Wednesday, March 29, 2017

गेहूं और अरहर दाल पर 10 फीसद आयात शुल्क

केंद्र सरकार ने गेहूं और अरहर (तुअर) दाल पर तत्काल प्रभाव से 10 फीसद का आयात शुल्क लगा दिया है। सरकार ने इस साल बंपर पैदावार के अनुमान को देखते हुए किसानों के हितों को महफूज रखने के लिए यह कदम उठाया है।इस फैसले से गेहूं और अरहर के थोक मूल्य में तेज गिरावट को रोकने में मदद मिलेगी।
इसके साथ ही, अच्छे उत्पादन की उम्मीद कर रहे किसानों को भी बेहतर समर्थन मूल्य हासिल होगा।वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में मंगलवार को इस फैसले का एलान किया। उन्होंने कहा कि 17 मार्च, 2012 की सरकारी अधिसूचना में संशोधन किया गया है। इससे गेहूं और अरहर पर 10 फीसद की बेसिक कस्टम ड्यूटी तत्काल प्रभाव से लागू हो सकेगी। इस निर्णय से मौजूदा आयात के स्तर पर करीब 840 करोड़ रुपये का राजस्व प्रभावित होने का अनुमान है।केंद्र ने बीते साल आठ दिसंबर को गेहूं पर सीमाशुल्क 10 फीसद से घटाकर शून्य कर दिया था। ऐसा घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और खुदरा कीमतों को काबू में रखने के मकसद से किया गया था। हालांकि, अभी तक अरहर दाल पर कोई शुल्क नहीं था। अरहर दाल का थोक मूल्य ज्यादा पैदावार की वजह से काफी नीचे आ गया है। कुछ जगहों पर किसानों को इन उपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी नहीं मिल पा रहा है।
मंडियों में पहुंचने लगी फसल
मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में गेहूं की नई फसल मंडियों में पहुंचने लगी है। सरकार के दूसरे आकलन के अनुसार 2016-17 फसल उत्पादन वर्ष (जुलाई, 2016 से जून, 2017 तक) में अच्छे मानसून की वजह से गेहूं की तकरीबन 9.7 करोड़ टन का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है।इससे पिछले वर्ष उपज का यह आंकड़ा 9.23 करोड़ टन था। इसी तरह अरहर का उत्पादन 42.3 लाख टन होने का अनुमान है। इससे पिछले साल में अरहर की पैदावार का आंकड़ा 25.6 लाख टन था। अरहर की फसल खरीफ के मौसम में उगाई जाती है।

Saturday, March 4, 2017

आपकी सेक्शुअल परफॉर्मेंस जज करेगा यह स्मार्ट कॉन्डम

आ गया है दुनिया का पहला स्मार्ट कॉन्डम जो इंटरकोर्स के दौरान आपके सेक्शुअल परफॉर्मेंस का आकलन करेगा और इससे जुड़ा सारा डेटा रेकॉर्ड करेगा। इस स्मार्ट कॉन्डम का नाम आई.कॉन (i.con) है जिसे एक ब्रिटिश कंपनी ने बनाया है।
कंपनी का दावा है कि आई.कॉन (i.con) टेक्निकली एक कॉन्डम नहीं है बल्कि एक बेहद हल्का और वॉटर रेजिस्टेंट रिंग है जो सामान्य कॉन्डम के नीचे पेनिस के बेस पर लगाया जाता है। लेकिन सामान्य कॉन्डम की तरह एक बार इस्तेमाल कर इसे फेंका नहीं जाता बल्कि हर बार सेक्स के वक्त इसे यूज किया जा सकता है।
यह स्मार्ट कॉन्डम इन जानकारियों को इक्ट्ठा करेगा-
- सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान कितनी कैलरी बर्न हुई।
- थ्रस्ट यानी जोर लगाने की स्पीड, संख्या और औसतन रफ्तार।
- सेशन की फ्रीक्वेंसी
- स्किन का औसत तापमान
- कमर की नाप
- सेक्स के दौरान जिन पोजिशन्स का इस्तेमाल हुआ

Tuesday, February 28, 2017

आरबीआई जल्द बाजार में लाएगी दस रुपये के नए प्लास्टिक नोट

नई दिल्ली।.रिजर्व बैंक के डिप्टी गर्वनर एस एस मूंदड़ा ने बताया कि दस रुपये के प्लास्टिक के नोट जल्दी ही बाजार में आ सकते है।
मूंदड़ा ने पत्रकारों को इस संबंध में पूछे प्रश्न पर कहा कि प्लास्टिक के नोट छापने के लिए सुरक्षा एजेन्सियों की अनुमति मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि अब प्लास्टिक एवं स्याही खरीदने के बारे में निविदाएं मांगने का काम शुरू होने के बाद प्लास्टिक के नोट छापने की कार्यवाही तीव्रता से की जायेगी।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के नोट जयपुर ही नहीं बल्कि देश के सभी स्थानों पर भेजे जायेंगे। दो हजार रुपये के नोटों को वापस लेने के बारे में पूछे प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह अफवाह है। दो हजार रुपये के नोटों के चलन पर बाबा रामदेव द्वारा उठाये सवाल के बारे में उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का हक है।    

Wednesday, February 22, 2017

 3 घंटे में निकाल सकेंगे PF की रकम, पेंशन के लिए ऑनलाइन फॉर्म

केंद्र सरकार देश के करोड़ों पीएफ धारकों (प्रॉविडेंट फंड) और पेंशनभोगियों को खुशखबरी दे सकती है। इसके तहत अप्रैल से पीएम का पैसा निकालना आसान हो जाएगा। पीएफ से निकासी और पेंशन संबंधी कामकाज के लिए पीएफ ऑफिस का चक्कर नहीं लगाना होगा। इन सभी काम को ऑनलाइन किया जा सकेगा।
अप्रैल से फंड निकालना आसान
अप्रैल से प्रॉविडेंट फंड से पैसा निकालना आसान हो जाएगा। पीएफ विद्ड्रॉल के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने के 3 घंटे के अंदर पीएफ की रकम आपके अकाउंट में आ जाएगी। इसके अलावा मेंबर अपनी पेंशन तय करने के लिए भी ऑनलाइन एप्लिकेशन कर सकेंगे। इसके लिए उनको पीएफ विदड्रॉल फॉर्म या पेंशन तय करने के लिए फॉर्म भर कर अपनी कंपनी या संस्‍थान में जमा कराने की जरूरत नहीं होगी। इससे ईपीएफओ के करीब 17 करोड़ सदस्यों को फायदा होगा। 
निकासी के लिए ऑनलाइन भरा जाएगा फॉर्म
पीएफ खाते को ऑनलाइन जोड़ने का काम जारी प्रॉविडेंट फंड ऑफिस के मुताबिक, विभाग के सभी फील्ड ऑफिस को ऑनलाइन माध्यम से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है और उम्मीद है कि अप्रैल के अंत तक इस काम को पूरा कर लिया जाएगा।  अप्रैल से विभाग फंड से निकासी और पेंशन सेटेलमेंट के लिए एप्पलीकेशन ऑनलाइन माध्यम से ले सकेगा। 
कुछ ही घंटों में होगा सेटलमेंट
कुछ ही घंटों में मिल जाएगा पीएफ का पैसा ईपीएफओ की कोशिश है कि वह सभी तरह के क्लेम को आवेदन प्राप्त होने के कुछ ही घंटों में पूरा कर दे। मिलास के तौर पर विभाग की कोशिश है कि पीएफ से निकासी की आवेदन मिलने के 3 घंटे के अंदर वह फैसला ले सके। मौजूदा समय में ईपीएफओ नियम के मुताबिक आवेदन मिलने के 20 दिनों के अंदर विभाग को क्लेम सेटेलमेंट करना होता है

मौजूदा समय में कैसा होता है आवेदन
मौजूदा वक्त में ईपीएफओ मेंबर्स को पीएफ विदड्रॉल के लिए फॉर्म भरना होता है। यह फॉर्म कंपनी या संस्‍थान में एचआर डिपॉर्टमेंट के पास जमा कराना होता है। इसके बाद पीएफ विद्ड्रॉल फार्म संबंधित कंपनी या संस्‍थान से संबं‍धित ईपीएफओ ऑफिस को जाता है। इसके बाद पीएफ क्‍लेम का सेटलमेंट होता है। इसके बाद पीएफ क्‍लेम का सेटलमेंट होता है। इस प्रॉसेस में कई बार लंबा समय लग जाता है।  
 4 करोड़ हैं एक्टिव सदस्य
मौजूदा वक्त में ईपीएफओ के एक्टिव मेंबर्स की संख्या करीब 4 करोड़ है। वहीं ईपीएफओ के कुल मेंबर्स की संख्‍या करीब 17 करोड़ है। 
  कब निकाल सकते हैं अपना पीएफ?
कब निकाल सकते हैं अपना पीएफ? ईपीएफओ मेंबर्स अगर 60 दिन से बेरोजगार है तो वह अपना पीएफ निकाल सकता है। नौकरी में रहते हुए पीएफ नहीं निकाल सकते हैं।

ऑनलाइन शॉपिंग में छूट के नाम पर हो रहा फर्जीवाड़ा

भारत में तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स बाजार में छूट (डिस्काउंट) के नाम ‘खेल’ चल रहा है। उत्पाद पर दिखाई जाने वाली छूट के फर्जी होने के दावे सामने आए हैं।
एक सर्वेक्षण में 41 फीसदी खरीदार इसके भुक्तभोगी बताए गए हैं। सरकार ने भी इससे जुड़े आंकड़े तलब किए हैं।‘लोकल सर्कल’ नामक संस्था द्वारा यह सर्वेक्षण 200 जिलों में 10 हजार लोगों के बीच किया गया है।
सर्वेक्षण के मुताबिक, ऑनलाइन बाजार में उत्पादों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को बढ़ाकर भारी छूट मुहैया कराई जाती है। 34 फीसदी
लोग इस मामले में समझ ही नहीं पाए कि उनके साथ कोई धोखाधड़ी हुई है। जबकि 25 फीसदी खरीदार इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में होने वाली गड़बड़ी से अनभिज्ञ थे।
हालांकि ई-कॉमर्स कंपनियों का कहना है कि वह सिर्फ माध्यम हैं। जिन विक्रेताओं द्वारा ऐसा किए जाने की सूचना या शिकायत मिलती है, उन्हें तत्काल प्रभाव से काली सूची में डाल दिया जाता है।
आंकड़ें पर एक नजर
- 76 अरब डॉलर पहुंच जाएगा भारतीय ई-कॉमर्स बाजार 2021 तक
-60 करोड़ डॉलर से 12.3 अरब डॉलर हो गया भारत का ई-कॉमर्स बाजार दो साल में
(नील्सन के एक अध्ययन के मुताबिक)
सख्त कदम जरूरी
‘लोकल सर्कल’ संस्था का कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को और जिम्मेदार बनना होगा। ई-कॉमर्स को एकजुट होकर धांधली करने वाले विक्रेताओं को प्रतिबंधित करना चाहिए।

Monday, February 20, 2017

विमानों में फोन और इंटरनेट की सुविधा जल्द ही

जल्द ही प्लेन में भी कॉल करने और इंटरनेट इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल सकती है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन (डीओटी) ने एविएशन मिनिस्ट्री को एक प्लान भेजा है। इसके तहत यात्री प्लेन में वॉइस, विडियो और डेटा सर्विसेज का इस्तेमाल कर सकेंगे।
डीओटी ने विमान में कनेक्टिविटी को लेकर एक महीने पहले इंडियन टेलिग्राफ रूल्स और इंडियन टेलिग्राफ ऐक्ट में बदलाव के लिए एक ड्राफ्ट प्लान सचिवों की एक समिति को भेजा था। इसको लेकर गृह मंत्रालय और डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस ने कुछ स्पष्टीकरण मांगे हैं। इन्हें शामिल कर इस महीने के अंत तक एक फाइनल प्रपोजल तैयार कर भेजा जाएगा।
गृह मंत्रालय ने ये भी पूछा है कि विमानों में कनेक्टिविटी के लिए किन सैटलाइट्स (भारतीय या फिर विदेशी) की मदद ली जाएगी। विमानों में कनेक्टिविटी जमीन से हवा और सैटलाइट कम्युनिकेशन के जरिए दी जा सकती है। लेकिन डीओटी का मानना है कि विमानों में कनेक्टिविटी सैटलाइट्स के जरिए ही दी जाए।
बताया जा रहा है कि विमानों में वायरलेस इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी। इसे एक ऑन-बोर्ड राउटर के जरिए दिया जाएगा, जो विमान पर लगे एक एंटीना से जुड़ा होगा। ये ऐंटेना सैटलाइट से इंटरनेट सिग्नल को कैच करेगा। इसका जमीन से हवा में होने वाले कम्युनिकेशन चैनल से कोई रिश्ता नहीं होगा। इस चैनल का इस्तेमाल एयर ट्रैफिक कम्युनिकेशन के लिए पायलट करते हैं।

चटकने पर खुद-ब-खुद ठीक हो जाएगा यह स्मार्टफोन

फ्रांस के वैज्ञानिकों ने एक भविष्य के स्मार्टफोन का प्रारूप तैयार किया है जो टूटने या चटकने पर खुद-ब-खुद ठीक हो सकता है। चारों तरफ से खास शीशे से ढका हुआ यह फोन गिरने या अन्य वजह से अगर टूटता है तो इसके अंदर एक वाइब्रेशन पैदा होता है। यह वाइब्रेशन गरमी पैदा करता है जिससे शीशा पिघलता है और वह फोन खुद-ब-खुद जुड़ जाता है।
फिलहाल कंपनी ने  यह जानकारी नहीं दी है कि फोन के डिसप्ले के अलावा अगर इसके अंदर के पार्ट्स खराब होते हैं तो वह कैसे ठीक होंगे। कुछ खबरों के मुताबिक कंपनी ने किसी खास तकनीक का प्रयोग किया है जिसकी वजह से फोन के अंदर के हार्डवेयर पाट्र्स खराब ही नहीं होंगे। टेक जगत के मुताबिक इस फोन का बाहरी भाग भले ही खास शीशे का हो मगर अंदर की बॉडी ठोस एल्युमिनियम से तैयार की गई है।
टेक्सट को वॉयस मैसेज में बदल देगा
एलो नाम के इस फोन में कंपनी ने वॉयस कंट्रोल और फेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। यानी इस फोन को आवाज या चेहरे की पहचान कराकर अनलॉक किया जा सकता है। भविष्य के इस फोन पर टेक्स्ट के रूप में आए मैसेज को आवाज में बदलकर सुना भी जा सकता है और बोलकर उनका जवाब भी दिया जा सकता है। इसमें वे सभी फीचर शामिल होंगे जो एक साधारण स्मार्टफोन में होते हैं।
टच स्क्रीन और बटन दबाने की जरूरत नहीं
एलो स्मार्टफोन में बेहतरीन वॉयस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस फोन को न सिर्फ अनलॉक करने बल्कि कॉल करने , वॉल्यूम बढ़ाने, गाना सुनने या फिर कुछ लिखने के लिए टच स्क्रीन या कोई अन्य बटन दबाने की जरूरत नहीं होगी। फोन को बोलकर कोई भी कमांड दिया जा सकता है। यह बोलते ही सारे काम खुद-ब-खुद करने लगेगा।

नकदी में दो लाख से अधिक के गहनों की खरीद पर लगेगा टैक्स

पहली अप्रैल से आपको दो लाख रुपये से अधिक की ज्वैलरी कैश में खरीदने पर एक फीसद टैक्स देना होगा।अभी स्रोत पर एकत्रित इस टैक्स यानी टीसीएस के लिए नकदी खरीद की सीमा पांच लाख रुपये है। वित्त विधेयक 2017 पारित होने के बाद गहने भी सामान्य वस्तुओं की कैटेगरी में आ जाएंगे।
सामान्य वस्तुओं पर दो लाख से अधिक की नकद खरीद पर एक प्रतिशत टीसीएस देना होता है। पिछले बजट में यह टैक्स लगाया गया था।वित्त विधेयक 2017 में टीसीएस के लिए कैश में गहनों की पांच लाख से अधिक की खरीद सीमा को खत्म करने का प्रस्ताव है।इसकी वजह यह है कि 2017-18 के बजट में तीन लाख रुपये से अधिक के नकदी सौदों पर पाबंदी लगा दी गई है। इसका उल्लंघन करने पर नकदी लेने वाले व्यक्ति पर उतनी ही राशि का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।यानी अगर आप पांच लाख रुपये की ज्वेलरी कैश देकर खरीदते हैं, तो ज्वैलर को सीमा से अधिक की दो लाख रुपये की राशि के बराबर पेनाल्टी चुकानी होगी।चूंकि ज्वैलरी की खरीद के लिए कोई खास प्रावधान नहीं है। ऐसे में अब इसे सामान्य वस्तुओं के साथ मिला दिया गया है।एक अधिकारी के मुताबिक, 'आयकर कानून में दो लाख से अधिक की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद पर एक प्रतिशत का टीसीएस लगाने का प्रावधान है। वस्तुओं की परिभाषा में आभूषण भी आते हैं।ऐसे में नकदी में दो लाख से ज्यादा के गहनों की खरीद पर एक फीसद टीसीएस लगेगा। बड़ी राशियों के लेनदेन के जरिये काले धन के सृजन को रोकने के लिए बजट प्रस्ताव के बाद पांच लाख की सीमा को खत्म करने को संसद की मंजूरी मिल गई है।

Saturday, February 18, 2017

प्रीपेड वॉलेट का कोई भविष्य नहीं

एचडीएफसीबैंक के एमडी और सीईओ आदित्य पुरी ने कहा है कि पेटीएम जैसे प्रीपेड वॉलेट बिजनेस का कोई भविष्य नहीं है। इनका मार्जिन बहुत कम होता है। कैशबैक के जरिए ग्राहकों को जोड़ने वाली कंपनियां घाटे में हैं। पुरी शुक्रवार को यहां नैस्कॉम समिट में बोल रहे थे। पुरी का बयान इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि एचडीएफसी बैंक की भी 'चिल्लर' नाम से वॉलेट सर्विस है।
उन्होंने कहा, 'वॉलेट मार्केट की लीडर कंपनी पेटीएम 1,651 करोड़ रुपए घाटे में है। आप ऐसा बिजनेस नहीं चला सकते जिसमें कहें कि 500 रुपए के भुगतान पर 250 रुपए कैशबैक पाएं। वॉलेट कंपनियां अलीबाबा का मॉडल भी नहीं अपना सकतीं क्योंकि भारतीय रेगुलेटर चीन से बेहतर हैं। मेरे खाते में 1,651 करोड़ का नुकसान नहीं है। कैशबैक को छोड़ दें तो क्या एचडीएफसी बैंक के वॉलेट से बेहतर कोई वॉलेट है?' गौरतलब है कि सिर्फ डिजिटल वॉलेट चलाने वाली कंपनियों और बैंकों के बीच इन दिनों काफी मतभेद चल रहे हैं। पिछले महीने आईसीआईसीआई बैंक ने फ्लिपकार्ट के 'फोनपे' पर पैसे का ट्रांसफर रोक दिया था। इससे पहले एसबीआई ने अपने ग्राहकों के लिए पेटीएम पर पैसे ट्रांसफर की सुविधा पर रोक लगाई थी। पुरी ने कहा, ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शन के लिए बैंकों ने अपने वॉलेट लांच किए हैं।
सिर्फ वॉलेट चलाने वाली कंपनियों को इंटरमीडियरी के तौर पर बैंकों की जरूरत होती है। वहीं से वॉलेट में पैसे आते हैं। यूपीआई के आने से बैंक कम समय में ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।
पेमेंट बैंकों द्वारा जमा पर 7% तक ब्याज देने की घोषणा पर पुरी ने कहा कि इतना ज्यादा ब्याज लंबे समय तक नहीं दिया जा सकता। गौरतलब है कि एयरटेल पेमेंट बैंक ने 7.25% ब्याज देने की घोषणा की है।
पेटीम का पेमेंट बैंक भी जल्दी
एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी ने फंसे कर्ज के लिए अलग बैंक बनाने के विचार का समर्थन किया है। उनके अनुसार एनपीए की सर्वकालिक समस्या के समाधान में मदद करने वाले किसी भी कदम का स्वागत है। पुरी ने शुक्रवार काे नैसकाम के एक कार्यक्रम में संवाद में कहा, फंसे कर्ज के लिए अलग बैंक (नेशनल बेड बैंक) का विचार बुरा नहीं है। सरकार और नियामक विभिन्न चर्चा कर रहे हैं कि एनपीए की समस्या से कैसे निपटा जाए और यह जरूरी भी है ताकि बैंकिंग प्रणाली और अधिक करने में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि इस बारे में बैंक्रप्सी कोड पर भी चर्चा हो रही है। इसके साथ ही हम बैंकर भी एनपीए मुद्दे के निपटान को लेकर काम कर रहे हैं। लगभग 20% बैंकिंग आस्तियां दबाव में या फंसी हुई हैं और सितंबर तिमाही में एनपीए 13.5% रहा।
इसमें भी 90% से अधिक फंसा हुआ कर्ज सरकारी बैंकों के पास है। सरकार ने वित्त वर्ष 2017 पूर्व वित्त वर्ष में इन बैंकों में बड़ी राशि डाली है और अगले दो वित्त वर्ष में इनकी मांग कम से कम 91000 करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है। फंसे कर्ज के लिए अलग से बैंक का विचार लंबे समय से चल रहा है लेकिन हाल ही में आर्थिक समीक्षा में एक बार फिर इस तरह के संस्थान की जरूरत पर जोर दिया गया है।





Friday, February 17, 2017

नकली 2000 रुपये के नोट में है असली के 11 फीचर्

भारत बांग्लादेश सीमा पर बीते दिनों पकड़े गये 2000 रुपये के नकली करेंसी को देख सुरक्षा एजेंसियां काफी सकते में हैं। नकली नोट की पहचान के लिए बैंक ने मानक बनाए है जिससे आप 2000 रुपये के असली और नकली करेंसी नोट को आसानी से पहचान सकते है।  दो हजार के जाली नोट की पहचान ऐसे करें
500 और 1000 के पुराने नोट बंद होने से उनके जाली नोटों का खतरा भले ही कम हो गया है। लेकिन देश में कई जगहों पर 2000 रुपये के जाली नोट मिलने से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। 
नकली नोटों में यह नहीं
सूक्ष्म अक्षरों में लिखा आरबीआई और 2000 रुपये, जिसे मिंट मशीन से ही देखा जा सकता है
बांई ओर बना आयत और उसमें लिखा 2000, जो खासतौर पर दृष्टिबाधितों के पढ़ने के लिए है
नोट पर आड़ी खींची गईं सात रेखाएं, नकली नोट पर होती हैं, लेकिन दृष्टिबाधितों के अनुरूप नहीं
तस्कर असली नोट के 17 में से 11 सिक्युरिटी फीचर्स कॉपी करने में कामयाब हो गए हैं। इसमें वाटरमार्क, अशोक स्तंभ और आर.बी.आई गवर्नर के हस्ताक्षर  भी शामिल हैं। हालांकि जाली नोटों की प्रिंटिंग और पेपर की गुणवत्ता खराब है। इससे अब नकली नोटों को पहचानना मुश्किल हो गया है। जांच से जुड़े अधिकारियों ने आशंका जाहिर की है जल्द ही ये नकली नोट भारतीय बाजार में पहुंच सकते हैं जिसे समय रहते कंट्रोल करने की आवश्यकता है।
जाली नोटों में इसकी नकल की गई
देवनागरी लिपि में नोट का मूल्य
महात्मा गांधी की तस्वीर
गारंटी वक्तव्य और गवर्नर के हस्ताक्षर
अंकों के पैनल और अशोक स्तंभ का चिन्ह
नोट छपाई का साल
स्वच्छ भारत का लोगो
16 भाषाओं में नोटों का मूल्य
मंगलयान की तस्वीर 
इन पर भी रखें नजर 
2000 की छिपी हुई आकृति, जो नोट नकली नोट में विभिन्न कोणों से भी देखने पर दिखाई नहीं देते
सुरक्षा रेखा पर आरबीआई, 2000 और भारत लिखा है, असली नोट में इसका रंग बदलता है
गांधी का वॉटरमार्क और इलेक्ट्रोलाइट 2000 फीचर की गुणवत्ता नकली नोटों में ठीक नहीं होती है
500 और 1000 रुपये के ही थे ज्यादातर जाली नोट नोटबंदी के पहले
 

Thursday, February 16, 2017

6.60 लाख रुपये में करें उड़ने वाली कार की बुकिंग

रोड पर ट्रैफिक की बढती समस्या से निजात दिलाने के लिए फ्लाइंग कार अब कांसेप्ट से जल्द ही आपको रोड से दौड़ते हुए हवा में उड़ाती नजर आएगी। डच कार कंपनी पैल-वी ने उड़ने वाली कार चलाने के सपने को हकीकत में बदल दिया है। दुनिया की पहली कर्शियल उड़ने वाली कार की बिक्री आम लोगों के लिए शुरू कर दी है। ग्राहक दो उड़ने वाली कारें, लिबर्टी स्पोर्ट और लिबर्टी पायनियर की प्री-बुकिंग शुरू कर सकते हैं।
आपको बता दें की आप कार की बुकिंग मात्र 6.60 लाख रुपए देकर स्पोर्ट और पायनियर को 16.70 लाख रुपए देकर बुक कर सकते हैं। कंपनी ने लिबर्टी स्पोर्ट की कीमत 2 करोड़ 70 लाख रुपए और लिबर्टी पायनियर की कीमत 4 करोड़ 1 लाख रुपए रखी
है। कार की डिलेवरी यूरोप में 2018 के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।
स्पीड और माइलेज
इस कार को कॉपटर बनने में 10 मिनट लगता है। जमीन पर ये कार 161 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। हवा में 112 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकेंगी। एक लीटर इंधन में ये 11 किलोमीटर चलेंगी। एक्स्ट्रा पैसे देने पर खरीदारों को ट्रेनिंग सेशन और सारे ही उपकरणों का डिस्प्ले देखने को मिलेगा। इन कारों में फोल्ड किए जा सकने वाले रोटर ब्लेड लगे हैं जो जमीन पर फोल्ड रहेंगे और उड़ने के लिए हेलीकॉप्टर की तरह घूमेंगे। 

6.60 से 16.70 रुपए में करे बुकिंग
पैल-वी ने दो कार लिबर्टी स्पोर्ट और लिबर्टी पायनियर की बिक्री शुरू की है। लिबर्टी स्पोर्ट की कीमत 4 लाख डॉलर (2.70 करोड़ रुपए) और 6 लाख डॉलर (4.1 करोड़ रुपए) तय। स्पोर्ट को 6.60 लाख रुपए देकर बुक कर सकते हैं। पायनियर को रिजर्व करने के लिए 16.70 लाख रुपए खर्चने होंगे। बुकिंग के लिए दिए हुए पैसे नॉन रिफंडेबल है।

टीवी पर भी देख सकेंगे फेसबुक पर पोस्ट वीडियो

फेसबुक ने एक नया एप लांच करने जा रहा है, जिसकी मदद से सोशल मीडिया पर पोस्ट वीडियो टीवी पर भी देखा जा सकेगा। यह नया एप एप्पल टीवी, अमेजन के फायर टीवी और सैमसंग स्मार्ट टीवी के लिए है। इससे फेसबुक के यूजरों को इस सोशल नेटवर्किंग साइट पर डाले गए वीडियो को बड़ी स्क्रीन पर देखने की सुविधा मिलेगी।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम भले छोटा हो लेकिन फेसबुक की महत्वाकांक्षा वीडियो सर्विस क्षेत्र में यूट्यूब से प्रतिस्पर्धा करने की है। फिलहाल इस एप से फेसबुक यूजर शेयर किए गए वीडियो को आसानी से टीवी पर भी देख सकेंगे।एक ब्लॉग पोस्ट में प्रोडक्ट मैनेजर डाना सिटलर और इंजीनियरिग मैनेजर एलेक्स ली ने कहा, "पिछले साल हमने आपको अपने टीवी पर फेसबुक से वीडियो देखने की सुविधा दी थी और आज इसकी क्षमता में विस्तार करने की घोषणा की है। इस एप के जरिये आप दोस्तों द्वारा साझा किए गए वीडियो या लाइव वीडियो को भी टीवी पर देख सकेंगे।

Monday, February 13, 2017

ऑनलाइन भुगतान के समय 58% लोग छोड़ देते हैं खरीदारी

दुनियाभर में मोबाइल उपभोक्ताओं द्वारा विभिन्न एप तथा ऑनलाइन पोर्टल पर खरीदारी करने का चलन बड़ी तेजी से बढ़ा है लेकिन करीब 58 फीसदी लोग अपने लिए चीजें पसंद करने के बाद उनके लिए भुगतान करते समय बीच में ही खरीदारी छोड़ देते हैं। वैश्विक व्यापार समूह मोबाइल ईकोसिस्टम फोरम ने नौ देशों भारत, चीन, ब्रिटेन,अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया में 6,000 मोबाइल उपभोक्ताओं के सर्वेक्षण के बाद मोबाइल मनी रिपोर्ट तैयार की है।
रिपोर्ट के अनुसार 78 प्रतिशत लोगों ने गत तीन महीनों के दौरान मोबाइल के जरिये खरीदारी की है और 58 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपनी पसंदीदा चीजें ऑनलाइन शॉपिंग बास्केट में डालने के बाद लेन-देन के समय खरीदारी बीच में ही छोड़ दी। ऑनलाइन सामान बेचने वालों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि वे खरीदारों की पसंद को भुगतान में बदल कर बिक्री को वास्तविक बना पाएं।
रिपोर्ट के अनुसार खरीदारी को अंतिम समय छोड़ने वाले कुछ लोगों का कहना है कि अंतिम समय उनका मूड बदल गया और उन्होंने खरीदारी छोड़ दी। कुछ अन्य का कहना है कि भुगतान की प्रक्रिया बहुत पेचीदा, समय बर्बाद करने वाली और बहुत अधिक जानकारी मांगने वाली थी, इसी वजह से उन्होंने अंतिम समय में खरीदारी छोड़ दी।

सर्वेक्षण
- वैश्विक व्यापार समूह मोबाइल ईकोसिस्टम फोरम का अध्ययन
- भारत समेत दुनिया के नौ देशों में 6,000 खरीदारों पर अध्ययन
- ऑनलाइन खरीदारों की पसंद को भुगतान में बदलना वास्तविक चुनौती

Sunday, February 12, 2017

अब 15 तक दें नोटबंदी के दौरान जमा की गई राशि की जानकारी

सरकार ने नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा कराई गई नकद राशि को लेकर करदाताओं से आयकर विभाग के SMS और ईमेल का जवाब देने की अंतिम तिथि पांच दिन बढ़ाकर 15 फरवरी कर दी है। आयकर विभाग ने ट्वीट किया, 'नकद जमा
आंकड़ों पर ऑनलाइन जवाब देने की तारीख बढ़ा दी गई है। स्वच्छ धन अभियान के तहत अब आप अपना ब्योरा 15 फरवरी, 2017 तक दे सकते हैं।
इसके अलावा, आयकर विभाग द्वारा लोगों से यह भी कहा गया है कि नोटबंदी के बाद अगर उन्हें किसी व्यक्ति से 20,000 रुपये या उससे अधिक का उपहार या दान मिला है तो उसका ब्योरा उपलब्ध कराएं ताकि आगे उनकी जांच नहीं की संभावना कम हो।
SMS और ईमेल पर जवाब को लेकर बार-बार पूछे जाने वाले सवालों का स्पष्टीकरण (FAQ) जारी करते हुए आयकर विभाग ने कहा है कि आयकर दाताओं को उपहार या दान में मिले कैश के स्रोत का स्पष्टीकरण देना होगा। अगर यह कैश जमा कई स्रोतों या 8 नवंबर को हाथ में कैश की वजह से है तो आयकरदाता को ई फाइलिंग पोर्टल पर जवाब देते समय बैंक से निकाले गए कैश, पहचान वाले लोगों या बिना पैन के मिले कैश, अज्ञात लोगों से मिली नकदी और पहले की आय या बचत किए गए कैश की अलग-अलग जानकारी देनी होगी।

जब 'तम्मा-तम्मा' गर्ल माधुरी ने सिखाया वरुण-आलिया को डांस

बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट और वरुण धवन की फिल्म 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' का दूसरा गाना 'तम्मा-तम्मा' दो दिन बाद रिलीज होने वाला है। धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित के 'तम्मा-तम्मा' सॉन्ग को वरुण और आलिया रीक्रिएट करने वाले हैं। आलिया ने इस टीचिंग क्लास की वीडियो भी शेयर की है।
वीडियो में माधुरी, आलिया और वरुण को डांस सिखा रही हैं। हालांकि दोनों को पहले माधुरी के स्टेप्स कॉपी करने में दिक्कत आ रही थी, लेकिन जब माधुरी ने उन्हें सिखाया, तो दोनों अच्छे से स्टेप्स फॉलो करने लगे।आलिया ने इसके साथ माधुरी का एक और वीडियो शेयर किया है, जिसमें माधुरी बता रही है कि दो दिन बाद ये गाना रिलीज होने वाला है। बता दें कि इससे पहले फिल्म का टाइटल ट्रैक रिलीज हुआ था। जिसे अभी तक 1 करोड़ से भी ज्यादा व्यूज मिल गए हैं। फिल्म 10 मार्च को रिलीज होगी। 

Friday, February 10, 2017

नोटबंदी: बैंकों द्वारा गलत डेटा देने पर मिल रहे टैक्स नोटिस

नोटबंदी के बाद बैंकों में भारी कैश डिपॉजिट करने वाले हजारों लोगों को टैक्स नोटिस मिला है। चौंकाने वाली बात यह है कि टैक्स नोटिस पाने वाले अधिकतर लोगों का कहना है कि उन्हें जितना पैसा जमा करने का नोटिस मिला है इतना उन्होंने डिपॉजिट ही नहीं किया है।
टैक्स नोटिस पाने वाले एक बिजनसमैन ने नाम ने जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'मैंने केवल 2.3 लाख रुपए बैंक में जमा करवाए थे लेकिन मुझे 6.9 लाख रुपए जमा कराने का नोटिस मिला है। मेरे बैंक ने गलती से तीन बार एंट्री कर दी। मैं ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाऊंगा और उम्मीद करता हूं उससे मामला सुलझ जाएगा। मैं नहीं चाहता कि मुझसे टैक्स डिपार्टमेंट के लोग पूछताछ करें। आम आदमी को बैंकों और दूसरों की गलती के कारण इतना कुछ सहना पड़ रहा है यह गलत है।'
करीब आधा दर्जन सीए ने हमारे सहयोगी अखबार अहमदाबाद मिरर को बताया कि उनके क्लाइंट्स सलाह लेने आ रहे हैं। उनकी शिकायत है कि उन्होंने जिस रकम को बैंक में डिपॉजिट करने का नोटिस मिला है उन्होंने इतना पैसा जमा ही नहीं करवाया था। टैक्स नोटिस को सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) की तरफ से जारी किया गया है।
1 फरवरी को CBDT ने बताया था कि वह 18 लाख लोगों को अपने बैंक अकाउंट में भारी कैश जमा किया है उन्हें अपने पैसे का सोर्स बताना होगा। CBDT के चेयरमैन सुशील चंद्रा का कहना था कि डेटा ऐनालिटिक्स की मदद से ज्यादा कैश जमा करने वाले लोगों को टैक्स नोटिस भेजा गया है। जिन्हें नोटिस मिला है उन्हें नोटिस मिलने के 10 दिनों के भीतर आयकर विभाग की वेबसाइट पर जवाब दाखिल करना होगा।
सीए संजय शाह ने बताया कि बैंक द्वारा मुहैया कराए गए डेटा में भारी गलतियां हैं। उन्होंने कहा, 'बैंकों को नोटबंदी की घोषणा के बाद से 30 दिसंबर के बीच जमा किए गए पैसे का ब्यौरा देना था। हालांकि हमारे क्लाइंट्स की शिकायतें आ रहीं हैं कि उन्हें 7 नवंबर से पहले जमा किए गए पैसे पर भी नोटिस मिले हैं।'

Thursday, February 9, 2017

सेविंग अकाउंट से हर हफ्ते निकालें 50 हजार रुपए

आरबीआई ने 20 फरवरी से बैंक सेविंग अकाउंट से कैश निकासी की साप्ताहिक सीमा 24,000 से बढ़ा कर 50,000 रुपये कर दी है। साथ ही 13 मार्च से कैश निकासी की सीमा पूरी तरह खत्म करने का ऐलान किया गया है। इससे पहले बीते 30 जन
वरी से ही एटीएम से निकासी की सीमा हटा ली गई है।
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा कि बचत खातों से निकासी के मामले में दो चरणों में स्थिति सामान्य करने का फैसला किया गया है। इन खातों से अगले 20 फरवरी से हर सप्ताह 50 हजार रुपये निकाले जा सकेंगे तथा 13 मार्च से निकासी की सीमा पूरी तरह समाप्त कर दी जाएगी। हालांकि अभी बैंक खातों से सप्ताह में 24,000 रुपये ही निकाले जा सकते हैं। नई व्यवस्था 20 फरवरी से लागू होगी।
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद आरबीआई ने एटीएम, सेविंग बैंक अकाउंट और चालू खातों से कैश निकालने पर सीमा लगा दी थी। कैश प्रिंट की धीमी गति की वजह से देश में पिछले तीन महीनों के दौरान भारी अफरातफरी रही। लेकिन पिछले महीने के आखिरी सप्ताहों में स्थिति में सुधार हुआ।

IT डिपार्टमेंट को हाईकोर्ट को बतानी होगी सर्च की वजह

इनकम टैक्स अथॉरिटीज को हाई कोर्ट में एक ‘सैटिसफैक्शन नोट’ देकर बताना होगा कि कोई सर्च क्यों की गई और अधिकारियों को मनमाने अधिकार नहीं दिए गए हैं। सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने यह बात कही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इनकम टैक्स अधिकारियों का दखल और मनमानी बढ़ने की जो आशंका जताई जा रही है, वह ठीक नहीं है।
चंद्रा ने कहा कि सर्च का प्रोसेस तय है। इसके लिए पहले प्रिंसिपल डायरेक्टर जनरल से इजाजत लेनी होगी और किसी जूनियर ऑफिसर को अपने मन से सर्च की मंजूरी नहीं दी गई है। टैक्स अथॉरिटीज को रेड के लिए अधिक ताकत दिए जाने की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘मनमानी सर्च नहीं होगी। सर्च या जब्ती के लिए कोई अतिरिक्त पावर नहीं दी गई है।’ सर्च के लिए जो नोट तैयार किया जाएगा, उसे कोर्ट में पेश करना होगा। यह नोट सीलबंद लिफाफे में अदालत के मांगने पर पेश किया जाएगा। चंद्रा ने कहा कि अभी तक यही तरीका रहा है। इस नोट में सर्च की वजह बतानी पड़ती है और उसके सबूत देने पड़ते हैं।
बजट 2017-18 में प्रस्ताव किया गया था कि इनकम टैक्स अथॉरिटी को सर्च के लिए किसी शख्स या किसी अथॉरिटी या अपेलेट ट्राइब्यूनल को ‘वजह’ नहीं बतानी पड़ेगी। इसके बाद इंडस्ट्री में मनमानी सर्च का डर बढ़ा था। चंद्रा ने कहा कि पिछले कुछ साल के दौरान कुछ कमिश्नर अपील और ट्राइब्यूनल ने सैटिसफैक्शन नोट की मांग शुरू कर दी थी। यह उनका काम नहीं है क्योंकि इसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती। चंद्रा ने बताया, ‘इस नोट में सेंसिटिव इन्फर्मेशन होती है। इसलिए यह हर अपीलेट चैनल के पास नहीं जाना चाहिए। साथ ही, हम नहीं चाहते कि किसी जूनियर अपीलेट अथॉरिटीज के यहां से हवाई आधार पर सर्च खारिज हो जाए।’ कमिश्नर अपील इसी कैटिगरी में आते हैं। चंद्रा ने बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट फाइनल अथॉरिटी है। इसलिए नोट वहीं दिखाया जाना चाहिए।
इस कानून में बदलाव करते हुए बजट में कहा गया था, ‘सेक्शन 132 और 132ए के तहत अगर कोई कार्यवाही होती है तो उसमें गोपनीयता बनाए रखना बहुत जरूरी है। हालांकि, कुछ जुडिशल फैसलों ने इनकम टैक्स अथॉरिटीज की तरफ से दी गई ‘मानने की वजह’’ या ‘शक की वजह’ को लेकर भ्रम पैदा कर दिया है।’ चंद्रा ने कहा कि सर्च के लिए प्रोसेस में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने बताया, ‘सर्च के मामलों में हमारे पास किसी गलत हरकत को रोकने के पुख्ता इंतजाम हैं। इसके लिए डायरेक्टर जनरल से अप्रूवल लेना पड़ता है। वहीं, सर्च वॉरंट इनकम टैक्स के प्रिंसिपल डायरेक्टर जनरल इश्यू करते हैं।’ उन्होंने कहा कि इसलिए इस कानून में बदलाव को लेकर आशंकित होने की जरूरत नहीं है।

Wednesday, February 8, 2017

कालाधन माफी वाली पीएमजीकेवाई में टुकड़ों में जमा कर सकेंगे पैसा

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के अंतर्गत बेहिसाबी नकदी की घोषणा करने वाले 31 मार्च तक चार साल के कोष में कुल राशि का अनिवार्य 25 फीसद हिस्सा टुकडों में जमा करा सकेंगे।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना सरकार की ओर से लाई गई नई कालाधन माफी योजना है और इसके जरिए सरकार ने कालाधन रखने वालों को आखिरी मौका दिया है।
क्या कहती है योजना:
इस योजना के अंतर्गत कालाधन रखने वालों को आखिरी मौका दिया गया है। नोटबंदी के बाद बैंक खातों में जमा कराई गई बेहिसाबी नकदी पर 50
फीसद कर चुका कर बचा जा सकता है। मार्च के अंत तक ऐसे लोग इस योजना में निवेश कर सकेंगे। पीएमजीकेवाई के तहत कालेधन की घोषणा करने वालों को कुल राशि का 25 फीसदी चार साल तक बिना ब्याज वाले खाते में जमा कराना होगा।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किया गया बयान:
मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, “सरकार ने घोषणा करने वाले लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, 2016 के तहत एक या अधिक बार जमा कराने की अनुमति दी है।
” कैसे मिलेगा योजना का फायदा:
इस योजना के अंतर्गत टैक्स का भुगतान पहले करना होगा और टैक्स की रसीद दिखाकर योजना का लाभ उठाया जाएगा। इसके ठीक उलट पिछली आय घोषणा योजना और अन्य ऐसी योजनाओं में घोषणा पहले करनी होती थी और टैक्स की वसूली बाद में की जाती थी। गौरतलब है कि पीएमजीकेवाई योजना 17 दिसंबर को शुरू हुई है और यह 31 मार्च, 2017 तक खुली रहेगी। यह योजना कराधान कानून (दूसरा संशोधन) कानून, 2016 का ही हिस्सा है, जिसे लोकसभा में 29 नवंबर को मंजूरी मिली थी।

Tuesday, February 7, 2017

'बद्रीनाथ की दुल्हनियां' का पहला गाना हुआ रिलीज

चंद दिन पहले ही आलिया भट्ट और वरुण धवन की 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' का मजेदार ट्रेलर रिलीज हुआ था और थोड़े ही समय में इसे लाखों लोग इसे देख चुके थे। अब इस फिल्म का टाइटल ट्रेक जारी हुआ है।वरुण और आलिया की जोड़ी पहले दो फिल्मों 'स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर' और'हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया' में दिख चुकी है। अब यह जोड़ी फ़िल्म 'बद्रीनाथ की दुल्हनियां' में भी नज़र आने वाली है।
ट्रेलर तो आपने देख ही लिया होगा...अब तैयार हो जाइए इसके पहले गाने के लिए।'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' का टायटल ट्रैक रिलीज हो गया है। इसमें वरुण की नॉटी नजरिया टिकी है अपनी दुल्हनिया आलिया पर। होली के माहौल में फिल्माया गया यह गाना आपको 1966 के गाने 'पिंजरे वाली मुनिया' की याद दिलाएगा! 60s के इस गाने को नेहा कक्कर, देव नागी और मोनाली ठाकुर ने अपनी आवाज़ से नए दौर का तड़का दिया है।'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' फ़िल्म को डायरेक्ट कर रहें हैं शशांक खेतान जो 10 मार्च को रिलीज़ हो रही है। वैसे ट्रेलर को अगर आपने ध्यान से सुना होगा तो इस फ़िल्म में कई पुराने गानों का रीमेक किया गया है। अब देखते हैं कब और कैसे सारे गानों को रिविल किया जाएगा तब तक यहां देखिये बद्रीनाथ का टायटल ट्रैक और तैयार हो जाइए इस होली गाने पर नाचने के लिए...


Monday, February 6, 2017

3 लाख से ज्यादा कैश लेने पर लगेगा 100% जुर्माना

कालेधन पर लगाम लगाने की कोशिशों के बीच अब तीन लाख रुपये से अधिक का कैश स्वीकार करने वालों को भारी जुर्माना देना पड़ेगा। इसकी शुरुआत एक अप्रैल से होगी। बजट 2017-18 में तीन लाख रुपये से अधिक के कैश लेनदेन पर रोक लगाने का प्रस्ताव है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि जो व्यक्ति जितनी राशि कैश में स्वीकार करेगा उसे उसके बराबर ही जुर्माना देना होगा।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा,

यदि आप चार लाख रुपये कैश स्वीकार करते हैं तो आपको चार लाख रुपये का ही जुर्माना देना होगा। यह जुर्माना उस व्यक्ति पर लगेगा जो नकद स्वीकार करेगा। अधिया ने कहा कि यदि आप कैश में कोई महंगी घड़ी खरीदते हैं तो दुकानदार को यह टैक्स देना होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रावधान लोगों को बड़ी राशि के नकद लेनदेन से रोकने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद खातों में ब्लैक मनी आया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने 2017-18 के बजट में आयकर कानून में धारा 269 एसटी जोड़ने का प्रस्ताव किया है। इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति एक दिन में किसी एक व्यक्ति से एकल लेनदेन या किसी एक मामले अथवा मौके पर तीन लाख रुपये से अधिक की नकदी स्वीकार नहीं करेगा। हालांकि, यह अंकुश सरकार, किसी बैंकिंग कंपनी, डाकघर बचत खातों या सहकारी बैंकों पर लागू नहीं होगा।

Saturday, February 4, 2017

10 से ज्यादा पुराने नोट रखने पर देना होगा जुर्माना

केंद्र सरकार की ओर से अमान्य करार दिए गए पुराने 500 और 1000 रुपये के 10 से ज्यादा नोटों को रखने पर आपको कम से कम 10,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से लोकसभा में पेश किए गए नोटबंदी विधेयक में यह प्रस्ताव है। बिल के मुताबिक 'समानांतर अर्थव्यवस्था चलने की संभावना' को रोकने के लिए यह प्रावधान जोड़ा गया है। यह विधेयक 30 दिसंबर को नोटबंदी को लेकर जारी किए गए अध्यादेश की जगह लेगा।
इस विधेयक में 9 नवंबर से 30 दिसंबर के दौरान देश से बाहर रहने वाले लोगों की ओर से गलत घोषणा पर न्यूनतम 50 हजार रुपये के फाइन का भी प्रस्ताव है। आरबीआई ने ऐसे लोगों को 31 मार्च तक पुराने नोट केंद्रीय बैंक की शाखाओं में जमा कराने की छूट दी है। एक बार संसद से इस विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद किसी व्यक्ति के पास यदि 10 से ज्यादा पुराने नोट पाए जाते हैं तो उस पर 10,000 रुपये या पाई गई राशि का 5 गुना तक, जो अधिक होगा, जुर्माना हो सकता है। हालांकि रिसर्च या स्टडी के मकसद से 25 नोट रखे जा सकते हैं।
विनिर्दिष्ट बैंक नोट (देनदारियों की समाप्ति) विधेयक, 2017 सरकार और रिजर्व बैंक की पुराने नोटों के प्रति जवाबदेही को समाप्त करता है।

15 लाख से ज्यादा कैश रखने पर लगेगा बैन

ब्लैकमनी पकड़ने के लिए सरकार ने अब 'स्वच्छ धन अभियान' शुरू किया है। इस अभियान के तहत बजट में 3 लाख रुपये से ज्यादा के कैश लेनदेन पर बैन लगाने का ऐलान किया गया है। अब सरकार ब्लैक मनी पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की दूसरी सिफारिश को अमलीजामा पहनाने जा रही है। सरकार जल्द ही 15 लाख रुपये से ज्यादा कैश रखने पर बैन लगाने का ऐलान कर सकती है।
इस मामले में सरकार का कहना है कि जब 3 लाख रुपये से ज्यादा के कैश लेनदेन पर बैन लागू हो जाएगा तो ज्यादा कैश रखने का कोई लॉजिक नहीं रह जाता। सारा काम तो डिजिटल पेमेंट के जरिए ही होगा। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, फाइनैंस बिल पास होने के बाद 3 लाख रुपये से ज्यादा के लेनदेन पर बैन लागू हो जाएगा। इसके बाद सरकार इस तरफ अगला कदम उठाएगी।
सरकार ने इस मामले में इंडस्ट्री के लोगों से बातचीत शुरू कर दी है। हालांकि, 3 लाख रुपये से ज्यादा के कैश लेनदेन का विरोध व्यापारियों के कुछ गुटों ने किया है। सरकार नहीं चाहती कि 15 लाख रुपये से ज्यादा कैश रखने के फैसले की घोषणा के बाद इसका किसी प्रकार विरोध हो। हालांकि, आरंभिक स्तर पर कई इंडस्ट्रीज ने कैश लिमिट बढ़ाने की अपील की है। इनका कहना है कि कारखाना चलाने वालों को अपने मजदूरों को दिहाड़ी आधार पर पेमेंट करना होता है। इसके अलावा मजदूरों को बीच-बीच में पैसे भी देने होते हैं। ऐसे में 15 लाख रुपये की कैश लिमिट कम है और इसको बढ़ाना चाहिए।
रिटेल कारोबारियों ने कैश रखने की लिमिट रखने को लेकर एक छूट भी मांगी है। उनका कहना है कि अगर एक दिन का कारोबार 15 लाख रुपये से ज्यादा चला गया तो वे इसको कहां ले जाएंगे। अगर सरकार 15 लाख रुपये की कैश रखने की लिमिट तय करती है तो उसे रिटेल कारोबारियों के लिए विशेष छूट देनी चाहिए। कारोबारियों को सेल के आधार पर कुछ दिनों तक 15 लाख या उससे ज्यादा रखने की छूट दी जाना चाहिए। इस बात पर वित्त मंत्रालय के उच्चाधिकारियों का कहना है कि कारोबारियों को सेल बढ़ने की बात को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। बैंक इस मामले में पूरा सहयोग करेगा। कारोबारी एक तय समय की बिक्री राशि बैंकों में जमा करा सकते हैं। इसमें उनको किसी प्रकार की समस्या नहीं आएंगी।
इस मामले में सरकार एक अहम काम यह भी करने जा रही है कि अगर आपके पास 15 लाख रुपये से ज्यादा कैश मिलेगा तो उसे बेनामी माना जाएगा और कार्रवाई भी बेनामी कानून के तहत की जाएगी, जिसमें जेल का भी प्रावधान किया गया है। इनकम टैक्स विभाग के एक उच्चाधिकारी के अनुसार जिस राशि का आप हिसाब-किताब नहीं दे सकते, वह विभाग की नजर में बेनामी है। ऐसे में जो भी कड़ा कानून होगा उसके तहत कार्रवाई की जाएगा। इधर, वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार का कहना है कि सरकार चाहती है कि सिस्टम्स में ब्लैक मनी खत्म हो जाए। इसके लिए सब तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इनकम टैक्स विभाग पूरी तरह से ब्लैक मनी को पकड़ने में लगा है।

Thursday, February 2, 2017

 IT रिटर्न में देरी पर लगेगी इतनी लेट फीस

आम बजट पेश करते हुए अरुण जेटली ने छोटे करदाताओं को राहत देते हुए कहा कि पहली बार आईटी रिटर्न भरने वालों को एक साल तक स्क्रूटिनी से छूट मिलेगी। साथ ही 5 लाख तक की आय वाले करदाता केवल एक पन्ने का फॉर्म भरकर आईटी रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। लेकिन, रिटर्न में देरी होने पर लेट फीस जरूर भरनी होगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि आईटी रिटर्न दाखिल करने की लास्ट डेट के बाद अगर रिटर्न भरा जाता है तो लेट फीस के तौर पर 5,000 रुपये भरने होंगे। लेकिन, अगर यह देरी 31 दिसंबर से भी लंबी खिंचती है तो यह लेट फीस 10,000 रुपये होगी। हालांकि, जिन लोगों की कुल आय 5 लाख से ऊपर नहीं है, उनके लिए बजट में राहत दी गई है और उनको लेट फीस के रूप में अधिकतम 1,000 रुपये ही भरने होंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि देश के जीडीपी अनुपात की तुलना में भारत का टैक्स कलेक्शन बेहद कम है। असंगठित क्षेत्र में करीब 4.2 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं, जिनमें से 1.74 करोड़ लोग रिटर्न फाइल करते हैं। असंगठित क्षेत्र और छोटे बिजनस करने वाले 5.6 करोड़ लोगों में से महज 1.81 करोड़ लोग ही रिटर्न फाइल करते हैं। टैक्स भुगतान अनुकूलन और बेहतर टैक्स प्रबंधन के लिए करदाताओं से जुड़ी जानकारियों के असरदार उपयोग के लिए यह बेहद जरूरी है कि रिटर्न तय तारीख तक फाइल कर दिए जाएं।

सर्विस चार्ज  खत्म होने के बाद भी महंगा ई-टिकट

केंद्र सरकार की ओर से आम बजट में ई-रेल टिकट पर लगने वाले सर्विस टैक्स को खत्म किए जाने के बाद भी यह खिड़की से मिलने वाले टिकट के मुकाबले महंगा रहेगा। यही नहीं ई-टिकट लेने पर ऐसी कई अन्य सुविधाएं भी यात्रियों को नहीं मिल पाएंगी, जो खिड़की से टिकट खरीदने पर मिलती हैं। मालूम हो कि 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार ने 'डिजिटल लेनदेन' को बढ़ावा देने के मकसद से ऑनलाइन रेल टिकट लेने पर लगने वाले सर्विस टैक्स पर 22 नवंबर से 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी थी।
आईआरसीटीसी के जरिए स्लीपर टिकट बुक कराने पर 20 रुपये और वातानुकूलित श्रेणी में 40 रुपये सर्विस टैक्स देना पड़ता था। केंद्र वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा बुधवार को पेश किए गए आम बजट में किए गए प्रावधानों के जरिए ऑनलाइन टिकट कराने पर लगने वाले सर्विस टैक्स को खत्म कर दिया गया है। इस फैसले को रेल यात्रियों के लिए बड़ी राहत करार दिया जा रहा है। यहां बताना लाजिमी होगा कि खिड़की और ऑनलाइन रेल टिकट कराने पर सिर्फ सर्विस टैक्स का ही फर्क नहीं होता, बल्कि कई बैंकों को टॉजेक्शन चार्ज 10 रुपये भी देना होता है।
खिड़की से टिकट कराने पर मिलने वाली सुविधाएं भी ऑनलाइन टिकट में नहीं मिलती हैं।  लंबी दूरी की यात्रा के लिए दो गाड़ियों के ऑनलाइन टिकट बनवाने पर दो बार आरक्षण शुल्क लगता है और टेलिस्कोपिक यात्रा का रियायती लाभ भी नहीं मिलता।

Tuesday, January 31, 2017

PF से पैसा निकालने के नियम हुए सख्त

अगर आप अपने प्रॉविडेंट फंड यानी PF अकाउंट से पैसा निकालने की सोच रहे हैं तो आपको जान लेना चाहिए कि सरकार ने इससे संबंधित कुछ नियमों में फेरबदल कर दी है। अगर आप EPFO (कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन) के सदस्य हैं तो पैसा निकालने के लिए अब से आपको विदड्रॉल का फॉर्म के साथ-साथ पर्सनल जानकारी
से जुड़े कुछ डॉक्युमेंट्स की फोटोकॉपी भी जमा करानी अनिवार्य है। अगर आप इन डॉक्युमेंट्स की फोटोकॉपी नहीं दे पाते तो अब आप अपने ही PF अकाउंट से पैसे नहीं निकाल पाएंगे। जानिए क्या-क्या बदल गया है..
आधार कार्ड:
PF के विदड्रॉल फॉर्म के साथ अब से आपको अपने आधार कार्ड की फोटो कॉपी देना अनिवार्य कर दिया गया है। सिर्फ आधार नंबर बताने से भी काम नहीं चलेगा आपको हर हालत में फोटोकॉपी देनी होग और शक होने पर सत्यापन के लिए आपका ओरिजिनल डॉक्युमेंट भी मांगा जा सकता है। हाल में कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन ईपीएफओ ने पीएफ और पेंशन से जुड़े बेनेफिट लेने के लिए आधार मैंडेटरी कर दिया है। 
यूनीवर्सल अकाउंट नंबर (UAN)
अब से आपको PF अकाउंट से पैसे निकालने के लिए विदड्रॉल फार्म के साथ यूनीवर्सल अकाउंट नंबर यानी यूएएन की फोटो कॉपी भी जमा करानी अनिवार्य हो गयी है। अब सिर्फ यूएएन नंबर देने से काम नहीं चलेगा।
PAN कार्ड
पीएफ विद्ड्रॉल के लिए अब से परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन कार्ड की फोटोकॉपी भी देना अनिवार्य है। पहले विद्ड्रॉल फार्म में पैन नंबर भरने से ही आपका काम खत्‍म हो जाता था लेकिन अब आपको पैन कार्ड की फोटोकॉपी भी देनी होगी। इसके बिना आपको पैसा नहीं मिलेगा। 
कंपनी के संपर्क में रहना ज़रूरी
पीएफ विद्ड्रॉल फार्म जमा करने से पहले आपको अपनी वर्तमान या पुरानी कंपनी के एचआर से इसे वेरीफाई कराना होगा। फार्म सबमिट करने के बाद कंपनी के एचआर के संपर्क में रहें। कई बार कोई डिटेल छूट जाने के कारण आपको फार्म ईपीएफओ ऑफिस में वापस आ जाता है।
ऐेसे में अगर आप एचआर के संपर्क में हैं तो आपके लिए इस प्रॉसेस को कंप्‍लीट करने में आसानी होगी। बता दें कि अब पीएफ विद्ड्रॉल में पहले की तुलना में कम समय लगता है। आम तौर पर अब पीएफ विद्ड्रॉल फार्म जमा करने के 15 दिन के अंदर पैसा आपके अकाउंट में आ जाता है।
 

Sunday, January 22, 2017

10 लाख रुपये से अधिक की जमा की सूचना इनकम टैक्स को

आयकर विभाग ने बैंकों से किसी खाते में एक साल में दस लाख रुपये से अधिक की जमा तथा क्रेडिट कार्ड के बिलों के लिए
एक लाख रुपये या अधिक के नकद भुगतान की जानकारी उसे उपलब्ध कराने को कहा है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की अधिसूचना में कर अधिकारियों को सूचित किए जाने वाले नकद लेनदेने का अधिसूचित किया गया है। इसके लिए ई-प्लेटफार्म स्थापित किया गया है।

इसके अलावा सीबीडीटी ने अपनी नवंबर, 2016 के निर्देश को दोहराया है जिसमें बैंकों से 9 नवंबर से 30 दिसंबर, 2016 के दौरान एक व्यक्ति के एक या अधिक खातों में ढाई लाख रुपये या अधिक की जमा की सूचना देने को कहा था। 500 और 1,000 का नोट बंद करने के बाद सरकार ने पुराने नोटों को जमा कराने के लिए 50 दिन का समय दिया था।
उस समय आयकर विभाग ने 9 नवंबर से 30 दिसंबर के दौरान एक व्यक्ति के एक या अधिक चालू खातों में 12.50 लाख रुपये या अधिक की जमा या अन्य खातों में ढाई लाख रुपये या अधिक की जमा की जानकारी देने को कहा था। अधिसूचना में कहा गया है कि एक वित्त वर्ष में किसी व्यक्ति से 10 लाख रुपये से अधिक की शेयर पुनर्खरीद की सूचना सूचीबद्ध कंपनी को देनी होगी। इसके अलावा 10 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा ट्रैवलर्स चेक या फॉरक्स कार्ड सहित की जानकारी भी कर अधिकारियों को देनी होगी। संपत्ति पंजीयक को किसी व्यक्ति द्वारा 30 लाख रुपये की से अधिक की अचल संपत्ति की खरीद-फरोख्त की जानकारी कर अधिकारियों को देनी होगी।

Saturday, January 21, 2017

30,000 से ज्यादा नगद लेनदेन पर पैनकार्ड अनिवार्य होगा

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार पैन कार्ड के जरिये नगदी के जमा, हस्तांतरण, निकासी और भुगतान की सीमा में कटौती करने की तैयारी में है। आगामी बजट में बैंक में जमा, होटल बिल के भुगतान और शेयरों की खरीद करने समेत अन्य में 30 हजार रुपये से अधिक नगदी के इस्तेमाल पर पैनकार्ड देना अनिवार्य किया जा सकता है। मौजूदा समय इन सुविधाओं में 50 हजार रुपये से ऊपर मुद्रा के प्रयोग पर पैनकार्ड देना होता है।
केंद्र सरकार ने 500 और हजार रुपये के नोट बंद करने के बाद नगदी निकासी पर पाबंदी लगाई और फिर नगदी रहित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में जुट गई। सूत्रों की माने तो इस क्रम में सरकार अब फरवरी में पेश होने वाले बजट में यह घोषणा कर सकती है कि 30 हजार रुपये से ज्यादा की खरीद, हस्तांतरण, जमा या लेनदेन पर पैनकार्ड देना जरूरी होगा। ताकि ज्यादा से ज्यादा लेनदेन औपचारिक अर्थव्यवस्था के तहत आ सकें और आयकर विभाग आसानी से तय राशि से ज्यादा के लेनदेन की निगरानी कर सके। सूत्र बताते हैं कि सरकार के इस कदम का मकसद नगदी के जरिये होने वाली खरीद-फरोख्त और लेनदेन में टैक्स की चोरी रोकना है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि इस कदम को उठाए जाने के बाद बड़े लेनदेन करने वाले डिजिटल ट्रांजैक्शन करेंगे, क्योंकि नगदी के इस्तेमाल पर उन्हें पैनकार्ड देने की जहमत उठानी पड़ेगी।
नगदी हतोत्साहित करने के कदम
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के मद्देनजर सूत्रों का कहना है कि पैनकार्ड की अनिवार्यता के अलावा सरकार तय सीमा से ऊपर नगदी के भुगतान पर भी शुल्क लगाने की घोषणा कर सकती है। इस कदम से सीधे तौर पर नगदी का प्रयोग करने वाले हतोत्साहित होंगे। सूत्रों की माने तो सरकार हर हाल में नगदी के प्रयोग को डिजिटल लेनदेन की ओर स्थानांतरित करना चाहती है जिसके मद्देनजर डिजिटल भुगतान पर छूट और इनाम जैसी योजनाएं सरकार पहले ही ला चुकी है। बकायदे डिजिधन मेले में लोगों को डिजिटल लेनदेन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अभी तक 27 शहरों में यह मेला लगाया जा चुका है और यह कार्यक्रम 100 शहरों के लिए नीति आयोग द्वारा तैयार किया गया है। सूत्र बताते हैं कि वित्त मंत्रालय ने डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अलग से बजट तय करने का भी निर्णय लिया है जिसकी घोषणा भी बजट में की जा सकती है।
केवाईसी हो सकता है सख्त
सरकार के सूत्रों की माने तो बजट में बैंक खाता खुलवाने के दौरान 'ग्राहक को जानो' (केवाईसी) के नियमों को और सख्त किया जा सकता है। सभी बैंकों को इनका अनिवार्य तौर पर पालन नहीं करने की सूरत में जुर्माने का प्रावधान किया जा सकता है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर तक देश में 5 लाख से भी ज्यादा खाते ऐसे थे जिनमें केवाईसी का अनुपालन नहीं किया गया। जब आयकर विभाग सख्त हुआ तब बैंकों ने ग्राहकों से केवाईसी की शर्तों को पूरा करना शुरू किया। सूत्रों की माने तो नए नियमों में आधार और मोबाइल नंबर भी देना जरूरी किया जा सकता है। हालांकि आधार देना सिर्फ उन लोगों के लिए जरूरी होगा जो विभिन्न स्तरों पर सरकारी छूट का लाभ लेते हैं। ऐसे में प्लास्टिक मनी के प्रयोग में छूट मुहैया कराने के आधार पर ज्यादातर लोगों को आधार देना होगा।

गूगल एंड्रॉयड ऐप में ऑफलाइन सर्च की सुविधा

कम स्‍पीड के डेटा नेटवर्क में कई बार कुछ मोबाइल ऐप्‍स काम नहीं करते हैं। इसी प्रकार की स्थिति में कमजोर नेटवर्क या डेटा कनेक्टिविटी वाले इलाकों के लिए गूगल ने एक नया फीचर शुरू किया है। यह फीचर है ऑफलाइन सर्च का।
ऐसे काम करेगा यह फीचर
जब यूजर ऑफलाइन है तो गूगल ऐप सर्च कीवर्ड को स्टोर कर लेगा और दोबारा कनेक्शन मिलने पर आपको रिजल्‍ट दिखाई देगा। दरअसल, यह फीचर तुरंत रिजल्‍ट नहीं देगा, बल्कि कनेक्टिविटी मिलने का इंतजार करेगा और डेटा स्‍पीड मिलते ही आपको रिजल्‍ट मिलने का नोटिफिकेशन प्राप्‍त होगा।गूगल ऐप में नया मैनेज सर्च टैब दिया गया है। यहां यूजर अपने ऑफलाइन सर्च कीवर्ड को मैनेज कर पाएंगे। गूगल का दावा है कि नए सर्च पैटर्न से डेटा खपत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह फीचर गूगल ऐप के लेटेस्ट 6.9.37 वज्रन में उपलब्ध है।

यौन संबंधों से इंकार पति पर अत्याचार

बॉम्‍बे हाईकोर्ट की नागपुर एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि अगर पत्‍नी अपने पति को रेगुलर यौन संबंध बनाने से रोकती है तो यह पति पर अत्‍याचार है और उनके बीच तलाक का आधार हो सकता है। अदालत ने बात अकोला फैमिली कोर्ट के उस फैसले को सही ठहराते हुए कही जिसमें यौन संबंध नहीं बनाने देने पर पति द्वारा तलाक की मांग मंजूर कर ली गई थी।हाईकोर्ट के जस्टिस वसंती नाइक और जस्टिस विनय देशपांडे की बेंच ने ने इस फैसले को लेकर कहा कि पत्‍नी की तरफ से पति को यौन संबंध बनाने से इन्‍कार करना उस पर सच में अत्‍याचार करने जैसा है।
रिकॉर्ड में कई सबूत हैं जिससे यह साबित होता है कि पत्‍नी के यौन संबंधों से इन्‍कार के अलावा घर के काम ना करना रेगुलर यौन संबंध ना बनाने के चलते पति को मानसिक प्रताड़ना मिली है।महीनों रहती थी मायके, अमावस और पूनम के बहाने नहीं बनाती थी संबंधएक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार तलाक लेने वाले पति की शिकायत थी कि उसकी शादी 2001 में हुई थी और उसकी पत्‍नी लगातार अपने मायके जाती रहती थी। वहां जाकर वो महीने भर रहती थी और तभी लौटती थी जब उसका पति या सास लेने जाती थी।पति ने कहा कि उसकी पत्‍नी घर के काम ना करने के साथ ही उसके साथ यौन संबंध भी नहीं बनाने देती थी। पति जब भी संबंध बनाने जाता वो कभी अमावस तो कभी पूनम होने का बहाना कर इन्‍कार कर देगी। इसके चलते पति तनाव में रहता था और तंग आकर अदालत पहुंच गया।
महिला ने लगाया दहेज प्रताड़ना का आरोप
पति के आरोपों को नकारते हुए महिला ने अपने ससुराल वालों पर ही दहेज प्रताड़ना का आरोप लगा दिया। पति के बयान के आधार पर अकोला कोर्ट ने दोनों के बीच 2011 को तलाक को मंजूरी दे दी। इस फैसले को महिला ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने कहा कि महिला को उसके परिवार के बड़े लोगों ने अपने पति के साथ मुक्‍त होकर यौन संबंध बनाने की सलाह दी थी। अगर महिला पहले से ही पति से रोज फ्री होकर यौन संबंध बनाती तो उसे ऐसी सलाह नहीं देनी पड़ती। वहीं महिला यह साबित करने में नाकाम रही है कि उससे दहेज की मांग की गई। फैमिली कोर्ट ने दोनों पक्षों के सबूतों को सही तरीके से देखा और पाया कि पति पर अत्‍याचार हुआ है।

Friday, January 20, 2017

कर है बचाना तो सही जुगत भिड़ाना

नौकरीपेशा लोगों के लिए अक्सर साल का यह वक्त सबसे ज्यादा परेशान करने वाला होता है। नया साल शुरू होते ही दफ्तर के मानव संसाधन (एचआर) विभाग से टोकाटोकी शुरू हो जाती है और उन सभी निवेश योजनाओं के कागजात मांगे जाते हैं, जिनका जिक्र आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर बचाने के लिए वित्त वर्ष के आरंभ में किया गया था। ऐसे में अक्सर कर्मचारी निवेश की किसी उचित योजना के बिना ही आंकड़े दे देते हैं और जो भी कागज हाथ लगते हैं, उन्हें पेश कर दिया जाता है।
 यहां अक्सर दिक्कत होती है क्योंकि उन्होंने वर्ष के आरंभ में बचत और निवेश की जो योजना बताई थी, उसके सभी सबूत दफ्तर में मांगे जाते हैं। जब तक वे निवेश के सबूत पेश नहीं करते हैं तब तक उन्हें वेतन में कमी की मार झेलनी पड़ती है क्योंकि उनका मोटा कर कटता है। कई बार तो वेतन का मामूली हिस्सा ही उन्हें मयस्सर होता है और कुछ का पूरा वेतन ही कट जाता है। यह वाकई में बहुत दिक्कत भरा वक्त होता है क्योंकि आपको कर का गणित पूरा करने के लिए अपने नियोक्ता को रकम देनी भी पड़ सकती है यानी वेतन तो हाथ नहीं आया उलटा अपनी ही जेब से पैसा देना पड़ गया। अगर आप इन परेशानियों से बचे रहना चाहते हैं तो कर का सिरदर्द दूर रखना चाहते हैं तो इन विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।
 
80सी का लाभ
 वेतनभोगी कर्मचारियों को धारा 80सी, 80डी, 80जी आदि के तहत कर छूट मिलती है। धारा 80सी भविष्य निधि और अन्य निवेश एवं बीमा पॉलिसी पर 1.50 लाख रुपये की छूट देती है। अन्य धाराएं आवास किराया भत्ता (एचआरए), अवकाश यात्रा भत्ता (एलटीए), वाहन भत्ता, चिकित्सा भत्ता और दूसरे भत्तों पर कर छूट का लाभ देती हैं। विश्लेषकों का कहना है कि कर्मचारी अक्सर 80सी पर विचार करते हैं।  'बड़ी तादाद में वेतनभोगी करदाता धारा 80सी के तहत जब कर छूट का हिसाब लगा रहे होते हैं तो अक्सर वे कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ को उसमें गिनना भूल जाते हैं। यह भूल बहुत भारी बैठती है। इसके अलावा कई बार वे जल्दबाजी में तमाम निवेश योजनाएं खरीद लेते हैं, जबकि उन्हें पहले बीमा की जरूरतों और आवास ऋण पर छूट के बारे में भी सोचना चाहिए।' यदि आप राष्ट्रीय पेंशन व्यवस्था (एनपीएस) में निवेशक हैं तो आप धारा सीसीडी के तहत 50,000 रुपये की छूट भी ले सकते हैं। 
स्वास्थ्य बीमा लाभ
 यह भी ऐसी श्रेणी है, जिसकी कमी आपको खल सकती है। चिकित्सा प्रतिपूर्ति यानी मेडिकल रीइंबर्समेंट में मिलने वाली 15,000 रुपये तक की राशि करमुक्त होती है। इसके अलावा धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा लाभ भी आप ले सकते हैं। इसके तहत, आप स्वयं, पत्नी, बच्चे और माता-पिता के लिए प्रीमियम पर 25,000 रुपये की कर छूट का दावा कर सकते हैं। यदि माता-पिता 60 साल से अधिक उम्र के हैं तो इसके लिए 35,000 रुपये की अतिरिक्त कर छूट सीमा है। कुल मिलाकर, आप संबद्घ पॉलिसी खरीद कर 60,000 रुपये तक बचा सकते हैं।  
ऋण अदायगी
 इसमें दोहरे लाभ हैं- मूल भुगतान पर धारा 80सी के तहत दावा किया जा सकता है और धारा 24बी के तहत अतिरिक्त दो लाख रुपये का दावा किया जा सकता है। संपत्ति में सामूहिक रूप से मालिकाना (पति-पत्नी दोनों) हक रखने वाले दंपती के लिए ब्याज पर कर लाभ सालाना 5 लाख रुपये तक हो सकता है। यदि आपने शैक्षिक ऋण ले रखा है तो पूरा ब्याज भुगतान धारा 80ई के तहत कर छूट के लिए उपलब्ध है, लेकिन इसमें मूल रकम की अदायगी का लाभ हासिल नहीं है।
 ये ऐसे प्रमुख लाभ हैं जो आप आय-कर विभाग से हासिल कर सकते हैं। एचआर विभाग को उचित दस्तावेज सौंपकर आप काफी रकम बचा सकेंगे। यदि आप इन सभी कर छूटों का लाभ लेने में सक्षम हैं तो आपको 7 लाख रुपये तक मिल सकते हैं। इसमें 2.5 लाख रुपये की मूल छूट सीमा शामिल है। यदि आप आवास किराया भत्ते, एलटीए आदि का सही दस्तावेज दे रहे हैं तो लाभ भी अधिक हासिल हो सकता है।
 
पांच साल तक के लिए
 यदि आपको पांच साल के अंदर पैसे की जरूरत हो तो राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) या पांच वर्षीय डाककर जमा योजनाएं अच्छा विकल्प हैं। एनएससी मौजूदा समय में सालाना 8 फीसदी का प्रतिफल देते हैं जबकि डाकघर जमा पर 7.8 फीसदी का ब्याज मिलता है। पांच साल की बैंक एफडी भी धारा 80सी के तहत कर छूट प्रदान करती है। चूंकि ये निर्धारित आय निवेश हैं, इसलिए इनमें सिर्फ अतिरिक्त पूंजी वाले व्यक्ति ही कर-बचत संबंधित निवेश के लिए विचार कर सकते हैं।  
10 साल या अधिक
 दीर्घावधि निवेश के लिए, पब्लिक प्रोवीडेंट फंड (पीपीएफ) मौजूदा समय में सालाना 8 फीसदी का प्रतिफल देता है जो एक अच्छा विकल्प है, लेकिन इसमें निवेश 15 साल के लिए लॉक हो जाता है। पीपीएफ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह ईईई है। लेकिन ब्याज दर हर तिमाही में बदलती है।

Thursday, January 19, 2017

अब आसानी से कन्फर्म होंगे रेल टिकट

रिजर्वेशन क्लास में खत्म होगी दूरी की पाबंदी
रिजर्वेशन क्लास के पैसेंजरों को रेलवे ने राहत दी है। रेलवे ने इस कोटे में दूरी की पाबंदी खत्म कर दी है। इसके बाद पैसेंजरों को कन्फर्म सीट आसानी से मिल पाएगी। इसे लेकर रेलवे बोर्ड में पैसेंजर मार्केटिंग के डायरेक्टर विक्रम सिंह की ओर से जोनल रेलवे के चीफ कमर्शल मैनेजर्स को आदेश जारी कर दिया गया है।

जारी हुआ नया आदेश
जोलन मैनेजर्स को कहा गया है कि यह आदेश किसी निर्धारित रूट की जगह पूरे देश के रेलवे रूट की ट्रेनों के लिए है, ऐसे में डिस्टेंस रिस्ट्रिक्शन को तत्काल प्रभाव से खत्म किया जा रहा है। सिस्टम में मोडिफिकेशन का काम शुरू कर दिया जाए।
कैसे तय होता था कन्फर्मेशन कोटा?
लंबी दूरी की ट्रेनों में रिजर्व कोटा दूरी के मुताबिक तय किया जाता है। उदाहरण के लिए, जैसे नई दिल्ली से चैन्नै सेंट्रल तमिलनाडु एक्सप्रेस (12621/22) में रिजर्व कोटे की डिस्टेंस रिस्ट्रिक्शन 600 किलोमीटर है। इस ट्रेन का नई दिल्ली के बाद रिजर्व कोटा सीधे भोपाल में है। रास्ते में यह ट्रेन आगरा, ग्वालियर और झांसी रेलवे स्टेशन पर रुकती है। ऐसे में इन बीच के स्टेशनों पर वेटिंग टिकट पुल्ड कोटे में जारी की जाती है। पुल्ड कोटे में टिकट जारी होने के बाद वह तभी कन्फर्म हो पाती है, जब इस कोटे में टिकट कैंसल होती है। अन्य कोटे में टिकट कैंसल होने पर वेंटिंग क्लियर नहीं हो पाती।अब आसान होगा कन्फर्मेशन
पूरे इंडियन रेलवे में हजारों ऐसी ट्रेनें हैं जिसमें डिस्टेंस रिस्ट्रिक्शन है। ऐसे में पैसेंजरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। डिस्टेंस रिस्ट्रिक्शन खत्म हो जाने से पैसेंजरों को जनरल वेटिंग दी जाएगी जिससे वेंटिंग टिकट आसानी से कन्फर्म हो जाएंगी। हालांकि, अभी बिना रिजर्व क्लास के पैसेंजरों को राहत नहीं मिल पाई है।

जनवरी में नकद लेन-देन बढ़ा, कैशलेस भुगतान घटा

इस साल जनवरी में बाजार में नकदी बढ़ने पर डिजिटल भुगतान में गिरावट आने लगी है। पिछले साल नवंबर और दिसंबर में नोटबंदी के दौरान कार्ड भुगतान 80 फीसदी तक पहुंच गया था। पिछले दिनों रिजर्व बैंक ने एटीएम से राशि निकालने की सीमा बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दी है। इससे डिजिटल भुगतान में आगामी दिनों में और गिरावट आने की उम्मीद है।
क्या कहते हैं आकड़े : इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ई-लेन-देन एकत्रिकरण और वेिषण लेयर (ई-ताल) के ताजा आंकड़ों के मुताबकि नवंबर और दिसंबर के मुकाबले जनवरी में ई-भुगतान में करीब 30 फीसदी की गिरावट आई है। नवंबर और दिसंबर के पहले हफ्ते में ई-लेन की संख्या करीब 29 करोड़ थी जो 18 जनवरी तक घटकर 20 करोड़ रह गई।
नोटबंदी में हालात : इस दौरान बड़े शहरों में कार्ड से भुगतान 80 फीसदी तक पहुंच गया था। कारोबारियों को पीओएस सुविधा देने वाली कंपनियों के मुताबिक इस दौरान छोटे शहरों में 30 फीसदी कार्ड से भुगतान हो रहा था। इस अवधि में कार्ड से भुगतान 30 फीसदी की दर से बढ़ रहा था। 
पहले क्या थी स्थिति : नोटबंदी से पहले बड़े शहरों में 40 फीसदी भुगतान कार्ड या ऑनलाइन होता था। जबकि बाकी 60 फीसदी नकद में होता था। वहीं छोटे शहरों में महज 15 फीसदी भुगतान ही डिजिटल होता था।
जनवरी से नकदी का बोलबाला: रिजर्व बैंक ने इस साल एक जनवरी से एटीएम से निकासी सीमा बढ़ाकर 4,500 रुपये कर दी जो पहले 2,500 रुपये थी। जबकि कुछ दिन पहले आरबीआई ने इसे बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया। इससे आने वाले समय में कार्ड से भुगतान और घटने की संभावना है।

अवधि              कुल -भुगतान
9-18 जनवरी    20,1679,74
11-8 जनवरी    23,2742,285
1-8 दिसंबर 2016    29,6401,425
9-17 नवंबर 2016    28,6025,423

छोटे नोट से राह आसान
उद्योग सूत्रों का कहना है कि बाजार में 500 रुपये के नए नोट पयाप्र्त मात्र में आ गए हैं। इससे दो हजार रुपये के नोट का छुट्टा कराना भी आसान हो गया है। जबकि नोटबंदी के दौरान 100 या 200 रुपये का भुगतान भी लोग कार्ड से कर रहे थे।
9.2 लाख करोड़ डाले
नोटबंदी के बाद अब तक सरकार ने 9.2 लाख करोड़ रुपये के नए नोट बाजार में जारी किए हैं। सूत्रों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर ऊर्जित पटेल संसदीय समिति को यह जानकारी दी।

Wednesday, January 18, 2017

आधार ऐप से भुगतान पर कारोबारी कमा सकेंगे कमीशन

डिजिटल लेनदेन के लिए मोबाइल आधारित आधार ऐप इस्तेमाल करने वाले कारोबारियों को सौदे के मूल्य का 1 फीसदी तक कमीशन मिल सकता है। भारतीय विशिष्टï पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) बैंकों और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस दिशा में काम कर रहा है। यूआईडीएआई का मानना कि आधार इनेबल्ड भुगतान प्रणाली (एईपीएस) अगले कुछ महीनों में शुरू हो सकती है, जिसमें लेनदेन के लिए डेबिट कार्ड और ई-वॉलेट का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे उलट सभी तरह के डिजिटल भुगतान में कारोबारियों को तकनीक के इस्तेमाल के लिए शुल्क या कमीशन का भुगतान करना होता है।
 यूआईडीएआई के मुख्य कार्याधिकारी अजय भूषण पांडे ने कहा, 'आंध्र प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में फिलहाल जनवितरण प्रणाली में आधार आधारित प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है। हम हरियाणा सरकार के साथ भी इस पर बात कर रहे हैं। हम बैंकों को भी पंजीकृत कर रहे हैं ताकि वे आधार आधारित भुगतान स्वीकार करना शुरू कर सकें। दो बैंक इस पर पहले ही सहमति जता चुके हैं। कारोबारियों को बैंकों के साथ जोडऩे का काम अगले कुछ हफ्तों में पूरा हो जाएगा।'
अपना आधार नंबर देना होगा 

 इस प्रणाली के लागू होने से पारंपरिक स्वाइप मशीनों के इस्तेमाल से जुड़े सभी तरह के शुल्क खत्म हो जाएंगे। इस प्रणाली के तहत यूआईडीएआई कारोबारियों और कारोबारी कॉरस्पॉन्डेंट को सूचीबद्घ करेगी। उसके बाद कारोबारी लेनदेन के लिए बायोमेट्रिक उपकरण से जुड़े अपने फोन का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके लिए ग्राहक को पासवर्ड के तौर पर अपना आधार नंबर देना होगा और सत्यापन के लिए फोन से जुड़े बायोमेट्रिक रीडर पर उंगली की छाप देनी होगी। इस प्रणाली को व्यापक तौर पर स्वीकार्य बनाने के लिए सरकार सभी बचत बैंक खातों को आधार नंबर से जोडऩे के लिए एक सख्त समयसीमा तय कर सकती है।
 ग्राहक जब भी एईपीएस के माध्यम से लेनदेन करेगा, संबंधित कारोबारी को बैंक के बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट की तरह ही कमीशन प्राप्त होगा। अलग-अलग बैंक अपने बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट को उनके प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहन देते हैं। उदाहरण के लिए विदर्भ कोंकण ग्रामीण बैंक बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट को हर नया खाता खुलवाने पर 10 रुपये देता है। अगर कोई स्वाइप मशीन के जरिये पैसे जमा कराता है तो कॉरस्पॉन्डेंट को 0.5 फीसदी कमीशन मिलता है। पांडे ने कहा, 'कारोबारी भी अब बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट की तरह काम करेंगे। ऐसे में उन्हें भी प्रोत्साहन का भुगतान किया जाएगा।' उन्होंने कहा कि समय के साथ ऐसे कारोबारियों की संख्या बढऩे पर बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट की जरूरत कम हो जाएगी।
 नकद लेनदेन की लागत भी कम होगी
यूआईडीएआई के कारोबारी मॉडल का सीधा अर्थ है कि बैंकिंग प्रणाली पर मोबाइल के माध्यम से आधार आधारित भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देने का बोझ बढ़ेगा। हालांकि दूसरी ओर उन्हें अन्य डिजिटल लेनदेन से कमाई होगी। लेकिन पांडे ने कहा कि यूआईडीएआई बैंकों को यह समझा रहे हैं कि यह कमीशन कॉरस्पॉन्डेंट को दिए जाने वाले मौजूदा कमीशन की तरह ही होगा और नकद लेनदेन की लागत भी कम होगी।
 स्वाइप मशीन (पीओएस) के शुल्क ढांचे के तहत कारोबारियों को कार्ड से लेनदेन पर लागत वहन करना होता है। थर्ड पार्टी के पीओएस सेवा प्रदाता से कई तरह के शुल्क जुड़े होते हैं। स्वाइप मशीनों की आमतौर पर बिक्री नहीं होती है बल्कि इसे बैंकों या थर्ड पार्टी वेंडर द्वारा किराये पर दिया जाता है। कुछ बैंक दो वर्षों तक पोर्टेबल पीओएस मशीन के लिए हर महीने 400 रुपये का किराया वसूलते हैं। कुछ बैंक 'कमिटमेंट चार्ज' के रूप में भी शुल्क वसूलते हैं। ये शुल्क उन कारोबारियों के लिए अतिरिक्त बोझ का सबब बन सकते हैं, जिनकी बिक्री कम है। कम बिक्री वाले कारोबारियों को ऊंचा 'कमिटमेंट चार्ज' चुकाना पड़ता है। हालांकि विभिन्न वेंडरों और बैंकों के बीच प्रतिस्पर्धा से यह लागत घटती जा रही है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और अन्य सरकारी बैंक थर्ड पाटी वेंडरों के मुकाबले ज्यादा उदार शर्तों पर मशीनें मुहैया कराते हैं। उदाहरण के लिए एसबीआई का दावा है कि वह किसी भी कारोबारी से एकबारगी लिया जाने वाला इंस्टॉलेशन चार्ज नहीं वसूलता है।
  पीओएस मशीन इस्तेमाल की लागत

पीओएस मशीन इस्तेमाल करने की अंतिम लागत मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) है। यह वह शुल्क है जो बैंकों द्वारा विक्रेता से मशीन में कार्ड स्वाइप किए जाने के लिए वसूला जाता है। आमतौर पर बैंक उस स्थिति में कम शुल्क वसूल करते हैं, जब उनका ही डेबिट कार्ड उनकी पीओएस मशीनों में इस्तेमाल किया जाता है। 1 जनवरी से पहले ये शुल्क 2,000 रुपये तक के लेनदेन पर इस लेनदेन की कीमत के 0.75 फीसदी थे। वहीं, 2,000 रुपये के लेनदेन से ऊपर विक्रेता से लेनदेन की कीमत का 1 फीसदी शुल्क वसूला जाता था। विदेशी कार्डों पर दोगुना शुल्क वसूला जाता था, जबकि क्रेडिट कार्ड से लेनदेन पर शुल्क 1.5 फीसदी वसूला जाता था। यह शुल्क या तो व्यापारी वहन करता था या इसका बोझ ग्राहक को उठाना पड़ता था।
 नोटबंदी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 16 दिसंबर 2016 को एक अधिसूचना जारी कर एमडीआर के अतिरिक्त नियम जारी किए थे। इस साल 1 जनवरी से 31 मार्च तक 1,000 रुपये तक के लेनदेन पर एमडीआर 0.25 फीसदी कर दिया गया है। अन्य लेनदेन पर शुल्क की वसूली पूर्ववत होगी। एमडीआर की दर की अधिकतम सीमा 1 फीसदी तय कर दी गई है। यह साफ है कि विभिन्न शुल्कों से कारोबारी पर एक अहम राशि का बोझ बढ़ता है, जिसके पास इसे खुद वहन करने या ग्राहक पर डालने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता है। आरबीआई के अनुसार डेबिट कार्डों के जरिये पीओएस पर होने वाले लेनदेन नवंबर 2016 में 31,600 करोड़ रुपये पर पहुंच गए। 


अब किसी भी बैंक से निकाल सकेंगे रुपये

आने वाले दिनों में सभी बैंकों में एक खाते से काम हो सकेगा। इससे एटीएम की तरह ही खाता किसी भी बैंक में होने पर भी आप अन्य बैंकों से पैसा निकाल और जमा कर सकेंगे। ग्राहकों की सुविधा के लिए केंद्र सरकार इस सुझाव पर विचार  कर रही है। 
नीति आयोग की सलाह
नोटबंदी के दौरान सार्वजनिक बैंकों में एकीकृत बैंकिंग व्यवस्था लागू करने का सुझाव आया था। सूत्रों के मुताबिक, नीति आयोग के एक शीर्ष अधिकारी ने यह सलाह दी, जिस पर वित्त मंत्रालय सहमत है। इस पर रिजर्व बैंक से चर्चा होनी बाकी है।
सरकारी बैंकों में पहले
सूत्र बताते हैं कि मंत्रालय कोर बैंकिंग सॉफ्टवेयर (सीबीएस) जैसे नए प्लेटफार्म के जरिए पहले चरण में इस व्यवस्था को सरकारी बैंकों पर लागू करने पर विचार कर रहा है। इन बैंकों की देश में 72 हजार से ज्यादा शाखाएं हैं।बैंकों को अतिरिक्त आय होगी
मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो इससे बैंकों को भी अतिरिक्त आय होने की बात सुझाव में कही गई है। पहले चरण में इस व्यवस्था को लागू करने पर सरकार के बीच रजामंदी है जो तत्कालीन यूपीए-2 सरकार में योजना आयोग द्वारा दिए गए इस तरह के एक सुझाव पर भी बनी थी। लेकिन बाद में इसे प्रयोगात्मक नहीं मानते हुए ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। सूत्र मान रहे हैं कि अगर आरबीआई की रजामंदी मिली तो सरकार इस व्यवस्था को जल्द लागू करेगी। फरवरी में आने वाले बजट में बैंकिंग सुधार से जुड़ी घोषणाओं में इसे भी शामिल किया जा सकता है। 
तीन लेनदेन नि:शुल्क
खाताधारक अपने मूल बैंक से ही नहीं देशभर में किसी भी बैंकों से लेनदेन कर सकेगा। तीन बार लेनदेन को निशुल्क रखे जाने और निकासी की सीमा तय का सुझाव दिया गया है। इससे अधिक बार लेनदेन पर शुल्क की बात है।  
ये बैंक फायदे में रहेंगे
इस व्यवस्था से कम शाखाओं वाले बैंकों को फायदा होगा क्योंकि इनमें कम लोग खाते खुलवाते हैं। सरकार सरकारी बैंकों के बाद निजी, क्षेत्रीय और फिर ग्रामीण बैंकों को भी इससे जोड़ने का प्रयास करेगी।

Tuesday, January 10, 2017

आधार ही बनेगा सरकारी काम का आधार

मोबाइल नंबर के लिए आधार, पासपोर्ट के लिए आधार, पेमेंट के लिए आधार, सब्सिडी के लिए आधार और बैंक अकाउंट के लिए भी आधार....यहां तक कि एग्जाम में बैठने के लिए भी आधार जरूरी है। ऐसे में अगर अब भी आपने आधार नहीं बनवाया तो रोजमर्रा की जिंदगी मुश्किल हो सकती है। आधार के बारे में विस्तार से बता रहे हैं दिनेश माहेश्वरी :
आधार का मतलब
यूनिक आइडेंटिफिकेशन डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) की ओर से हर नागरिक को जारी किया जाने वाला एक खास नंबर है।
- 12 अंकों का एक यूनिक नंबर हर नागरिक का यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी हर नागरिक के लिए एक नंबर।
- इसके लिए जिंदगी में एक बार आधार रजिस्ट्रेशन करा कर नंबर लेना होता है।
- रजिस्ट्रेशन के दौरान इसके लिए व्यक्ति की डेमोग्राफिक (जनसंख्या संबंधी) और बायोमेट्रिक (उंगलियां, अंगूठा और आंख की पहचान) जानकारी ली जाती हैं।

कौन बनवा सकता है
- देश का कोई भी नागरिक इसे तय डॉक्युमेंट्स पेश करके बनवा सकता है।
- नवजात शिशु का भी आधार कार्ड बन सकता है।
- नवजात के मामले में बायोमेट्रिक्स की जरूरत 5 साल की उम्र के बाद पड़ती है।
- आधार के लिए साल भर में कभी भी आवेदन किया जा सकता है।

फीस
- आधार कार्ड बनवाने की कोई फीस नहीं है।
- कई बार सेंटर पर प्लास्टिक के कार्ड भी बनाए जाते हैं जिसके लिए आधार बनाने के लिए जिम्मेदार एजेंसी UIDAI ने 25 रुपये की अधिकतम फीस निर्धारित की है।

जरूरी डॉक्युमेंट्स
दो तरह के डॉक्युमेंट चाहिए
1. फोटो पहचान पत्र
2. पते का प्रमाण

इनमें से कोई 2 लेकर जाएं:
पासपोर्ट, पैन कार्ड, राशन/ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के फोटो कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, मनरेगा जॉब कार्ड, आर्म्स लाइसेंस, फोटो वाले डेबिट/क्रेडिट कार्ड, पेंशनभोगी फोटो कार्ड, स्वतंत्रता सेनानी फोटो कार्ड, किसान फोटो पासबुक, CGHS / ECHS फोटो कार्ड, गजेटेड ऑफिसर या तहसीलदार द्वारा लेटरहेड पर जारी किए गए फोटो की पहचान वाले प्रमाणपत्र, विकलांगता पहचानपत्र / संबंधित राज्य / संघ शासित सरकारों / प्रशासनों द्वारा जारी किए गए विकलांग चिकित्सा प्रमाण पत्र, बिजली बिल, पानी बिल, टेलिफोन का बिल या संपत्ति कर रसीद, क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट, गैस कनेक्शन बिल (3 महीने से ज्यादा पुराना न हो), रजिस्टर्ड बिक्री / लीज / रेंट के अग्रीमेंट
- आधार बनवाने के लिए सेंटर में पहचान और पते के तौर पर एक-एक प्रूफ ले जाना होगा। पहचान के प्रूफ के तौर पर आप पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड या पासपोर्ट ले जा सकते हैं। पते के तौर पर आप वोटर आईडी कार्ड या पासपोर्ट, राशन कार्ड, अपने नाम का बिजली का बिल, पानी या दूसरे किसी सरकारी बिल की फोटो कॉपी ले जा सकते हैं।
- अगर कोई आई कार्ड नहीं है तो एमएलए, गजटेड ऑफिसर, एमपी या मेयर से ऐप्लिकेशन को वेरिफाई कराकर दे सकते हैं।
- अगर ये भी उपलब्ध न हों तो जिसका आधार पहले से बना हुआ है, वह आपके फॉर्म को वेरिफाई कर सकता है। यानी आपके परिवार में अगर किसी एक के पास भी पहचान का सबूत है तो वह अपना आधार कार्ड बनवाकर परिवार के बाकी सदस्यों के फॉर्म को वेरिफाई कर सकता है।
- आधार के लिए फोटो की जरूरत होती है, जो सेंटर पर ही खींचा जाता है।
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के बाद उसे प्रिव्यू भी कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर ठीक भी कर सकते हैं।
- आखिर में आपको एनरॉलमेंट नंबर दिया जाएगा।

कितने दिन में मिलेगा कार्ड
- सामान्य प्रक्रिया के तहत एनरॉलमेंट होने के 2 से 3 महीनों में कार्ड बन कर घर के पते पर डिलिवर हो जाता है।
स्टेटस ऐसे जानें
- आधार कार्ड पाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के बाद 14 डिजिट का एक एनरॉलमेंट नंबर एक स्लिप पर दिया जाता है, जिससे आप अपने आधार कार्ड बनने का स्टेटस जान सकते हैं।
- इसके लिए आपने जो मोबाइल नंबर फॉर्म में दर्ज कराया है, उसके जरिए मेसेज बॉक्स में UID स्पेस status लिखने के बाद स्पेस देकर अपना 14 डिजिट का एनरॉलमेंट नंबर लिखें और 51969 पर भेजें। उदाहरणः UID status < 1234/56789/01234
- अगर आपका आधार कार्ड बन चुका होगा तो उसका नंबर आपको मेसेज बॉक्स में मिल जाएगा। अगर कार्ड बनने में देरी हो रही होगी तो इसकी सूचना भी आपको फौरन मेसेज के जरिए ही मिल जाएगी।
- वेबसाइट uidai.gov.in से भी स्टेटस जान सकते हैं। इस साइट पर राइट साइड में Check Your Aadhaar Status पर क्लिक करें।

आधार कार्ड के लिए मोबाइल नंबर और ई-मेल नंबर दें
- आधार कार्ड का रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरते वक्त मोबाइल नंबर देना चाहिए, क्योंकि इससे आपको मोबाइल पर एसएमएस के जरिए सरकारी सेवाओं की जानकारी मिलती रहती है। इसके अलावा आधार ऐप पर किए जाने वाले ट्रांजैक्शन की जानकारी भी आपको मिलती रहती है।
- इसी तरह ई-मेल आईडी देने से आपको मेल पर सरकारी सेवाओं के बारे में जानकारी लगातार मिलेगी।
- वैसे, मोबाइल और ई-मेल को आप आधार कार्ड बन जाने के बाद भी जुड़वा सकते हैं। इसके लिए आपको मैनुअल या ऑनलाइन एंट्री करानी होगी।

बैंक अकाउंट जोड़ना
आप रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरते वक्त या उसके बाद भी अपने बैंक का अकाउंट आधार से लिंक करा सकते हैं। इसके लिए आपको मैनुअल या ऑनलाइन एंट्री करानी होगी।
कैसे जोड़ें बैंक से आधार
- अपने आधार के बैंक अकाउंट से जोड़ने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आधार कार्ड की कॉपी के साथ बैंक में उपलब्ध आधार लिंक फॉर्म को भर कर सबमिट कर दें।
- इसके अलावा नेटबैंकिंग के जरिए भी 'लिंक आधार कार्ड डिटेल्स' के ऑप्शन में जाकर भी आधार को बैंक अकाउंट से लिंक करवाया जा सकता है। जैसे ही लिंक होने की प्रक्रिया पूरी होगी आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर इसका मैसेज आ जाएगा।
- आपका आधार नंबर आपके बैंक अकाउंट के साथ जुड़ गया है या नहीं यह पता करने के लिए उपभोक्ता अपने मोबाइल पर *99*99# डायल करें।
- इसके बाद 12 डिजिट का आधार नंबर डालें और ओके करें।
- आधार नंबर सही है यह पुष्टि करने के लिए 1 डायल करें।
- इसके बाद मोबाइल पर आधार कार्ड के बैंक से जुड़े होने की जानकारी मिल जाएगी।

आधार के फायदे
- कोई भी ऐसा काम, जिसमें पहचान की जरूरत होती है, इस कार्ड का इस्तेमाल हो सकता है।
- आपकी पहचान ऑनलाइन हो जाती है।
- इस कार्ड के जरिए वेरिफिकेशन की प्रक्रिया आसान हो जाती है।
- बार-बार आपको आई कार्ड और रेजिडेंस प्रूफ दिखाने की जरूरत नहीं पड़ती।
- प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए भी आधार कार्ड जरूरी कर दिया गया है।
- ईपीएफओ द्वारा संचालित ईपीएफ योजना के तहत फायदा पाने के लिए आधार कार्ड जरूरी है।
- छात्रों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप भी आधार कार्ड के जरिए दी जाएगी।
- जेईई (मेन) में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी आधार का होना जरूरी कर दिया गया है। इसके बिना वे एग्जाम नहीं दे सकते।
- लाइसेंस बनवाने, कार के रजिस्ट्रेशन व मोबाइल नंबर के लिए भी यह कार्ड जरूरी होगा।
- आधार कार्ड के जरिए अपना बैंक अकाउंट खुलवा सकते हैं।
- इस कार्ड को कोई और मिसयूज नहीं कर सकता है, जबकि राशन कार्ड या किसी अन्य आईडी प्रूफ के साथ कोई शख्स भी फजीवाड़ा कर सकता है।