Wednesday, July 16, 2014

ई-टिकट पर भी वेटिंग में हो सकेगा सफर!

कोटा।  दिल्ली हाई कोर्ट ने रेल मंत्रालय से ई-टिकट और काउन्टर टिकट में वेटिंग का अंतर खत्म करने को कहा है। अभी काउन्टर से टिकट खरीदने वाले प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने की इजाजत दी जाती है जबकि प्रतीक्षा सूची के ई-टिकट धारियों को इसकी इजाजत नहीं दी जाती है। कोर्ट ने रेलवे को सलाह दी है कि जो ई-टिकट यात्री चाहते हैं उन्हें वेटिंग में ट्रेन में चढ़ने के लिए इजाजत दी जाए।
कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि काउन्टर से टिकट खरीदने वाले प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने की इजाजत दी जाती है भले ही उनका टिकट कन्फर्म नहीं हो जबकि प्रतीक्षा सूची का ई-टिकट अपने आप रद्द हो जाता है। अदालत ने कहा, 'हम रेलवे को निर्देश देते हैं कि वह आज से छह महीने के भीतर मामले पर विचार करे और अगर इस तरह की कोई बात है तो इस प्रचलन को रोकने का कोई तरीका निकाले।'
कोर्ट ने कहा कि दलाल व बेईमान तत्व अपने फायदे के लिए फर्जी नाम से आरक्षण कराकर सीटों को ब्लॉक करते हैं और उसके बाद पैसा देने के इच्छुक सही यात्रियों को भौतिक रुप में प्रतीक्षा सूची का टिकट उपलब्ध कराकर ट्रेन पर चढ़ने की इजाजत दिलाते हैं और फर्जी आरक्षण की सीटों को दखल करके रखते हैं। अदालत ने हालांकि दोनों वेटिंग टिकटों के बीच के अंतर को भेदभावपूर्ण नहीं बताया। कोर्ट ने इस समस्या का यह समाधान सुझाया कि मंत्रालय ई-टिकट खरीदने वालों को विकल्प प्रदान करे कि वे चुन सकें कि कन्फर्म नहीं होने की स्थिति में वे अपना टिकट रद्द कराना चाहते हैं या नहीं।

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