दिनेश माहेश्वरी
कोटा। अब तक कपड़े,जूते,मोबाइल,टीवी जैसे सामान खरीदने वाले लोग अब अपने सपनों के घर को भी ऑनलाइन सर्च कर रहे हैं। ऑनलाइन की इस दौड़ में प्रॉपर्टी मार्केट अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। विदेशों में बैठकर भी लोग ऑनलाइन माध्यम से अपने पसंद की लोकेशन ढूंढ रहे हैं। लोगों की रुचि बढ़ने से बिल्डर भी अब ऑनलाइन मार्केटिंग पर खासा ध्यान दे रहे हैं। इस दिशा में कई ऑनलाइन वेबसाइट भी काम कर रही हैं। ऐसे में लोग आसानी से घर बैठे अपने मनपसंद घरों की तलाश कर रहे हैं।
ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कत यह है कि कई बार इसकी सत्यता की जानकारी लेना आसान नहीं है। प्रॉजेक्ट की साइट से दूर घर बैठकर केवल कंप्यूटर स्क्रीन पर जानकारी लेने से पूरा मामला हल नहीं हो सकता। ऐसे में,ऑनलाइन माध्यम को हिट कराने के लिए बिल्डरों को इस चुनौती का सामना तो करना है।
कोई भी व्यक्ति काफी दौड़-भाग और तमाम जांच परख के बाद ही घर खरीदता है। खास बात तो यह है कि प्रॉपर्टी के सौदे की रकम ज्यादा होने की वजह से इसमें रिस्क ज्यादा रहता है, इस कारण कोई भी व्यक्ति ऐसी जोखिम उठाना नहीं चाहता है।
रेग्युलेटरी मददगार साबित होगा
इस दिशा में रियल इस्टेट रेग्युलेटरी काफी मददगार साबित होगा। रेग्युलेटरी लागू हो जाने के बाद लोग ऑनलाइन ही प्रॉजेक्ट की अप्रूवल संबंधी जानकारी हासिल कर सकेंगे। इससे लोगों को घरों के पेपर-वर्क जांचने में दिक्कत पेश नहीं आएगी।
कोटा। अब तक कपड़े,जूते,मोबाइल,टीवी जैसे सामान खरीदने वाले लोग अब अपने सपनों के घर को भी ऑनलाइन सर्च कर रहे हैं। ऑनलाइन की इस दौड़ में प्रॉपर्टी मार्केट अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। विदेशों में बैठकर भी लोग ऑनलाइन माध्यम से अपने पसंद की लोकेशन ढूंढ रहे हैं। लोगों की रुचि बढ़ने से बिल्डर भी अब ऑनलाइन मार्केटिंग पर खासा ध्यान दे रहे हैं। इस दिशा में कई ऑनलाइन वेबसाइट भी काम कर रही हैं। ऐसे में लोग आसानी से घर बैठे अपने मनपसंद घरों की तलाश कर रहे हैं।
ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कत यह है कि कई बार इसकी सत्यता की जानकारी लेना आसान नहीं है। प्रॉजेक्ट की साइट से दूर घर बैठकर केवल कंप्यूटर स्क्रीन पर जानकारी लेने से पूरा मामला हल नहीं हो सकता। ऐसे में,ऑनलाइन माध्यम को हिट कराने के लिए बिल्डरों को इस चुनौती का सामना तो करना है।
कोई भी व्यक्ति काफी दौड़-भाग और तमाम जांच परख के बाद ही घर खरीदता है। खास बात तो यह है कि प्रॉपर्टी के सौदे की रकम ज्यादा होने की वजह से इसमें रिस्क ज्यादा रहता है, इस कारण कोई भी व्यक्ति ऐसी जोखिम उठाना नहीं चाहता है।
रेग्युलेटरी मददगार साबित होगा
इस दिशा में रियल इस्टेट रेग्युलेटरी काफी मददगार साबित होगा। रेग्युलेटरी लागू हो जाने के बाद लोग ऑनलाइन ही प्रॉजेक्ट की अप्रूवल संबंधी जानकारी हासिल कर सकेंगे। इससे लोगों को घरों के पेपर-वर्क जांचने में दिक्कत पेश नहीं आएगी।
0 comments:
Post a Comment