Wednesday, July 9, 2014

अब एसएमएस और ईमेल से मिलेगी इनकम टैक्स रिटर्न की अपडेट

दिनेश माहेश्वरी
कोटा ।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जल्दी ही टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिफंड की जानकारी एसएमएस और ईमेल के माध्यम से देना शुरू करेगा। इसके अलावा अगर टैक्स रिटर्न की फाइलिंग से संबंधित कोई समस्या होगी, तो उसकी जानकारी भी इसी माध्यम से दी जाएगी।
विभाग के सिस्टम्स विंग ने एक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर प्लेटफॉर्म स्थापित किया है। इलेक्ट्रॉनिक या मैनुअल आधार पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों के व्यक्तिगत मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के संग्रह और देखरेख की जिम्मेदारी अब इसी प्लेटफॉर्म के पास होगी।
 ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर देना अनिवार्य
गौरतलब है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने इस साल (यानि आकलन वर्ष 2014-15) से टैक्स रिटर्न भरने वालों के लिए अपना पर्सनल ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर देना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही रिटर्न भरते समय ही यह जांच कर ली जाएगी कि आवेदक ने अपना मोबाइल नंबर सही भरा है या नहीं।
 खाली नहीं छोड़ सकते कॉलम
विभाग ने साफ किया है कि आयकर रिटर्न के लिए आवेदन करते समय ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर का कालम खाली नहीं छोड़ा जा सकता। यदि किसी के पास अपना खुद का मोबाइल नंबर नहीं है तो वह अपने निकट संबंधी या विश्वसनीय व्यक्ति का मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी दे सकता है। एक ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर अधिकतम 10 अलग-अलग आवेदकों की प्राथमिक आईडी और मोबाइल नंबर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
 ओटीपी से होगी वैधता की जांच
दिए गए मोबाइल नंबर पर आवेदक को विभाग की ओर से भेजी जाने वाली सूचनाएं मिल रही हैं या नहीं, इसकी जांच के लिए विभाग उस नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजेगा, जिसके बिना ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
विभाग ने बताया है कि सभी आवेदकों की ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर का एक डाटाबेस तैयार किया जा रहा है जिससे करदाताओं को रियल टाइम सूचनाएं दी जा सकेंगी।  यह वैसा ही होगा जैसे एटीएम से पैसे निकालते ही आपके पास इसकी सूचना आ जाती है।
 दे सकते हैं दूसरा नंबर भी
एक बार पंजीकृत मोबाइल नंबर को बाद में बदला भी जा सकता है। आवेदक ज्यादा सुरक्षा के लिए प्राथमिक के अलावा दूसरा मोबाइल नंबर भी पंजीकृत करवा सकता है। दूसरे नंबर के तौर पर किसी नंबर को जितने आवेदक चाहें पंजीकृत करा सकते हैं।
यह भी बताया गया है कि दूसरे नंबर पर भी सभी सूचनाएं भेजी जाएंगी। इसका लाभ यह भी होगा कि एक फोन खो जाने या खराब हो जाने पर भी दूसरे नंबर पर सूचनाएं और ओटीपी प्राप्त किया जा सकेगा। नए प्रावधानों के तहत आवेदक को लॉग-इन पासवर्ड बदलने के लिए भी ओटीपी डालकर अपनी वैधता साबित करनी होगी। 
 

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