Tuesday, January 10, 2017

अब क्यू आर कोड से होगा डिजिटल पेमेंट

केंद्र सरकार और आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) डिजिटल पेमेंट को आसान बनाने के लिए कई नए तरीके अपना रहे हैं। शॉपिंग के दौरान डिजिटल पेमेंट करते वक्त कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने के दौरान लंबे प्रॉसेस की वजह लाइन में ही लगे रहना पड़ता है। अब सरकार इसे और भी आसान बनाने जा रही है, जिससे सिर्फ कुछ सेकेंड में डिजिटल पेमेंट किया जा सकता है।
सरकार द्वारा इस प्रयोगों को अमल में लाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। देश के कई राज्यों की सरकारे करीब लाखों की संख्या में पीओएस मशीनें खरीदने जा रही है। हालांकि आपको बता दें कि पीओएस की अपेक्षा सरकार डिजिटल पेमेंट के एक और तरीके पर मंथन कर रही है। इस तरीके को हाल ही में आरबीआई ने लागू करने की तैयारियां शुरू की हैं। आइए हम बताते हैं क्या है वो नया तरीका...
कार्ड स्वाइप नहीं, बल्कि सिर्फ क्यूआर कोड
अब बगैर कार्ड स्वाइप किए पेमेंट करना संभव होगा। यह सब कुछ क्यूआर कोड के जरिए होगा। वीजा, मास्टरकार्ड और रूपे के साथ पेमेंट कंपनियां भी जल्द इसके लिए क्विक रिस्पॉन्स (क्यूआर) कोड आधारित एक एप्लिकेशन लॉन्च करने जा रही हैं। इससे मर्चेंट वर्तमान उपयोग किए जा रहे भारी भरकम और महंगे पीओएस मशीन के बिना ही ग्राहक के मोबाइल फोन से पेमेंट ले सकेंगे।
वीजा, मास्टरकार्ड और रुपे कार्ड से मिलेंगे फायदे
रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी से ऐसा एक कॉमन क्यूआर कोड विकसित करने के लिए कहा है, ताकि उसके उपयोग में परेशानी नहीं हो। पीओएस मशीन जिस तरह किसी भी कार्ड की पहचान कर लेती है, उसी तरह सेंट्रल बैंक ऐसा क्यूआर कोड चाहता है, जिसका किसी भी सिस्टम पर आसानी से उपयोग किया जा सके। वीजा, मास्टरकार्ड और रुपे के साथ कई बैंक इस काम को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।
अभी के क्यूआर कोड में क्या है समस्या
वर्तमान क्यूआर व्यवस्था के तहत परेशानी यह है कि सभी वॉलेट इस क्यूआर कोड को नहीं पकड़ पा रहे हैं। इसे देखते हुए बैंक के साथ ही पेमेंट कंपनियां भी मध्य जनवरी तक खुद की क्यूआर आधारित पेमेंट व्यवस्था अपनाने की तैयारी में जुटे हैं। इससे स्मार्टफोन वाले ग्राहकों को डिजिटल पेमेंट करने में मदद मिलेगी।
नया क्यूआर कोड कैसे करेगा काम
जिस क्यूआर कोड का विकास किया जा रहा है, वह सभी वीजा, मास्टरकार्ड और रूपे के ग्राहकों की पहचान करने में सक्षम होगा। यह संबंधित बैंक की मोबाइल बैंकिंग या फिर मोबाइल वॉलेट एप्लिकेशन से जुड़ा होगा। सरकार बैंकरों को खास तौर पर कम मूल्य के ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसीलिए इस सिस्टम को इतना आसान बनाया जा रहा है, ताकि इसका उपयोग हर जगह किया जा सके। इसीलिए आरबीआई ने ऐसा कोड विकसित करने के लिए कहा है जो किसी भी बैंक कस्टमर के फोन पर काम करे।

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