केंद्र सरकार ने गेहूं और अरहर (तुअर) दाल पर तत्काल प्रभाव से 10 फीसद का आयात शुल्क लगा दिया है। सरकार ने इस साल बंपर पैदावार के अनुमान को देखते हुए किसानों के हितों को महफूज रखने के लिए यह कदम उठाया है।इस फैसले से गेहूं और अरहर के थोक मूल्य में तेज गिरावट को रोकने में मदद मिलेगी।
इसके साथ ही, अच्छे उत्पादन की उम्मीद कर रहे किसानों को भी बेहतर समर्थन मूल्य हासिल होगा।वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में मंगलवार को इस फैसले का एलान किया। उन्होंने कहा कि 17 मार्च, 2012 की सरकारी अधिसूचना में संशोधन किया गया है। इससे गेहूं और अरहर पर 10 फीसद की बेसिक कस्टम ड्यूटी तत्काल प्रभाव से लागू हो सकेगी। इस निर्णय से मौजूदा आयात के स्तर पर करीब 840 करोड़ रुपये का राजस्व प्रभावित होने का अनुमान है।केंद्र ने बीते साल आठ दिसंबर को गेहूं पर सीमाशुल्क 10 फीसद से घटाकर शून्य कर दिया था। ऐसा घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और खुदरा कीमतों को काबू में रखने के मकसद से किया गया था। हालांकि, अभी तक अरहर दाल पर कोई शुल्क नहीं था। अरहर दाल का थोक मूल्य ज्यादा पैदावार की वजह से काफी नीचे आ गया है। कुछ जगहों पर किसानों को इन उपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी नहीं मिल पा रहा है।
मंडियों में पहुंचने लगी फसल
मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में गेहूं की नई फसल मंडियों में पहुंचने लगी है। सरकार के दूसरे आकलन के अनुसार 2016-17 फसल उत्पादन वर्ष (जुलाई, 2016 से जून, 2017 तक) में अच्छे मानसून की वजह से गेहूं की तकरीबन 9.7 करोड़ टन का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है।इससे पिछले वर्ष उपज का यह आंकड़ा 9.23 करोड़ टन था। इसी तरह अरहर का उत्पादन 42.3 लाख टन होने का अनुमान है। इससे पिछले साल में अरहर की पैदावार का आंकड़ा 25.6 लाख टन था। अरहर की फसल खरीफ के मौसम में उगाई जाती है।
इसके साथ ही, अच्छे उत्पादन की उम्मीद कर रहे किसानों को भी बेहतर समर्थन मूल्य हासिल होगा।वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में मंगलवार को इस फैसले का एलान किया। उन्होंने कहा कि 17 मार्च, 2012 की सरकारी अधिसूचना में संशोधन किया गया है। इससे गेहूं और अरहर पर 10 फीसद की बेसिक कस्टम ड्यूटी तत्काल प्रभाव से लागू हो सकेगी। इस निर्णय से मौजूदा आयात के स्तर पर करीब 840 करोड़ रुपये का राजस्व प्रभावित होने का अनुमान है।केंद्र ने बीते साल आठ दिसंबर को गेहूं पर सीमाशुल्क 10 फीसद से घटाकर शून्य कर दिया था। ऐसा घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और खुदरा कीमतों को काबू में रखने के मकसद से किया गया था। हालांकि, अभी तक अरहर दाल पर कोई शुल्क नहीं था। अरहर दाल का थोक मूल्य ज्यादा पैदावार की वजह से काफी नीचे आ गया है। कुछ जगहों पर किसानों को इन उपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी नहीं मिल पा रहा है।
मंडियों में पहुंचने लगी फसल
मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में गेहूं की नई फसल मंडियों में पहुंचने लगी है। सरकार के दूसरे आकलन के अनुसार 2016-17 फसल उत्पादन वर्ष (जुलाई, 2016 से जून, 2017 तक) में अच्छे मानसून की वजह से गेहूं की तकरीबन 9.7 करोड़ टन का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है।इससे पिछले वर्ष उपज का यह आंकड़ा 9.23 करोड़ टन था। इसी तरह अरहर का उत्पादन 42.3 लाख टन होने का अनुमान है। इससे पिछले साल में अरहर की पैदावार का आंकड़ा 25.6 लाख टन था। अरहर की फसल खरीफ के मौसम में उगाई जाती है।