Wednesday, July 2, 2014

रावतभाटा परमाणु बिजलीघर ने बनाया रिकॉर्ड, 19 साल पुराना कनाडा का कीर्तिमान तोड़ा

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
राजस्थान परमाणु बिजलीघर की 220 मेगावाट की 5वीं इकाई ने मंगलवार दोपहर डेढ़ बजे लगातार बिजली उत्पादन के 697 दिन पूरे कर लिए। इसके साथ ही 5वीं इकाई ने कनाडा के 19 साल पुराने वल्र्ड रिकॉर्ड को तोड़ दिया। 31 विकसित और विकासशील देशों में बिजली उत्पादन कर रहे 436 परमाणु बिजली घरों के 60 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। इस इतिहास के अलावा हम सबसे ज्यादा दिन बिजली उत्पादन करने वाले देश अमेरिका और कनाडा के समूह में भी शामिल हो गए। इसके पहले कनाडा के ब्रूस परमाणु बिजली घर की 8वीं इकाई ने 1993 से 1995 तक लगातार बिजली उत्पादन का 697 दिन का विश्व रिकॉर्ड बनाया था। हमारी इकाई ने एशिया के देशों में सर्वाधिक दिन उत्पादन करने वाली इकाई का रिकॉर्ड पहले ही तोड़ दिया था।

लागत से ज्यादा बनाई बिजली 
बिजलीघर की 5वीं इकाई ने कुल 1255 करोड़ की बिजली बनाई है। इकाई की लागत लगभग 1200 करोड़ रुपए थी। इकाई ने लागत से ज्यादा बिजली का उत्पादन किया है। 
प्रतिदिन 1.8 करोड़ की बिजली  
इकाई की विद्युत उत्पादन क्षमता 220 मेगावाट है। इससे रोज 1.8 करोड़ की बिजली पैदा होती है। एक बार ट्रिप होने पर 3 दिन में इकाई को फिर शुरू किया जा सकता है। 
> लगातार 697 दिन किया बिजली का उत्पादन
> 1255 करोड़ की बिजली बनाई है 2 अगस्त, 2012 से मंगलवार तक।
> 1200 करोड़ रुपए लागत है इस इकाई की।
> 436 परमाणु बिजलीघर हैं दुनिया के 31 विकसित और विकासशील देशों में।
 ...तो टूट जाएगा अमेरिका का रिकॉर्ड

राजस्थान परमाणु बिजली घर की 5 वीं इकाई से एईआरबी ने 31 जुलाई तक उत्पादन की अनुमति दे रखी है, तब तक 727 दिन हो जाएंगे। उसके बाद कुछ और दिन उत्पादन किया तो अमेरिका का रिकॉर्ड टूट जाएगा। अमेरिका के लाइट वाटर रिएक्टर लासाले का रिकॉर्ड 739 दिन का है। जबकि भारी पानी आधारित विश्व के सभी परमाणु बिजली घरों के रिकॉर्ड अपनी 5वीं इकाई तोड़ चुकी है। निदेशक विनोद कुमार के अनुसार 31 अगस्त तक बिजली उत्पादन की अनुमति मिली तो हम अमेरिका से आगे हो जाएंगे।

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