Sunday, April 26, 2015

कोटा के बच्चों ने सर्विस टैक्स में दिए 1.20 अरब

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा। कोटा में आईआईटी और मेडिकल की कोचिंग ले रहे 1.30 लाख बच्चों ने वर्ष 2014-15 में 1.20 अरब रुपए का सर्विस टैक्स दिया है। यह प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी के पहले आम बजट में दक्ष भारत कार्यक्रम के लिए आवंटित राशि 100 करोड़ से 20 फीसदी ज्यादा है।
एक तरफ सरकार एजुकेशन लोन को बढ़ावा दे रही है और दूसरी तरफ देश की बड़ी मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों से भारी भरकम टैक्स ले रही है। इस समय कोटा में शीर्ष कोचिंग संस्थानों की फीस सालाना एक लाख रुपए के आसपास है। 12.36 फीसदी की दर से हर छात्र 10 से 12 हजार रुपए सर्विस टैक्स सरकारी खजाने में दे रहा है। 
120 करोड़ रुपए की यह राशि इतनी बढ़ी है कि इससे एक नया मेडिकल कॉलेज खोला जा सकता है। या बालीवुड की क्रिश-3 जैसी बड़े बजट की फिल्म आसानी से बनाई जा सकती है। 2010 में कोचिंग संस्थानों की फीस 35 से 45 हजार रुपए थी और सर्विस टैक्स की दर भी कम थी। उस समय यह राशि ज्यादा नहीं थी। लेकिन अब जिस तरह से महंगाई बढ़ी है, उससे यह उन हजारों छोटे शहरों आने वाले मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों पर बोझ है। जो या तो सामान्य स्कूलों में पढ़े, या उनका बोर्ड कमजोर था और अब वे बड़े लक्ष्य को लेकर कोटा आए हैं। इनमें से कई के माता पिता ने कर्ज लेकर यहां भेजा है।
कोटा में कोचिंग छात्रों से टैक्स कलेक्शन 
साल सर्विस टैक्स (राशि करोड़ में
2012-13 75.39
2013-14 92.11
2014-15 120
स्रोत: कस्टम, एक्साइज और सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट


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