Sunday, May 10, 2015

पावर बैंक खरीदने से पहले जाने ..........

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा। कॉलिंग डिवाइस नहीं रह गए हैं। स्मार्टफोन्स के आने के बाद से हमारी उनपर निर्भरता काफी बढ़ गई है। खासकर कामकाजी लोगों के लिए फोन डिवाइस का बंद हो जाना धड़कन रुकने से कम नहीं है। इस समस्या के समाधान के लिए आए हैं पावर बैंक्स। बड़ी-बड़ी बैटरियां जिनसे आप अपने डिवाइसेज को फुल चार्ज कर सकते हैं। कहीं भी चलते-फिरते, घूमते! लेकिन इस नई डिवाइस को खरीदते वक्त आपको याद रखनी चाहिए ये खास बातें... अपने फोन से ज्यादा रखें कपैसिटी पोर्टेबल बैटरी चार्जर यानी पावरबैंक खरीदने से पहले उसके ऊपर लिखी mAh कपैसिटी चेक करें। यह कपैसिटी आपके स्मार्टफोन से ज्यादा ही होनी चाहिए। यानी आपके फोन की बैटरी 2000 mAh की है तो आप 2500 mAh से ऊपर का ही पोर्टेबल चार्जर लें। ताकि, जरूरत पड़ने पर यह पोर्टेबल चार्जर आपके फोन को कम से कम एक बार फुल चार्ज देने के लायक हो। 
चेक करें 'करंट ड्रॉ'
पोर्टेबल चार्जर खरीदते वक्त 'करंट ड्रॉ' भी चेक करें। पुराने फोन्स बैटरी चार्ज करने के लिए 1 ऐम्पीयर से ज्यादा करंट नहीं लेते। लेकिन नए हैंडसेट्स और टैबलेट्स को 2.1 ऐम्पीयर इनपुट करंट की ज़रूरत होती है। अपने मोबाइल के ऑरिजिनल प्लग पर करंट ड्रॉ लिखा होगा। अगर संभव हो तो दो तरह के यूएसबी पोर्ट्स- 1A और 2.1A वाला पावरबैंक ही खरीदें। याद रहे, पावर बैंक की कपैसिटी कितनी भी हो, गैजट्स चार्ज करने की बारी आती है तो करंट ड्रॉ ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। 
बैटरी के टाइप पर दें ध्यान
इसके अलावा सेल्स के प्रकार पर भी ध्यान दें- लिथियम आयन है या लिथियम पॉलिमर है। लिथियम आयन सेल्स सस्ते होते हैं और आसानी से मिल जाते हैं। वहीं लिथियम पॉलिमर महंगे होते हैं, पर प्रति युनिट वेट अधिक चार्ज डेनसिटी देते हैं। किसी अच्छे ब्रैंड का ही पावर बैंक खरीदें। खराब क्वॉलिटी के लिथियम आयन पावर बैंक्स न सिर्फ परफॉर्मेंस पर असर करते हैं, बल्कि आगे जाके खतरनाक भी साबित हो सकते हैं। ये ओवरहीट होने पर फट भी सकते हैं। अपनी सुरक्षा व अच्छे परफॉर्मेंस के लिए ऐसा मॉडल खरीदें जो ओवर वोल्टेज प्रोटेक्शन, ओवर चार्ज प्रोटेक्शन और ओवर टेम्प्रेचर प्रोटेक्शन के साथ आ रहा हो।

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