Saturday, November 29, 2014

चेक के पांच नए नियम,फ्रॉड से बचाएंगे आपको

कोटा।  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में चेक के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। इसका मकसद चेक से संबंधित धोखाधड़ी को रोकना है। आइये जानते हैं कि क्या हैं वे पांच नियम...
एसएमएस अलर्ट 
पहले जब डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन होने की स्थिति में ही एसएमएस अलर्ट आता था लेकिन अब नियम में बदलाव करके क्लियरिंग के लिए चेक आने के बाद दोनों पक्षों को एसएमएस अलर्ट करने के लिए कहा गया है। किसी चेक पर संदेह होने या ज्यादा रकम के चेक की स्थिति में बैंक दोनों पक्षों, चेक देने और लेने वाले को फोन कॉल करके पुष्टि करेगा। इसके अलावा खाता धारक का बैंक की जिस शाखा  में खाता है उससे भी संपर्क किया जाएगा।
2 लाख रुपए से अधिक के चेक के लिए बैंकों को यूवी लैम्प से चेक को जांचने का आदेश दिया गया है। पांच लाख रुपए से अधिक की राशि के लिए कई स्तरों पर चेक के जांच की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। नए खुले खातों में पैसा कैसे जमा किया जाता है और निकाला जाता है इस पर भी बैंकों को गहराई से निगरानी करनी है। बैंक में नया खाता खुलवाने पर ‘नो योर कस्टमर’ (केवाईसी) का फार्म अनिवार्य रूप से भरना पड़ता है। इसके अलावा बैंक को ग्राहक द्वारा प्रदत्त सूचना की पुष्टि भी करना अनिवार्य है।
चेक ट्रांजैक्शन सिस्टम-2010 
बैंकों से चेक के मामले में चेक ट्रांजैक्शन सिस्टम-2010 का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है। इस सिस्टम में चेक देने वाले का जिस शाखा में खाता है उस शाखा को चेक की इलेक्टॉनिक इमेज भेजी जाती है। इससे सत्यापन के लिए चेक को ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस तरह से धोखाधड़ी की गुंजाइश बहुत ही कम रह जाती है। कई बार ऐसा हुआ है कि असल चेक तो खाता धारक के पास ही रहा और धोखाधड़ी करने वाले ने उसी नंबर का चेक कैश करा लिया।

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