Wednesday, April 27, 2016

उपभोक्ताओं ने दिया 908 करोड़ रुपए टैक्स

कोटा। संभागके चार जिलों के उपभोक्ताओं ने मिलकर समाप्त हुए वित्त वर्ष 2015-16 में सरकार को 908 करोड़ रुपए का टैक्स चुकाया है। यह टैक्स वैट, एंट्री टैक्स, लग्जरी टैक्स एवं एंटरटेनमेंट टैक्स के रूप में उपभोक्ताओं से वसूला जाता है। वाणिज्यिक कर विभाग को वैट का 945 करोड़ रुपए का टारगेट मिला था, जिसका 82 प्रतिशत यानी 774 करोड़ रुपए ही वसूल हो पाया है। जो पिछले वित्त वर्ष 2014-15 से 52 करोड़ रुपए अधिक है।समाप्त हुए वित्त वर्ष में वाणिज्यिक कर विभाग को 130 करोड़ रुपए एंट्री टैक्स से प्राप्त हुए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष से 23 करोड़ रुपए कम हैं। पिछले वित्त वर्ष में 153 करोड़ रुपए मिले थे। इसी तरह लक्जरी टैक्स के रूप में 59 लाख रुपए की आय हुई है, जबकि पिछली बार 84 लाख रुपए की आय हुई थी। एंटरटेनमेंट टैक्स के रूप में विभाग को इस बार 2.82 करोड़ रुपए मिले हैं। पिछले वित्त वर्ष में इस मद में 1.15 करोड़ रुपए मिले थे। इस बार 1.67 करोड़ रुपए अधिक हैं। 
तीन नई सेवाओं पर टैक्स 
पिछले वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने तीन नई सेवाओं पर वैट एवं लग्जरी टैक्स लगाया था। इनमें प्रमुख रूप से मैरिज गार्डन, मैरिज हॉल पर लग्जरी टैक्स एवं मैस और केटरिंग पर वैट लागू किया गया था। सरकार ने पिछली बार फर्निश्ड क्लॉथ पर टैक्स लगाया था। वहीं इस बार महिलाओं के अर्द्ध सिले वस्त्रों को भी वैट के दायरे में ले लिया है। अभी तक सिर्फ रेडिमेड गारमेंट ही वैट के दायरे में थे, अब इन कपड़ों पर भी टैक्स लागू है। 

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