बिजनेस रिपोर्टर . कोटा
अब उद्योगों का जिला उद्योग केन्द्रों में पंजीयन नहीं होगा। बल्कि उद्यमियों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जहां पर उनका उद्योग आधार के नाम से रजिस्ट्रेशन होगा। मई माह से जिला उद्योग केन्द्रों पर नए उद्योगों के लिए रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया है।
मात्र एक पेज का फार्म भर कर उद्यमी उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन नंबर हासिल कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की पंजीयन की व्यवस्था को आधार कार्ड से जोड़ दिया है। इसके लिए केंद्र ने 'उद्योग आधार' योजना शुरू की है। इस योजना के शुरू हो जाने से उद्यमियों को उद्योगों के लिए पंजीयन के लिए सरकारी विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। ऑनलाइन ही रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। जिन इकाइयों को सरकार की अनेक लाभप्रद स्कीम का फायदा लेना है वे अब एक पेज के सरलीकृत फॉर्मेट में वांछित जानकारी स्वघोषणा के साथ ऑनलाइन भेज कर कभी भी पंजीकरण करा सकते है।
उद्यमियों के अनुसार अभी तक उद्योग स्थापना के लिए ईएम पार्ट 1 के पंजीकरण के लिए 5 पेज का फॉर्मेट भरना पड़ता था तथा उसमें 18 तरह की सूचनाएं तथा 6 संलग्न प्रपत्र प्रस्तुत करने पड़ते थे। इकाई द्वारा उत्पादन शुरू करने के बाद ईएम पार्ट 2 के पंजीकरण के लिए 6 पेज का फॉर्मेट भरना पड़ता था तथा उसमें 21 तरह की सूचनाएं तथा 6 संलग्न प्रपत्र प्रस्तुत करने पड़ते थे। अब उद्यमियों को रजिस्ट्रेशन के सभी झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
ऑनलाइन स्वयं कर सकते हैं
जिनके पास घर या ऑफिस में इंटरनेट की सुविधा है। वह एमएसएमई की वेबसाइट पर स्वयं आधार रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके लिए स्वयं का आधार नंबर जरूरी है। फार्म में प्रमुख रूप से आधार नंबर, संस्थान का नाम, उद्योग का रजिस्ट्रेशन नंबर यदि हो तो, बैंक खाता नंबर व आईएफ एससी कोड, मेल आईडी, निवेश व पेन कार्ड नंबर आदि की प्रमुख जानकारी भरनी है। इसके बाद तुरंत आपके उद्योग का ई -आधार जनरेट हो जाएगा।
आधार को ही मान्यता
उद्योग का आधार नंबर ही उद्योग का पंजीयन माना जाएगा। उद्योग कार्ड उद्योगों के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे बैंक ऋण, जमीन आवंटन, बिजली कनेक्शन एवं सब्सिडी आदि मिलेगी।
राज्य में 48823 उद्योग को आधार जारी
माइक्रो स्माल एवं मीडियम एंटरप्राइजेज के अनुसार अभी तक राजस्थान में 48 हजार 823 उद्योगों को आधार जारी हो चुके हैं। जिसमें से 41510 माइक्रो, 6835 स्माल एवं 278 मीडियम श्रेणी के उद्योग शामिल हैं।
अब उद्योगों का जिला उद्योग केन्द्रों में पंजीयन नहीं होगा। बल्कि उद्यमियों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जहां पर उनका उद्योग आधार के नाम से रजिस्ट्रेशन होगा। मई माह से जिला उद्योग केन्द्रों पर नए उद्योगों के लिए रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया है।
मात्र एक पेज का फार्म भर कर उद्यमी उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन नंबर हासिल कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की पंजीयन की व्यवस्था को आधार कार्ड से जोड़ दिया है। इसके लिए केंद्र ने 'उद्योग आधार' योजना शुरू की है। इस योजना के शुरू हो जाने से उद्यमियों को उद्योगों के लिए पंजीयन के लिए सरकारी विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। ऑनलाइन ही रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। जिन इकाइयों को सरकार की अनेक लाभप्रद स्कीम का फायदा लेना है वे अब एक पेज के सरलीकृत फॉर्मेट में वांछित जानकारी स्वघोषणा के साथ ऑनलाइन भेज कर कभी भी पंजीकरण करा सकते है।
उद्यमियों के अनुसार अभी तक उद्योग स्थापना के लिए ईएम पार्ट 1 के पंजीकरण के लिए 5 पेज का फॉर्मेट भरना पड़ता था तथा उसमें 18 तरह की सूचनाएं तथा 6 संलग्न प्रपत्र प्रस्तुत करने पड़ते थे। इकाई द्वारा उत्पादन शुरू करने के बाद ईएम पार्ट 2 के पंजीकरण के लिए 6 पेज का फॉर्मेट भरना पड़ता था तथा उसमें 21 तरह की सूचनाएं तथा 6 संलग्न प्रपत्र प्रस्तुत करने पड़ते थे। अब उद्यमियों को रजिस्ट्रेशन के सभी झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
ऑनलाइन स्वयं कर सकते हैं
जिनके पास घर या ऑफिस में इंटरनेट की सुविधा है। वह एमएसएमई की वेबसाइट पर स्वयं आधार रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके लिए स्वयं का आधार नंबर जरूरी है। फार्म में प्रमुख रूप से आधार नंबर, संस्थान का नाम, उद्योग का रजिस्ट्रेशन नंबर यदि हो तो, बैंक खाता नंबर व आईएफ एससी कोड, मेल आईडी, निवेश व पेन कार्ड नंबर आदि की प्रमुख जानकारी भरनी है। इसके बाद तुरंत आपके उद्योग का ई -आधार जनरेट हो जाएगा।
आधार को ही मान्यता
उद्योग का आधार नंबर ही उद्योग का पंजीयन माना जाएगा। उद्योग कार्ड उद्योगों के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे बैंक ऋण, जमीन आवंटन, बिजली कनेक्शन एवं सब्सिडी आदि मिलेगी।
राज्य में 48823 उद्योग को आधार जारी
माइक्रो स्माल एवं मीडियम एंटरप्राइजेज के अनुसार अभी तक राजस्थान में 48 हजार 823 उद्योगों को आधार जारी हो चुके हैं। जिसमें से 41510 माइक्रो, 6835 स्माल एवं 278 मीडियम श्रेणी के उद्योग शामिल हैं।
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