आम बजट पेश करते हुए अरुण जेटली ने छोटे करदाताओं को राहत देते हुए कहा कि पहली बार आईटी रिटर्न भरने वालों को एक साल तक स्क्रूटिनी से छूट मिलेगी। साथ ही 5 लाख तक की आय वाले करदाता केवल एक पन्ने का फॉर्म भरकर आईटी रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। लेकिन, रिटर्न में देरी होने पर लेट फीस जरूर भरनी होगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि आईटी रिटर्न दाखिल करने की लास्ट डेट के बाद अगर रिटर्न भरा जाता है तो लेट फीस के तौर पर 5,000 रुपये भरने होंगे। लेकिन, अगर यह देरी 31 दिसंबर से भी लंबी खिंचती है तो यह लेट फीस 10,000 रुपये होगी। हालांकि, जिन लोगों की कुल आय 5 लाख से ऊपर नहीं है, उनके लिए बजट में राहत दी गई है और उनको लेट फीस के रूप में अधिकतम 1,000 रुपये ही भरने होंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि देश के जीडीपी अनुपात की तुलना में भारत का टैक्स कलेक्शन बेहद कम है। असंगठित क्षेत्र में करीब 4.2 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं, जिनमें से 1.74 करोड़ लोग रिटर्न फाइल करते हैं। असंगठित क्षेत्र और छोटे बिजनस करने वाले 5.6 करोड़ लोगों में से महज 1.81 करोड़ लोग ही रिटर्न फाइल करते हैं। टैक्स भुगतान अनुकूलन और बेहतर टैक्स प्रबंधन के लिए करदाताओं से जुड़ी जानकारियों के असरदार उपयोग के लिए यह बेहद जरूरी है कि रिटर्न तय तारीख तक फाइल कर दिए जाएं।
वित्त मंत्री ने बताया कि आईटी रिटर्न दाखिल करने की लास्ट डेट के बाद अगर रिटर्न भरा जाता है तो लेट फीस के तौर पर 5,000 रुपये भरने होंगे। लेकिन, अगर यह देरी 31 दिसंबर से भी लंबी खिंचती है तो यह लेट फीस 10,000 रुपये होगी। हालांकि, जिन लोगों की कुल आय 5 लाख से ऊपर नहीं है, उनके लिए बजट में राहत दी गई है और उनको लेट फीस के रूप में अधिकतम 1,000 रुपये ही भरने होंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि देश के जीडीपी अनुपात की तुलना में भारत का टैक्स कलेक्शन बेहद कम है। असंगठित क्षेत्र में करीब 4.2 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं, जिनमें से 1.74 करोड़ लोग रिटर्न फाइल करते हैं। असंगठित क्षेत्र और छोटे बिजनस करने वाले 5.6 करोड़ लोगों में से महज 1.81 करोड़ लोग ही रिटर्न फाइल करते हैं। टैक्स भुगतान अनुकूलन और बेहतर टैक्स प्रबंधन के लिए करदाताओं से जुड़ी जानकारियों के असरदार उपयोग के लिए यह बेहद जरूरी है कि रिटर्न तय तारीख तक फाइल कर दिए जाएं।
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