बिजनेस रिपोर्टर . कोटा
परोक्ष करों की व्यवस्था को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अनुकूल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार ने सेवा प्रदाताओं के लिए जरूरी रिटर्न की संख्या बढ़ा दी है।
अब एक निश्चित सीमा से अधिक टर्नओवर वाले सेवा करदाताओं को साल में तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे।
सर्विस टैक्स के एक्सपर्ट एवं कर सलाहकार अनिल काला ने बताया कि सरकार ने इस बात के प्रावधान वित्त विधेयक 2016 में किए हैं। अब तक सेवा करदाताओं को साल में सिर्फ दो बार ही रिटर्न दाखिल करने होते थे। लेकिन नए नियमों के अनुसार अब उन्हें छमाही आधार पर दो रिटर्न 25 अप्रैल एवं 25 अक्टूबर तक फाइल करने के अलावा एक वार्षिक रिटर्न भी 30 नवंबर तक दाखिल करना होगा। इस तरह सेवा करदाताओं को साल में तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे। सेवा कर के बदलावों में यह नियम एक अप्रैल 2016 से लागू माने जाएंगे। सरकार ने दूसरे मोर्चे पर सेवा करदाताओं को राहत दी है। अगर कोई सेवा करदाता सेवा कर वसूलकर सरकार के खाते में जमा नहीं करता है तो ऐसी राशि दो करोड़ रुपये से अधिक होने पर ही उसे गिरफ्तार किया जा सकेगा। इससे कम राशि होने पर उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। साथ ही सेवा कर का भुगतान सरकारी खाते में जमा न करने पर करदाता को 24 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।
परोक्ष करों की व्यवस्था को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अनुकूल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार ने सेवा प्रदाताओं के लिए जरूरी रिटर्न की संख्या बढ़ा दी है।
अब एक निश्चित सीमा से अधिक टर्नओवर वाले सेवा करदाताओं को साल में तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे।
सर्विस टैक्स के एक्सपर्ट एवं कर सलाहकार अनिल काला ने बताया कि सरकार ने इस बात के प्रावधान वित्त विधेयक 2016 में किए हैं। अब तक सेवा करदाताओं को साल में सिर्फ दो बार ही रिटर्न दाखिल करने होते थे। लेकिन नए नियमों के अनुसार अब उन्हें छमाही आधार पर दो रिटर्न 25 अप्रैल एवं 25 अक्टूबर तक फाइल करने के अलावा एक वार्षिक रिटर्न भी 30 नवंबर तक दाखिल करना होगा। इस तरह सेवा करदाताओं को साल में तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे। सेवा कर के बदलावों में यह नियम एक अप्रैल 2016 से लागू माने जाएंगे। सरकार ने दूसरे मोर्चे पर सेवा करदाताओं को राहत दी है। अगर कोई सेवा करदाता सेवा कर वसूलकर सरकार के खाते में जमा नहीं करता है तो ऐसी राशि दो करोड़ रुपये से अधिक होने पर ही उसे गिरफ्तार किया जा सकेगा। इससे कम राशि होने पर उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। साथ ही सेवा कर का भुगतान सरकारी खाते में जमा न करने पर करदाता को 24 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।
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