Wednesday, June 1, 2016

5 लाख तक की गोल्ड ज्वैलरी की नकद खरीद पर नहीं देना होगा

दिनेश महेश्वरी 
कोटा। सरकार ने 2 लाख रुपये और इससे ज्यादा की गोल्ड ज्वैलरी की नकद खरीदारी पर एक पर्सेंट टीसीएस (टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स) लगाने का आम बजट में किया गया निर्णय वापस ले लिया है। इसके साथ सरकार ने 5 लाख रुपये तक की गोल्ड ज्वैलरी की नकद खरीद पर टीसीएस न लेने की पिछली स्थिति पहली जून से बहाल करने का फैसला किया है। इससे गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड बढ़ सकती है।
ज्वैलर्स को 42 दिनों तक चली अपनी हड़ताल के दौरान की इनवेंटरी निकालने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने गोल्ड और डायमंड ज्वैलरी पर एक पर्सेंट एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने के विरोध में हड़ताल की थी।
ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के डायरेक्टर बछराज बामलवा ने कहा कि टीसीएस लागू होने की लिमिट बढ़ाया जाना 'उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है, जो वेडिंग ज्वैलरी खरीदने वाले हैं।' उन्होंने ईटी से कहा, 'वेडिंग ज्वैलरी के लिए 2 लाख रुपये बहुत छोटी रकम थी।'
2016 के पहले क्वॉर्टर में देश में गोल्ड की डिमांड सात वर्षों के निचले स्तर पर चली गई थी। तब सेल्स साल दर साल आधार पर 41 पर्सेंट घटकर 88.4 टन पर आ गई थी। यह पांच वर्षों के क्वॉर्टर्ली ऐवरेज (156.7 टन) से 44 पर्सेंट कम था। भारत में गोल्ड की सालाना खपत 850-900 टन की है।
इस साल के शुरू से गोल्ड के दाम चढ़े हैं। पीएनजी ज्वैलर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ गाडगिल ने कहा कि जनवरी से गोल्ड के दाम करीब 20 पर्सेंट चढ़े हैं। गाडगिल ने कहा, 'मार्केट में डिमांड बेहद कम है। हालांकि 5 लाख रुपये की लिमिट से जुड़ी राहत मिलने से कुछ मूवमेंट आने की उम्मीद है क्योंकि जून में शादी के मुहूर्त हैं।'
टीसीएस को टैक्स चोरी रोकने और ब्लैक मनी ट्रांजैक्शंस पर लगाम कसने के मकसद से लागू किया गया था। बिक्री के वक्त सेलर यह टीसीएस बायर से कलेक्ट करता है और यह रकम सरकार के पास जमा की जाती है। जिस व्यक्ति से टीसीएस लिया जाता है, उसे उसके इनकम टैक्स रिटर्न में उतनी ही रकम का क्रेडिट मिल जाता है। साल 2012 में 5 लाख रुपये या इससे ज्यादा की ज्वैलरी की नकद खरीदारी और 2 लाख रुपये या इससे ज्यादा के बुलियन की नकद खरीदारी पर एक पर्सेंट टीसीएस लागू किया गया था।
केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में ज्वैलरी पर टीसीएस लगने की सीमा को घटाकर 2 लाख रुपये की नकद खरीदारी पर ला दिया था। लोकल गोल्ड प्राइस में तेज बढ़ोतरी के चलते फरवरी में गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड पहले ही कम हो चुकी थी।

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