Sunday, November 30, 2014

जल्द ही कहीं भी, कभी भी और कोई भी बिल कर सकेंगे जमा

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा। जल्द ही एक ऐसा सिस्टम आने वाला है जिसकी मदद हर कोई किसी भी वक्त और किसी भी तरह का बिल पेमेंट कर सकेगा। अभी कुछ हद तक इस सुविधा का फायदा वही लोग उठा रहे हैं जो नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बहुत जल्द यह सुविधा सबके लिए होगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इस तरह के सिस्टम शुरू करने के लिए अंतिम दिशा-निर्देश शुक्रवार की देर शाम जारी कर दिए। इस सिस्टम को 'भारत बिल पेमेंट सिस्टम' (बीबीपीएस) का नाम दिया गया है। इसके जरिए उपभोक्ता स्कूल फीस से लेकर बिजली, पानी के बिलों का भुगतान एक ही स्थान पर कर सकेंगे। 
आरबीआई के गाइडलाइंस में कहा गया है, 'बीबीपीएस एक सिंगल बिल पेमेंट सिस्टम होगा। इस सिस्टम में एजेंटों, विभिन्न पेमेंट सिस्टम और पेमेंट संबंधी जानकारी प्राप्त होने का एक व्यापक नेटवर्क होगा, जिसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा।' इस तरह का नेटवर्क स्थापित करने के लिए आरबीआई द्वारा प्रवर्तित नैशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) को शीर्ष एजेंसी बनाया गया है। 
ध्यान रहे कि एनपीसीआई ने ही रुपे कार्ड जारी किया है। आरबाआई ने बीबीपीएस के तहत अथॉराइज्ड पेमेंट कलेक्शन एजेंट बनने के लिए 100 करोड़ रुपये की नेटवर्थ और घरेलू रजिस्ट्रेशन को जरूरी शर्त रखी है। 
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने सबसे पहले पिछले साल दूसरी तिमाही मौद्रिक नीति में इस तरह की एकीकृत भुगतान प्रणाली स्थापित किए जाने की मंशा जाहिर की थी। इसके बाद इसके बारे में तौर-तरीके सुझाने के लिए एक समिति गठित की गई। समिति की सिफारिशों के आधार पर 7 अगस्त को दिशा-निर्देशों का मसौदा जारी किया गया था। ये दिशा-निर्देश रिजर्व बैंक द्वारा भुगतान बैंकों और लघु वित्तीय बैंकों के बारे में अंतिम दिशा-निर्देश जारी किए जाने के एक दिन बाद ही जारी किए गए।

Saturday, November 29, 2014

चेक के पांच नए नियम,फ्रॉड से बचाएंगे आपको

कोटा।  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में चेक के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। इसका मकसद चेक से संबंधित धोखाधड़ी को रोकना है। आइये जानते हैं कि क्या हैं वे पांच नियम...
एसएमएस अलर्ट 
पहले जब डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन होने की स्थिति में ही एसएमएस अलर्ट आता था लेकिन अब नियम में बदलाव करके क्लियरिंग के लिए चेक आने के बाद दोनों पक्षों को एसएमएस अलर्ट करने के लिए कहा गया है। किसी चेक पर संदेह होने या ज्यादा रकम के चेक की स्थिति में बैंक दोनों पक्षों, चेक देने और लेने वाले को फोन कॉल करके पुष्टि करेगा। इसके अलावा खाता धारक का बैंक की जिस शाखा  में खाता है उससे भी संपर्क किया जाएगा।
2 लाख रुपए से अधिक के चेक के लिए बैंकों को यूवी लैम्प से चेक को जांचने का आदेश दिया गया है। पांच लाख रुपए से अधिक की राशि के लिए कई स्तरों पर चेक के जांच की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। नए खुले खातों में पैसा कैसे जमा किया जाता है और निकाला जाता है इस पर भी बैंकों को गहराई से निगरानी करनी है। बैंक में नया खाता खुलवाने पर ‘नो योर कस्टमर’ (केवाईसी) का फार्म अनिवार्य रूप से भरना पड़ता है। इसके अलावा बैंक को ग्राहक द्वारा प्रदत्त सूचना की पुष्टि भी करना अनिवार्य है।
चेक ट्रांजैक्शन सिस्टम-2010 
बैंकों से चेक के मामले में चेक ट्रांजैक्शन सिस्टम-2010 का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है। इस सिस्टम में चेक देने वाले का जिस शाखा में खाता है उस शाखा को चेक की इलेक्टॉनिक इमेज भेजी जाती है। इससे सत्यापन के लिए चेक को ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस तरह से धोखाधड़ी की गुंजाइश बहुत ही कम रह जाती है। कई बार ऐसा हुआ है कि असल चेक तो खाता धारक के पास ही रहा और धोखाधड़ी करने वाले ने उसी नंबर का चेक कैश करा लिया।

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देशी गाय के दूध में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा  भारत की देशी गायों में दूध की पौष्टिकता के कारण विदेशों में इनकी बहुत मांग
है। खास तौर से अफ्रीकी देशों में। वहां पर इन गायों की एक नई नस्ल तैयार कर इसका नाम दिया है गिरांडा । यूरोपीय देशों में भी मांग है, लेकिन यहां का पशुधन वहां की जलवायु में सुरक्षित नहीं है। इसलिए अभी तक अफ्रीकी देशों में ही इन पर प्रयोग किया जाता रहा है।
पुणे की एबीएस कंपनी में वेटनरी डॉक्टर राहुल गुप्ता ने भास्कर से बातचीत में बताया कि गिर नस्ल की देशी गायों में दूध की पौष्टिकता को विदेशियों ने भी स्वीकार किया है। न्यूजीलैंड की लिंकन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर केइथ वुडफोर्ड ने अपनी पुस्तक डेविल इन द मिल्क पुस्तक में 100 से अधिक शोध के आधार पर ए-1 एवं ए-2 कंपोनेंट में अंतर स्पष्ट किया है। विदेशी हॉलिस्टन नस्ल की गायों में ए-1 कंपोनेंट होता है। जिससे डायबिटीज एवं हार्ट संबंधी डिजीज की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि कि भारत की गिर नस्ल की गायों के दूध में ए-2 कंपोनेंट होता है। यह एक प्रकार का प्रोटीन होता है। जिससे व्यक्ति के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। इसे लेकर न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया एवं यूरोप के कई हिस्सों में काफी बहस हो चुकी है।
डॉ गुप्ता ने बताया कि देश में हमारे पास बहुत अच्छी नस्ल की गायें हैं, लेकिन उनका कोई अध्ययन रिकार्ड विदेशों की तरह देश में नहीं रखा जाता है। यही वजह है कि हम हमारे पशुधन की कद्र नहीं करते हैं। दूध निकालने के बाद लोग उन्हें सड़क पर मरने के लिए छोड़ देते हैं। वहीं विदेशों में इसकी इतनी मांग है कि वह यहां से अपने यहां की पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए यहां की देशी गायों के सीमन पर प्रयोग कर एक नई नस्ल गिरांडो तैयार कर ली है। वर्तमान में ब्राजील इसका सीमन निर्यात कर दुनिया में नंबर वन स्थिति में पहुंच गया है।
क्या है ए-2
शोध में पाया गया है कि यह एक प्रकार का प्रोटीन है। जो देशी गायों के दूध में पाया जाता है। इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। देशी गाय के दूध से पंचगव्य चिकित्सा पद्धति के माध्यम से 90 प्रतिशत बीमारियों को खत्म किया जा सकता है।

Thursday, November 27, 2014

महज 30 सेकेंड में चार्ज करें कोई भी मोबाइल फोन

कोटा। इस्राइली कंपनी स्टोरडॉट ने कुछ समय पहले माइक्रोसॉफ्ट की थिंक नेक्स्‍ट बातचीत के दौरान एक बैटरी चार्जिंग प्रोटोटाइप पेश किया था। इसके जरिए कंपनी ने सैमसंग गैलेक्सी एस4 स्मार्टफोन को 30 सेकंड में पूरी तरह चार्ज करके दिखाया है। उम्मीद की जा रही है कि यह बैटरी से चलने वाले छोटे इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की दुनिया बदल सकती है।
कंपनी ने दावा किया है कि उसने एक ऐसी तकनीक तैयार कर ली है जिससे किसी भी मोबाइल फोन को सेकंडों में चार्ज किया जा सकता है। इस टेक्नोलॉजी से कार बैटरी मिनटों में चार्ज हो सकती है।
स्टोरडॉट ने नैनो डॉट के जरिए ये बैटरी बनाई है। ये डॉट दरअसल एक तरह के जैविक पेप्टाइड अणुओं से बने हैं जो इलेक्ट्रोड की चार्जिंग क्षमता को बढ़ा देते हैं। इसी कारण से घंटों में चार्ज होने वाली बैटरी कुछ सेकंड में चार्ज हो जा रही है। फिलहाल इस टेक्नोलॉजी से तैयारी बैटरी का आकार बड़ा है। इसे मोबाइल फोन में फिट नहीं किया जा सकता है लेकिन कंपनी इस पर भी काम कर रही है और 2016 तक ऐसी बैटरी बन जाएगी जो मोबाइल फोन जैसे छोटे उपकरणों में लग जा सकेंगे और महज 30 सेकेंड में चार्ज हो जाएंगे।
यहां आप खुदा स्टोरडॉट को डेमो देख सकते हैं। इस वीडियो में सैमसंग गैलेक्सी एस4 को 30 सेकंड में चार्ज करके दिखाया गया है।

Wednesday, November 26, 2014

डिजिटल प्रमाण देगा जिन्दा होने का सबूत

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा।  पेंशनभोगियों को अब हर साल नवंबर में सरकारी दफ्तर में हाजिर होकर खुद के जिंदा होने का सुबूत देने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने "आधार" पर आधारित डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट "जीवन प्रमाण" की सुविधा शुरू की है, जिसके जरिये पेंशनभोगी अपने घर बैठे ही यह प्रमाण दे सकेगा।
डिजिटल प्रमाणन से खत्म होगी परेशानी
"जीवन प्रमाण" की सुविधा शुरू करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतः-प्रमाणन का रास्ता साफ करने के बाद यह डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट एक और सक्षम एवं कारगर व्यवस्था है, जिससे आम आदमी लाभान्वित होगा। प्रस्तावित डिजिटल प्रमाणन से पेंशनभोगियों के लिए वह अनिवार्यता खत्म हो जाएगी जिसके तहत उन्हें हर वर्ष नवंबर में खुद जाकर लाइफ सर्टिफिकेट पेश करना पड़ता है, ताकि उनके खाते में पेंशन राशि आती रहे।
ऐसे होगा जिंदा होने का सत्यापन
"जीवन प्रमाण" के लिए सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन का विकास इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी विभाग ने किया है। इस सॉफ्टवेयर में एक बॉयोमीट्रिक रीडिंग डिवाइस लगाई जाएगी और फिर इसकी मदद से पेंशनभोगी के "आधार" नंबर एवं बॉयोमीट्रिक ब्योरे को उसके मोबाइल अथवा कंप्यूटर से दर्ज किया जा सकेगा।पेंशनभोगियों से जुड़े महत्वपूर्ण विवरण को वास्तविक समय में एक केंद्रीय डाटाबेस पर अपलोड किया जाएगा, जिसमें तारीख, समय और बॉयोमीट्रिक सूचनाएं शामिल होंगी। इस व्यवस्था से पेंशन वितरण करने वाली एजेंसी के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट हासिल करना संभव हो जाएगा। इस प्रक्रिया से इस बात की पुष्टि हो जाएगी कि सत्यापन के समय पेंशनभोगी जिंदा था।
पहले खुद होना पड़ता था पेश
इससे पहले पेंशनभोगियों को अनिवार्य रूप से व्यक्तिगत रूप में पेंशन वितरण करने वाली एजेंसी के समक्ष खुद पेश होना पड़ता था या केंद्रीय पेंशन लेखांकन कार्यालय (सीपीएओ) से निर्दिष्ट किए गए प्राधिकरणों की ओर से जारी लाइफ सर्टिफिकेट पेश करना पड़ता था।
स्मार्ट फोन से भी एप्लीकेशन प्रणाली का संचालन संभव
सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन प्रणाली पेंशनभोगियों एवं अन्य पक्षों को बड़े पैमाने पर किसी अतिरिक्त खर्च के बगैर ही उपलब्ध कराई जाएगी। सस्ती बायोमीट्रिक रीडिंग डिवाइस के साथ इसका संचालन पर्सनल कंप्यूटर अथवा स्मार्टफोन पर किया जा सकता है। राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत संचालित किए जा रहे कॉमन सर्विस सेंटर पर भी यह सुविधा सुलभ कराई जाएगी, ताकि दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले पेंशनभोगी इससे लाभान्वित हो सकें।

खत्म होगा बैंक ड्राफ्ट, पोस्टल आर्डर बनवाने का झंझट

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा।  पासपोर्ट और सरकारी नौकरियों के आवेदन से लेकर अन्य सरकारी सेवाओं के भुगतान के लिए अब आपको बैंक ड्राफ्ट या पोस्टल आर्डर बनवाने का झंझट नहीं रहेगा। सरकार ने इस तरह के सभी भुगतानों के लिए एक ई पेमेंट का पोर्टल तैयार किया है। इसके पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत अगले महीने वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे।
यह पोर्टल भारत के लेखा महानियंत्रक (सीजीए) कार्यालय ने तैयार किया है। फिलहाल इस पोर्टल का ट्रायल चल रहा है। खुद सीजीए जवाहर ठाकुर का कहना है कि इस व्यवस्था से सुदूर इलाकों में रहने वाले सरकारी नौकरी के इच्छुक युवाओं को मदद मिलेगी। अभी आवेदन के साथ जमा होने वाली फीस के लिए पोस्टल आर्डर जुटाने के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ता है क्योंकि छोटे शहरों में अधिकांश डाकघरों में जरूरत के मुताबिक पोस्टल आर्डर नहीं मिलते।
दो बड़े, दो छोटे मंत्रालयों के साथ शुरुआत
नए पोर्टल में भारतीय स्टेट बैंक को साझीदार बनाया गया है, लेकिन बाद में इसमें अन्य सरकारी बैंकों को भी जोड़ने की योजना है। तीन माह पायलट प्रोजेक्ट चलाने के बाद सरकार की योजना इस पोर्टल को पूर्ण रूप से पहली अप्रैल 2015 से लांच करने की है। इस पोर्टल के जरिये शुरू में पासपोर्ट फीस जैसी सरकारी सेवाओं के भुगतान के साथ-साथ सरकारी नौकरियों की परीक्षा में आवेदन फीस दी जा सकेगी। ठाकुर के मुताबिक शुरुआत में दो बड़े मंत्रालयों और दो छोटे मंत्रालयों को इस पोर्टल के साथ जोड़ा जा रहा है।
भुगतान के दो विकल्प
पोर्टल में भुगतान के दो विकल्प होंगे। पहला, जिसमें आप किसी भी आवेदन से पूर्व ही भुगतान कर सकेंगे। ऐसे में आपको एक पावती (एकनॉलिजमेंट) संख्या मिलेगी जिसका उल्लेख उक्त आवेदन करने पर किया जा सकेगा। दूसरे विकल्प के तहत जब आप कोई ऑनलाइन आवेदन करेंगे तो भुगतान के लिए वेबसाइट इस पोर्टल पर खुद ब खुद ले जाएगी। अभी अलग-अलग सेवाओं के लिए अलग-अलग पेमेंट पोर्टल हैं। लेकिन नया पोर्टल जब पूरी तरह काम करने लगेगा तो सभी सरकारी सेवाओं के लिए भुगतान इसी के जरिए होंगे।
दोहरा फायदा
इस पोर्टल का एक लाभ तो यह होगा कि सभी सरकारी सेवाओं के भुगतान एक ही स्थान से होगा। दूसरे सरकारी सेवाओं के जरिए आने वाले राजस्व पर भी निगरानी रखना आसान होगा। इस तरह का राजस्व गैर कर राजस्व का हिस्सा होता है। एक अनुमान के मुताबिक इन सेवाओं से करीब चार लाख करोड़ रुपये का राजस्व सरकार को मिलता है।

Tuesday, November 25, 2014

दिसंबर से पीएफ विदड्रॉल क्लेम ऑनलाइन

दिनेश  माहेश्वरी 
कोटा।  कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पीएफ निकासी क्लेम ऑनलाइन फाइल करने की सुविधा दिसंबर में शुरू कर देगा। इससे क्लेम के निपटारों में तेजी आएगी और देश भर के 5 करोड़ से अधिक अंशधारकों को लाभ मिलेगा। कोटा में करीब चार लाख पीएफ धारक हैं। 
अभी पीएफ क्लेम के निपटारे के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध नहीं है। अंशधारकों को नौकरी छोड़ने या रिटायरमेंट के बाद मैन्युअली पीएफ क्लेम फाइल करना होता है। इस प्रकार के क्लेम्स के ऑनलाइन आवदेन की सुविधा हासिल हो जाने के बाद ईपीएफओ 3 दिनों के अंदर ऐसे दावों का निपटारा कर देगा। उन सभी अंशधारकों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा जिनका पीएफ और बैंक अकाउंट आधार नंबर से जुड़ा है। आधार नंबर से अकाउंट को जुड़े होने से किसी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना बहुत ही कम होगी।
एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि कभी-कभी मैन्युअल फार्म भरते समय कई कारणों से पीएफ निकासी के दावे के निपटारे में निर्धारित 30 दिनों से भी अधिक का समय लग जाता है। उन्होंने बताया, 'ऑनलाइन सुविधा के चालू हो जाने के बाद ईपीएफओ पीएफ निकासी और ट्रांसफर समेत सभी प्रकार के दावों का निपटारा आवेदन फाइल करने के 3 दिनों के अंदर निपटारा कर देगा। ईपीएफओ ने इस वित्त वर्ष के अंत तक 20-30 प्रतिशत ऑनलाइन पीएफ दावों के निपटारे की योजना बनाई है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान ईपीएफओ ने कुल 1.21 करोड़ दावों का निपटारा किया था जिनमें दस लाख से अधिक पीएफ ट्रांसफर के मामले भी शामिल हैं। ईपीएफओ ने इस साल 4 करोड़ से अधिक यूनिवर्सल पीएफ अकाउंट नंबर जारी किया है जिसको आधार नंबर और बैंक अकाउंट से जोड़ा जा रहा है। यूएएन के कारण अंशधारकों को उम्रभर एक ही पीएफ अकाउंट रखने की सहूलत मिलेगी। अलग-अलग कंपनियों के साथ काम करते हुए भी उनको अपना पीएफ अकाउंट नहीं बदलना पड़ेगा।

Monday, November 24, 2014

घरों की ऑनलाइन सर्च का ट्रेंड तेज

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा। अब तक कपड़े,जूते,मोबाइल,टीवी जैसे सामान खरीदने वाले लोग अब अपने सपनों के घर को भी ऑनलाइन सर्च कर रहे हैं। ऑनलाइन की इस दौड़ में प्रॉपर्टी मार्केट अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। विदेशों में बैठकर भी लोग ऑनलाइन माध्यम से अपने पसंद की लोकेशन ढूंढ रहे हैं। लोगों की रुचि बढ़ने से बिल्डर भी अब ऑनलाइन मार्केटिंग पर खासा ध्यान दे रहे हैं। इस दिशा में कई ऑनलाइन वेबसाइट भी काम कर रही हैं। ऐसे में लोग आसानी से घर बैठे अपने मनपसंद घरों की तलाश कर रहे हैं।
ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कत यह है कि कई बार इसकी सत्यता की जानकारी लेना आसान नहीं है। प्रॉजेक्ट की साइट से दूर घर बैठकर केवल कंप्यूटर स्क्रीन पर जानकारी लेने से पूरा मामला हल नहीं हो सकता। ऐसे में,ऑनलाइन माध्यम को हिट कराने के लिए बिल्डरों को इस चुनौती का सामना तो करना है।
कोई भी व्यक्ति काफी दौड़-भाग और तमाम जांच परख के बाद ही घर खरीदता है। खास बात तो यह है कि प्रॉपर्टी के सौदे की रकम ज्यादा होने की वजह से इसमें रिस्क ज्यादा रहता है, इस कारण कोई भी व्यक्ति ऐसी जोखिम उठाना नहीं चाहता है।
रेग्युलेटरी मददगार साबित होगा
इस दिशा में रियल इस्टेट रेग्युलेटरी काफी मददगार साबित होगा। रेग्युलेटरी लागू हो जाने के बाद लोग ऑनलाइन ही प्रॉजेक्ट की अप्रूवल संबंधी जानकारी हासिल कर सकेंगे। इससे लोगों को घरों के पेपर-वर्क जांचने में दिक्कत पेश नहीं आएगी।

बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी जल्द होगी फोन बैंकिंग

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा।   बैंकिंग की दुनिया बदलने जा रही है। अब बिना इंटरनेट कनेक्शन के बेसिक हैंडसेट से कस्टमर्स अपने बैंक से सभी लेन-देन जल्द ही कर पाएंगे। टेलीकॉम रेगुलेटर इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों को मोबाइल पेमेंट कंपनियों की मदद करने के लिए कहेगा। कई टेलीकॉम कंपनियां कुछ साल से इसका विरोध करती आई हैं।
टेलीकॉम कंपनियां इसमें लोकल और इंटरनेशनल पेमेंट कंपनियों की मदद कर सकती हैं। इनमें वीजा की एसोसिएट कंपनी भी शामिल है जो रेगुलेटर और सरकार से टेलीकॉम कंपनियों के अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंटरी सर्विस डेटा (यूएसएसडी) चैनल के इस्तेमाल की मंजूरी मांग रही है। यूएसएसडी सिंपल टेक्स्ट मेसेजिंग सिस्टम है जिसका यूज करके मोबाइल फोन सब्सक्राइबर्स फंड ट्रांसफर, बैंक खाते में पड़ी रकम की जानकारी, बिल पेमेंट, चेक कैंसल, चेकबुक रिक्वेस्ट और एकाउंट स्टेटमेंट हासिल करने जैसे काम कर सकते हैं। यहां तक कि बुक और म्यूजिक की शॉपिंग भी डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिये की जा सकती है। इस सिस्टम के तहत 2जी या 3जी कनेक्टिविटी या किसी स्मार्टफोन के बगैर कस्टमर्स *67# या टेलीकॉम कंपनियों की ओर से दिए गए किसी खास नंबर को टाइप करके बैंक से 'बात' कर सकते हैं।
पिछले हफ्ते हुई मीटिंग में मोविडा के एग्जिक्यूटिव्स ने टेलीकॉम कंपनियों से यूएसएसडी कोड हासिल करने में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की मदद मांगी थी। मोविडा में वीजा और ब्रिटेन की कंपनी मॉनिटाइज की बराबर की हिस्सेदारी है। करीब डेढ़ महीने पहले मोविडा ने यूएसएसडी कोड के लिए ट्राई को लेटर लिखा था। इससे पहले टेलीकॉम कंपनियों ने हील-हुज्जत के बाद सरकारी पेमेंट गेटवे, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के साथ अपना इंफ्रास्ट्रक्चर साझा करने की सहमति दी थी।
मोदी सरकार के फाइनेंशियल इनक्लूजन प्रोग्राम में एनपीसीआई का अहम रोल है। वीजा और मास्टरकार्ड जैसी कंपनियों का मानना है कि सरकार को पेमेंट कंपनियों को बराबरी का मौका दिलाना चाहिए। उनके मुताबिक, यूएसएसडी कोड सिर्फ एनपीसीआई जैसी एक एंटिटी को नहीं मिलना चाहिए। हालांकि मास्टरकार्ड ने अब तक इस मामले में सरकार से संपर्क नहीं किया है।
इस मामले में बातचीत से वाकिफ एक अन्य सूत्र ने कहा, 'ट्राई ने मोविडा को भरोसा दिलाया है कि वह टेलीकॉम कंपनियों से यूएसएसडी कोड मांगेगा। वह इसके लिए डेडलाइन भी तय करेगा। हालांकि इस तरह की सर्विस के लिए मोबाइल पेमेंट कंपनियों को किसी बैंक से ऑथराइजेशन हासिल करना होगा।'

वॉट्सऐप अकाउंट हैक कर युवती को लगाया 50 हजार का चूना

कोटा। अब तक आपने ई-मेल, क्रेडिट-डेबिट कार्ड या बैंक अकाउंट हैक कर लोगों को चूना लगाने की कई घटनाएं सुनी होंगी, लेकिन इस बार वॉट्सऐप अकाउंट हैक कर एक युवती को 50 हजार की चपत लगाने का नया मामला कोटा शहर में सामने आया है। पुलिस अज्ञात हैकर की तलाश कर रही है।
 बैंक में कार्यरत 23 वर्षीया पल्लवी तिर्लोटकर के वॉट्सऐप अकाउंट पर पिछले बुधवार को उसकी सहकर्मी निशा पटेल के वॉट्सऐप से मेसेज आया कि वह बहुत परेशानी में फंसी हुई है। निशा के अकाउंट से मेसेज भेजने वाले हैकर ने बतौर निशा पल्लवी को बताया की वह फोन पर बात नहीं कर सकती, सिर्फ चैट कर परेशानी बयान कर सकती है। चैट करते हुए उसने पल्लवी को बताया कि एक लड़के ने उसकी कुछ अश्लील फोटो ली हैं और अब उसे ब्लैकमेल कर रहा है। हैकर ने पल्लवी से आर्थिक मदद मांगी और बताया कि ब्लैकमेलर लड़के ने उसे गुरुवार को सिटी मॉल परिसर में बुलाया है।
निशा बने चैट करने वाले हैकर ने पल्लवी से गुरुवार की सुबह वहां आने को कहा। जैसे ही वह वहां  पहुंची तो उसके  पास साहिल नामक एक लड़का आया और उसने उसे बताया की निशा बहुत मुशीबत में है और निशा ने ही उसे पल्लवी से रुपये लेने के लिए भेजा है। पल्लवी ने साहिल को बताया कि उसके पास रुपये नहीं है, पर उसने अपने गले से 50 हजार मूल्य की सोने की चेन निकाल कर साहिल को दे दी। परेशान पल्लवी ने बाद में निशा को फोन किया और उसके वहां पहुंचने के बारे में पूछा, तो निशा हैरान रह गई।

सौर ऊर्जा पैनल लगाने का खर्च भी होम लोन में शामिल होगा

कोटा।  होम लोन अब बिजली की किल्लत भी दूर करेगा। मोदी सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है, जिससे मकान बनाने के साथ साथ घरों की छत पर सौर ऊर्जा पैनल लगाने का खर्च भी होम लोन में शामिल हो जाए।
सरकार ने इस बारे में सभी बैंकों को होम लोन में इस तरह के प्रस्तावों को प्रोत्साहन देने को कहा है। ऊर्जा क्षेत्र के लिए सरकार की वृहद योजना के तहत सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देना भी शामिल है।
सरकार इसके लिए जल्द ही विस्तृत दिशानिर्देश भी जारी करने की तैयारी कर रही है। फिलहाल घरों के ऊपर लगाए जाने वाले सौर ऊर्जा पैनल के लिए कई राज्यों में सब्सिडी दी जाती है।
केंद्र के स्तर पर सौर ऊर्जा पैनल के लिए व्यक्तिगत स्तर पर फिलहाल सब्सिडी देने का प्रावधान नहीं है। लेकिन केंद्र सरकार ऊर्जा के नए स्नोतों को प्रोत्साहन देने के अन्य विकल्पों का इस्तेमाल करने पर जोर दे रही है।सरकार ने सौर ऊर्जा के लिए अपने लक्ष्य को भी नए सिरे से तय किया है। इसमें 2019 तक पांच गुना वृद्धि करके 15 गीगावॉट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
इसी क्रम में वित्त मंत्रलय ने घरों में पर लगाए जा सकने वाले सौर ऊर्जा पैनल की लागत को होम लोन में शामिल करने का फैसला किया है। वित्त मंत्रलय के वित्तीय सेवा विभाग ने सभी बैंकों को एक पत्र लिखकर होम लोन लेने वाले ग्राहकों को इसके लिए प्रोत्साहित करने को कहा है।
इसके अतिरिक्त पहले से बनाए गए घरों में यदि कोई सौर ऊर्जा पैनल लगाना चाहता है तो उसकी लागत को भी रिफर्निशिंग होम लोन में शामिल करने का निर्देश वित्त मंत्रालय  ने बैंकों को दिया है।
वित्त मंत्रलय के मुताबिक केवल सौर ऊर्जा पैनल की लागत ही होम लोन में शामिल नहीं होगी, बल्कि उसकी वायरिंग, फिटिंग आदि पर आने वाले खर्चे को भी इस कर्ज में शामिल किया जा सकेगा। देश के बैंकों से इस साल सितंबर तक 3,182 अरब रुपये के आवास कर्ज दिए जा चुके हैं।

Sunday, November 23, 2014

आरटीआई अब आपके मोबाइल में, आ गया ऐप

कोटा। साल 2005 में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून लागू हुआ था जिससे आम आदमी को भ्रष्टाचार से लड़ने में काफी मदद मिली। यह एक ऐसा सशक्त हथियार है जिसके जरिए सरकारी महकमों के कामकाज की सारी हकीकत सामने आ जाती है।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको एक आवेदन फार्म भरने की जरूरत होती है। ‌इसके लिए थोड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी, लेकिन अब इस काम को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गुरुपित सिंह टुटेजा ने और भी आसान बना दिया है। जाकिर हुसैन कॉलेज के सहायक प्रोफेसर ने एंड्रॉयड यूजर्स के लिए 'आरटीआई गुरू' (RTI Guru) नाम से एक एप्लिकेशन तैयार की है। इसके जरिए आप आरटीआई दाखिल करने की पूरी प्रक्रिया स्मार्टफोन के आसानी के साथ कर सकते हैं।
10 जरूरी शार्टकट्स जानिए, काम होगा फटाफट
यहां हिंदी और अंग्रेजी दोनों तरह के ऑनलाइन फार्म की सुविधा दी गई है। आवदेन करने के बाद यूजर्स आरटीआई गुरू के जरिए आवेदन प्रक्रिया को ट्रेक भी कर सकते हैं।इस ऐप में आरटीआई मैनेजर नाम से एक खास फीचर दिया गया है, जिसके जरिए यूजर्स अपनी आरटीआई से संबंधित जानकारी को सुरक्षित भी कर सकते हैं। यह ऐप सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून 2005 की जानकारी के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण वेबसाइट्स की भी जानकारी देने का काम करती है।

Thursday, November 20, 2014

ऑफिस में फेसबुक इस्तेमाल करने के लिए फेसबुक ऑफिस वर्जन

कोटा। क्या आप ऑफिस के दौरान फेसबुक का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं? फेसबुक ने इसका हल खोज निकाला है। ऑफिस में इस्तेमाल के लिए कंपनी फेसबुक का नया ऑफिस वर्जन तैयार कर रही है।
फेसबुक का नया ऑफिस वर्जन प्रोफेशनल साइट लिंक्डइन की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। फाइनैंशल टाइम्स की रिपोर्ट के बाद यह खबर सामने आई है।
के मुताबिक फेसबुक गुप्‍त तरीके से एक नई वेबसाइट तैयार रहा है, जिसका नाम 'फेसबुक ऐट वर्क' (Facebook at Work') है। इस वेबसाइट पर यूजर अपने ऑफिस के सहकर्मियों से चैट कर सकेंगे, प्रोफेशनल कॉन्टेक्ट से जुड़े रह सकेंगे और किसी डॉक्युमेंट्स पर मिलकर काम कर सकेंगे।
फेसबुक ने पिछले महीने बताया था कि उसका तिमाही मुनाफा करीब दोगुना होकर 802 मिलियन डॉलर (करीब 4900 करोड़ रुपए) हो चुका है।
मार्क जकरबर्ग ने उस वक्त कहा था, 'हम भविष्य की तैयारी के लिए भारी निवेश करने वाले हैं ताकि हर किसी को जोड़ा जा सके, दुनिया को समझा जा सके और नई पीढ़ी के कंप्यूटिंग प्लैटफॉर्म्स बनाए जा सकें। हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है।'

Wednesday, November 19, 2014

अधिक काम के भार के साथ कैसे चलें?

कोटा। आधुनिक समय प्रतिस्पर्धाओं से भरा है, साथ ही हमारे जीवन का हर मिनट महत्तवपूर्ण है। ऐसे में दुनिया में वही लोग कामियाब होते हैं जो अपने कार्य और सामान्य जीवन के बीच संतुलन पैदा करना सीख लें। इसके लिए हमारे जीवन को प्रभावित करने वाली विभिन्न चीजों की सीमाओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना आवश्यक है। तब जाकर ही संतुलन कायम किया जा सकता है। आपकी जानकारी के लिए हम बता रहे हैं जीवन में संतुलन पैदा करने के पांच तरीके।इंफिबीम में प्लानिंग ऐंड स्ट्रेटजी, वाइस प्रेजिडेंट मनु मिधा ने कहा, यह जानिए कि कब काम खत्म करना है। अपने कार्यस्थल पर या निजी जिंदगी में अधिक जिम्मेदारियों का बोझ नहीं लें। इसी तरह से कार्यस्थल पर वह डेडलाइन तय नहीं करें जिसको पूरा करना काफी मुश्किल हो। इससे आप खुद को घिरा हुआ महसूस करेंगे और आपको अपने परिवार, दोस्तों और खुद के लिए समय नहीं मिल सकेगा। 
अधिक भार को अपनी जीवनशैली का हिस्सा मत बनाइये।अपने घर से कदम बाहर निकालने से पहले, दिनभर की योजना बनाएं। इससे आपको महत्तवपूर्ण और उतने महत्तवपूर्ण नहीं कार्यों के बीच प्राथमिकता तय करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा दिन की योजना बनाते समय स्वास्थ विशेषकर खान-पान और एक्सरसाइज को भी शामिल करें। अगर कार्यस्थल पर कुछ काम को अगले दिन के लिए छोड़ा जा सकता है तो इस बारे में अपने मैनेजर से बात करें। कुछ ऐसे काम को करने की बजाए सीनियर के मशविरे से कल के लिए छोड़ना अच्छा है जिसे बाद में अंजाम दिया जा सकता है।एक्सरसाइज से काम तक, अपनी सभी गतिविधियों के बीच गैप दें। कार्यस्थल पर नियमित रूप से बीच-बीच में पानी पियें। इससे आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सकेगा और थोड़ी दूर तक टहलें।काम के बोझ से राहत के लिए अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर समय बिताएं। काम के बारे में अपने परिवार से बात नहीं करें। परिवार ऊर्जा का भारी स्त्रोत है, इसलिए यहां से अधिकतम ऊर्जा हासिल करें।पीयरसन इंडिया में ह्यूमैन रिसोर्सेज की वाइस प्रेजिडेंट श्वेता तांगरी ने बताया, मोबाइल टेक्नॉलजी के जरिए हम 24 घंटे दुनिया से जुड़े रहते हैं। जहां एक ओर यह हमें दुनिया से हर समय कनेक्ट रहने की सुविधा देती है वहीं यह परिवार को देने वाले समय में भी हस्तक्षेप करती है जिसके परिणामस्वरूप चिड़चिड़ापन का माहौल पैदा हो सकता है।

Monday, November 17, 2014

आज पूछिए फेसबुक से कोई भी सवाल, मार्क जकरबर्ग देंगे जवाब

कोटा। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक को लेकर अगर आपके मन ‌में कोई सवाल है तो आज उस सवाल का जवाब आपको फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्ग खुद दे सकते हैं। 
मार्क जकरबर्ग में फेसबुक पेज पर बताया है कि वे आज 2 बजे पहली बार जनता के सवालों का जवाब देने के लिए हाजिर होंगे।
whatsApp में मिलाएं थोड़ा मस्का और फिर देखें कमाल
जकरबर्ग अपने प्रशसकों को लाइव स्‍ट्रीमिंग के जरिए सवालों के जवाब देंगे। फेसबुक के Q&A with Mark पेज पर जाकर आप भी इस सवाल-जवाब की प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं जहां फेसबुक यूजर अपना सवाल पूछेंगे अगर आपका किसी सवाल को पसंद करते हैं तो इसको लाइक के जरिए वोट भी कर सकते हैं।
फेसबुक पेज Q&A with Mark

ऐसे कहें अपने प्रिय को थैंक्स

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक का मकसद दुनिया भर के लोगों को कनेक्ट करना है, जिससे लोग अपने परिवार और दोस्तों से हमेशा संपर्क हों।
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने पोस्ट और मैसेज के अलावा एक दिलचस्प फीचर 'Say Thanks' शुरू किया जिसकी मदद से यूजर्स अपने दोस्तों के लिए पर्सनल वीडियोकार्ड बना सकेंगे।
फेसबुक ने एक ब्लाग पोस्ट में कहा है फेसबुक यूजर्स अब अपने दोस्तों, रिश्तेदारों या सहकर्मियों के लिए जितने चाहें पर्सनलाइजड वीडियो बना सकते हैं।
www.facebook.com/thanks पर लॉगइन करें या फेसबुक लॉगइन होकर facebook.com/thanks पेज पर जाएं।
'से थैंक्स' वीडियो बनाने के लिए यूजर्स को एक दोस्त चुनना होगा और वीडियो बन जाएगा। उसके बाद फोटो एडिट करें और प्रिव्यू देखें। यहां आप 45 सेकेंड 'से थैंक्स' वीडियो आसानी से बना और फेसबुक शेयर भी कर सकते हैं।

Saturday, November 15, 2014

पर्स से ही हो जाएगा आपका मोबाइल चार्ज

कोटा। जरूरत के वक्‍त पर मोबाइल फोन की बैटरी डिस्चार्ज हो जाए, तो परेशान होने की जरूरत नहीं हैं, क्योंकि अब अपने पर्स की मदद से भी बैटरी चार्ज कर सकते हैं।
लेदर से बने एक ऐसे पर्स की चर्चा जोरों पर है, जिसमें छिपी बैटरी और माइक्रो यूएसबी पोर्ट का इस्तेमाल टैबलेट और मोबाइल चार्जिंग के लिए कर सकते हैं।
इस पर्स का डिजाइन ऐसा है कि आप इसमें पहले की तरह अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड्स और सिक्के आसानी से रख सकते हैं। इस पर्स को इटली की सेफियानो लेदर्स ने बनाया है। रेगुलर साइज के इस वॉलेट को आसानी से पॉकेट में रख सकते हैं। इसमें 3000 एमएएच की बैटरी लगी है, जो किसी स्मार्टफोन को आसानी से चार्ज कर सकती है। आमतौर पर फोन के मॉडल्स और उनके आकार के आधार पर चार्जिंग में लगने वाला वक्त अलग-अलग होता है। उदाहरण के लिए अगर पूरी तरह डिस्चार्ज हो चुके आईफोन-6 को चार्ज करना हो, तो करीब दो से ढाई घंटे का वक्त लग सकता है।

Thursday, November 13, 2014

JOB FOR ONLY YOU

सिंडिकेट बैंक
पद: प्रोबेशनरी ऑफिसर
पदों की संख्या: 400
क्वालिफिकेशन: ग्रेजुएशन
आयु सीमा: 20-30 वर्ष
अंतिम तिथि: 18 नवंबर, 2014
www.syndicatebank.in
यूपीएससी
पद: स्टेटिस्टिकल ऑफिसर्स, जूनियर साइंटिफिक ऑफिसर्स, असिस्टेंट प्रोफेसर, असिस्टेंट डायरेक्टर आदि
पदों की संख्या: 81, क्वालिफिकेशन: पदों के अनुसार
आयु सीमा: पदों के अनुसार
अंतिम तिथि: 27 नवंबर, 2014
www.upsconline.nic.in
दिल्ली यूनिवर्सिटी
पद: प्रोफेशनल असिस्टेंट, सेमी प्रोफेशनल असिस्टेंट
पदों की संख्या: 45
क्वालिफिकेशन: मास्टर डिग्री आदि
आयु सीमा: अधिकतम 35 वर्ष
अंतिम तिथि: 17 नवंबर, 2014
University Librarian Office, Central Library, University of Delhi, Delhi-110007
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लि.
पद: जूनियर इंजीनियर असिस्टेंट-4, जूनियर क्वालिटी कंट्रोल एनालिस्ट-4 आदि
पदों की संख्या: 77
क्वालिफिकेशन: बीएससी, डिप्लोमा आदि
आयु सीमा: 18-26 वर्ष
अंतिम तिथि: 01 दिसंबर, 2014
www.paradiprefinery.in
हैदराबाद सिटी पुलिस
पद: होम गार्ड (पुरुष), टेक्निकल (ड्राइवर्स)
पदों की संख्या: 150
क्वालिफिकेशन: 7वीं पास
आयु सीमा: 18-50 वर्ष
अंतिम तिथि: 22 नवंबर, 2014
www.hyderabadpolice.gov.in

जानिए इंटरनेट पर कमाई के ठिकाने, हो जाइए मालामाल

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा। अगर आप पढ़ने-लिखने के शौकीन हैं, तो आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट के जरिए अच्छी कमाई कर सकते हैं। लेकिन कमाई के लिए केवल ब्लॉग या साइट बनाना ही काफी नहीं है। कंटेंट, ब्लॉग पर विज्ञापनों का स्थान, सर्च इंजिन प्रमोशन और ब्लॉग के पाठकों की तादाद जैसी चीजें ब्लॉग से होने वाली अर्निंग पर असर डालती हैं। ब्लॉग के जरिए कमाई करने का सबसे बड़ा माध्यम विज्ञापन हैं। गूगल ऐडसेंस, बिड्वर्टाइजर, ऐडब्रिट और रेवेन्यूपाइलट जैसी कई ऑनलाइन सेवाएं हैं, जो ब्लॉग पर विज्ञापन देती हैं।
इनमें से गूगल की ‘ऐडसेंस’ सबसे पॉपुलर ऐड सेवा है। इन सेवाओं के विज्ञापन अपने ब्लॉग पर लगाने के लिए पहले इनका सदस्य बनना अनिवार्य है। ऐसी ज्यादातर सेवाओं की सदस्यता मुफ्त है। सदस्य बनने के बाद ये कुछ ‘कोड’ मुहैया कराती हैं, जिसे ब्लॉग पर लगाना होता है।
जितनी तेजी से स्मार्टफोन का चलन बढ़ा है, उतनी ही तेजी से मोबाइल के जरिए कमाई के आयाम भी खुले हैं। मोबाइल से कमाई के दो तरीके हैं।
मोबाइल ऐप्स और ई-बुक
अगर आप तकनीक के जानकार हैं, तो विभिन्न ऐप्स बनाने के लिए जरूरी कंप्यूटर लैंग्वेज सीखकर इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। एंड्रॉएड और आईफोन के आईओएस प्लेटफॉर्म और विंडोज-8 के लिए भी ऐप्स विकसित किए जा सकते हैं। "एडमोब" मोबाइल की प्रमुख विज्ञापन सेवा है।
आप अपने ऐप्स में इसके जरिए विज्ञापन लगाकर कमाई कर सकते हैं। बहुत से लोग अब छपी किताबें पढ़ने के बजाय मोबाइल, टैब या किंडल पर ई-बुक्स पढ़ना पसंद करते हैं। अगर आपकी लेखनी पाठकों को बांधे रख सकती है, तो आप ई-बुक्स के माध्यम से अच्छी अर्निंग कर सकते हैं। आप अपनी ई-बुक्स अमेजन किंडल, एप्‍पल आई-ट्यून्स और गूगल प्ले बुक्स पर आसानी से पीडीएफ या ईपब फॉर्मेट में डाल सकते हैं।
कई ऐसी वेबसाइट इंटरनेट पर उपलब्ध हैं, जो कंटेंट लिखने का काम देती हैं। यहां आप काम देखकर उसके लिए बोली लगा सकते हैं, यानी आप बता सकते हैं कि आप वह काम कितने रुपये में करेंगे।
अगर काम देने वाले को आपकी ′बिड′ बेहतर लगती है, तो वह काम कुछ शर्तों पर आपको दे दिया जाता है। elance.com, odesk.com, guru.com और freelancer.com फ्रीलांसिंग की ऐसी ही कुछ वेबसाइट हैं। यहां आप बिना कुछ खर्च किए काम कर सकते हैं। यूट्यूब पर आप अपने वीडियो अपलोड कर सकते हैं। यहां आप अपने वी‌डियो को 'मोनेटाइज' भी कर सकते हैं। यानी आप चाहें तो यूट्यूब आपके वीडियो पर इश्तेहार दिखाएगा।
इससे होने वाली कमाई का एक हिस्सा आपके खाते में भी जाएगा। अगर वीडियो रोचक है, तो यूट्यूब के विज्ञापनों से आप मालामाल हो सकते हैं।

Monday, November 10, 2014

हॉलमार्क के बावजूद जूलरी में कम गोल्ड

दिनेश माहेश्वरी
 कोटा।  इंडियन कस्टमर्स जो भी गोल्ड जूलरी खरीदते हैं, उसमें उतना गोल्ड नहीं होता है जितना कि उन्हें बताया जाता है। रिफाइनिंग कंपनी के मुताबिक उन्हें प्रोसेसिंग के लिए जो स्क्रैप गोल्ड मुहैया कराया जाता है, उसमें 80 पर्सेंट ही गोल्ड होता है जो 22 कैरेट गोल्ड जूलरी का स्टैंडर्ड है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स के अधिकारी भी इससे सहमत हैं। अधिकारियों ने कहा कि शहरों के कई रिटेलर्स जो हॉल मार्क सर्टिफिकेशंस का दावा कर गोल्ड प्रॉडक्ट बेचते हैं, उनमें भी गोल्ड कंटेंट कम होता है।
एमएमटीसी पीएएमपी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश खोसला ने कहा, 'हमें रिफाइनिंग के लिए स्क्रैप के फॉर्म में गोल्ड मिलता है। औसतन इसमें गोल्ड की मात्रा 80 से 85 पर्सेंट के बीच होती है।' खोसला ने कहा कि जूलरी खरीदने के दौरान अभी भी इंडियन कंज्यूमर्स को काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। उन्होंने कहा, 'भारत में बिकने वाली जूलरी हाई कैरेट की होती है। इस वजह से गोल्ड कंटेंट की भूमिका बढ़ जाती है। वहीं पश्चिमी बाजारों में ऐसी कोई समस्या नहीं है क्योंकि वहां बिकने वाली जूलरी 12 से 14 कैरेट वाली होती है।' खोसला बताते हैं कि इंडियन कंज्यूमर्स को गोल्ड जूलरी खरीदने के समय अगल से मेकिंग चार्जेज का भुगतान करना पड़ता है और ऐसे में गोल्ड कंटेंट के मामले को यूं ही नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
ब्यूरो ऑफ इंडिया स्टैंडर्ड्स की योजना हरेक हॉलमार्क आइटम के लिए यूनीक आईडी मुहैया कराने की है ताकि डुप्लिकेशन पर रोक लगाए जाने के साथ ही गोल्ड कंटेंट का पता लगाया जा सके। बीआईएस ने कहा कि ज्वैलरी में कम गोल्ड कंटेंट का होना अब आम बात है। बीआईएस के डायरेक्टर जनरल सुनील सोनी ने कहा, 'रैंडम सैंपलिंग के तहत बाजार से 18-20 पर्सेंट सैंपल कलेक्ट किए गए और उन सभी गोल्ड कंटेंट कम था, जो एजेंसी के मानकों के मुताबिक नहीं थे।' सोनी ने कहा कि कंटेंट अधिक होने के बाद उन्होंने इसे घटाकर कम कर दिया। सोनी ने कहा, 'इससे पहले हमारे पास ज्वैलर या हॉलमार्किंग सेंटर का लाइसेंस रद्द करने का अधिकार था, लेकिन वह काफी नहीं है। अब हम जूलरी में कम गोल्ड होने की स्थिति में गोल्ड कंटेंट के तीन गुने के बराबर पेनाल्टी लगा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि इससे कंज्यूमर्स के हितों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।
खोसला ने कहा कि दुबई में गोल्ड खरीदते समय कस्टमर्स को ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता, क्योंकि वहां कम कंटेंट होने पर भारी जुर्माना देना पड़ता है। जुर्माने की भारी रकम को देखते हुए कोई भी गोल्ड कंटेंट के साथ छेड़छाड़ करने की हिम्मत नहीं करता। खोसला ने कहा कि हॉलमार्किंग सिस्टम स्टैटिस्टीकल सैंपलिंग पर आधारित है और इस वजह से इसमें खामी की गुंजाइश बनी रहती है।

Friday, November 7, 2014

Wednesday, November 5, 2014

सेब बिका सब्जी के दाम


सोने- चांदी की खरीदारी का मोह


Monday, November 3, 2014

1 जनवरी 2015 तक बदल लें अपना पुराना नोट, नहीं तो होगी मुश्किल

दिनेश  माहेश्वरी 
कोटा। नकली नोट पर लगाम लाने के लिए सरकार ने एक कड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत सारे पुराने नोटों को बदला जाएगा। जी हां, आपकी जेब में 500, 100, 1000 आदि के नोट हैं तो एक बार उसकी तारीख जरूर देख लें। कहीं आपका ये नोट वर्ष 2005 से पहले के तो नहीं हैं। अगर ऐसा है तो अब यह आपके किसी काम के नहीं रहेंगे।
दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 जनवरी 2015 के बाद इन नोटों को लेने से इंकार कर दिया है। नकली करंसी पर लगाम लगाने के लिए पिछले साल ही केंद्र सरकार ने वर्ष 2005 से पहले छपे नोट वापस लेने का फैसला किया था। सरकार ने नोट वापस करने की अंतिम तारीख 31 मार्च 2014 रखी थी, लेकिन अब सरकार 1 जनवरी 2015 तक नोट वापस लेगी। तो तैयार हो जाइए नोट वापस करने का आपके पास यह अंतिम मौका है। अगर 1 जनवरी 2015 तक दिए गए तारीख से पहले के नोट आपने वापस नहीं किए तो बाद में आपको पछताना पड़ सकता है। क्योंकि उक्त तिथि के बाद ये नोट बेकार हो जाएंगे और बैंक इन्हें नहीं लेगा। अब सरकार के इस फैसले की न सिर्फ सराहना की जा रही है बल्कि इस कदम से नकली नोटों के इस्तेमाल पर भी रोक लगेगी।