दिनेश माहेश्वरी
कोटा। पेंशन सुविधा वाले ऐसे लोगों को दो वर्षों के लिए उनकी पेंशन के 8.16 पर्सेंट के बराबर अतिरिक्त रकम मिल सकती है, जो 58 साल के बाद अपनी पेंशन विदड्रॉ नहीं करेंगे। उन्हें 60 वर्ष की उम्र पूरी होने तक यह अतिरिक्त राशि मिल सकती है। इस कदम से एंप्लॉयी पेंशन स्कीम के 20 लाख सब्सक्राइबर्स को फायदा हो सकता है। एंप्लॉयी पेंशन स्कीम एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन के तहत आती है। पेंशनर्स के ऐसा करने से सरकार को पेंशन फंड में डेफिसिट घटाने में बड़ी मदद मिलेगी।
रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ ने हाल में यह अधिसूचना जारी की थी कि 58 वर्ष के बाद पेंशन विदड्रॉल न करने पर हर साल पेंशन में चार पर्सेंट बढ़ोतरी का फायदा दिया जाएगा। हालांकि विदड्रॉल न करने के लिए उम्र की सीमा 60 वर्ष तय कर दी गई है। ईपीएफओ के नोटिफिकेशन को ईटी ने देखा है, जिसमें कहा गया है, 'जो मेंबर्स 59 साल या 60 साल की उम्र तक बगैर योगदान के पेंशन डेफर करेंगे, वे पूरे हुए हर साल के लिए पेंशन की मूल रकम में चार पर्सेंट बढ़ोतरी के हकदार होंगे। अगर इस स्थिति में दो साल पूरे हों तो बढ़ोतरी 8.16 पर्सेंट होगी।' नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जो मेंबर्स 60 साल की उम्र तक पेंशन में योगदान करते रहेंगे, वे भी इस फायदे के हकदार होंगे और 58 वर्षों के बाद कंट्रीब्यूटरी सर्विस को पेंशनेबल सर्विस और पेंशन योग्य सैलरी की गणना में शामिल किया जाएगा। नोटिफिकेश के मुताबिक, इस स्कीम के तहत मिलने वाला लाभ 25 अप्रैल 2016 से प्रभावी माना जाएगा और ऐसे सब्सक्राइबर्स को दिया जाएगा, जो पहले से ही ईपीएफओ के पेंशनर न हों और 58 साल की उम्र पूरी होने तक जो कम से कम 10 वर्ष सर्विस में रहे हों।
अनुमान है कि पेंशन विदड्रॉल की एज लिमिट बढ़ाने से पेंशन फंड में डेफिसिट करीब 30,000 करोड़ रुपये तक कम हो सकता है। एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड स्कीम 1952 के तहत एंप्लॉयर और एंप्लॉयी 12 पर्सेंट योगदान करते हैं। एंप्लॉयर वाले हिस्से में से 8.33 पर्सेंट रकम हर महीने के पूरा होने के 15 दिनों के भीतर एंप्लॉयीज पेंशन फंड में जाती है। वहीं सेंट्रल गवर्नमेंट इसमें 1.16 पर्सेंट योगदान करती है। सब्सक्राइबर्स इस रकम को 58 साल की उम्र में रिटायर होने पर निकाल सकते हैं।
कोटा। पेंशन सुविधा वाले ऐसे लोगों को दो वर्षों के लिए उनकी पेंशन के 8.16 पर्सेंट के बराबर अतिरिक्त रकम मिल सकती है, जो 58 साल के बाद अपनी पेंशन विदड्रॉ नहीं करेंगे। उन्हें 60 वर्ष की उम्र पूरी होने तक यह अतिरिक्त राशि मिल सकती है। इस कदम से एंप्लॉयी पेंशन स्कीम के 20 लाख सब्सक्राइबर्स को फायदा हो सकता है। एंप्लॉयी पेंशन स्कीम एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन के तहत आती है। पेंशनर्स के ऐसा करने से सरकार को पेंशन फंड में डेफिसिट घटाने में बड़ी मदद मिलेगी।
रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ ने हाल में यह अधिसूचना जारी की थी कि 58 वर्ष के बाद पेंशन विदड्रॉल न करने पर हर साल पेंशन में चार पर्सेंट बढ़ोतरी का फायदा दिया जाएगा। हालांकि विदड्रॉल न करने के लिए उम्र की सीमा 60 वर्ष तय कर दी गई है। ईपीएफओ के नोटिफिकेशन को ईटी ने देखा है, जिसमें कहा गया है, 'जो मेंबर्स 59 साल या 60 साल की उम्र तक बगैर योगदान के पेंशन डेफर करेंगे, वे पूरे हुए हर साल के लिए पेंशन की मूल रकम में चार पर्सेंट बढ़ोतरी के हकदार होंगे। अगर इस स्थिति में दो साल पूरे हों तो बढ़ोतरी 8.16 पर्सेंट होगी।' नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जो मेंबर्स 60 साल की उम्र तक पेंशन में योगदान करते रहेंगे, वे भी इस फायदे के हकदार होंगे और 58 वर्षों के बाद कंट्रीब्यूटरी सर्विस को पेंशनेबल सर्विस और पेंशन योग्य सैलरी की गणना में शामिल किया जाएगा। नोटिफिकेश के मुताबिक, इस स्कीम के तहत मिलने वाला लाभ 25 अप्रैल 2016 से प्रभावी माना जाएगा और ऐसे सब्सक्राइबर्स को दिया जाएगा, जो पहले से ही ईपीएफओ के पेंशनर न हों और 58 साल की उम्र पूरी होने तक जो कम से कम 10 वर्ष सर्विस में रहे हों।
अनुमान है कि पेंशन विदड्रॉल की एज लिमिट बढ़ाने से पेंशन फंड में डेफिसिट करीब 30,000 करोड़ रुपये तक कम हो सकता है। एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड स्कीम 1952 के तहत एंप्लॉयर और एंप्लॉयी 12 पर्सेंट योगदान करते हैं। एंप्लॉयर वाले हिस्से में से 8.33 पर्सेंट रकम हर महीने के पूरा होने के 15 दिनों के भीतर एंप्लॉयीज पेंशन फंड में जाती है। वहीं सेंट्रल गवर्नमेंट इसमें 1.16 पर्सेंट योगदान करती है। सब्सक्राइबर्स इस रकम को 58 साल की उम्र में रिटायर होने पर निकाल सकते हैं।
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