Friday, May 27, 2016

अब व्हाट्सएप से ट्रांसफर करें पैसे

कोटा। आज ऐसा वक्त आ गया है जब आपको पैसे के लेन-देन के लिए ही नहीं बल्कि अधिकतर किसी भी काम के लिए लाइन में लगने की या वहां जाने की जरूरत नहीं| अब सब कुछ घर बैठ-बैठे ही हो जाता है| इसी को ध्यान में रखते हुए पेमेंट प्लेटफार्म फ्रीचार्ज ने व्हाट्सएप के साथ टाई-अप कर लिया है, जिससे पैसे भेजने व लेने में आसानी हो।अब ये सेवा व्हाट्सएप मनी के चैट एंड पे फीचर के साथ उपलब्ध है|यह भारतीय ई-कॉमर्स वेबसाइट के क्षेत्र में पहली बार है जब किसी कंपनी ने ऐसा कदम उठाया है| यह फीचर फ्रीचार्ज यूजर्स को व्हाट्सएप के द्वारा उपलब्ध होगा|
हालांकि अभी के लिए यह फीचर केवल फ्रीचार्ज एंड्रॉयड यूजर्स के लिए ही उपलब्ध है| कंपनी के अनुसार यह व्हाट्सएप का कोई फीचर नहीं है बल्कि फ्रीचार्ज व्हाट्सएप को केवल एक माध्यम बना कर यूजर्स को यह सेवा प्रदान कर रहा है। चूंकि अधिकतर लोग आज के समय में व्हाट्सएप का प्रयोग करते ही हैं तो उनके लिए भी यह प्रक्रिया काफी मुश्किलें हल कर देगी| इस चैट एंड पे के नए फीचर के साथ आप अपने व्हाट्सएप कॉन्टेक्ट्स में से किसी को भी बेहद आसानी से केवल कुछ मिनटों में पैसे भेज सकते है और उनसे पैसों की रिक्वेस्ट भी कर सकते हैं| हम आपको बताते हैं की कैसे आप इस फीचर का उपयोग कर सकते हैं:
स्टेप 1 फ्रीचार्ज मेन्यू पर जाएं और फ्रीचार्ज ऑन व्हाट्सएप पर क्लिक करें|
स्टेप 2 एक्सेसिबिलिटी सेटिंग्स में इस विकल्प को इनेबल कर दें|
स्टेप 3 व्हाट्सएप खोलें और फ्रीचार्ज को फॉलो करते हुए आपको कितने पैसे ट्रांसफर करने है वो लिख कर सेंड कर दें|
स्टेप 4 इससे एक पॉप अप खुलेगा जिस पर तीन विकल्प आएंगे: सेंड, रिक्वेस्ट या रिचार्ज| इसमें से अपने विकल्प का चयन करें और हो गया आपका काम खत्म|

इजरायल देखा नहीं और इजरायल तकनीक से खेती की सलाह

 दिनेश महेश्वरी ।  कोटा
 किसानों ने इजरायल देखा नहीं और कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने इजरायल तकनीक से खेती की सलाह दे डाली। मंत्री ने यह सलाह भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों को उस समय दी जब वे सर्किट हाउस में लहसुन भामाशाह मंडी में बिकवाने की मांग को लेकर उनसे मिलने गए थे।
 मंत्री की सलाह पर भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री जगदीश शर्मा ने कहा कि इजरायल में कैसे खेती होती है। उन्होंने नहीं देखी। पहले दिखाओ तभी तो इजरायल तकनीक से खेती होगी।  इस पर सैनी ने कहा कि पिछली बार किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल को इजरायल का दौरा कराया था। उसमें कोटा से भी कई किसान गए थे। शर्मा ने कहा यहां से तो कोई नहीं गया। तब सैनी पलटे और तुरंत कहा, गए तो थे, हो सकता है यहां से कोई नहीं गया हो। टोंक (उनके गृह जिले) और निर्वाचन क्षेत्र अंता  से भी कोई नहीं गया।
 इसके बाद भारतीय किसान संघ की ओर से शर्मा ने कृषि मंत्री को कहा कि लहसुन की नीलामी भामाशाह मंडी में भी होनी चाहिए। इससे किसानों को फायदा है। दो मंडियों में लहसुन की नीलामी होगी तो किसानों को प्रतिस्पर्धा में दाम अच्छे मिलेंगे। उनके साथ किसान संघ के अमरचंद गहलोत समेत कई प्रतिनिधि मौजूद थे। उन्होंने इस मौके पर थोक फल-सब्जी मंडी को चंद्रेसल में शिफ्ट करने और भामाशाह मंडी के विस्तार की भी अपील की। उन्होंने कहा कि थोक फल-सब्जी मंडी में सुबह आठ बजे बाद जाम के कारण किसान अंदर माल लेकर जा नहीं सकते। वहीं 125 एकड़ में फैली भामाशाह मंडी में गेहूं समेत कई जिंस के रोड पर ऑक्शन होते हैं। इसका विस्तार हो जाए तो यह समस्या खत्म हो जाएगी। सैनी ने उन्हें बताया कि मंडी के विस्तार के लिए कंसलटेंट नियुक्त किया जा चुका है, जो एक साल में रिपोर्ट देगा।


Thursday, May 26, 2016

नया बिजनेस शुरू करने वालों को मिलेगा यूबीआईएन

बिजनेस रिपोर्टर . कोटा
 अब नया बिजनेस शुरू करने वालों को सरकार एक खास सुविधा देने जा रही है। नए कारोबारियों को सरकार एक यूनिक बिजनेस आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूबीआई एन) दिया जाएगा। इस आइडेंटिफिकेशन नंबर के जरिए बिजनेस शुरू करने के लिए सभी जरूरी प्रक्रियाएं कम समय में पूरी हो सकेंगी।
 केन्द्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एं
ड प्रमोशन महकमे की ओर से जारी यह स्कीम पिछले दिनों ही लॉन्च की गई है। अधिकारियों का कहना है कि इस यूनिक बिजनेस आइडेंटिफिकेशन नंबर से नए कारोबारियों को सहूलियत होगी और उन्हें अपना  कारोबार शुरू करने में मदद मिलेगी। इस नंबर की मदद से उन्हें लंबी प्रशासनिक प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।
 उद्योग विभाग की ओर से कहा गया है कि सरकार की तरफ से जारी एक आदेश में उच्च अधिकारियों को एक तय समय के अंदर परिणाम देने को कहा गया है। जल्द ही देश में यह प्रक्रिया सामान्य रुप से लागू हो जाएगी। यह नंबर लेने के लिए कारोबारियों को डी आईपीपी में आवेदन करना होगा। इसके बाद यह नंबर मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स की वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा। इसे पैन नंबर से भी जोड़ा जाएगा। सरकार का यह कदम मेक इन इंडिया कार्यक्रम और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के साथ-साथ जीएसटी के दिशा में बढ़ रहे कदमों के रुप में देखा जा रहा है।
  

सेवा प्रदाताओं को अब सालाना रिटर्न भी देनी होगी

बिजनेस रिपोर्टर . कोटा
 परोक्ष करों की व्यवस्था को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अनुकूल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार ने सेवा प्रदाताओं के लिए जरूरी रिटर्न की संख्या बढ़ा दी है।
अब एक निश्चित सीमा से अधिक टर्नओवर वाले सेवा करदाताओं को साल में तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे।
 सर्विस टैक्स के एक्सपर्ट एवं कर सलाहकार अनिल काला ने बताया कि सरकार ने इस बात के प्रावधान वित्त विधेयक 2016 में किए हैं। अब तक सेवा करदाताओं को साल में सिर्फ दो बार ही रिटर्न दाखिल करने होते थे। लेकिन नए नियमों के अनुसार अब उन्हें छमाही आधार पर दो रिटर्न 25 अप्रैल एवं 25 अक्टूबर तक फाइल करने के अलावा एक वार्षिक रिटर्न भी 30 नवंबर तक दाखिल करना होगा। इस तरह सेवा करदाताओं को साल में तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे। सेवा कर के बदलावों में यह नियम एक अप्रैल 2016 से लागू माने जाएंगे। सरकार ने दूसरे मोर्चे पर सेवा करदाताओं को राहत दी है। अगर कोई सेवा करदाता सेवा कर वसूलकर सरकार के खाते में जमा नहीं करता है तो ऐसी राशि दो करोड़ रुपये से अधिक होने पर ही उसे गिरफ्तार किया जा सकेगा। इससे कम राशि होने पर उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। साथ ही सेवा कर का भुगतान सरकारी खाते में जमा न करने पर करदाता को 24 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।
  

Wednesday, May 25, 2016

टीडीएस की सीमा राशि में बढ़ोतरी और दर में कटौती

 बिजनेस रिपोर्टर . कोटा
 नए वित्त विधेयक में सरकार ने टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) की नई दरें निर्धारित की हैं, जो 1 जून से प्रभावी होंगी। नए प्रावधानों में टीडीएस काटने की निर्धारित सीमा एवं की दर को भी संशोधित किया गया है।
 जीवन बीमा पॉलिसी पर देय कमीशन पर अब दो प्रतिशत की जगह एक प्रतिशत टीडीएस कटेगा। एनएसएस डिपोजिट के संबंध में भुगतान पर 20 की जगह 10 प्रतिशत, इंश्योरेंस कमीशन पर 10 की जगह 5 प्रतिशत, लाटरी टिकट की बिक्री पर देय कमीशन पर 10 की जगह 5 और इसी तरह किसी काम में कमीशन या दलाली पर भी 10 की जगह 5 प्रतिशत टीडीएस काटा जाएगा।
 टीडीएस काटने के लिए जो सीमा तय की थी, उसे बढ़ाया गया है। कर्मचारियों को इक्ट्ठा राशि का भुगतान करने पर अब 30 हजार की जगह 50 हजार, घुड़दौड़ से जीती राशि 5000 की जगह 10 हजार, कॉन्ट्रेक्टर को किए गए भुगतान की सीमा 75 हजार से बढ़ाकर 1 लाख की गई है। इसी तरह अचल संपत्ति के अधिग्रहण पर प्राप्त मुआवजे पर थ्रेश होल्ड सीमा दो लाख से बढ़ाकर 2.50 लाख, इंश्योरेंस कमीशन की सीमा 20 हजार की जगह घटाकर 15 हजार, लाटरी टिकट की बिक्री पर कमीशन की सीमा 1000 से बढ़ाकर 15 हजार और कमीशन व दलाली पर 5000 की जगह 15 हजार की गई है।
  

दालें महंगी तो नमकीन भी महंगा

बिजनेस रिपोर्टर . कोटा
 लगातार खाद्य तेलों एवं दालों के भावों में बढ़ोतरी का असर नमकीन पर भी पड़ने लगा है। शहर के नमकीन विक्रेताओं ने नमकीन के दाम 20 रुपए किलो बढ़ा दिए हैं। बाजार में सोया रिफाइंड तेल के नमकीन जहां 120 से 140 रुपए किलो मिल रहे हैं। वहीं मूंगफली तेल के नमकीन 180 से 220 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं।
 जय जिनेन्द्र नमकीन के संचालक राजेन्द्र जैन ने बताया कि बेसन 75 रुपए किलो हो गया है। तेल भी महंगा है ऐसे में नमकीन के रेट 20 रुपए किलो बढ़ाए हैं। एसएस डेयरी के राजीव मेहता ने बताया कि पहले 160 रुपए किलो थे अब 180 रुपए किलो हो गए हैं। मूंगफली तेल का टिन 1900 रुपए का हो गया। दालें महंगी हैं तो नमकीन का रेट बढ़ना स्वाभाविक है। जोधपुर नमकीन के संचालक हीरेंद्र वैष्णव का कहना है कि उन्होंने नमकीन के रेट नहीं बढ़ाए। हालांकि तेल, मसाले एवं बेसन सब के दाम बढ़ चुके हैं। पिछले काफी समय से वे 220 रुपए किलो नमकीन बेच रहे हैं।
 बाजार में दो तरह के तेल के नमकीन बिकते हैं। सोयाबीन रिफाइंड तेल के नमकीन जो 120 रुपए किलो बेच रहे थे। उन्होंने भी दाम बढ़ाकर 140 रुपए कर दिए हैं। इसके अलावा थोक में नमकीन का कारोबार करने वाले विक्रेताओं ने भी 100 रुपए किलो से बढ़ाकर दाम 120 रुपए किलो कर दिए हैं। नमकीन विक्रेताओं का कहना है कि पहले बेसन 45 से 50 रुपए किलो आ रहा था, जो एक महीने से 70 से 75 रुपए किलो के आसपास पहुंच गया। इस बार मूंगफली तेल नई फसल के सीजन में भी कम नहीं हुआ। 1600 रुपए का टिन बढ़कर 1800 से 1900 रुपए हो गया। इसलिए नमकीन के दाम बढ़ा दिए हैं।

10 लाख की कार पर 10 हजार रुपए टीसीएस कटेगा

बिजनेस रिपोर्टर . कोटा
 महंगी कार खरीदने का शौक भी अब और महंगा हो 1 जून से  एक प्रतिशत टीसीएस (टैक्स कनेक्टेड एट सोर्स) यानी 10 हजार रुपए लगेगा। डीलर यह राशि एकत्र कर आयकर विभाग में खरीदार के नाम से जमा करवाएगा। हाल ही में पारित फाइनेंस बिल में यह प्रावधान लागू किया गया है।
 इसी तरह एक जून से कमीशन और दलाली पर 5 प्रतिशत टीडीएस (टैक्स डिडजाएगा। 10 लाख से अधिक की कार खरीदने वालों पर एक्टेड एट सोर्स) कटेगा। कमीशन एजेंट या दलाल को अब 15 हजार से अधिक की दलाली देने पर 5 प्रतिशत टीडीएस काटना होगा। इससे दलालों का पैसा टीडीएस में नहीं फंसेगा। टीसीएस और टीडीएस के नए प्रावधान एक जून 2016 से लागू हो जाएंगे।
 दो लाख से अधिक की नकद खरीद पर
 सीए प्रमोद लाहोटी ने बताया कि यदि विक्रेता द्वारा एक ही बिल में दो लाख से अधिक का कोई सामान बेचा जाता है और उस बिल में कोई भी राशि नकद प्राप्त कर ली जाती है तो पूरी बिल राशि पर एक प्रतिशत टीसीएस एकत्र कर आयकर की धारा 206-सी के अनुसार जमा करना होगा। इसी तरह किसी एडवोकेट, इंजीनियर, डॉक्टर, अस्पताल, सीए आदि के द्वारा एक ही बार में दो लाख से अधिक की सेवा दी गई है और उसमें कुछ राशि नकद ले ली गई है तो बिल की कुल राशि का एक प्रतिशत टीसीएस एकत्र कर आयकर विभाग में जमा करवाना होगा। उदाहरण के लिए किसी व्यापारी ने 2.50 लाख  का माल किसी को बेचा। इसके बदले खरीदार ने 2.45 लाख का चेक और 5000 रुपए नकद दिए। विक्रेता को पूरे 2.50 लाख की राशि पर एक प्रतिशत की दर से 2500 रुपए टीसीएस काट कर आयकर विभाग को जमा कराना होगा। चाहे खरीदार ने माल व्यापार के लिए खरीदा हो या निजी उपयोग के लिए टीसीएस काटना जरूरी है।
  

एसी बसों में 1 जून से यात्रा महंगी होगी

बिजनेस रिपोर्टर . कोटा
 वातानुकूलित (एसी) बसों में यात्रा 1 जून से महंगी हो जाएगी। क्योंकि केन्द्र सरकार ने स्टेज कैरिज परमिट के तहत चलने वाली इस तरह की बसों को भी सर्विस टैक्स के दायरे में ला दिया है। अभी तक सिर्फ कांट्रेक्ट कैरिज परमिट के तहत चलने वाली बसों को ही सर्विस टैक्स का भुगतान करना होता था।
 सरकार के इस फैसले की वजह से एसी बसों की यात्रा कम से कम 5.6 फीसदी महंगी होगी। वर्ष 2016-17 का बजट संसद में पेश होने के बाद फील्ड अधिकारियों के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार विस्तृत परिपत्र में बताया गया है कि 1 जून 2016 से स्टेज कैरिज के तहत चलने वाली सभी एसी बसों के यात्रियों से अब कुल देय किराये पर सर्विस टैक्स वसूला जाए। हालांकि अन्य सेवाओं पर सर्विस टैक्स की दर 15 फीसदी की होगी। लेकिन यात्रियों को किराये के 60 फीसदी हिस्से पर छूट है।  इसलिए 40 फीसदी हिस्से पर ही सर्विस टैक्स लगाया गया है। वर्तमान में कांट्रेक्ट कैरिज के तहत चलने वाली एसी बसों पर सर्विस टैक्स है। अब पहली बार स्टेज कैरिज के तहत चलने वाली बसों को छूट है। लेकिन बजट के बाद सर्विस टैक्स की निगेटिव लिस्ट में संशोधन कर दिया गया है। इसलिए 1 जून 2016 से इस टैक्स की वसूली शुरू हो जाएगी।
 सेवा प्रदाताओं को अब सालाना रिटर्न भी देनी होगी
 परोक्ष करों की व्यवस्था को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अनुकूल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार ने सेवा प्रदाताओं के लिए जरूरी रिटर्न की संख्या बढ़ा दी है। अब एक निश्चित सीमा से अधिक टर्नओवर वाले सेवा करदाताओं को साल में तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे। सर्विस टैक्स के एक्सपर्ट एवं कर सलाहकार अनिल काला ने बताया कि सरकार ने इस बात के प्रावधान वित्त विधेयक 2016 में किए हैं। अब तक सेवा करदाताओं को साल में सिर्फ दो बार ही रिटर्न दाखिल करने होते थे। लेकिन नए नियमों के अनुसार अब उन्हें छमाही आधार पर दो रिटर्न 25 अप्रैल एवं 25 अक्टूबर तक फाइल करने के अलावा एक वार्षिक रिटर्न भी 30 नवंबर तक दाखिल करना होगा। इस तरह सेवा करदाताओं को साल में तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे। सेवा कर के बदलावों में यह नियम एक अप्रैल 2016 से लागू माने जाएंगे।
  सरकार ने दूसरे मोर्चे पर सेवा करदाताओं को राहत दी है। अगर कोई सेवा करदाता सेवा कर वसूलकर सरकार के खाते में जमा नहीं करता है तो ऐसी राशि दो करोड़ रुपये से अधिक होने पर ही उसे गिरफ्तार किया जा सकेगा। इससे कम राशि होने पर उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। साथ ही सेवा कर का भुगतान सरकारी खाते में जमा न करने पर करदाता को 24 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।

Monday, May 16, 2016

रेलवे की नादानी

मैं ट्रैन नंबर 04734 से 15 मई 2016 को उज्जैन से कोटा आ रहा था।  यह गाडी मक्सी से  चलकर बीकानेर जा रही थी।  इस गाड़ी को 11.50 को उज्जैन पहुंचना था।  जो निर्धारित समय से दो घंटे देरी से उज्जैन आई।  इस गाड़ी के देरी से आने के बारे में स्टेशन पर कोई सूचना नहीं दी गई।  जब 2.15 पर गाडी स्टेशन पहुंची तो यह पता लगाना मुश्किल था कि गाडी कौन सी है।  किसी डिब्बे या इंजिन पर भी लिखा नहीं था।  जी कोच में रिजर्वेशन था उसके बाहर भी यह लिखा नहीं था की कोच डी वन है या डी टू. हालाँकि मेरा कोच डी टू था।  मेरे जैसे हजारों यात्रियों को परेशान होना पड़ा।  सुपर फ़ास्ट का चार्ज वसूलने के बाद भी रेलवे ने इसे साधारण गाडी की तरह चलाया।  जो गाड़ी शाम को 4.30 पर कोटा आनी थी वह रात को 7.50 पर कोटा पहुंची।  यानी 3.30घंटा देरी से।  इस कारण मेरी  नौकरी खतरे में पड़  गई क्योंकि मुझे शाम 4.00 बजे ऑफिस पहुंचना था. जो नहीं पहुँच पाया। 
मेरा पी एन आर  8247325905है। 

Sunday, May 8, 2016

स्मार्टफोन को बनाएं कंप्यूटर का माउस

कुछ खास एप की मदद से स्मार्टफोन को कंप्यूटर के रिमोट में तब्दील किया जा सकता है। इन एप के जरिए आपका स्मार्टफोन कंप्यूटर के कीबोर्ड और माउस का काम करने लगेगा। आप फोन पर जो टाइप करेंगे वह आपके कंप्यूटर पर टाइप होगा । इतना ही नहीं फोन से ही कंप्यूटर पर मूवी, स्लाइड्स, पावरप्वाइंट आदि खोले जा सकते हैं। ये एप स्मार्टफोन को वाईफाई या ब्लूटूथ के जरिए कनेक्ट करते हैं। कंप्यूटर पर यूट्यूब वीडियो को फोन से नियंत्रित करने के लिए कोई एप भी डाउनलोड नहीं करना होगा। स्मार्टफोन को कंप्यूटर का रिमोट बनाने के उपाय बता रहे हैं हम ...
फोन से कंप्यूटर पर चलाएं यूट्यूब 
कंप्यूटर पर यूट्यूब वीडियो देखते समय उसे फोन से ही नियंत्रित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप कंप्यूटर पर यूट्यूब वीडियो को आगे बढ़ाना चाहते हैं या फिर कोई नई वीडियो खोलना चाहते हैं तो स्मार्टफोन से ही ऐसा कर सकते हैं। इसके लिए कंप्यूटर तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए कोई एप भी डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए सबसे पहले अपने कंप्यूटर में यूट्यूब खोलने के लिए   YouTube.com/tv यूआरएल का इस्तेमाल करें। इस लिंक से यूट्यूब एक नए लुक में खुलेगा। इसके बाद बाईं ओर दिए गए तीन डॉट के आइकन पर क्लिक करें। यहां जाने के बाद सेटिंग के विकल्प में जाएं। सेटिंग में पेयर डिवाइस के विकल्प पर जाएं। यहां स्मार्टफोन से कंप्यूटर जोड़ने का एक कोड दिया गया होगा। उस वाई-फाई नेटवर्क से आपका स्मार्टफोन जोड़ें जिससे कंप्यूटर पर इंटरनेट चल रहा है। इसके बाद अपने फोन में youtube.com/pair पर जाएं। यहां दिए गए बॉक्स में कंप्यूटर के यूट्यूब के पेयर कोड को पेस्ट कर दें। इसके बाद आपके फोन पर कंप्यूटर की स्क्रीन दिखने लगेगी। फोन पर यूट्यूब एप में जो देखेंगे वह कंप्यूटर पर दिखने लगेगा।
फोन पर एप से चलाएं कंप्यूटर 
स्मार्टफोन यूजर रिमोट माउस एप्लीकेशन से अपने फोन को कीबोर्ड और माउस के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे ट्रैकपैड के तौर पर ही उपयोग किया जाता  है। जबकि माउस के लिए किसी भी आकार का स्मार्टफोन इस्तेमाल कर सकते हैं और कीबोर्ड के लिए बड़ी स्क्रीन वाला फोन या टैब ही इस्तेमाल करना फायदेमंद रहता है। इस एप को गूगल प्ले स्टोर और एपल के आईट्यून स्टोर से मुफ्त  में डाउनलोड किया जा सकता है। इसके अलावा एपल यूजर के लिए कंपनी वॉयस टाइपिंग का फीचर भी दे रही है।
ऐसे बनाएं फोन को रिमोट
रिमोट माउस की वेबसाइट www.remotemouse.net/ पर जाकर इस एप्लीकेशन को सबसे पहले कंप्यूटर में डाउनलोड कर लें। इसके बाद इसे अपने स्मार्टफोन पर गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें। कंपनी मोबाइल और कंप्यूटर को जोड़ने के लिए लिए वाई-फाई या ब्लुटूथ का इस्तेमाल करती है। इसके जरिए कंप्यूटर पर ब्राउजिंग, टास्क मैनेजर, ऑडियो-वीडियो प्लेयर, इमेज व्यूअर आदि चीजों का इस्तेमाल फोन के जरिए ही कर सकते हैं। 
ऐसे करें इस्तेमाल
स्मार्टफोन को माउस के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए मोबाइल पर दो उंगलियां रखें जो माउस के राइट और लेफ्ट क्लिक का काम करती हैं। आप इन उंगलियों को आगे पीछे करने से माउस की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे ही मोबाइल पर टाइप करने से वह कंप्यूटर में लिखा दिखाई देगा। इस एप को इस्तेमाल करते हुए आपके मोबाइल की डिस्प्ले का रंग हरा हो जाएगा। कंपनी ने इसमें सेटिंग का विकल्प दिया है जिससे ट्रैक पैड को नियंत्रित किया जा सकता है।