Sunday, August 31, 2014

बिना सरकारी प्रूफ के भी खुलेगा बैंक में खाता

कोटा। अगर आपके पास किसी भी तरह का कोई सरकारी दस्तावेज पहचान के लिए नहीं है, तो भी आपका बैंक खाता खोला जा सकता है। मोदी सरकार की ओर से देश के 7.5 करोड़ लोगों के बैंकिंग खाता खोलने के अभियान को जोर देने के लिए रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यह पहल की है।
आरबीआई की इस पहल के तहत कोई भी व्यक्ति बैंक जाकर अपना स्वहस्ताक्षरित फोटो और बैंक अधिकारी के सामने हस्ताक्षर या अंगूठा लगाकर अपना खाता खुलवा सकता है।
हालांकि, खाते को चालू रखने के लिए खाताधारक को एक साल के अंदर अपनी पहचान के लिए सरकारी दस्तावेज पेश करना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करता है, तो उसका खाता बंद किया जा सकेगा।आरबीआई की यह पहल खास तौर से असंगठित क्षेत्र के लोगों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने में मदद करेगी। अभी भी देश के एक बड़े हिस्से के पास आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, लाइसेंस, निवास स्थान प्रमाण पत्र आदि नहीं हैं, जो कि बैंक खाता खोलने में जरूरी होता है।
रिजर्व बैंक ने बिना सरकारी दस्तावेज से खुलने वाले खातों पर कुछ सीमाएं भी लगाई हैं। इन खातों को ‘छोटा खाता’ कहा जाएगा। इसके अलावा इन खातों के आधार पर साल में एक लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज नहीं दिया जा सकेगा। इसी तरह महीने में 10 हजार रुपये से ज्यादा की राशि नहीं निकाली जा सकेगी। साथ ही किसी भी समय खाते में 50 हजार रुपये से ज्यादा की राशि नहीं रखी जा सकती है।आरबीआई ने यह भी कहा है कि बिना सरकारी दस्तावेज के खुलने वाले खाते 12 महीने तक वैध रहेंगे। इस अवधि में खाताधारक को पहचान के सरकारी दस्तावेज पेश करने होंगे। यदि खाताधारक ने दस्तावेज के लिए आवेदन कर रखा है, और उसे 12 महीने के अंदर दस्तावेज नहीं मिले हैं, तो आवेदन करने का प्रमाण दिखाने पर बैंक उस आधार पर खाते को अगले 12 महीने के लिए सक्रिय रख सकता है। हालांकि उसके बाद दस्तावेज न होने पर खाते को बंद कर दिया जाएगा।
स्थायी निवास प्रमाण पत्र होना जरूरी नहीं
ऐसे लोग जिनके पास आईडी प्रूफ है, लेकिन जहां वह रहते हैं उसका प्रमाण पत्र नहीं है, तो वह लोग अपने गांव या जहां का उनके पास स्थायी निवास पत्र है, उसके जरिए भी अपना बैंक खाता खुलवा सकेंगे।

इसी तरह खाता ट्रांसफर करने के लिए अलग से केवाईसी की जरूरत नहीं रहेगी।

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