छह महीने के भीतर आप एटीएम की तरह दिखने वाली इंटरेक्टिव टेलर मशीन (आईटीएम) का प्रयोग बैंक के रूप में कर सकेंगे। आईटीएम के जरिए आप 90 फीसदी से अधिक बैंकिंग सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। फिलहाल गुड़गांव के इंडसइंड बैंक में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ऐसी एक आईटीएम लगाई गई है।
आईटीएम टेली सर्विस ब्रांच टांजेक्शन तकनीक पर काम करती है। इसके तहत कॉल सेंटर में बैठा बैंकर आपको सभी तरह की बैंकिंग सेवाएं आईटीएम के जरिए मुहैया कराता है। आईटीएम में फोन का एक हैंडल लगा रहता है।जब आप लेन-देन करते हैं तो स्क्रीन पर वीडियो कॉलिंग के जरिए कॉल सेंटर में बैठा बैंकर आपको निर्देश देगा। ऐसे आप आईटीएम से सभी तरह की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
कर्मचारियों पर होने वाला खर्च घटेगा: इस मशीन को लगाने के बाद बैंक का कर्मचारियों और शाखा पर होने वाला खर्च काफी कम हो जाएगा। मशीन बनाने वाली कंपनी के एनसीआर के प्रवक्ता ने बताया कि रिजर्व बैंक से इस तकनीक को स्वीकृति मिल चुकी है। छह महीने में देश की कई जगहों पर आईटीएम देखी जा सकेंगी।
आईटीएम टेली सर्विस ब्रांच टांजेक्शन तकनीक पर काम करती है। इसके तहत कॉल सेंटर में बैठा बैंकर आपको सभी तरह की बैंकिंग सेवाएं आईटीएम के जरिए मुहैया कराता है। आईटीएम में फोन का एक हैंडल लगा रहता है।जब आप लेन-देन करते हैं तो स्क्रीन पर वीडियो कॉलिंग के जरिए कॉल सेंटर में बैठा बैंकर आपको निर्देश देगा। ऐसे आप आईटीएम से सभी तरह की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
कर्मचारियों पर होने वाला खर्च घटेगा: इस मशीन को लगाने के बाद बैंक का कर्मचारियों और शाखा पर होने वाला खर्च काफी कम हो जाएगा। मशीन बनाने वाली कंपनी के एनसीआर के प्रवक्ता ने बताया कि रिजर्व बैंक से इस तकनीक को स्वीकृति मिल चुकी है। छह महीने में देश की कई जगहों पर आईटीएम देखी जा सकेंगी।
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