आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में भाजपा का सफाया क्यों कर दिया, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पत्रकार रवीश कुमार के बार-बार आग्रह करने के बावजूद बिहार विधान सभा चुनाव
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की जय हो, पत्रकारों के लिए दिल्ली विधानसभा में विधेयक पास आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में भाजपा का सफाया क्यों कर दिया, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पत्रकार रवीश कुमार के बार-बार आग्रह करने के बावजूद बिहार विधान सभा चुनाव के दौरान पत्रकारों के लिए मजीठिया वेतनमान पर भाजपा नेताओं की बोलती बंद रही। खैर, उसका अंजाम भाजपा को मिल चुका है। आम आदमी पार्टी की बात करें, तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्रकारों से मुलाकात कर मजीठिया वेतनमान लागू कराने का संकल्प किया था। आज उसी संकल्प का परिणाम है कि दिल्ली सरकार ने पत्रकारों के वेतनमान से संबंधित विधेयक पास कर दिया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने मुझसे कहा था, श्रीकांत जी ऐसा कोई कानून नहीं है जिससे बड़े-बड़े अखबार मालिकों पर दबाव बनाया जा सके और उन्हें मजीठिया लागू करने के लिए बाध्य किया जा सके। धन्य हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जिन्होंने दिल्ली विधान सभा में पत्रकारों के लिए विधेयक पास करा दिया। दिल्ली सरकार के इस फैसले पर देश के उन तमाम नेताओं को शर्म आनी चाहिए, जो या तो इस समय देश के प्रधानमंत्री हैं या भविष्य में प्रधानमंत्री बनने के लिए मुंह बना रहे हैं। अब तो यह लगने लगा है कि देश का अगला प्रधानमंत्री दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को छोड़कर दूसरा कोई नहीं बन सकता, क्योंकि उन्हें अपने तन से अधिक लोगों के वेतन की परवाह रहती है। केजरीवाल जी, मैं देश की एक अरब जनता की ओर से आपके हौसले को प्रणाम करता हूं। आपके हौसले के सामने दैनिक जागरण जैसे भ्रष्ट, मुनाफाखोर और अत्याचारी संस्थान पानी भरेंगे। केजरीवाल जी के हौसले का ज्वलंत दस्तावेज वह खबर है, जिसकी कटिंग नीचे दी जा रही है। मैं उस अखबार के मालिक के भी हौसले को प्रणाम करना चाहता हूं, जिसने खबर को विस्तार से प्रकाशित किया है। बड़े-बड़े अखबारों की हिम्मत इस खबर को छापने में पस्त हो गई।
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की जय हो, पत्रकारों के लिए दिल्ली विधानसभा में विधेयक पास आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में भाजपा का सफाया क्यों कर दिया, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पत्रकार रवीश कुमार के बार-बार आग्रह करने के बावजूद बिहार विधान सभा चुनाव के दौरान पत्रकारों के लिए मजीठिया वेतनमान पर भाजपा नेताओं की बोलती बंद रही। खैर, उसका अंजाम भाजपा को मिल चुका है। आम आदमी पार्टी की बात करें, तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्रकारों से मुलाकात कर मजीठिया वेतनमान लागू कराने का संकल्प किया था। आज उसी संकल्प का परिणाम है कि दिल्ली सरकार ने पत्रकारों के वेतनमान से संबंधित विधेयक पास कर दिया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने मुझसे कहा था, श्रीकांत जी ऐसा कोई कानून नहीं है जिससे बड़े-बड़े अखबार मालिकों पर दबाव बनाया जा सके और उन्हें मजीठिया लागू करने के लिए बाध्य किया जा सके। धन्य हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जिन्होंने दिल्ली विधान सभा में पत्रकारों के लिए विधेयक पास करा दिया। दिल्ली सरकार के इस फैसले पर देश के उन तमाम नेताओं को शर्म आनी चाहिए, जो या तो इस समय देश के प्रधानमंत्री हैं या भविष्य में प्रधानमंत्री बनने के लिए मुंह बना रहे हैं। अब तो यह लगने लगा है कि देश का अगला प्रधानमंत्री दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को छोड़कर दूसरा कोई नहीं बन सकता, क्योंकि उन्हें अपने तन से अधिक लोगों के वेतन की परवाह रहती है। केजरीवाल जी, मैं देश की एक अरब जनता की ओर से आपके हौसले को प्रणाम करता हूं। आपके हौसले के सामने दैनिक जागरण जैसे भ्रष्ट, मुनाफाखोर और अत्याचारी संस्थान पानी भरेंगे। केजरीवाल जी के हौसले का ज्वलंत दस्तावेज वह खबर है, जिसकी कटिंग नीचे दी जा रही है। मैं उस अखबार के मालिक के भी हौसले को प्रणाम करना चाहता हूं, जिसने खबर को विस्तार से प्रकाशित किया है। बड़े-बड़े अखबारों की हिम्मत इस खबर को छापने में पस्त हो गई।
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