Friday, February 10, 2017

नोटबंदी: बैंकों द्वारा गलत डेटा देने पर मिल रहे टैक्स नोटिस

नोटबंदी के बाद बैंकों में भारी कैश डिपॉजिट करने वाले हजारों लोगों को टैक्स नोटिस मिला है। चौंकाने वाली बात यह है कि टैक्स नोटिस पाने वाले अधिकतर लोगों का कहना है कि उन्हें जितना पैसा जमा करने का नोटिस मिला है इतना उन्होंने डिपॉजिट ही नहीं किया है।
टैक्स नोटिस पाने वाले एक बिजनसमैन ने नाम ने जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'मैंने केवल 2.3 लाख रुपए बैंक में जमा करवाए थे लेकिन मुझे 6.9 लाख रुपए जमा कराने का नोटिस मिला है। मेरे बैंक ने गलती से तीन बार एंट्री कर दी। मैं ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाऊंगा और उम्मीद करता हूं उससे मामला सुलझ जाएगा। मैं नहीं चाहता कि मुझसे टैक्स डिपार्टमेंट के लोग पूछताछ करें। आम आदमी को बैंकों और दूसरों की गलती के कारण इतना कुछ सहना पड़ रहा है यह गलत है।'
करीब आधा दर्जन सीए ने हमारे सहयोगी अखबार अहमदाबाद मिरर को बताया कि उनके क्लाइंट्स सलाह लेने आ रहे हैं। उनकी शिकायत है कि उन्होंने जिस रकम को बैंक में डिपॉजिट करने का नोटिस मिला है उन्होंने इतना पैसा जमा ही नहीं करवाया था। टैक्स नोटिस को सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) की तरफ से जारी किया गया है।
1 फरवरी को CBDT ने बताया था कि वह 18 लाख लोगों को अपने बैंक अकाउंट में भारी कैश जमा किया है उन्हें अपने पैसे का सोर्स बताना होगा। CBDT के चेयरमैन सुशील चंद्रा का कहना था कि डेटा ऐनालिटिक्स की मदद से ज्यादा कैश जमा करने वाले लोगों को टैक्स नोटिस भेजा गया है। जिन्हें नोटिस मिला है उन्हें नोटिस मिलने के 10 दिनों के भीतर आयकर विभाग की वेबसाइट पर जवाब दाखिल करना होगा।
सीए संजय शाह ने बताया कि बैंक द्वारा मुहैया कराए गए डेटा में भारी गलतियां हैं। उन्होंने कहा, 'बैंकों को नोटबंदी की घोषणा के बाद से 30 दिसंबर के बीच जमा किए गए पैसे का ब्यौरा देना था। हालांकि हमारे क्लाइंट्स की शिकायतें आ रहीं हैं कि उन्हें 7 नवंबर से पहले जमा किए गए पैसे पर भी नोटिस मिले हैं।'

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