विस टैक्स मिल रहा है, लेकिन छोटे कोचिंग संस्थानों से टैक्स पूरा नहीं मिलता है। यह बात पिछले दिनों हुए सर्वे में साबित हो चुकी है। 
8 करोड़ के कर अपवंचना के मामले पकड़े 
सहायकआयुक्त ने बताया कि समाप्त हुए वित्त वर्ष में कोचिंग संस्थानों, कंस्ट्रक्शन कंपनियों एवं एडवरटाइजिंग एजेंसियों पर किए गए सर्वे के 57 मामलों में 8 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी पकड़ी गई। इसके अलावा 16 केस फाइल किए गए। 




Wednesday, April 13, 2016

Monday, April 4, 2016

श्रम आयुक्त के पास नहीं प्रमोशन वाले समाचार पत्र कर्मियों की सूची

मजीठिया वेज बोर्ड की अनुशंसा के अनुसार सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 11 नवम्बर 2011 को भारत के राजपत्र में अधिसूचना संख्या 2532 (अ) में अधिसूचित्त आदेश दिया है जिसके मुताबिक़ 10 वर्ष की सेवा संतोषजनक करने पर पदोन्नति का प्रावधान है। यानि अगर आप दस साल से ज्यादा समय से एक ही समाचार पत्र प्रतिष्ठान में कार्यरत हैं तो आपको एक प्रमोशन मिलना चाहिए था।
इसी आदेश में पूरे सेवाकाल में तीन प्रमोशन की बात है। यानी अगर आप 20 साल से ज्यादा समय से काम कर रहे हैं एक ही समाचार पत्र या उस प्रतिष्ठान में तो आपको दो प्रमोशन मिलना चाहिए था जो कि समाचार पत्र प्रबंधन ने नहीं दिया है। इस बारे में मुम्बई के श्रम आयुक्त कार्यालय के पास भी इस बाबत कोई सूचना उपलब्ध नहीं है। मुम्बई के निर्भीक पत्रकार शशिकांत सिंह ने मुम्बई शहर के श्रम आयुक्त कार्यालय के जन माहिती अधिकारी से ये जानकारी माँगा कि मुम्बई के कौन कौन से समाचार पत्रों ने मजीठिया वेज बोर्ड के मुताबिक़ अपने उन समाचार पत्र कर्मियों और पत्रकारों को जो दस साल से अधिक समय से एक ही समाचार पत्र प्रतिष्ठान में कार्यरत हैं, को प्रमोशन दिया है।
पूरी सूची शशिकांत सिंह ने एक मार्च को माँगा था जिस पर श्रम आयुक्त कार्यालय ने 9 मार्च 2016 को तीन लाइन का एक जवाब भेजा कि ये जानकारी हमारे कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। जबकि मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर भारत सरकार ने इसे राजपत्र में अधिसूचित किया है और उसमे प्रमोशन की भी चर्चा है। अब सवाल ये उठता है कि अगर श्रम आयुक्त कार्यालय के पास ऐसी कोई सूची नहीं है तो फिर माननीय सुप्रीम कोर्ट को किस आधार पर रिपोर्ट सौपी गयी है।
क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुलेआम धज्जी नहीं उड़ा रहा है श्रम आयुक्त कार्यालय? फिलहाल वेतन के साथ अगर हम इस मुद्दे को भी अदालत में रख कर पूछें कि आपने कितने लोगों को प्रमोशन दिया है तो अच्छे अच्छे अख़बार मालिकों की और फर्जी रिपोर्ट तैयार कर माननीय सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने वाले श्रम आयुक्त कार्यालय की पूरी पोल पट्टी खुल जायेगी और उन्हें सजा भी मिलनी तय है।

Sunday, April 3, 2016

बटुए की तरह मुड़ जायेगा अब नया स्मार्टफोन

स्मार्टफोन बाजार में दबदबा बनाने को दुनियाभर की मोबाइल कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा चरम पर है। उत्पादों में इनोवेशन के बूते वे ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं।
इसी कड़ी में स्मार्टफोन बनाने वाली दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग अनूठी पेशकश के लिए तैयार है। अगले साल तक वह बाजार में ऐसा स्मार्टफोन उतार सकती है जिसे आप मोड़कर बटुए की तरह जेब में रख सकेंगे। मुड़ जाने पर यह स्मार्टफोन पांच इंच का रह जाएगा।
लेकिन जब तह खुलेगी तो यह सात इंच का टैबलेट बन जाएगा। यानी स्मार्टफोन और टैबलेट एक ही डिवाइस में। दक्षिण कोरिया की न्यूज साइट ईटीन्यूज में इस स्मार्टफोन की खूबियों पर बातचीत की गई। ईटीन्यूज के मुताबिक फोल्ड हो सकने वाले स्मार्टफोन को बनाने के लिए सैमसंग काफी समय से प्रयासरत है। इसे मूर्त रूप देने के लिए उसने तमाम तरह की तकनीकों में निवेश किया है। ऑर्गेनिक लाइट-एमिटिंग डायोड (ओएलईडी) डिस्प्ले का उपयोग करते हुए इसकी स्क्रीन को दो हिस्सों में मोड़ा जा सकेगा।
यह स्मार्टफोन पर्स की तरह जेब में जगह ले लेगा। डिस्प्ले का प्रोटोटाइप विकसित किया जा चुका है। बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन शुरू करने की तैयारी है। सैमसंग डिस्प्ले के डायरेक्टर ली चांग-हून ने इस साल जनवरी में कहा था कि फोल्ड हो सकने वाले ओएलईडी पर योजना के अनुरूप काम हो रहा है।
उद्योग जगत के प्रतिनिधि के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करने से पहले कई पहलुओं को पूरा कर लेना चाहती है। जल्दी में वह कोई कदम नहीं उठाएगी। वजह यह है कि उसके पास और कई महत्वपूर्ण कार्य पूरा करने के लिए हैं। माना जा रहा है कि सैमसंग का यह डिवाइस स्मार्टफोन बाजार में गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
हाल ही में उद्योग चैंबर एसोचैम की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कैमरा और इंटरनेट जैसे फीचर वाले स्मार्टफोन की बिक्री 2016-17 के दौरान 16 करोड़ तक होने की संभावना है। जबकि साल 2015-16 के दौरान यह आंकड़ा करीब 10 करोड़ रहने के आसार हैं।इसमें यह बात भी सामने आई थी कि देश में फोटोग्राफी के प्रति बढ़ते रुझान के कारण इनकी मांग तूल पकड़ रही है। इसकी वजह से डिजिटल कैमरे की बिक्री में गिरावट आ रही है।