Saturday, June 18, 2016

वित्त निगम ने रियल एस्टेट में फाइनेंस से हाथ खींचा

बिजनेस रिपोर्टर . कोटा
 राजस्थान वित्त निगम ने रियल एस्टेट में मंदी को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में इस सेक्टर में फाइनेंस से हाथ खींच लिए हैं। अब निगम की पहली प्राथमिकता माइक्रो स्माल एवं मीडियम एंटरप्राइजेज सेक्टर में ही फाइनेंस की है। निगम भूखंड खरीदने के लिए भी कीमत का 75 प्रतिशत तक फाइनेंस करता है।
 वित्त निगम के नियमों के मुताबिक यदि कोई उद्यमी नगर विकास न्यास से भूमि खरीदता है, तो निगम उसे आवंटित भूमि का 25 प्रतिशत जमा करा देता है तो उस पर 75 प्रतिशत निगम लोन दे देगा। लोन की सीधे यह राशि न्यास के खाते में जमा हो जाएगी। अगर किसी के पास कन्वर्टेड भूमि है तो उद्यमी उस पर भी लोन ले सकता है।  वित्त निगम नगर विकास न्यास एवं रीको से खरीदी गई जमीन पर प्रमुखता से फाइनेंस करता है। स्थानीय शाखा प्रबंधक आनंद बरड़वा ने बताया कि रीको की भूमि पर 12 प्रतिशत की दर से कर्ज दिया जाता है। राजस्थान वित्त निगम पांच साल के लिए कर्ज देती है। चाहे व्यक्ति उद्योग लगाए या नहीं। इसकी वसूली चालू हो जाती है। उन्होंने बताया कि वित्त निगम अधिकतम 20 करोड़ रुपए तक का फाइनेंस करती है। उन्होंने बताया कि उद्योग या रियल एस्टेट में भूमि खरीदने के लिए बैंक लोन नहीं देता। सिर्फ वित्त निगम ही इसमें लोन देता है। इसलिए रियल एस्टेट में फाइनेंस के लिए सबसे ज्यादा निगम के पास ही आते हैं।
 सबसे ज्यादा कर्ज रियल एस्टेट में
 राजस्थान वित्त निगम के शाखा प्रबंधक के अनुसार शहर में अभी तक सबसे ज्यादा फाइनेंस 1500 करोड़ रुपए का रियल एस्टेट में किया गया है। जबकि इंडस्ट्री में 3600 करोड़ का फाइनेंस किया हुआ है। समाप्त हुए वित्त वर्ष 2015-16 में निगम ने उद्योग एवं रियल एस्टेट 37.50 करोड़ का फाइनेंस किया है। अभी तक 55 करोड़ का फाइनेंस हो चुका है।
 राजस्थान में कोटा अव्वल
 राजस्थान  वित्त निगम की कोटा शाखा वसूली एवं लोन वितरण में इस बार अव्वल रही है। स्थानीय शाखा ने 151 प्रतिशत टारगेट हासिल किया है। जबकि जयपुर शाखा 110 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है।
  

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