Saturday, January 21, 2017

30,000 से ज्यादा नगद लेनदेन पर पैनकार्ड अनिवार्य होगा

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार पैन कार्ड के जरिये नगदी के जमा, हस्तांतरण, निकासी और भुगतान की सीमा में कटौती करने की तैयारी में है। आगामी बजट में बैंक में जमा, होटल बिल के भुगतान और शेयरों की खरीद करने समेत अन्य में 30 हजार रुपये से अधिक नगदी के इस्तेमाल पर पैनकार्ड देना अनिवार्य किया जा सकता है। मौजूदा समय इन सुविधाओं में 50 हजार रुपये से ऊपर मुद्रा के प्रयोग पर पैनकार्ड देना होता है।
केंद्र सरकार ने 500 और हजार रुपये के नोट बंद करने के बाद नगदी निकासी पर पाबंदी लगाई और फिर नगदी रहित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में जुट गई। सूत्रों की माने तो इस क्रम में सरकार अब फरवरी में पेश होने वाले बजट में यह घोषणा कर सकती है कि 30 हजार रुपये से ज्यादा की खरीद, हस्तांतरण, जमा या लेनदेन पर पैनकार्ड देना जरूरी होगा। ताकि ज्यादा से ज्यादा लेनदेन औपचारिक अर्थव्यवस्था के तहत आ सकें और आयकर विभाग आसानी से तय राशि से ज्यादा के लेनदेन की निगरानी कर सके। सूत्र बताते हैं कि सरकार के इस कदम का मकसद नगदी के जरिये होने वाली खरीद-फरोख्त और लेनदेन में टैक्स की चोरी रोकना है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि इस कदम को उठाए जाने के बाद बड़े लेनदेन करने वाले डिजिटल ट्रांजैक्शन करेंगे, क्योंकि नगदी के इस्तेमाल पर उन्हें पैनकार्ड देने की जहमत उठानी पड़ेगी।
नगदी हतोत्साहित करने के कदम
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के मद्देनजर सूत्रों का कहना है कि पैनकार्ड की अनिवार्यता के अलावा सरकार तय सीमा से ऊपर नगदी के भुगतान पर भी शुल्क लगाने की घोषणा कर सकती है। इस कदम से सीधे तौर पर नगदी का प्रयोग करने वाले हतोत्साहित होंगे। सूत्रों की माने तो सरकार हर हाल में नगदी के प्रयोग को डिजिटल लेनदेन की ओर स्थानांतरित करना चाहती है जिसके मद्देनजर डिजिटल भुगतान पर छूट और इनाम जैसी योजनाएं सरकार पहले ही ला चुकी है। बकायदे डिजिधन मेले में लोगों को डिजिटल लेनदेन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अभी तक 27 शहरों में यह मेला लगाया जा चुका है और यह कार्यक्रम 100 शहरों के लिए नीति आयोग द्वारा तैयार किया गया है। सूत्र बताते हैं कि वित्त मंत्रालय ने डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अलग से बजट तय करने का भी निर्णय लिया है जिसकी घोषणा भी बजट में की जा सकती है।
केवाईसी हो सकता है सख्त
सरकार के सूत्रों की माने तो बजट में बैंक खाता खुलवाने के दौरान 'ग्राहक को जानो' (केवाईसी) के नियमों को और सख्त किया जा सकता है। सभी बैंकों को इनका अनिवार्य तौर पर पालन नहीं करने की सूरत में जुर्माने का प्रावधान किया जा सकता है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर तक देश में 5 लाख से भी ज्यादा खाते ऐसे थे जिनमें केवाईसी का अनुपालन नहीं किया गया। जब आयकर विभाग सख्त हुआ तब बैंकों ने ग्राहकों से केवाईसी की शर्तों को पूरा करना शुरू किया। सूत्रों की माने तो नए नियमों में आधार और मोबाइल नंबर भी देना जरूरी किया जा सकता है। हालांकि आधार देना सिर्फ उन लोगों के लिए जरूरी होगा जो विभिन्न स्तरों पर सरकारी छूट का लाभ लेते हैं। ऐसे में प्लास्टिक मनी के प्रयोग में छूट मुहैया कराने के आधार पर ज्यादातर लोगों को आधार देना होगा।

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