30 दिसंबर तक पुराने नोट न जमा करा पाने वालों के लिए एक जरूरी सूचना है। जिन लोगों को लगता है कि वे निर्धारित सीमा तक नोट न जमा करा पाने की वजह बताकर आरबीआई से 31 मार्च तक पुराने नोट एक्सचेंज करा सकते हैं, वे यह जान लें कि यह छूट सिर्फ कुछ खास लोगों के लिए तय की गई थी। दरअसल, यह छूट सिर्फ उनके लिए है, जो 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच देश में थे ही नहीं।
सोमवार को कई शहरों में लोग आरबीआई के दफ्तरों पर पुराने नोट एक्सचेंज करवाने के लिए जमा हुए, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को साफ तौर पर यह बताया जा रहा है कि 31 मार्च तक का ग्रेस पीरियड सिर्फ उन लोगों के लिए था, जो निर्धारित अवधि के दौरान देश में थे ही नहीं।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अध्यादेश के मुताबिक, 30 दिसंबर के बाद सिर्फ उनके ही पुराने नोट बदले जाएंगे, जो निर्धारित 50 दिनों के समय में देश से बाहर थे और साथ ही, उन्हें आरबीआई को उनकी अनुपस्थिति का पुख्ता कारण भी बताना होगा। हालांकि, यह 8 नवंबर को जारी हुई रिजर्व बैंक की प्रेस रिलीज के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें कहा गया था कि निर्धारित 50 दिनों के समय में पुराने नोट जमा न करा पाने वाले आरबीआई के कुछ दफ्तरों पर पुराने नोट एक्सचेंज करा सकेंगे।
सोमवार को कई शहरों में लोग आरबीआई के दफ्तरों पर पुराने नोट एक्सचेंज करवाने के लिए जमा हुए, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को साफ तौर पर यह बताया जा रहा है कि 31 मार्च तक का ग्रेस पीरियड सिर्फ उन लोगों के लिए था, जो निर्धारित अवधि के दौरान देश में थे ही नहीं।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अध्यादेश के मुताबिक, 30 दिसंबर के बाद सिर्फ उनके ही पुराने नोट बदले जाएंगे, जो निर्धारित 50 दिनों के समय में देश से बाहर थे और साथ ही, उन्हें आरबीआई को उनकी अनुपस्थिति का पुख्ता कारण भी बताना होगा। हालांकि, यह 8 नवंबर को जारी हुई रिजर्व बैंक की प्रेस रिलीज के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें कहा गया था कि निर्धारित 50 दिनों के समय में पुराने नोट जमा न करा पाने वाले आरबीआई के कुछ दफ्तरों पर पुराने नोट एक्सचेंज करा सकेंगे।
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