Friday, August 15, 2014

रिटर्न जांच के दायरे में आने पर घबराने की जरूरत नहीं

ज्यादातर करदाताओं के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की ऑडिट या जांच-पड़ताल का मतलब लंबे समय तक जारी रहने वाली परेशानी होती है। लेकिन, असल में ऐसा नहीं है। कई मामलों में यह औपचारिक प्रक्रिया भर होती है। 
वास्तव में जांच के लिए टैक्स रिटर्न छांटने की कोई गंभीर वजह नहीं होती, बल्कि कुछ रिटर्न यूं ही छांट लिए जाते हैं। इसके बाद आयकर अधिकारी संबंधित करदाता से अतिरिक्त जानकारी मांगते हैं। ऐसे मामलों में करदाता को इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 143(2) के तहत नोटिस भेजा जाता है।इसके जरिए करदाता को आयकर विभाग के दफ्तर जाकर अतिरिक्त दस्तावेज जमा कराने के लिए कहा जाता है। ज्यादातर मामलों में यह औपचारिक प्रकिया भर होती है। इससे किसी तरह के अपराध का संकेत नहीं मिलता।इसके जरिए केवल यह पता लगाने की कोशिश होती है कि कोई आमदनी छूट तो नहीं गई है। सभी सवालों के दें जवाब जाहिर है, यदि किसी करदाता का टैक्स रिटर्न जांच के दायरे में आता है तो घबराना नहीं चाहिए, बल्कि इनकम टैक्स विभाग की तरफ से मांगी गई सभी जानकारी समय पर मुहैया कराना चाहिए।इसके अलावा सभी सवालों के जवाब जरूर देने चाहिए। सवालों के जवाब देने के लिए पत्र व्यवहार किया जा सकता है या फिर दफ्तर जाकर यह काम निपटाया जा सकता है। टैक्स अधिकारी सेलरी सर्टिफिकेट या फॉर्म 16 की मांग कर सकते हैं। फॉर्म 16 में ग्रॉस सेलरी और टैक्स कटौती की विस्तृत जानकारी होती है। इसके अलावा घर के किराए की रसीदें और मकान मालिक के साथ रेंट एग्रीमेंट (यदि इस तरह की कोई छूट ली गई हो तब) और बैंक स्टेटमेंट भी मांगे जा सकते हैं। फार्म 16ए में टीडीएस सर्टिफिकेट जरूर होना चाहिए और इसे आयकर अधिकारी के पास जमा कराना चाहिए। इनकम टैक्स विभाग रिटर्न फाइल किए जाने का महीना खत्म होने से एक साल के अंदर नोटिस भेज सकता है।
ली जा सकती है चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद
इनकम टैक्स रिटर्न से संबंधित नोटिस मिलने पर चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद ली जा सकती है। उसे रिटर्न में दी गई सभी जानकारियों के साक्ष्य दिखाना चाहिए। यदि कोई करदाता आयकर विभाग के पास अधिकृत प्रतिनिधि भेजना चाहता हो, तो इसके लिए उसके पक्ष में एक वैध 'पावर ऑफ अटॉर्नी की जरूरत होगी।यदि करदाता या उसके प्रतिनिधि समय पर मौजूद नहीं हो पाते, तो ऐसी स्थिति में सुनवाई की तारीख से पहले स्थगन आवेदन दायर किया जाना चाहिए।

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