Monday, August 4, 2014

हाड़ौती के धनिए पर लगेगा 120 करोड़ रुपए का वैट

कोटा । राज्य सरकार की ओर से धनिए और अन्य मसालों पर लगाए गए पांच फीसदी वैट का असर व्यापारियों, किसानों के अलावा आम नागरिक पर भी पड़ रहा है। व्यापारी को तो वैट में दी गई राशि का तीन फीसदी वापस मिल जाता है। लेकिन, इस राशि को सेल्सटैक्स विभाग से पाने के लिए उसके पसीने छूट जाते हैं। व्यापारी इसका इसलिए विरोध कर रहे हैं कि उनकी एक नंबर की करोड़ों की राशि राज्य सरकार के पास जमा हो जाती है। जिससे उनका व्यापार बुरी तरह प्रभावित होता है।
राज्य सरकार ने जैसे ही 14 जुलाई को धनिया और अन्य मसालों पर पांच प्रतिशत वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) लागू किया, व्यापारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना है कि इससे व्यापारियों के पैसे सरकार के पास उलझ जाएंगे। जिसका भार किसानों और आम लोगों पर भी पड़ेगा। अब यह विरोध मुख्यमंत्री तक पहुंच गया है।

हाड़ौती में 2400 करोड़ के धनिए का उत्पादन
व्यापारीशिवकुमार जैन अविनाश राठी के अनुसार हाडौती में 60 लाख बोरी धनिए का उत्पादन होता है, जिसकी कीमत 24 सौ करोड़ है। व्यापारी इसे खरीदते हैं तो उन्हें 120 करोड़ रुपए पांच प्रतिशत के रूप में वैट देना होगा।
मंडी में 5 तरह का टैक्स:
किसानसे खरीदे गए धनिए पर पांच प्रकार का टैक्स लगता है। इसमें आढ़तिए का दो प्रतिशत, मंडी शुल्क 1.60 प्रतिशत, एसो का धर्मादा प्वाइंट 03 प्रतिशत, दलाली शुल्क 15 पैसे प्रति बोरी तथा वैट पांच प्रतिशत शामिल है। यह सभी टैक्स व्यापारी किसान से अढ़तिए के माध्यम से जिंस खरीदने पर बेचते समय वसूल करता है।
पहलेभी लगाया था टैक्स:
 भाजपाकी पिछली सरकार के समय 1 अप्रैल 06 को पांच प्रतिशत वैट लागू हुआ था। इसके अलावा 4% सीएसटी (केन्द्र सरकार के टैक्स) भी लागू थे, वर्ष 2007 में इसे तीन और बाद में 2% कर दिया गया। 6 मार्च-13 को राज्य सरकार ने इसे खत्म कर दिया। अब सरकार ने 14 जुलाई-14 को इसे फिर से लागू कर दिया है।

किसान और आम आदमी पर भार
वैटका असर किसानों पर भी पड़ता है। आम आदमी पर तो इसका दोहरा भार पड़ता है। व्यापारी किसानों से धनिया पांच प्रतिशत वैट को आधार बनाकर कम राशि में खरीदता है। यानि चार हजार रुपए का एक बोरी धनिया 200 रुपए कम में खरीदा जाएगा। इसे पांच प्रतिशत वैट लगाकर बड़े व्यापारियों को बेचा जाता है। वहां से रिटेलर के पास पहुंचने में उसका लाभ भी इसमें जुड़ जाता है। जो धनिया अभी मंडी में 100 से 120 रुपए किलो है, वह बाजार में 140 रुपए किलो तक बिक रहा है।

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