बिजनेस रिपोर्टर . कोटा
अब नया बिजनेस शुरू करने वालों को सरकार एक खास सुविधा देने जा रही है। नए कारोबारियों को सरकार एक यूनिक बिजनेस आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूबीआई एन) दिया जाएगा। इस आइडेंटिफिकेशन नंबर के जरिए बिजनेस शुरू करने के लिए सभी जरूरी प्रक्रियाएं कम समय में पूरी हो सकेंगी।
केन्द्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एं
ड प्रमोशन महकमे की ओर से जारी यह स्कीम पिछले दिनों ही लॉन्च की गई है। अधिकारियों का कहना है कि इस यूनिक बिजनेस आइडेंटिफिकेशन नंबर से नए कारोबारियों को सहूलियत होगी और उन्हें अपना कारोबार शुरू करने में मदद मिलेगी। इस नंबर की मदद से उन्हें लंबी प्रशासनिक प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।
उद्योग विभाग की ओर से कहा गया है कि सरकार की तरफ से जारी एक आदेश में उच्च अधिकारियों को एक तय समय के अंदर परिणाम देने को कहा गया है। जल्द ही देश में यह प्रक्रिया सामान्य रुप से लागू हो जाएगी। यह नंबर लेने के लिए कारोबारियों को डी आईपीपी में आवेदन करना होगा। इसके बाद यह नंबर मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स की वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा। इसे पैन नंबर से भी जोड़ा जाएगा। सरकार का यह कदम मेक इन इंडिया कार्यक्रम और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के साथ-साथ जीएसटी के दिशा में बढ़ रहे कदमों के रुप में देखा जा रहा है।
अब नया बिजनेस शुरू करने वालों को सरकार एक खास सुविधा देने जा रही है। नए कारोबारियों को सरकार एक यूनिक बिजनेस आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूबीआई एन) दिया जाएगा। इस आइडेंटिफिकेशन नंबर के जरिए बिजनेस शुरू करने के लिए सभी जरूरी प्रक्रियाएं कम समय में पूरी हो सकेंगी।
केन्द्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एं
ड प्रमोशन महकमे की ओर से जारी यह स्कीम पिछले दिनों ही लॉन्च की गई है। अधिकारियों का कहना है कि इस यूनिक बिजनेस आइडेंटिफिकेशन नंबर से नए कारोबारियों को सहूलियत होगी और उन्हें अपना कारोबार शुरू करने में मदद मिलेगी। इस नंबर की मदद से उन्हें लंबी प्रशासनिक प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।
उद्योग विभाग की ओर से कहा गया है कि सरकार की तरफ से जारी एक आदेश में उच्च अधिकारियों को एक तय समय के अंदर परिणाम देने को कहा गया है। जल्द ही देश में यह प्रक्रिया सामान्य रुप से लागू हो जाएगी। यह नंबर लेने के लिए कारोबारियों को डी आईपीपी में आवेदन करना होगा। इसके बाद यह नंबर मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स की वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा। इसे पैन नंबर से भी जोड़ा जाएगा। सरकार का यह कदम मेक इन इंडिया कार्यक्रम और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के साथ-साथ जीएसटी के दिशा में बढ़ रहे कदमों के रुप में देखा जा रहा है।
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