Thursday, January 19, 2017

जनवरी में नकद लेन-देन बढ़ा, कैशलेस भुगतान घटा

इस साल जनवरी में बाजार में नकदी बढ़ने पर डिजिटल भुगतान में गिरावट आने लगी है। पिछले साल नवंबर और दिसंबर में नोटबंदी के दौरान कार्ड भुगतान 80 फीसदी तक पहुंच गया था। पिछले दिनों रिजर्व बैंक ने एटीएम से राशि निकालने की सीमा बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दी है। इससे डिजिटल भुगतान में आगामी दिनों में और गिरावट आने की उम्मीद है।
क्या कहते हैं आकड़े : इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ई-लेन-देन एकत्रिकरण और वेिषण लेयर (ई-ताल) के ताजा आंकड़ों के मुताबकि नवंबर और दिसंबर के मुकाबले जनवरी में ई-भुगतान में करीब 30 फीसदी की गिरावट आई है। नवंबर और दिसंबर के पहले हफ्ते में ई-लेन की संख्या करीब 29 करोड़ थी जो 18 जनवरी तक घटकर 20 करोड़ रह गई।
नोटबंदी में हालात : इस दौरान बड़े शहरों में कार्ड से भुगतान 80 फीसदी तक पहुंच गया था। कारोबारियों को पीओएस सुविधा देने वाली कंपनियों के मुताबिक इस दौरान छोटे शहरों में 30 फीसदी कार्ड से भुगतान हो रहा था। इस अवधि में कार्ड से भुगतान 30 फीसदी की दर से बढ़ रहा था। 
पहले क्या थी स्थिति : नोटबंदी से पहले बड़े शहरों में 40 फीसदी भुगतान कार्ड या ऑनलाइन होता था। जबकि बाकी 60 फीसदी नकद में होता था। वहीं छोटे शहरों में महज 15 फीसदी भुगतान ही डिजिटल होता था।
जनवरी से नकदी का बोलबाला: रिजर्व बैंक ने इस साल एक जनवरी से एटीएम से निकासी सीमा बढ़ाकर 4,500 रुपये कर दी जो पहले 2,500 रुपये थी। जबकि कुछ दिन पहले आरबीआई ने इसे बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया। इससे आने वाले समय में कार्ड से भुगतान और घटने की संभावना है।

अवधि              कुल -भुगतान
9-18 जनवरी    20,1679,74
11-8 जनवरी    23,2742,285
1-8 दिसंबर 2016    29,6401,425
9-17 नवंबर 2016    28,6025,423

छोटे नोट से राह आसान
उद्योग सूत्रों का कहना है कि बाजार में 500 रुपये के नए नोट पयाप्र्त मात्र में आ गए हैं। इससे दो हजार रुपये के नोट का छुट्टा कराना भी आसान हो गया है। जबकि नोटबंदी के दौरान 100 या 200 रुपये का भुगतान भी लोग कार्ड से कर रहे थे।
9.2 लाख करोड़ डाले
नोटबंदी के बाद अब तक सरकार ने 9.2 लाख करोड़ रुपये के नए नोट बाजार में जारी किए हैं। सूत्रों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर ऊर्जित पटेल संसदीय समिति को यह जानकारी दी।

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