Friday, June 10, 2016

टी सी एस में पेन नहीं तो फॉर्म 60 भरना जरूरी

बिजनेस रिपोर्टर . कोटा 

 टीसीएस यानी टैक्स कलेक्शन एट सोर्स के तहत दो लाख से अधिक की नकदी खरीदारी पर पैन कार्ड देना जरूरी है। कोई भी व्यक्ति जिसके पास पैन नहीं है, अगर कोई ऐसा सौदा करता है, जिसमें पैन नंबर बताना जरूरी है, तो उसे फार्म संख्या 60 भरना पड़ेगा।इसमें गलत जानकारी देने पर अधिकतम सात साल के सश्रम कारावास के साथ जुर्माना देना पड़ सकता है। 
जून 2016 से लागू टीसीएस के नियमों में यह भी जरूरी किया गया है।  टैक्स कंसलटेंट अनिल काला ने बताया कि टीसीएस के प्रावधानों में विक्रेता क्रेता से फार्म 60 उस स्थिति में लेगा, जब उसके पास पैन (स्थायी खाता संख्या) कार्ड नहीं होगा। इसके बाद विक्रेता पैन नहीं देने वालों की जानकारी अर्द्धवार्षिक रिटर्न के साथ फार्म 61 में आयकर विभाग को देगा। अर्द्धवार्षिक रिटर्न 31 मार्च एवं 31 अक्टूबर को देनी होती है। उन्होंने बताया कि एक पृष्ठ के फार्म 60 में सौदा करने वाले व्यक्ति को व्यक्तिगत ब्योरे के साथ आधार तथा मतदाता पहचान पत्र जैसे पहचान एवं पते का वैध सबूत भी देना होगा। व्यक्तिगत पहचान के लिए यदि आधार नहीं है तो बैंक या डाकघर की पासबुक, राशनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पेंशन कार्ड, नरेगा जोब कार्ड एवं आर्म लाइसेंस आदि में से कोई एक देना होगा। पते एवं पहचान के लिए दिए गए सभी दस्तावेज सेल्फ अटेस्टेड  होंगे। फार्म 60 में भुगतान नकद, चेक, ड्राफ्ट, डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड, ऑनलाइन किया है तो उसका उल्लेख भी करना होगा। इसके अलावा आपकी आय एग्रीकल्चर से है या नोन एग्रीकल्चर से यह भी भरना होगा।
 आयकर विभाग के अनुसार ‘ऐसे लोग हैं जिनके पास पैन नहीं हो और अभी भी बड़े सौदे कर रहे हैं जिसमें पैन जरूरी है। ऐसे मामलों में लोगों को फार्म 60 भरना होगा और इसमें गलत जानकारी देने पर अधिकतम सात साल के सश्रम कारावास के साथ जुर्माना देना पड़ सकता है। आयकर कानून के तहत इसमें न्यूनतम सजा तीन महीने की जेल एवं जुर्माना है।’ विभाग को ऐसे व्यक्ति के खिलाफ आयकर कानून की धारा 277 के तहत अभियोजन मामला दायर करने का अधिकार है। नए कानून के तहत फार्म 60 में गलत जानकारी के जरिये अगर कर चोरी 25 लाख रुपये से अधिक हुई है तो छह महीने से सात साल तक सश्रम कारावास एवं जुर्माना देना होगा। अगर कर चोरी का मामला कम राशि का है तो सश्रम कारावास तीन महीने से दो साल के बीच हो सकता है।






  

Thursday, June 9, 2016

एडवांस टैक्स अब चार किश्तों में देना होगा

बिजनेस रिपोर्टर . कोटा
 एडवांस टैक्स अब तीन की जगह चार किश्तों में जमा कराना होगा। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने हाल ही में एक नोटिफिकेशन जारी कर एडवांस टैक्स किश्तों की तारीख तय की है। सीनियर सिटीजन को इसमें छूट है, बशर्ते उसका कोई बिजनेस नहीं हो। अभी तक एडवांस टैक्स की चार किश्तों का नियम सिर्फ कंपनियों पर ही लागू था, अब सभी पर 1 अप्रैल 16 से लागू हो गया है।
 एडवांस टैक्स में उन करदाताओं की भी छूट है, जिनका टैक्स दस हजार रुपए से कम है। इससे अधिक है तो पहली किश्तें 15 जून को जमा करानी होगी। जो टैक्स बनता है, उसका 15 प्रतिशत पहली बार में जमा कराना है। दूसरी किश्त 15 सितंबर को जमा होगी। इसमें यदि टैक्स का 15 प्रतिशत पहले से जमा करा दिया है तो 30 प्रतिशत अन्यथा 45 प्रतिशत जमा होगा। तीसरी किश्त 15 दिसंबर को जमा करानी है। जिसमें करदाता को टैक्स का 30 प्रतिशत जमा कराना है यदि पहले 45 प्रतिशत जमा करा दिया है। अन्यथा 75 प्रतिशत जमा होगा। टैक्स एडवाइजर अनिल काला ने बताया कि अंंतिम किश्त 15 मार्च को जमा होगी। जिसमें यदि 75 प्रतिशत टैक्स जमा करा दिया है तो बाकी 25 प्रतिशत ही जमा कराना है। यदि नहीं तो 100 प्रतिशत हर हालत में जमा होगा। एडवांस टैक्स की किश्त एक दिन भी लेट होती है तो एक प्रतिशत मासिक की दर से तीन माह का ब्याज लगता है।
 उन्होंने बताया कि अभी तक करदाता इसी भरोसे में हैं कि उन्हें एडवांस टैक्स 15 सितंबर को जमा कराना है। किंतु अब सभी करदाताओं का जिनका एडवांस टैक्स 10 हजार रुपए से अधिक बनता है, उन्हें चार किश्तों में जमा कराना होगा। एडवांस टैक्स जमा कराने की अंतिम तिथि 15 जून में अभी एक सप्ताह बाकी है।

Sunday, June 5, 2016

माहेश्वरी वंशोत्पत्ति एवं इतिहास


खंडेलपुर (इसे खंडेलानगर और खंडिल्ल के नाम से भी उल्लेखित किया जाता है) नामक राज्य में सूर्यवंशी क्षत्रिय राजा खड्गसेन राज्य करता था। इसके राज्य में सारी प्रजा सुख और शांति से  रहती थी। राजा धर्मावतार और प्रजाप्रेमी था, परन्तु राजा का कोई पुत्र नहीं था। खड्गसेन इस बात को लेकर चिंतित रहता था कि पुत्र नहीं होने पर उत्तराधिकारी कौन होगा। खड्गसेन की चिंता को जानकर मत्स्यराज ने परामर्श दिया कि आप पुत्रेष्ठि यज्ञ करवाएं, इससे पुत्र की प्राप्ति होगी। राजा खड्गसेन ने मंत्रियों से मंत्रणा कर के धोसीगिरी से ऋषियों को ससम्मान आमंत्रित कर पुत्रेस्ठी यज्ञ कराया। पुत्रेष्टि यज्ञ के विधिपूर्वक पूर्ण होने पर यज्ञ से प्राप्त हवि को राजा  खड्गसेन और महारानी को प्रसादस्वरूप में भक्षण करने के लिए देते हुए ऋषियों ने आशीर्वाद  दिया और साथ-साथ यह भी कहा की तुम्हारा पुत्र बहुत पराक्रमी और चक्रवर्ती होगा पर उसे 16 साल की उम्र तक उत्तर दिशा की ओर न जाने देना, अन्यथा आपकी अकाल मृत्यु होगी। कुछ समयोपरांत महारानी ने एक पुत्र को जन्म दिया। राजा ने पुत्र जन्म उत्सव बहुत ही हर्ष उल्लास से मनाया, उसका नाम सुजानसेन रखा। यथासमय उसकी शिक्षा प्रारम्भ की गई। थोड़े ही समय में वह राजकाज विद्या और शस्त्र विद्या में आगे बढ़ने लगा। तथासमय सुजानसेन का विवाह चन्द्रावती के साथ हुवा। दैवयोग से एक जैन मुनि खंडेलपुर आए। कुवर सुजान उनसे बहुत प्रभावित हुवा। उसने अनेको जैन मंदिर बनवाएं और जैन धर्म का प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया। जैनमत के प्रचार-प्रसार की धुन में वह भगवान विष्णु, भगवान शिव और देवी भगवती को माननेवाले, इनकी आराधना-उपासना करनेवाले आम प्रजाजनों को ही नहीं बल्कि ऋषि-मुनियों को भी प्रताड़ित करने लगा, उनपर अत्याचार करने लगा।
ऋषियों द्वारा कही बात के कारन सुजानसेन को उत्तर दिशा में जाने नहीं दिया जाता था लेकिन एक दिन राजकुवर सुजानसेन 72 उमरावो को लेकर हठपूर्वक जंगल में उत्तर दिशा की और ही गया । उत्तर दिशामें सूर्य कुंड के पास जाकर देखा की वहाँ महर्षि पराशर की अगुवाई में सारस्‍वत, ग्‍वाला, गौतम, श्रृंगी और दाधीच ऋषि यज्ञ कर रहे है, वेद ध्वनि बोल रहे है, यह देख वह आगबबुला हो गया और क्रोधित होकर बोला इस दिशा में ऋषि-मुनि शिव की भक्ति करते है, यज्ञ करते है इसलिए पिताजी मुझे इधर आने से रोकते थे । उसने क्रोध में आकर उमरावों को आदेश दिया की इसी समय यज्ञ का विध्वंस कर दो, यज्ञ सामग्री नष्ट कर दो और ऋषि-मुनियों के आश्रम नष्ट कर दो । राजकुमार की आज्ञा पालन के लिए आगे बढे उमरावों को देखकर ऋषि भी क्रोध में आ गए और उन्होंने श्राप दिया की सब निष्प्राण बन जाओ । श्राप देते ही राजकुवर सहित 72 उमराव निष्प्राण, पत्थरवत बन गए । जब यह समाचार राजा खड्गलसेन ने सुना तो अपने प्राण तज दिए ।  राजा के साथ उनकी 8 रानिया सती हुई । 
राजकुवर की कुवरानी चन्द्रावती 72 उमरावों की पत्नियों के सहित रुदन करती हुई उन्ही ऋषियो की शरण में गई जिन्होंने इनके पतियों को श्राप दिया था ।  ये उन ऋषियो के चरणों में गिर पड़ी और और क्षमायाचना करते हुए श्राप वापस लेने की विनती की तब ऋषियो ने उषाप दिया की- जब देवी पार्वती के कहने पर भगवान महेश्वर इनमें प्राणशक्ति प्रवाहित करेंगे तब ये पुनः जीवित व शुद्ध बुद्धि हो जायेंगे ।  महेश-पार्वती के शीघ्र प्रसन्नता का उपाय पूछने पर ऋषियों ने कहा की- यहाँ निकट ही एक गुफा है, वहाँ जाकर भगवान महेश का अष्टाक्षर मंत्र "ॐ नमो महेश्वराय" का जाप करो । राजकुवरानी सारी स्त्रियों सहित गुफा में गई और मंत्र तपस्या में लीन हो गई । उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान महेशजी देवी पार्वती के साथ वहा आये ।  पार्वती ने इन जडत्व मूर्तियों को देखा और अपनी अंतर्दृष्टि से इसके बारे में जान लिया । महेश-पार्वती ने मंत्रजाप में लीन राजकुवरानी एवं सभी उमराओं की स्त्रियों के सम्मुख आकर कहा की- तुम्हारी तपस्या देखकर हम अति प्रसन्न है और तुम्हें वरदान देने के लिए आयें हैं, वर मांगो। इस पर राजकुवरानी ने देवी पार्वती से वर मांगा की- हम सभी के पति ऋषियों के श्राप से निष्प्राण हो गए है अतः आप भगवान महेशजी कहकर इनका श्रापमोचन करवायें । पार्वती ने 'तथास्तु' कहा और भगवान महेशजी से प्रार्थना की और फिर भगवान महेशजी ने सुजानसेन और सभी 72 उमरावों में प्राणशक्ति प्रवाहित करके उन्हें चेतन (जीवित) कर दिया । 
चेतन अवस्था में आते ही सभीने महेश-पार्वती का वंदन किया और अपने अपराध पर क्षमा याचना की ।  इसपर भगवान महेश ने कहा की- अपने क्षत्रियत्व के मद में तुमने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है । तुमसे यज्ञ में बाधा डालने का पाप हुवा है, इसके प्रायश्चित के लिए अपने-अपने हथियारों को लेकर सूर्यकुंड में स्नान करो । ऐसा करते ही उन सभी के हथियार पानी में गल गए ।  स्नान करने के उपरान्त सभी भगवान महेश-पार्वती की जयजयकार करने लगे । फिर भगवान महेशजी ने कहा की- सूर्यकुंड में स्नान करने से तुम्हारे सभी पापों का प्रायश्चित हो गया है तथा तुम्हारा क्षत्रितत्व एवं पूर्व कर्म भी नष्ट हो गये है ।  यह तुम्हारा नया जीवन है इसलिए अब तुम्हारा नया वंश चलेगा । तुम्हारे वंशपर हमारी छाप रहेगी ।  देवी माहेश्वरी (पार्वती) के द्वारा तुम्हारी पत्नियों को दिए वरदान के कारन तुम्हे नया जीवन मिला है इसलिए तुम्हे 'माहेश्वरी' के नाम से जाना जायेगा । तुम हमारी (महेश-पार्वती) संतान की तरह माने जाओगे ।  तुम दिव्य गुणों को धारण करनेवाले होंगे ।  द्यूत, मद्यपान और परस्त्रीगमन इन त्रिदोषों से मुक्त होंगे । अब तुम्हारे लिए युद्धकर्म (जीवनयापन/उदरनिर्वाह के लिए योद्धा/सैनिक का कार्य करना) निषिद्ध (वर्जित) है । अब तुम अपने परिवार के जीवनयापन/उदरनिर्वाह के लिए वाणिज्य कर्म करोगे, तुम इसमें खूब फुलोगे-फलोगे।  जगत में धन-सम्पदा के धनि के रूप में तुम्हारी पहचान होगी । धनि और दानी के नाम से तुम्हारी ख्याति होगी। श्रेष्ठ कहलावोगे (*आगे चलकर श्रेष्ठ शब्द का अपभ्रंश होकर 'सेठ' कहा जाने लगा) । तुम जो धन-अन्न-धान्य दान करेंगे उसे माताभाग (माता का भाग) कहा जायेगा, इससे तुम्हे बरकत रहेगी । अब राजकुवर और उमरावों में स्त्रियों (पत्नियोंको) को स्वीकार करने को लेकर असमंजस दिखाई दिया । उन्होंने कहा की- हमारा नया जन्म हुवा है, हम तो “माहेश्वरी’’ बन गए है पर ये अभी क्षत्रानिया है l हम इन्हें कैसे स्वीकार करे ।  तब माता पार्वती ने कहा तुम सभी स्त्री-पुरुष हमारी (महेश-पार्वती) चार बार परिक्रमा करो, जो जिसकी पत्नी है अपने आप गठबंधन हो जायेगा l इसपर राजकुवरानी ने पार्वती से कहा की- माते, पहले तो हमारे पति क्षत्रिय थे, हथियारबन्द थे तो हमारी और हमारे मान की रक्षा करते थे अब हमारी और हमारे मान की रक्षा ये कैसे करेंगे तब पार्वती ने सभी को दिव्य कट्यार (कटार) दी और कहाँ की अब तुम्हारा कर्म युद्ध करना नहीं बल्कि वाणिज्य कार्य (व्यापार-उद्यम) करना है लेकिन अपने स्त्रियों की और मान की रक्षा के लिए सदैव 'कट्यार' (कटार) को धारण करेंगे l मै शक्ति स्वयं इसमे बिराजमान रहूंगी ।  तब सब ने महेश-पार्वति की चार बार परिक्रमा की तो जो जिसकी पत्नी है उनका अपनेआप गठबंधन हो गया  । 

कोटा स्टोन उद्योग की 300 यूनिट बंद होने से बची

दिनेश माहेश्वरी
कोटा ।   एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) भोपाल में पिछले नौ माह से कोटा स्टोन उद्योग पर स्लरी से प्रदूषण फैलाने के मामले में चल रहा केस समाप्त हो गया है। परन्तु ट्रिब्यूनल ने उद्यमियों को भविष्य में प्रदूषण नहीं फैलाने के लिए पाबंद किया है।
 इस मामले में पाषाण कल्याण समिति, राजस्थान प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और रीको के सकारात्मक एनजीटी का नतीजा यह रहा कि शहर की करीब 300 स्टोन यूनिट्स बंद होने से बच गई। अगर यह बंद होती तो हजारों कर्मचारियों एवं श्रमिक बेरोजगार होते, साथ ही करोड़ों का निवेश बेकार हो जा जाता। एनजीटी में केस एनजीटी ऑफ होने पर उद्यमियों ने बहुत बड़ी राहत महसूस की है। हालांकि उद्यमियों को बतौर सिक्युरिटी पांच-पांच लाख रुपए एनजीटी के निर्देश पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में जमा कराने पड़े थे। स्टोन उद्योग के खिलाफ नाले में स्लरी डालने के कारण होने वाले प्रदूषण को लेकर एनजीटी में किसी एनजीओ ने रिट लगाई थी। जिस मामले में लगातार नौ महीने तक ट्रिब्यूनल में केस चलता रहा।
 क्या-क्या हुए प्रयास
 रीको के सीनियर आरएम पीआर मीणा ने बताया कि रीको ने कोटा स्टोन के लिए दो डंपिंग यार्ड चिन्हित कर रखे हैं। जिस डंपिंग यार्ड के पास से स्लरी बहकर नाले में जाती थी, वहां रीको ने दीवार बनवा दी है। इसके अलावा दोनों डंपिंग यार्ड अब 16-16 फीट ऊंचाई के होंगे। इनके विकास के लिए राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय से कंसलटेंसी मांगी है। इसके लिए 4.99 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर जयपुर रीको के मुख्यालय भेजा हुआ है।
 बनेंगी ईंटें और ब्लाक
 पाषाण कल्याण समिति के अध्यक्ष दिनेश भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने रीको से डंपिंग यार्ड के पास ही ईंटें औ ब्लॉक बनाने के लिए 10 हजार वर्ग मीटर जमीन मांगी है। ताकि इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जा सके। सचिव मुकेश त्यागी ने बताया कि टाइल्स, ईंटें एवं ब्लॉक बनाने का काम ईको फ्रैंडली श्रेणी में आता है। इसलिए इस पर एमएसएमई में प्रोजेक्ट की लागत की 90 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है। इस प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि एनजीटी को भी ईको फ्रेंडली उत्पाद बनाने का वीडियो दिखाया था, जिस पर ट्रिब्युनल ने संतोष जाहिर करते हुए मामला समाप्त कर दिया।

Saturday, June 4, 2016

सोलर वाटर पंप एवं घरेलू लाइटिंग पर सब्सिडी

 दिनेश माहेश्वरी। कोटा 
 सरकार की ओर से खेती में सिंचाई के लिए सोलर वाटर पंप लगाने एवं घरेलू सोलर लाइटिंग के लिए सब्सिडी की स्कीम दी जा रही है। स्वरोजगार की दिशा में यदि कोई डेयरी लगाना चाहे तो इस पर भी सरकार की ओर से सब्सिडी मिलती है। यह जानकारी शुक्रवार को एक होटल में आयोजित कार्यशाला में जयपुर से नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक एसके वर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि सोलर वाटर पंप पर दो से 10 हॉर्स पावर तक 44 हजार से 1.94 लाख रुपए की सब्सिडी है। गांवों में जहां बिजली की समस्या है, वहां पर सोलर वाटर पंप का उपयोग कर खेतों एवं बगीचों में सिंचाई की जा सकती है। इसी तरह सरकार की ओर से घरों में सौर उर्जा प्लांट या लाइटिंग लगाने पर सब्सिडी है। 40 वाट तक 160 रुपए प्रति वाट और 40 से 300 वाट तक 100 रुपए प्रति वाट की सब्सिडी का प्रावधान है। इसमें भी सौर उर्जा से एलईडी बल्ब पर सब्सिडी है। सोलर पावर के लिए राजस्थान के लिए 50 लाख का बजट है।
 वर्मा ने बताया कि विश्व में दूध उत्पादन के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। कृषि के बाद देश में सबसे ज्यादा रोजगार डेयरी व्यवसाय में है। कोई क्लीन मिल्क का प्लांट लगाना चाहे तो उसे जनरल केटेगरी में 25 प्रतिशत और एसटी एससी में 33 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान है। दूध के वेल्यु एडेड उत्पाद तैयार कर कोई भी अच्छा मुनाफा कमा सकता है। दूध 40 रुपए लीटर है जबकि इसी घी बनाकर बेचें तो 400 रुपए लीटर मिलेंगे। चीज 600 रुपए किलो बिकता है। इसलिए डेयरी व्यवसाय मुनाफे का सौदा है। इसमें एक परिवार से एक व्यक्ति को ही सब्सिडी का प्रावधान है।
 एग्री बिजनेस के बारे में नोडल अधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि कृषि स्नातकों को इसमें स्वरोजगार के अनेक अवसर हैं। कृषि स्नातकों के लिए इसमें कोई आयु सीमा नहीं है वे प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार अपना सकते हैं। कार्यक्रम के पहले भू विज्ञान विभाग के सीनियर हाइड्रो जियो लोजिस्ट वीएम भावे ने भू जल संरक्षण एवं एवं पुनर्भरण के बारे में जानकारी दी। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक राजीव दायमा ने बैंकर्स से सरकारी योजनाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की अपील की। कार्यशाला में बैंकर्स, किसान एवं एनजीओ के प्रतिनिधि मौजूद थे।

Wednesday, June 1, 2016

लाइसेंस प्‍लेट जो आपकी कार को टक्‍कर से बचाएगी

एक ऐसी लाइसेंस प्लेट आ गई है जिससे गाड़ी पार्क करना बिल्‍कुल आसान हो जाएगा। ये स्‍मार्ट प्‍लेट 10 फीट की दूरी पर ही बता देगी कि कोई चीज पीछे है जिससे आपकी गाड़ी टकरा सकती है। जानें क्‍या है इस लाइसेंस प्लेट खासियत।
ब्‍लूटूथ से होगा कनेक्‍ट
इस लाइसेंस प्‍लेट का नाम FenSens Fender Defender है जो आप अपनी गाड़ी में लगवा सकते हैं। इस स्‍मार्ट प्‍लेट को यूज करने के लिए आपको इसका एक ऐप अपने स्‍मार्टफोन में डाउनलोड करना होगा।
ये ऐप गाड़ी के रीयर लाइसेंस प्‍लेट को ड्राइवर के स्‍मार्टफोन से कनेक्‍ट कर देगा है और आने वाली सभी बाधाओं के बारे में सचेत करेगा। इस लाइसेंस प्‍लेट के आसपास चार अल्‍ट्रासॉनिक सेंसर होते है जो ड्राइवर को 10 फीट की दूरी पर ही बता देगा कि कोई चीज पीछे है जिससे गाड़ी टकरा सकती है।ये ऐप ब्‍लूटूथ के जरीए लाइसेंस प्‍लेट से कनेक्‍ट होगा। ये रिंग या वाइब्रेशन के जरीए आपको आने वाली बाधाओं से सावधान करेगा। 
बैटरी लगी है लाइसेंस प्‍लेट में
ये ऐप यूजर को स्‍मार्टफोन पर भी दिखाता रहेगा की कौन सा ऑब्‍जेक्‍ट उसकी गाड़ी के कितने पीछे है और कहां पर है। ये ऐप बहुत ही स्‍मार्टली काम करेगा। बता दें की FenSens लाइसेंस प्‍लेट पूरी तरह से वाटरप्रूफ और डस्‍टप्रूफ है। इसमें एक बैटरी भी लगी हुई है जिसको हर पांच महीने में रिचार्ज करना होगा।

-

5 लाख तक की गोल्ड ज्वैलरी की नकद खरीद पर नहीं देना होगा

दिनेश महेश्वरी 
कोटा। सरकार ने 2 लाख रुपये और इससे ज्यादा की गोल्ड ज्वैलरी की नकद खरीदारी पर एक पर्सेंट टीसीएस (टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स) लगाने का आम बजट में किया गया निर्णय वापस ले लिया है। इसके साथ सरकार ने 5 लाख रुपये तक की गोल्ड ज्वैलरी की नकद खरीद पर टीसीएस न लेने की पिछली स्थिति पहली जून से बहाल करने का फैसला किया है। इससे गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड बढ़ सकती है।
ज्वैलर्स को 42 दिनों तक चली अपनी हड़ताल के दौरान की इनवेंटरी निकालने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने गोल्ड और डायमंड ज्वैलरी पर एक पर्सेंट एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने के विरोध में हड़ताल की थी।
ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के डायरेक्टर बछराज बामलवा ने कहा कि टीसीएस लागू होने की लिमिट बढ़ाया जाना 'उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है, जो वेडिंग ज्वैलरी खरीदने वाले हैं।' उन्होंने ईटी से कहा, 'वेडिंग ज्वैलरी के लिए 2 लाख रुपये बहुत छोटी रकम थी।'
2016 के पहले क्वॉर्टर में देश में गोल्ड की डिमांड सात वर्षों के निचले स्तर पर चली गई थी। तब सेल्स साल दर साल आधार पर 41 पर्सेंट घटकर 88.4 टन पर आ गई थी। यह पांच वर्षों के क्वॉर्टर्ली ऐवरेज (156.7 टन) से 44 पर्सेंट कम था। भारत में गोल्ड की सालाना खपत 850-900 टन की है।
इस साल के शुरू से गोल्ड के दाम चढ़े हैं। पीएनजी ज्वैलर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ गाडगिल ने कहा कि जनवरी से गोल्ड के दाम करीब 20 पर्सेंट चढ़े हैं। गाडगिल ने कहा, 'मार्केट में डिमांड बेहद कम है। हालांकि 5 लाख रुपये की लिमिट से जुड़ी राहत मिलने से कुछ मूवमेंट आने की उम्मीद है क्योंकि जून में शादी के मुहूर्त हैं।'
टीसीएस को टैक्स चोरी रोकने और ब्लैक मनी ट्रांजैक्शंस पर लगाम कसने के मकसद से लागू किया गया था। बिक्री के वक्त सेलर यह टीसीएस बायर से कलेक्ट करता है और यह रकम सरकार के पास जमा की जाती है। जिस व्यक्ति से टीसीएस लिया जाता है, उसे उसके इनकम टैक्स रिटर्न में उतनी ही रकम का क्रेडिट मिल जाता है। साल 2012 में 5 लाख रुपये या इससे ज्यादा की ज्वैलरी की नकद खरीदारी और 2 लाख रुपये या इससे ज्यादा के बुलियन की नकद खरीदारी पर एक पर्सेंट टीसीएस लागू किया गया था।
केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में ज्वैलरी पर टीसीएस लगने की सीमा को घटाकर 2 लाख रुपये की नकद खरीदारी पर ला दिया था। लोकल गोल्ड प्राइस में तेज बढ़ोतरी के चलते फरवरी में गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड पहले ही कम हो चुकी थी।