Saturday, June 11, 2016

इंडस्ट्री के सेंसर से ऑनलाइन होगी पॉल्युशन की मोनेटरिंग

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा। कौन सी इंडस्ट्री कितना पॉल्युशन फैला रही है, इस पर निगरानी रखने के लिए संभाग में 22 यूनिट में राजस्थान प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने सेंसर लगवा दिए हैं। इससे राजस्थान में प्रदूषण फैला रही इंडस्ट्री अब कानून के दायरे से नहीं बच पाएंगी।
 पिछले दिनों बोर्ड ने मोबाइल ऐप ‘दृष्टि’ लॉन्च किया है। जो सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्री पर मॉनिटरिंग करेगा। ये ऐप राजस्थान स्टेट पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड ने पॉल्यूशन का स्तर मॉनिटर करने के लिए बनाया है। बोर्ड ने वेस्ट वाटर डिस्चार्ज प्वाइंट पर सेंसर लगवाए हैं। ये सेंसर और सर्वर लगाने का खर्च करीब 25 लाख से 1 करोड़ रुपए तक आया है। ये ऐप बोर्ड को तुरंत अलर्ट देगा, जब कोई इंडस्ट्री तय लिमिट से ज्यादा प्रदूषण फैलाएंगी। उस इंडस्ट्री को तुरंत पॉल्यूशन कम करने के लिए सही कदम उठाने होंगे। ये ऐप इस तरीके से डिजाइन किया गया है जिससे एमिशन और इफ्यूलेंट का पूरा ब्योरा बोर्ड को मिलेगा। ये डाटा बोर्ड को ग्राफिकल चार्ट में मिलेगा। इससे इंडस्ट्री की पूरे दिन की गतिविधि बोर्ड को मिलेगी। ये सेंसर सीमेंट प्लांट, जिंक प्लांट, केमिकल और फर्टिलाइजर समेत 17 प्रकार की इंडस्ट्री  पर लगाए गए हैं। संभाग में पावर प्लांट, केमिकल प्लांट एवं फर्टिलाइजर्स प्लांट समेत 22 यूनिट पर सेंसर लगाए गए हैं।
 ऐसे होगी मोनेटरिंग
 राजस्थान प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि मॉनिटरिंग का काम पूरी तरह ऑनलाइन है। दिल्ली में केन्द्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड एवं जयपुर में राजस्थान कंट्रोल बोर्ड का सर्वर 17 प्रकार की इंडस्ट्रीज के सेंसर से जुड़ा हुआ है। जैसे ही किसी इंडस्ट्री से तय मात्रा से ज्यादा प्रदूषण होगा तुरंत इंडस्ट्री के मैनेजमेंट के पास एसएमएस पहुंचेगा। जिसमें लिखा होगा की इंडस्ट्रीज से निर्धारित मात्रा से ज्यादा प्रदूषण हो रहा है, उसे कंट्रोल करें। स्थानीय स्तर पर भी एक कनिष्ठ वैज्ञानिक को बोर्ड की ओर से मोनेटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है। जिन इंडस्ट्रीज में सेंसर लगाए गए हैं, वहां से निकलने वाले पानी और गैस की क्वालिटी पर निगरानी रहेगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल ट्रायल के तौर पर बड़ी इंडस्ट्री को ही इसमें शामिल किया गया है।
  
  
  
  
  
  
  
  

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