जब आए दिन किसी न किसी वजह से ट्रेन में सफर करना पड़े और कनफर्म टिकट न हो या ट्रेन लेट होने पर जानकारी पहले से न मिल पाए तो सफर मुश्किल हो जाता है। लेकिन ये एप आपकी सारी दिक्कतें दूर कर सकती हैं जिससे आफ जब चाहें टिकट बुक कर सकते हैं और अपनी ट्रेन की स्थिति पता कर सकते हैं।
आईआरसीटीसी यानि भारतीय रेलवे की आईआरसीटीसी कनेक्ट नाम की ऑफीशियल एप से टिकट बुक करना, कैंसल करना और ट्रेन ढूंढना आराम से कर सकते हैं। यह आपके आने वाली यात्रा से जुड़ी जानकारियां भी देता है। एंड्रॉएड फोन पर इसे गूगल प्ले से डाउनलोड कर सकते हैं।
अक्सर ऐसा हो जाता है कि अगर आपको रात के 3 बजे किसी स्टेशन पर उतरना है तो रात भर इसी चिंता में नींद नहीं आती कि कहीं स्टेशन छूट न जाए। लेकिन इंडियन ट्रेन अलार्म एक ऐसा एप है जो आपको आपके स्टेशन आने से 5 या 25 किमी पहले ही सूचित कर देता है। बस आपको अलार्म लगाने की जरूरत है। इसमें ज्यादा बैटरी भी नहीं खर्च होती।इक्सीगो इंडियन रेल एंड ट्रेन एप में लगभग हर फीचर है जो आपको अपनी अलगी यात्रा तय करने में मदद कर सकते हैं। पीएनआर स्टेटस से लेकर टिकट बुक करने तक, हर काम आसानी से हो जाता है। 2500 से भी ज्यादा ट्रेनों की जानकारी उपलब्ध रहती है।
इक्सीगो ने ही पीएनआर स्टेटस के लिए अलग से भी एप बनाई है जिसमें हालांकि केवल पीएनआर स्टेटस पता करने की सुविधा है लेकिन यह बहुत तेज है। यह आपके फोन मेसेज से खुद ही अगली यात्रा का पीएनआर पता कर लेता है और स्टेटस बता देता है। यह खुद ही पुराने और आग जरूरत पड़ने वाले पीएनआर नंबरों को अलग अलग कर देता है।
रेल यात्री एप दूसरों से अलग है। यह बताता है कि आपके सबसे पास वाले स्टेटश पर कौन सी नई ट्रेनें हैं औऱ किसका रास्ता बदल गया है। साथ ही इसमें जीपीएस लोकेटर भी है।
जहां पहले आईआऱसीटीसी के अलावा किसी और साइट से ऑनलाइन टिकट बुक करना संभव नहीं था वहां अब आईआरसीटीसी ने क्लियरट्रिप के साथ साझेदारी कर ली है जिससे आप एक निश्चत समय पर उनकी एप या साइट से टिकट बुक कर सकते हैं। बाकी सभी जरूरी जानकारी भी इससे मिल जाती हैं।
नई दिल्ली। नए कारोबार का रजिस्ट्रेशन कराना अब बेहद आसान हो गया है। मात्र एक पेज का फार्म भर कर कारोबारी उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन नंबर हासिल कर सकते हैं। माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज मिनिस्ट्रिी ने अधिसूचना जारी कर उद्योग आधार स्कीम की शुरुआत कर दी है।
आधार नंबर से कराएं रजिस्ट्रेशन
इस फार्म को ऑनलाइन भी भरा जा सकता है। इसके लिए कारोबारी को अपने आधार नंबर की डिटेल देनी होगी। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कारोबारी अपने एक आधार नंबर के जरिए एक से अधिक कारोबार रजिस्टर करा सकते हैं। उन्हें अलग अलग कारोबार के लिए उद्योग आधार नंबर जारी किए जाएंगे।
यहां कराएं रजिस्ट्रेशन http://msme.gov.in
ईमेल पर मिलेगा आधार नंबर
उद्योग आधार के लिए आवेदन करने के बाद फार्म में भरे गए ईमेल आईडी पर कारोबारी का यूनिक उद्योग आधार नंबर भेजा जाएगा।
किसी डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं
उद्योग आधार के लिए आवेदन करते वक्त केवल एक पेज का फार्म भरना होगा, जो सेल्फ सर्टिफिकेशन पर आधारित होगा। इसके साथ किसी तरह के किसी डॉक्यूमेंट अपलोड करने की जरूरत नहीं होगी।
ऑफलाइन भी हो सकता है
आवेदन जिन कारोबारियों के पास ऑनलाइन सुविधा नहीं है, वे जिला उद्योग केंद्रों में जाकर फार्म भर सकते हैं। जिला उद्योग केंद्र द्वारा कारोबारी के फार्म... के आधार पर ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा।.
कोटा। जर्मन स्पोर्टसवियर ब्रॉड एडीडास जल्द ही भारत में एक ओमनी चैनल मॉडल लाने वाला है। इस मॉडल के लांच होने के बाद कोई भी कस्टमर किसी भी स्टोर पर रहकर दूसरे शहर के स्टोर से सामान मंगा सकता है।
अगर आपको दिल्ली के एडीडास के शोरुम पर कोई चीज पंसद ना आए तो निराश ना हो बस वहां रखे टेबलेट पर अपना पसंदीदा सामान चुने और ऑडर कर दें। इसके बाद उस स्टोर की जिम्मेदारी होगी कि आपका सामान घर तक पहुंचाए। इसके चलते एडीडास ने कई सारी लॉजिस्टिक्स कंपनियों को अपने साथ जोड़ा है। इसमें फेडएक्स, ईकॉम एक्सप्रेस और ब्लूडार्ट प्रमुख है। इस व्यवस्था के लांच होने के बाद एडीडास भारत में लगभग 15% तक अपना बाजार बढ़ा सकता है। उसके व्यवसाय को 15% तक का फायदा होगा।
इस लांच के बाद बड़े ई-कॉमर्स चैन को थोड़ा झटका जरूर लगेगा। इससे लांच के बाद सामान पसंद ना आने पर दुकान से चले जाने वाले खरीदार अब रुकेगें क्योंकि उनके पास बेहतर विकल्प होंगे।
दुकान पर रखे टेबलेट पर चुनकर निश्चिंत हो जाएगें कि सामान घर अपने आप पहुंच जाएगा। पूरे देश में लगभग 750 के ऊपर स्टोर हैं। 2017 तक सभी इस मॉडल को फॉलो करगें।
कोटा। आने वाले समय में बैंक के एटीएम से 1000, 500 रूपये व 100 रूपये के साथ 50 रूपये के नोट भी मिलेंगे । आरबीआई ने बैंक से कहा है कि लोग की परेशानियों को ध्यान में रखते एटीएम में 50 के नोट भी डाले जाए। ताकि ग्राहक को छोटे नोट भी मिल सकें ।
आरबीआई की सलाह पर कुछ बैंक ने अपने एटीएम में 50 के नोट डालने शुरू कर दिए हैं । अधिकरियों का कहना है कि आने वाले दिनों में सभी बैंक में यह सुवधा शुरू हो जाएगी।
दिनेश माहेश्वरी
कोटा। इलेक्ट्रॉनिक तरीके से आयकर रिटर्न भरने को लोकप्रिय बनाने के लिए सीबीडीटी पहले से ही भरे हुए फॉर्म्स उपलब्ध कराने की योजना पर काम कर रहा है। इसमें एक करदाता की आय और अन्य अहम जानकारियों के बारे में आंकड़े ऑटोमेटिक अपलोड हो जाएंगे।
आयकर विभाग की शीर्ष नीति निर्माता संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) करदाता फ्रेंडली इस सुविधा को अगले वित्त वर्ष से लागू करने की पूरी कोशिश कर रहा है। इस साल अगस्त में शुरू नए ई-फाइलिंग सिस्टम के तहत ही यह कदम उठाया जा रहा है।
अगस्त में शुरू किए गए सिस्टम में आयकर रिटर्न को आधार नंबर, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम आदि से जोड़ते हुए उसे ऑनलाइन वेरिफिकेशन करने की सुविधा दी गई है। पांच लाख से कम आय वाले छोटे करदाता और रिफंड का दावा न करने वाले इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड का फायदा उठा सकते हैं।
सीबीडीटी की चेयरपर्सन अनीता कपूर ने कहा कि विभाग पहले से ही भरे फॉर्म में अधिक से अधिक एंट्री करने की संभावना पर काम कर रहा है, जिससे कि करदाता के लिए ई-रिटर्न भरना और आसान हो जाए। विभाग की कोशिश तकनीकी विकास के साथ बेहतर सुविधाएं लाना है जिससे कि करदाता का जीवन आसान हो सके। उन्होंने कहा कि इस तकनीक का फायदा शुरुआत में छोटे करदाताओं तक पहुंचाने का प्रस्ताव है, जो एक पेज का आईटीआर (आईटीआर-1) भरते हैं।
उन्होंने बताया कि विभाग का मानना है कि पूर्व के रिकार्ड के मुताबिक आय के आंकड़े ऑटोमेटिक अपलोड हो जाने से करदाता अपना आयकर रिटर्न ज्यादा आसानी से भर सकेगा।
इतना ही नहीं इसमें जहां कहीं भी कोई बदलाव या संशोधन होगा करदाता उसे अपने से कर लेगा। हम करदाता को अपने आंकड़े बदलने या उसे सुधारने का मौका देने के साथ आयकर रिटर्न भरने को आसान बनाना चाहते हैं।
दिनेश माहेश्वरी
कोटा। अब आपको डिजिटल हस्ताक्षर लेने के लिए इधर उधर भटकना नहीं होगा। अगले पांच-छह महीनों में डिजिटल हस्ताक्षर आपके स्मार्टफोन पर मोबाइल एप के जरिए उपलब्ध होंगे। आप केवल एक वन टाइम पासवर्ड का इस्तेमाल कर किसी भी आनलाइन दस्तावेज पर अपने डिजिटल हस्ताक्षर कर पाएंगे।1डिजिटल हस्ताक्षरों की सुलभता का सबसे बड़ा फायदा देश में ई-गवर्नेस के सपने को साकार करने में होगा। यही वजह है कि इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय डिजिटल हस्ताक्षर आम जन को सुलभ बनाने की परियोजना पर काम कर रहा है।मंत्रालय ने इस योजना के तहत दो संस्थाओं सी-डेक और साफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क आफ इंडिया (एसटीपीआइ) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। सी-डेक ने डिजिटल हस्ताक्षर उपलब्ध कराने के लिए खुद का साफ्टवेयर बनाया है तो एसटीपीआइ इसके लिए पीपीपी आधार पर भागीदार तलाश रहा है।जल्दी ही भागीदार के नाम पर अंतिम मुहर लग जाएगी। उसके बाद अगले चार-पांच महीने में साफ्टवेयर और मोबाइल एप तैयार कर लिया जाएगा। इसके बाद लोगों को डिजिटल हस्ताक्षर की सुविधा सुलभ हो जाएगी। वर्तमान में डिजिटल हस्ताक्षर जारी करने वाली कुछ चुनिंदा एजेंसियां हैं। ये एजेंसियां सालाना फीस लेकर डिजिटल हस्ताक्षर देती हैं। इसमें एक समस्या यह है कि अभी डिजिटल हस्ताक्षर डोंगल में दिए जाते हैं। इसलिए जब भी डिजिटल हस्ताक्षर करने के लिए आपको डोंगल अपने साथ रखना होता है।
डोंगल के गुम होने की स्थिति में आपके डिजिटल हस्ताक्षर के गलत इस्तेमाल की भी आशंका बनी रहती है। लेकिन एसटीपीआइ ने डिजिटल हस्ताक्षर सुलभ कराने की जो योजना तैयार की है उसमें आप मोबाइल एप के जरिए अपने डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल जब और जहां चाहे कर पाएंगे। इसे प्राप्त करना बेहद सस्ता और आसान हो जाएगा। एसटीपीआइ इसकी लाइसेंसिंग अथारिटी होगी और एक एजेंसी के तौर पर डिजिटल हस्ताक्षर उपलब्ध कराएगी। डिजिटल हस्ताक्षर इस्तेमाल करने वाले लोगों के वेरिफिकेशन के लिए आधार संख्या का इस्तेमाल किया जाएगा। यानी आपको डिजिटल हस्ताक्षर करने के लिए अपने आधार नंबर की आवश्यकता होगी1एक बार यह शुरू हो जाने पर ई-गवर्नेस की अवधारणा को जमीन पर लाने की रफ्तार तेज हो सकेगी। डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए लोग कहीं भी रहते हुए किसी भी चीज के लिए आनलाइन आवेदन कर सकेंगे। पासपोर्ट से लेकर किसी भी सरकारी दस्तावेज की प्राप्ति के लिए आवेदन करने के लिए स-शरीर उपस्थित रहना जरूरी नहीं होगा। इनकम टैक्स रिटर्न भरने में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे सरकारी कामकाज में ई-गवर्नेस का समावेश होगा। यह काफी महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इससे न केवल डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल आसान हो जाएगा बल्कि सुरक्षित भी होगा। आधार के साथ जुड़े होने की वजह से इसके दुरुपयोग की आशंकाएं भी न्यूनतम हो जाएंगी। साथ ही इसके इस्तेमाल की लागत भी बेहद कम होगी। इसके लिए डिजिटल हस्ताक्षर के इस्तेमाल के हिसाब से मूल्य चुकाना होगा जो राय के मुताबिक बहुत कम होगा।
कोटा। सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के सदस्यों के लिए मोबाइल आधारित तीन सेवाएं लांच की हैं। केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार को भविष्य निधि में योगदान करने वालों के लिए मोबाइल एप, एसएमएस आधारित यूनिवर्सल अकाउंट एक्टिवेशन और मिस्ड कॉल सेवाओं को औपचारिक तौर पर शुरू कर दिया।
इन सेवाओं के जरिये सदस्य अब मोबाइल फोन के जरिये अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर खातों को सक्रिय कर सकेंगे। पीएम में योगदान करने वाले कर्मचारी इसके जरिये पीएफ खाते में जमा रकम का जायला लेने के अलावा कई अन्य जानकारियां भी हासिल कर सकेंगे। इसी तरह ईपीएफ पेंशनर को मोबाइल एप के जरिये पेंशन बंटवारे की जानकारी मिल सकेगी।
श्रम और रोजगार मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस एप को ईपीएफओ की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। ईपीएफओ पहले ही एक एसएमएस सुविधा चला रहा है, जिससे कर्मचारी पीएफ में अपने योगदान और जमा रकम की जानकारी हासिल कर सकते हैं।
अब सिर्फ मिस्ड कॉल देने पर भी आपको यह जानकारी मिल सकती है। यह सुविधा सिर्फ उन लोगों को मिलेगी, जिनका यूएएन एक्टिव है। केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री दत्तात्रेय ने बताया कि तीनों नई सेवाओं से पीएफ में योगदान करने वाले 3.54 करोड़ सदस्यों को फायदा होगा।
नई सेवाओं 49.22 लाख पेंशनर्स और 6.1 लाख कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। इस समय लगभग 1.80 यूएएन एक्टिव हैं। 58.72 लाख यूएएन आधार से जुड़े हैं और 1.82 करोड़ यूएएन बैंक खातों से।