एटीएम कार्ड ने बैंकिंग प्रक्रिया को काफी आसान बना दिया है। इसके चलते एटीएम का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। बैंकों ने भी कस्टमर को बैंकिंग की बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए एटीएम कार्ड के साथ कई नई सर्विसेज जोड़ी हैं। आज हम आपको एटीएम कार्ड से जुड़ीं 5 ऐसी ही बातें बता रहे हैं, जिनकी जानकारियां ज्यादातर लोगों के पास नहीं होती हैं। इन्हें जानकर आप एटीएम कार्ड का इस्तेमाल और अच्छे ढंग से कर सकते हैं।
ATM कार्ड होल्डर को मिलता है इन्श्योरेंस
सभी पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर... के बैंक एटीएम कार्ड होल्डर को एक्सीडेंटल हॉस्पिटलाइजेशन कवर और एक्सीडेंटल डेथ कवर देते हैं। यह कवर 50 हजार रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का होता है। इस सुविधा का लाभ प्रत्येक कार्ड होल्डर को इश्यू करने वाले बैंक की ओर से मिलता है। हालांकि, इस सुविधा का लाभ लेने के लिए कार्ड होल्डर का बैंक अकाउंट ऑपरेशनल होना चाहिए। अगर, अकाउंट निष्क्रिय है तो इन्श्योरेंस का लाभ कार्ड होल्डर को नहीं मिलेगा।...
ATM कार्ड होल्डर द्वारा इन्श्योरेंस कवर क्लेम करने का यह है प्रोसेस
-एक्सिडेंट होने के तत्काल बाद पुलिस में रिपोर्ट करनी होगी।
-पुलिस रिपोर्ट में एक्सिडेंट से जुड़े सभी तथ्यों का जिक्र... का जिक्र होना चाहिए।
-हॉस्पिटलाइजेशन केस में अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट जमा करनी होगी।
-अगर, एक्सीडेंटल डेथ का केस है तो पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट, पुलिस पंचनामा, अस्पताल द्वारा मिला मृत्यु प्रमाणपत्र, वैध ड्राइविंग लाइसेंस जमे करने होंगे।
-बैंक को बताना होता है कि कार्ड होल्डर ने 90 दिनों के अंदर अकाउंट से ट्रांजैक्शन किया है।
ATM कार्ड होल्डर को मिलता है इन्श्योरेंस
सभी पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर... के बैंक एटीएम कार्ड होल्डर को एक्सीडेंटल हॉस्पिटलाइजेशन कवर और एक्सीडेंटल डेथ कवर देते हैं। यह कवर 50 हजार रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का होता है। इस सुविधा का लाभ प्रत्येक कार्ड होल्डर को इश्यू करने वाले बैंक की ओर से मिलता है। हालांकि, इस सुविधा का लाभ लेने के लिए कार्ड होल्डर का बैंक अकाउंट ऑपरेशनल होना चाहिए। अगर, अकाउंट निष्क्रिय है तो इन्श्योरेंस का लाभ कार्ड होल्डर को नहीं मिलेगा।...
ATM कार्ड होल्डर द्वारा इन्श्योरेंस कवर क्लेम करने का यह है प्रोसेस
-एक्सिडेंट होने के तत्काल बाद पुलिस में रिपोर्ट करनी होगी।
-पुलिस रिपोर्ट में एक्सिडेंट से जुड़े सभी तथ्यों का जिक्र... का जिक्र होना चाहिए।
-हॉस्पिटलाइजेशन केस में अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट जमा करनी होगी।
-अगर, एक्सीडेंटल डेथ का केस है तो पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट, पुलिस पंचनामा, अस्पताल द्वारा मिला मृत्यु प्रमाणपत्र, वैध ड्राइविंग लाइसेंस जमे करने होंगे।
-बैंक को बताना होता है कि कार्ड होल्डर ने 90 दिनों के अंदर अकाउंट से ट्रांजैक्शन किया है।
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