Friday, August 28, 2015

सस्‍ती प्‍याज चाहिए तो ऑनलाइन खरीदिए

नई दिल्ली। प्याज के बढ़ते दामों ने लोगों को रुला रखा है। सरकार की कोशिशों के बावजूद अब तक इसके दाम काबू में नहीं आ सके हैं। ऐसे में यदि आप सस्ते प्याज की उम्मीद कर रहे हैं तो आपके हाथ निराशा नहीं लगेगी।
कुछ ऑनलाइन रिटेल वेबसाइट्स 40 से 70 रुपए प्रति किलो के दाम पर प्याज उपलब्ध करा रही हैं। जबकि खुले बाजार में इसका दाम 80 रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुका है।
लोकल बनिया, मेराग्रोसर, फ्रेश फल सब्जी डॉट कॉम और ग्रोसर मैक्स नाम की रिटेल वेबसाइट्स पर आपके कम दाम में प्याज मिल जाएगा। आपको इन साइट्स पर जाकर बस, अपना ऑर्डर देना है। दिल्ली स्थित वेबसाइट फ्रेश फल सब्जी तो 40 रुपए प्रति किलो के दाम पर प्याज बेच रही है। इस ऑफर के विज्ञापन के लिए उन्होंने टीवी अभिनेत्री साक्षी तंवर की सेवाएं ली हैं।
क्यों महंगी हुई प्याज
बेमौसम बरसात की वजह से फल और सब्जियों की आपूर्ति बाधित हुई है। वहीं कुछ इलाकों में इनकी फसलें खराब होने की वजह से भी दामों में उछाल आया है।
गुड़गांव स्थित वेबसाइट मेरा ग्रोसर बुधवार और रविवार को खरीदारी करने पर 30 प्रतिशत का डिस्काउंट दे रही है। इस साइट पर आपको 42 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से प्याज मिल जाएगी।
ग्रोसर मैक्स वेबसाइट के सह-संस्थापक के राधाकृष्णन ने बताया कि वो महाराष्ट्र से प्याज खरीदकर अपने ऑनलाइन खरीदारों को उपलब्ध करा रहे हैं। इस प्रक्रिया में एजेंट और मध्यस्थों के न होने की वजह से वो खुदरा मूल्य पर प्याज बेच पा रहे हैं।
फ्रेश फल सब्जी ने तो अपने ग्राहकों को 249 रुपए की सब्जियों की खरीद पर 2 किलो प्याज मुफ्त देने की योजना भी शुरू की है।
प्याज के ऑनलाइन दाम
फ्रेश फल सब्जी : 40 रुपए प्रतिकिलो
लोकलबनिया : 49.92 रुपए प्रतिकिलो
मेराग्रोसर : 49 रुपए प्रतिकिलो
ग्रोसरमैक्स : 69.5 रुपए प्रतिकिलो
बिगबास्केट : 72 रुपए प्रतिकिलो

छोटी सी डिवाइस बताएगी कहां हैं आपका खोया हुआ पर्स या चाभी

कोटा। अगर आप अपनी चाभियां, पर्स या दूसरा छोटा-मोटा सामान यहां-वहां रखकर भूल जाते हैं, तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब एमवाईएनटी डिवाइस आपके सामान की हिफाजत करेगी।
यह डिवाइस ब्लूटूथ जीपीएस तकनीक के जरिये एक खास मोबाइल ऐप से कनेक्ट रहेगी। सर्च करने पर यह डिवाइस अपनी लोकेशन बताएगी।
करीब 2X2 इंच की इस डिवाइस को उन सभी चीजों के साथ टैग करके रखा जा सकता है, जिनका चोरी या खो जाने का खतरा होता है।
आप इसे अपनी कार से लेकर अपने पर्स में या कीचेन की तरह चाबियों में भी टैग कर सकते हैं। आप एक ही मोबाइल ऐप के साथ कई एमवाईएनटी डिवाइस को कनेक्ट रख सकते हैं, जिससे आपकी चाबी, पर्स, कार, लैपटॉप आदि सभी हरदम आपकी पहुंच में होंगे।

पैन कार्ड खुद कर सकते हैं अपडेट

कोटा। फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन से जुड़े सभी कामों में जरूरी पैन कार्ड को लेकर नया नियम बनाया गया है। अब पैन कार्ड पर दर्ज होने वाले पिता के नाम की जगह मां का नाम भी जुड़ सकेगा। हालांकि, पैन कार्ड धारक दोनों में से एक ही नाम जुड़वा सकता है। इसका चुनाव आप पैन कार्ड बनवाते समय या फिर बाद में भी अपडेट करा सकते हैं। बाद में अपडेट कराने वाले धारक इसे खुद भी ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं।
क्या था नियम
अभी तक टैक्स भरने वालों के पास सिर्फ एक ही विकल्प था कि वो पैन कार्ड बनवाते वक्त अपने पिता का नाम ही दर्ज करवा सकते थे, लेकिन अब फॉर्म में दोनों ऑप्शन मौजूद होंगे। यदि कोई अपने पिता की जगह मां का नाम डलवाना चाहता है तो वो ऑप्शन में फिल कर सकता है।
क्या हुआ बदलाव
सेंट्रल टैक्स डायरेक्टोरेट ने हाल ही में पैन कार्ड एप्लिकेशन फॉर्म 49A और 49AA में अहम बदलाव किया है। 49A और 49AA के संशोधित फॉर्म में यह विकल्प दिया गया है। ऐसे में जो लोग अपना पैन कार्ड बनवाने जा रहे हैं वह इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, खोए हुए पैन कार्ड या पैन कार्ड में संशोधन कराने पर भी यह ऑप्शन मिलेगा। CARD में छप जाए गलत नाम, कैसे बदलें
अगर आपके पैन कार्ड में कोई भी जानकारी गलत छपी है तो घबराने की जरूरत नहीं। आप घर बैठे इसे सही करा सकते हैं।
ये हैं कुछ आसान स्टेप्स
1. दरअसल, ई-मेल के जरिए पैन कार्ड पर अपना नाम सही करवाने के लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा। इस फॉर्म को आप http://www.incometaxindia.gov.in/archive/changeform.pdf से डाउनलोड कर सकते हैं।
2. इस फॉर्म के साथ आपको नाम सही करवाने के लिए सबूत के तौर पर दस्तावेज भी देने पड़ेंगे। अगर इनकम टैक्स विभाग की तरफ से हुई गलती के कारण पैन कार्ड पर गलत नाम छपा है तो आप उस दस्तावेज का हवाला दे सकते हैं जिस पर आपका नाम सही छपा है।
3. अगर आपने अपना नाम बाद में बदला है तो आपको उस आधिकारिक गजट की कॉपी देनी पड़ेगी जिसमें नाम में बदलाव छापा जाता है।
4. इसके बाद आपको ई-मेल के जरिए आयकर विभाग से एक मेल प्राप्त होगा। जिसमें आपके बदले हुए नाम का विवरण दिया जाएगा। बस उसे अप्रूव करने के बाद आपका नाम और पता बदल जाएगा। इसमें कुछ दिन का ही समय लगता है।
पैन कार्ड के लिए कैसे करें आवेदन
अगर आप आयकर भुगतान के दायरे में आते हैं तो आपके लिए पैन कार्ड काफी जरूरी है। पैन कार्ड के लिए आपको 49ए फॉम डाउनलोड करना होता है। इसे आप आयकर विभाग की वेबसाइट www.incometaxindia.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं।
हालांकि, यह फॉर्म आयकर पैन सेवा केंद्रों पर भी उपलब्ध होता है। आवेदन के बाद आपको एक नंबर दिया जाता है। इसके जरिए आप यह पता कर सकते हैं कि आपके पैन कार्ड का स्टेटस क्या है। कहने का मतलब यह है कि आप इसके जरिए यह पता कर सकते हैं कि आपका पैन कार्ड बनने की किस प्रक्रिया से गुजर रहा है और आपको यह कितने दिन में मिल जाएगा, यह तमाम जानकारी आपको मिल सकती है। पैन कार्ड बनवाने में 150 से 200 रुपए तक का खर्च आता है।
दो आ जाएं तो कैसे करें एक वापस
यदि किसी व्यक्ति को एक से अधिक पैन आवंटित हो गए हैं तो उसे सिर्फ एक पैन ही रखना चाहिए तथा सभी अतिरिक्त पैन को, Help Desk, कर निर्धारण अधिकारी या आयकर विभाग की वेबसाइट www.incometaxindia.gov.in या आयकर सम्पर्क केन्द्र (0124-2438000) पर जाकर वापस कर देना चाहिए।

Thursday, August 27, 2015

यहां फ्री में कर सकते हैं WI-FI इंटरनेट का इस्तेमाल

कोटा।  इंटरनेट आज ऐसी जरूरत बन चुका है, जिसके बिना एक दिन गुजारना मुश्किल लगता है। खासकर स्मार्टफोन यूजर्स के लिए इंटरनेट बहुत जरूरी है। नौकरी वाले हों या फिर बिजनेसमैन हर किसी के लिए इंटरनेट से जुड़े रहना तो आसान है, लेकिन आउटिंग के वक्त लोग इससे बचते हैं। रोमिंग चार्जेज या डाटा खर्च होना भी इसका एक कारण है। ऐसे में अगर आपको फ्री वाई-फाई की सुविधा मिल जाए तो कैसे रहे वो भी देशभर में कहीं भी। यकीन नहीं हुआ तो मनी भास्कर आज आपको बता रहा है कि देश में कहां-कहां मिलेगी फ्री वाई-फाई की सुविधा।
राजस्थान में फ्री वाई-फाई जोन
राजस्थान की राजधानी जयपुर देश का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां वाई-फाई पूरे शहर में बिल्कुल फ्री में मिलेगा। इसकी शुरुआत शहर के सी-स्कीम स्थित सेंट्रल पार्क से की जा चुकी है। यहां आप 2 एमबीपीएस की स्पीड से लैपटॉप, मोबाइल फोन और टेबलेट पर फ्री में वाई-फाई का यूज कर सकते हैं। हालांकि, यह सुविधा सिर्फ 30 से 60 मिनट तक के लिए मिलेगी। इसके अलावा जयपुर के जंतर-मंतर, जवाहर सर्किल और गौरव टावर में भी यह सुविधा जल्द शुरू की जा रही है।
300 जगह बनेंगे फ्री वाई-फाई जोन
जयपुर में शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट पर सरकार ने लगभग 10 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। शहर के करीब 300 स्थानों पर फ्री वाई-फाई जोन बनाए जाने हैं।
दिल्ली में फ्री वाई-फाई जोन
देश की राजधानी दिल्ली में भी आप फ्री में वाई-फाई इंटरनेट चला सकते हैं। यहां एमटीएनएल, टाटा टेलीसर्विसेज, वोडाफोन, रेलटेल, यू ब्रॉडबैंड और तिकोना कंपनियों की फ्री वाई-फाई सुविधा उपलब्ध है। शहर के कनॉट पैलेस तथा सेंट्रल पार्क, टी3 इंटरनेशनल एयरपोर्ट, खान मार्केट, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, मेट्रो-एयरपोर्ट एक्सप्रेस रूट, करोलबाग और ए-1 एंड ए स्टेशन पर फ्री वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा दिल्ली सरकार पूरी दिल्ली में कई जगह फ्री वाई-फाई की सुविधा पर काम कर रही है।
गुजरात में फ्री वाई-फाई जोन
गुजरात के बड़ौदा, अहमदाबाद और सूरत में आप फ्री में वाई-फाई इंटरनेट चला सकते हैं। बड़ौदा में 9आर-जिओ हॉट-स्पॉट रिलायंस जिओ, अहमदाबाद में रिलायंस जिओ नेटवर्क के तहत कनकडिया, गांधी आश्रम, इस्कॉन मॉल, कर्णावती क्लब, साइंस सिटी, सिविल हॉस्पिटल, ड्राइव-इन, माधुपुरा मार्केट, पंसेरी एंड खेडब्रह्मा गांव में यह सुविधा उपलब्ध है। सूरत में रिलायंस जिओ/रेलटेल नेटवर्क के तहत आप 9आर-जिओ हॉट-स्पॉट पर फ्री में वाई-फाई इंटरनेट चला सकते हैं।
हरियाणा में फ्री वाई-फाई जोन
हरियाणा के गुड़गांव शहर के माइक्रोमैक्स माउलसारी मेट्रो एवेन्यू, रैपिड मेट्रो कॉरिडोर सलेक्टेड स्पॉट, रैपिड मेट्रो कॉरिडोर पर चलने वाली ट्रेन में वोडाफोन और एमटीएस नेटवर्क के तहत फ्री वाई-फाई इंटरनेट चला सकते हैं।
यूपी में फ्री वाई-फाई जोन
यूपी के वाराणसी में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में बीएसएनएल नेटवर्क के तहत फ्री वाई-फाई चलाने की सुविधा है। इसके अलावा, सरकार ने हाल ही में ताजमहल को भी फ्री वाई-फाई जोन कर दिया है।विदेशी व देसी पर्यटकों के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मशहूर हजरतगंज बाजार को आधुनिक बनाने की दिशा में काम शुरू हो चुका है। हजरतगंज बाजार अब पूरी तरह वाई-फाई बाजार बनने जा रहा है। यह महानगर के बाहर किसी अन्य शहर में बनने वाला पहला वाई-फाई बाजार है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मेगा गंज कार्निवल में इसका उद्घाटन किया।
महाराष्ट्र में फ्री वाई-फाई जोन
महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई में आप एमटीएनएल, यू ब्रॉडबैंड तथा वोडाफोन नेटवर्क के तहत शिवाजी पार्क, कृष्णकुंज, सीसीडी, सूजी बिल्डिंग, मुम्बई मेट्रो ट्रेनों और स्टेशनों पर फ्री वाई-फाई इंटरनेट चला सकते हैं।
बिहार में फ्री वाई-फाई जोन
बिहार की राजधानी पटना के एनआईटी-पटना कैंपस से लेकर अशोक राजपथ से दानापुर तक 20 किलोमीटर के इलाके में आप फ्री वाई-फाई इंटरनेट चला सकते हैं। यह दुनिया का सबसे लंबा फ्री वाई-फाई जोन है।
कर्नाटक में फ्री वाई-फाई जोन
कर्नाटक के बेंगलुरु और मैसूर में आप फ्री वाई-फाई इंटरनेट चला सकते हैं। बेंगलुरु के एमजी रोड़, जयानगर, बनाशनकड़ी, विजयानगर, शिवाजीनगर, केंगड़ी टीटीएमसी, दी सेटेलाइट बस स्टेशन, ब्रिज रोड, शांति नगर के बस स्टेशन, कोरोमंगला, यशवंतपुर, सीएमएच रोड तथा 100 फुट रोड जंक्शन, बेंगलुरु रेलवे स्टेशन पर आप डिवाइस के तहत फ्री वाई-फाई इंटरनेट चला सकते हैं। वहीं, पूरे मैसूर शहर में आप वाई-फाई इंटरनेट चला सकते हैं।
केरल में फ्री वाई-फाई जोन
केरल के केसरगॉड में बीएसएनएल नेटवर्क के तहत त्रिकारीपुर पंचायत में फ्री वाई-फाई इंटरनेट चला सकते हैं। वहीं, राजधानी तिरुअनंतपुरम में बीएसएनएल नेटवर्क के तहत पालायम के केरल यूनिवर्सिटी कैंपस करियाबटॉम में आप फ्री वाई-फाई इंटरनेट चला सकते हैं।
वेस्ट बंगाल में फ्री वाई-फाई जोन
वेस्ट बंगाल की राजधानी कोलकाता के पार्क स्ट्रीट में आप रिलायंस जिओ के तहत फ्री में वाई-फाई इंटरनेट चला सकते हैं। जल्द ही पूरे शहर में फ्री वाई-फाई इंटरनेट की सुविधा मिलेगी।

एक ही जगह पे कर सकेंगे सारे यूटिलिटी बि‍ल

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा। जल्द ही आपके लिए बिजली बिल, स्कूल फीस, म्युनिसिपलिटी बिल, टेलीफोल बिल, मोबाइल बिल आदि का पेमेंट करना आसान होगा। कंज्यूमर को अपने सभी तरह का यूटिलिटी बिल सिंगल प्वाइंट पर पे करने की सुविधा मिलेगी। जहां उसके सभी बिल का पेमेंट हो जाएगा। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने इसके लिए भारत बिल पेमेंट सिस्टम को डेवलप करने का प्रोसेस पूरा कर लिया है। अब वह सर्विस शुरु करने के लिए भारत बिल पेमेंट सिस्टम के लिए जल्द वेंडर सेलेक्ट करने जा रहा है।
क्या होगा फायदा
 भारत बिल पेमेंट सिस्टम के लिए आरबीआई ने नवंबर 2014 में गाइडालाइन जारी की थी। नए पेमेंट सिस्टम के तहत कंज्यूमर कभी भी किसी भी सर्विस के लिए कहीं भी पेमेंट कर सकेगा। इसके लिए आऱबीआई ने ऐनीटाइम ऐनीवेयर की बात कहीं थी। यानी कंज्यूमर को बिजली बिल, स्कूल फीस, म्युनिसिपलिटी बिल, टेलीफोल बिल, डीटीएच बिल, मोबाइल बिल, क्रेडिट कार्ड बिल, इंश्योरेंस प्रीमियम, म्युचुअल फंड प्रीमियम आदि का पेमेंट करने के लिए अलग-अलग लोकेशन या अलग-अलग वेबसाइट पर जाने की जरूरत नहीं होगी। देश भर में भारत बिल पेमेंट सिस्टम के तहत बिल का भुगतान किया जा सकेगा।
 कैसे काम करेगा भारत बिल पेमेंट सिस्टम
 नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के सूत्रों के अनुसार भारत बिल पेमेंट सिस्टम पर ऑनलाइन और ऑफलाइन कॉमन प्लेटफॉर्म की सुविधा मिलेगी। ऑफलाइन के तहत एजेंट नियुक्त किए जाएंगे। जो कि ब्रांच से जुडें होंगे। एजेंट सभी तरह के बिल का पेमेंट ले सकेंगे। जिनके जरिए संबंधित सर्विस प्रोवाइडर को कस्टमर का बिल पे कर दिया जाएगा। बिल पेमेंट भारत पेमेंट ऑपरेशन यूनिट के जरिए होगा। जहां कंज्यूमर कैश, चेक के साथ ऑनलाइन पेमेंट भी कर सकेगा। इसके अलावा भारत बिल पेमेंट सिस्टम के जरिए घर बैठे ऑनलाइन पेमेंट की भी सुविधा मिलेगी।
 अभी कैसे होता है पेमेंट
अभी अगर आपको बिजली बिल, स्कूल फीस, म्युनिसिपलिटी बिल, टेलीफोल बिल, मोबाइल बिल, डीटीएच बिल आदि का पेमेंट करना होता है, तो उन कंपनियों के बिल कलेक्शन सेंटर पर जाना होता है। या फिर उन कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर अलग-अलग पेमेंट करना होता है। भारत बिल पेमेंट सिस्टम के जरिए आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन सभी सर्विस के लिए इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मिलेगा।

Tuesday, August 25, 2015

सर के बालों से मंदिरों को करोड़ों की कमाई

1- देश के 4 बड़े मंदिरों (तिरुपति, शिर्डी साईं बाबा, सिद्धि विनायक और काशी विश्वनाथ) की एक दिन की औसत कमाई 8 करोड़ रुपए और हर मिनट कमाई 55 हजार रुपए है।
2- तिरुपति मंदिर में 1200 नाईं महिलाओं के बाल काटने के लिए रखे गए हैं। इन बालों को बेचकर मंदिर को सालाना 220 करोड़ रुपए की कमाई होती है। मंदिर सालाना 850 टन बाल बेचता है। 283.5 ग्राम औसत वजन वाला महिलाओं का बाल 17900 रुपए में बिकता है। 453.6 ग्राम वजन के लंबे बालों के 29,900 रु मिलते हैं। 
3- देश के मंदिरों के पास 50 लाख करोड़ रुपए की कीमत का कुल 22 हजार टन (करीब 20 लाख क्विंटल) सोना है।
4- इतने पैसे में पूरा देश 60 साल (21 हजार दिन) तक फ्री में अनलिमिटेड इंटरनेट यूज कर सकता है। (एक साल में भारतीय 82 हजार करोड़ रुपए का इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं।)
5- इतने पैसे में टाटा जैसी 8 जैसी कंपनियां खरीदी जा सकती हैं। (13 अगस्त 2015 तक टाटा ग्रुप की कुल वैल्यू 7.49 लाख करोड़ थी।)

Saturday, August 22, 2015

अब ऑनलाइन मिलेगा नया एलपीजी कनेक्शन

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा।  नया एलपीजी कनेक्शन लेने के लिए उपभोक्ताओं को डीलर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उपभोक्ता नया कनेक्शन जल्द ही ऑनलाइन ले सकेंगे। मोदी सरकार के 'डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम के तहत राज्य-चालित कंपनियां अब वेब-आधारित सिस्टम के जरिये नए एलपीजी कनेक्शन और कुकिंग हॉब्स बेचेंगी।
इस प्रक्रिया की खास बात यह होगी कि उपभोक्ताओं पर डीलर इस बात का जोर नहीं डाल सकेंगे कि वह उनके यहां से स्टोव खरीदें, तो ही कनेक्शन मिलेगा।
रिटेलर एक चार अंकों का इमरजेंसी रिस्पॉन्स नंबर भी लॉन्च करेंगे। इन नंबर पर लीकेज आदि की शिकायतें की जा सकेंगी। नया नंबर पुलिस के 100 नंबर की तरह पूरे देश में समान रूप से लागू होगा। वर्तमान में कई शहरों में 10 अंकों का नंबर चल रहा है। नए ऑनलाइन सिस्टम से लोगों को घर बैठे नया एलपीजी कनेक्शन मिल जाएगा। नया सिस्टम हर फ्यूल कंपनी की वेबसाइट और सरकार के एलपीजी पोर्टल 'पहल' पर उपलब्ध होगा। नए कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के 48 घंटों के भीतर ईमेल या मैसेज के जरिये कस्टमर आईडी नंबर मिलेगा। इस नंबर के इस्तेमाल से ऑनलाइन पेमेंट की प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी। पेमेंट और वेरिफिकेशन के बाद डीलर आपके घर पर रेगुलेटर, सिलेंडर और रबर पाइप भेज देगा। इस पूरी प्रक्रिया में 6 से 7 दिन लगेंगे।

शरीर में विटामिन डी की मात्रा नापेगा मोबाइल ऐप

कोटा।  कनाडा के विज्ञानियों ने शरीर में विटामिन डी की मात्रा का पता लगाने वाले मोबाइल ऐप बनाने का दावा किया है। इसके लिए अब मेडिकल विशेषज्ञों की जरूरत नहीं होगी। हड्डी को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी (कैल्सियम) जरूरी तत्व है।
कनाडा के ग्युल्फ विश्वविद्यालय की शोधकर्ता सामंता गुडमैन ने बताया कि यह ऐप फिजीशियन या डायटीशियन के लिए महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो सकता है। विटामिन डी की कमी वाले व्यक्तियों को उचित मात्रा में इस तत्व के सेवन की सलाह दी जा सकती है।
इस अध्ययन में 18-25 वर्ष की आयु वाले 25-25 पुरुषों व महिलाओं को शामिल किया गया। सभी प्रतिभागियों को विटामिन डी कैलकुलेटर ऐप के संचालन के बारे में जानकारी दी गई थी। इनलोगों को विटामिन डी वाले खाद्य पदार्थों और धूप के सेवन के बारे में बताने को कहा गया था।
तीन दिनों के बाद प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों को विटामिन डी के सेवन के बारे में पहले वाली जानकारी दी। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐप से मिली जानकारी करीब करीब सही थी।

Friday, August 21, 2015

अंगूठा छाप लोगों को अब नहीं मिलेंगे एटीएम कार्ड

कोटा। भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत ऐसे खाताधारकों को एटीएम कार्ड देने से साफ मना कर दिया, जो अंगूठा छाप हैं। आरबीआई ने सभी बैंकों को सर्कुलर जारी कर सिर्फ उन्हीं खाताधारकों को एटीएम कार्ड देने का निर्देश दिया है, जो हस्ताक्षर कर सकते हैं। 
नई गाइड लाइन जारी होने के बाद जिले में हजारों खाताधारकों के एटीएम कार्ड फंस गए हैं। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत मुरादाबाद में करीब चार लाख खाते खोले गए हैं।इनमें करीब 35 हजार ऐसे खाताधारक हैं, जो पूरी तरह अशिक्षित हैं। उन्होंने जन-धन योजना के तहत खाता खुलवाने के लिए संबंधित दस्तावेजों पर अंगूठा लगाया है। शुरुआत में कुछ बैंकों की ओर से अंगूठा लगाने वाले खाताधारकों को भी एटीएम कार्ड बांट दिए गए, लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक ने इसको लेकर नया सर्कुलर जारी कर दिया है। सर्कुलर में साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत ऐसे किसी खाताधारक को एटीएम कार्ड न दिए जाएं, जो दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना नहीं जानते। बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि जो लोग हस्ताक्षर कर सकते हैं, सिर्फ उन्हीं को एटीएम कार्ड जारी किए जाएं। बैंकों को यह भी कहा गया कि वे लोगों को इस बारे में बताएं, ताकि अंगूठा छाप खाताधारक हस्ताक्षर करना सीख जाएं। 

दाम घटने से कोटा से डीओसी का निर्यात हुआ बंद


दिनेश माहेश्वरी
 कोटा। विदेशों में दाम घटने से पिछले एक साल से शहर के सोया प्लांटों से डीओसी (सोया खली)का निर्यात पूरी तरह बंद है। चालू वित्त वर्ष 2015-16 जुलाई तक देश से डीओसी का निर्यात 86 फीसदी घटकर केवल 18 हजार 410 टन का ही हुआ है। उधर खाद्य तेल के दाम भी नीचे चल रहे हैं इससे सोया प्लांटों की हालत खस्ता है। प्लांट संचालकों का कहना है कि सरकार यदि प्लांटों की स्थिति सुधारना चाहे तो 45 प्रतिशत तक इंपोर्ट ड्यूटी लगा सकती है। इससे बाहर के तेल के दाम महंगे होंगे तो देश में भी तेल की हालत सुधरेगी। 
कंटेनर डिपो के मैनेजर प्रशांत देहलान का कहना है कि यहां से हर साल 1000 कंटेनर निर्यात के लिए भेजे जाते थे। कुछ इंडस्ट्री वाले रेलवे के रैक के जरिए भी डीओसी भेजा करते थे। औसतन महीने के 100 कंटेनर हो जाते थे। परन्तु अंतरराष्ट्रीय बाजार डीओसी के दाम नहीं बढ़ने से स्थानीय प्लांट संचालकों ने बाहर डीओसी भेजना बंद कर दिया है। वहीं शिव एडिबल के डायरेक्टर बजरंग कुमार साबू बताते हैं कि घरेलू बाजार में कीमतें ऊंची होने के साथ ही विश्व बाजार में दाम नीचे है जिससे सोया खली का निर्यात घटकर जुलाई महीने में न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। वर्तमान में हमारे यहां की डीओसी के रेट में और अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 4000 रुपए प्रति टन का फर्क है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीओसी यानी 36 हजार 617 रुपए प्रति टन के आसपास है। देश में इसकी कीमत 31 हजार रुपए प्रति टन के आसपास है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ें या फिर सरकार आयातित तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाए। वर्तमान में 7.5 प्रतिशत है। सरकार इसे 45 प्रतिशत तक बढ़ा दे तो बाहर के आयातित तेल महंगे होंगे। इससे हमारे यहां के खाद्य तेलों के दाम भी बढ़ सकेंगे। 
चार माह में 35 फीसदी गिरा निर्यात 
साल्वेंटएक्सट्रैक्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार जुलाई महीने में देश से केवल 18 हजार 410 टन खली का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई महीने में 1 लाख 32 हजार102 टन खली का निर्यात हुआ था। जुलाई में देश से केवल 928 टन सोयाबीन खली का निर्यात ही हुआ है। अप्रैल से जुलाई के दौरान खली के निर्यात में 35 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 4 लाख 92 हजार 86 टन का ही हुआ है,जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 7 लाख 57 हजार 907 टन खली का निर्यात हुआ था। भारतीय बंदरगाह पर सोया खली के भाव घटकर जुलाई में 507 डॉलर प्रति टन रह गए जबकि जून महीने में इसके भाव 553 डॉलर प्रति टन थे। 

Thursday, August 20, 2015

रि‍लायंस, एयरटेल समेत 11 कंपनि‍यों को पेमेंट बैंक खोलने की मंजूरी

कोटा।  रि‍जर्व बैंक ऑफ इंडि‍या (आरबीआई) ने पेमेंट बैंकों के लि‍ए 11 आवेदकों को ‘सैद्धांति‍क’ मंजूरी दे दी है। आरबीआई ने एयरटेल एम कॉमर्स सर्वि‍स, वोडाफोन एम  पैसा और पोस्‍टल डि‍पार्टमेंट समेत 11 आवदेकों को पेमेंट बैंकों के लाइसेंसिंग के लि‍ए जारी दि‍शा-नि‍र्देशों के तहत पेमेंट बैंक खोलने के लि‍ए सैद्धांति‍क मंजूरी दे दी है। आरबीआई ने कहा कि‍ आवेदकों को गाइडलाइन के तहत सभी जरूरी शर्तों को 18 माह के भीतर पूरा करना होगा।
कि‍न आवेदकों को मि‍ली मंजूरी
1 आदि‍त्‍य बि‍रला नूवो लि‍मि‍टेड 2 एयरटेल एम कॉमर्स सर्वि‍स लि‍मि‍टेड 3 चोलामंडलम डि‍स्‍ट्रि‍ब्‍यूशन सर्वि‍सेज लि‍मि‍टेड 4 डि‍पार्टमेंट ऑफ पोस्‍ट 5 फि‍न पेटेक लि‍मि‍टेड  6 नेशनल सि‍क्‍योरि‍टीज डि‍पॉजि‍टरी लि‍. 7 रि‍लायंस इंडस्‍ट्रीज लि‍मि‍टेड 8 दि‍लि‍प शांति‍लाल सांघवी (सनफार्मा) 9 वि‍जय शेखर शर्मा (पेटीएम) 10 टेक महिंद्रा लि‍मि‍टेड 11 वोडाफोन एम-पैसा
कैसे हुआ सेलेक्‍शन
सबसे पहले आवदेकों को एक्‍सटर्नल एडवाइजरी कमि‍टी (ईएसी) के तहत स्‍क्रूटनी प्रक्रि‍या से गुजरना पड़ा। इस समि‍ति‍ की अध्‍यक्षता नचि‍केत मोर ने की। ईएसी की सि‍फारि‍शों को इंटरनल स्‍क्रीनिंग कमि‍टी (आईएससी) को भेजा गया। इस कमि‍टी में गवर्नर समेत चार डि‍प्‍टी गवर्नर शामि‍ल थे। आईएससी ने अपनी सि‍फारि‍शों की अंति‍म सूची जारी कर उसे कमि‍टी ऑफ द सेंट्रल बोर्ड (सीसीबी) के पास भेजा गया। 19 अगस्‍त 2015 को हुई बैठक में ईएसी, आईएससी और सीसीबी की सि‍फारि‍शों के तहत इन आवेदकों को सैद्धांति‍क मंजूरी देने का फैसला लि‍या गया।
कैसे काम करेगा पेमेंट बैंक
=> इनका मुख्य काम छोटे कारोबारियों और कम आमदनी वाले परिवारों को पेंमेंट सेवा, रेमिटेंस सेवा और डिपॉजिट सेवा उपलब्ध कराना होगा।
=> ये बैंक डिपॉजिट्स (करेंट डिपॉजिट्स और सेविंग्स बैंक डिपॉजिट्स) स्वीकार कर सकेंगे।
=> पेमेंट्स बैंक शुरुआत में किसी ग्राहक से अधिकतम एक लाख रुपए तक जमा ले सकेंगे।
=> ग्राहकों की ओर से इस बैंक में की गई जमा डिपॉजिट इंश्योरेंस स्कीम के तहत कवर (सुरक्षित) होगी।
=> ये बैंक शाखाओं, बिजनेस कॉरेस्पांडेंट और मोबाइल बैंकिंग के जरिए पेमेंट और रेमिटेंस सेवा दे सकेंगे।
=> ये बैंक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रुमेंट्स जारी कर सकेंगे।
=> ये बैंक इंटरनेट बैंकिंग की सेवा भी अपने ग्राहकों को दे सकेंगे। हालांकि इसके लिए जरूरी होगा कि ये बैंक इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित सुरक्षा के लिए आरबीआई की ओर से जारी किए गए निर्देशों का पालन करें।
=> कोई पेमेंट्स बैंक किसी अन्य बैंक के बिजनेस कॉरेस्पांडेंट के तौर पर भी काम कर सकेगा। लेकिन वह बैंक यह काम केवल उन्हीं सेवाओं के लिए कर सकेगा, जो सेवाएं वह खुद नहीं दे रहा (जैसे कर्ज देना)।
=> ये बैंक एनबीएफसी गतिविधियां चलाने के लिए सब्सिडियरीज स्थापित नहीं कर सकेंगे।
=> पेमेंट बैंक लोन देने वाली गति‍वि‍धि‍यों में शामि‍ल नहीं होंगे।



कोटा का केलिब्रेशन टावर बना देश का नंबर वन

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा| टैंकर एवं लॉरी का केलिब्रेशन करने वाला शहर का केलिब्रेशन टावर देश का नंबर वन टावर बन गया है। यह पहला टावर है, जो स्टेनलैस स्टील से तैयार किया है। साथ ही इस टावर का ऑटोमेशन का कार्य भी किया जा रहा है। यहां टैंकर और लोरी में आए पेट्रोलियम पदार्थो का मेजरमेंट किया जाता है। इसका संचालन पेट्रोलियम एसोसिएशन करती है। 
 एफएआईपीटी  के चेयरमैन तरुमीत सिंह बैदी टावर का निरीक्षण करते हुए 
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स के चेयरमैन (आर्गेनाइजेशन) तरुमीत सिंह बेदी ने बताया कि देश में सभी जगह जहां पर भी केलिब्रेशन टावर बने हुए हैं, वह जीआई शीट के हैं। जिनमें जंग जाने के कारण सही केलिब्रेशन नहीं हो पाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए बाट-माप विभाग के प्रभारी हरिमोहन शर्मा के सुझाव पर इसमें  कुछ बदलाव किए गए हैं। 
कोटा पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बेदी का दावा है कि किसी भी केलिब्रेशन टावर में 1000 लीटर पर एक लीटर का फर्क जाता है, लेकिन इसमें 20 हजार लीटर तक चैक करने के बाद भी एक औंस तक का फर्क  नजर नहीं आया। इसे स्टैनलैस स्टील का बनाने के साथ ही ऑटोमेशन का काम किया जाएगा। इसमें ऑटोमेटिक फ्लो मीटर लगेगा। जिसका रिकॉर्ड पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड होगा। इसके बाद पंप डीलर को जरा सी भी शंका हुई तो वह आकर कंप्यूटर पर केलिब्रेशन का रिकॉर्ड देख सकेगा। 

Wednesday, August 19, 2015

अब मोबाइल ऐप से दखिल करें आयकर रिटर्न

कोटा। अब आप आयकर रिटर्न मोबाइल से भी दाखिल कर सकेंगे, रिटर्न भरने की जटिलताओं से मुक्ति दिलाने के लिए मोबाइल ऐप विकसित किया गया है। 
मोबाइल ऐप से बगैर किसी कर विशेषज्ञ की मदद के मात्र पांच मिनट में स्मार्टफोन से रिटर्न भरा जा सकता है।चार्टर्ड एकाउंटेंट हिमांशु कुमार ने हैलो टैक्स ऐप विकसित किया है जिसका परिचालन एंगल पैसा कर रहा है। हैलो टैक्स ऐप को नि:शुल्क डाउनलोड किया जा सकता है और इसके माध्यम से सरलता से आयकर रिटर्न दाखिल किया जा सकता है।
इस ऐप की मदद से सिर्फ तीन स्टेप में आयकर रिटर्न दाखिल हो जाता है। एंगल पैसा के अनुसार आयकर विभाग ने इस ऐप से रिटर्न दाखिल करने को मान्यता प्रदान कर दी है। 
इससे रिटर्न दाखिल करने पर रसीद भी मिलती है और रिटर्न प्राप्ति का मेल भी आता है। अभी यह ऐप सिर्फ एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड किया जा सकता है लेकिन एंगल पैसा इसे शीघ्र ही आईओएस ऐप स्टोर पर भी उपलब्ध कराने की तैयारी में है। गौरतलब है कि आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख निकट का रही है और आयकरदाता रिटर्न भरने के लिए परेशान हो रहे हैं।ऐसे में यह ऐप उनके ‌लिए बहुत मददगार साबित होगा।

Tuesday, August 18, 2015

विकास में बाधक समस्याओं को दूर किया जाएगा

दिनेश माहेश्वरी
कोटा। हाड़ौती के विकास में बाधक समस्याओं को दूर किया जाएगा। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में समस्याओं पर चर्चा कर उनके निराकरण का प्रयास होगा। यह आश्वासन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कोटा में स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर  व्यापार महासंघ के प्रतिनिधिमंडल को दिया।कोटा व्यापार महासंघ के महामंत्री अशोक माहेश्वरी ने मुख्यमंत्री को बताया कि व्यापारियों के लिए बनाए गए बाजार उन्हें आवंटित नहीं किए जा रहे हैं। पिछले दो वर्ष से इंद्रा मार्केट, होलसेल क्लॉथ मार्केट, जनरल मर्चेन्ट एसोसिएशन, खल-चूरी व्यापार संघ, कोटा साड़ी विक्रेता संघ, पुरानी धानमंडी क्षेत्र के व्यापारियों को के करोड़ों रुपए नगर विकास न्यास में अटके हुए हैं। न्यास आवंटन का निर्णय नहीं कर पा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इसका निस्तारण कराकर व्यापारियों को राहत पहुंचाएं। 
महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन ने चंबल पुलिया के दोहरीकरण और हैंगिंग ब्रिज के निर्माण में विलंब से शहर को हो रहे नुकसान से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया। साथ ही कोटा-झालावाड़ मार्ग को सुधारने और शहर के विकास के लिए लंबित योजनाओं की क्रियान्वित करने की अपील की। महासंघ ने शहर में हवाई सेवा शुरू करने, नया एयरपोर्ट बनाने, नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने, बड़े उद्योगों की स्थापना के लिए निवेश की राह आसान करने का भी मुख्यमंत्री से आग्रह किया। 

आप अपने एंड्रायड स्मार्टफोन को कर सकेंगे ठीक

आज के टाइम में स्मार्टफोन जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, इसमें जरा भी परेशानी आएं तो माथे पर शिकन आ जाती है, ऐसे में आप फौरन इसे लेकर सर्विस-सेंटर भागते है, अगर फोन वारंटी पीरियड में है तो ठीक है, लेकिन अगर वारंटी पीरियड बीत चुका है, तब तो समझ लीजिए टाइम के साथ एक लम्बा-चौड़ा बिल आपके सिर पर फटने वाला है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि आप चाहें तो अपने फोन की छोटी-मोटी परेशानियों को खुद भी ठीक कर सकते हैं। यह कोई रॉकेट साइंस नहीं, बस जरूरत है आपके सजग और सतर्क रहने की और फिर देखिए कैसे थोड़ी सी भी परेशानी आने पर, आप खुद अपने एंड्रायड स्मार्टफोन को ठीक कर लेते हैं। चलिए आज आपको ऐसी कॉमन परेशानियों और उनके समाधान के बारे में बताते हैं, जिन्हें अपनाकर आप खुद अपने एंड्रायड स्मार्टफोन को ठीक कर सकेंगे:
1. गूगल प्ले स्टोर से एप डाउनलोड नहीं हो तो यह करें
एंड्रायड स्मार्टफोन में अक्सर लोगों को शिकायत रहती है कि गूगल प्ले स्टोर से एप्लीकेशन डाउनलोड नहीं हो पाता। अब इसके लिए आपको किसी स्मार्टफोन एक्सपर्ट के पास जाने की जरूरत नहीं आप इसका इलाज खुद कर सकते हैं। इसके लिए बस Google Play store में जाएं, अब स्क्रीन को बाइ ओर से दाइ ओर स्वाइप करें, इधर आपके Setting Button दिखेगा, इसे select करें, यहां पर History को Delete करें। अब बहुत हद तक आपकी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी, लेकिन अब भी एप्लीकेशन डाउनलोड नहीं हो रहा तो फोन की setting >Application>All Apps का चुनाव करें। इन एप्स में Google Play Store उपलब्ध होगा। अब आपको बस Google Play Store में जाकर Cached data को Delete कर दें। ऐसा करके एप्लीकेशन डाउनलोड होने लगेगा।
2. पुराना मैमोरी कार्ड लगाने पर फोन गर्म हो जाएं तो यह करें 
बहुत बार देखा गया है कि पुराना मैमोरी कार्ड अगर नए फोन में लगाया जाएं तो फोन काफी गर्म हो जाता है, ऐसे में परेशान होकर इसे लेकर सर्विस सेंटर भागने की जगह, आप बस अपने मैमोरी कार्ड को Format कर दें। Format करने के लिए आप मैमोरी कार्ड को कंप्यूटर से कनेक्ट करके Format करेंगे तो ज्यादा उचित होगा। जब भी मैमोरी कार्ड को कंप्यूटर से कनेक्ट करें तो Format करने से पहले देख लें कि यह फैट32 पर ही Format हो रहा है। बढ़िया परफॉर्मेंस के लिए आप इसे continues दो बार Format करें। अब आप देखेंगे कि मैमोरी कार्ड को मोबाइल के साथ इस्तेमाल करने पर भी वह गर्म नहीं हो रहा।
3. जीमेल के साथ कॉन्टैक्ट्स सिंक नहीं हो तो यह करें
जीमेल Id को डिलीट कर दें और फिर फोन को restart करके, दोबारा आपको अपने कॉन्टैक्ट्स जीमेल के साथ सिंक करने है पर वह हो नहीं रहें तो ऐसे में setting में जाएं और चेक करें कि सिंक का विकल्प ऑन है या ऑफ। अब अगर ऑन है लेकिन फिर भी सिंक नहीं हो रहा तो फोन के साथ Integrated से अपना account add करें। अब आप देखेंगे कि सिंक होना शुरू हो गया है, लेकिन एक संभावना के तहत यह अब भी सिंक नहीं हो रहा है तो अंतिम उपाय है कि फोन को Factory reset कर दें, लेकिन ध्यान दें कि Factory reset से पूर्व फोन के डाटा का बैकअप जरूर ले लें अन्यथा सारा डाटा खो बैठेंगे।
4. ओपन होते ही गूगल प्ले स्टोर क्रैश हो तो यह करें
यह समस्या पुराने एंड्रायड में ज्यादा आती है। बहुत बार Google play store, open होते ही क्रैश हो जाता है। अब अगर बार-बार ऐसा हो रहा है तो फोन की सेटिंग में जाएं, एप्स को सिलेक्ट करें और फिर ऑल एप्स में जाएं। इसमें से अब Google play store का चुनाव करें और फिर Cached data को डिलीट कर दें।
5. अपने फोन का पासवर्ड भूल गए तो यह करें
बहुत बार देखा गया है कि अक्सर लोग अपने ही फोन का पासवर्ड या पैटर्न ड्रा करके भूल जाते हैं ऐसे में जब भी सर्विस सेंटर लेके जाते हैं तो वह इसे हार्ड रिसेट कर देते हैं। यही काम आप खुद भी कर सकते हैं। आप चाहे सर्विस सेंटर जाएं या खुद हार्ड रिसेट करें, इस सिचुएशन में फोन का उपलब्ध डाटा डिलीट होगा ही। हार्ड रिसेट के लिए पहले फोन को स्विच ऑफ करें, फिर पॉवर और वॉल्यूम डाउन बटन को थोड़ी देर तक दबाकर रखें। हार्ड रिसेट का विकल्प आपके सामने उपलब्ध हो जाएगा। अगर फोन में कार्ड का उपयोग कर रहे हैं तो कार्ड निकाल कर उसे हार्ड रिसेट करें।
6. फोन की मैमोरी फुल होने से स्लो हो गया तो यह करें
अपने एंड्रायड स्मार्टफोन में आप इतना कुछ स्टोर करके रखते हैं कि उसकी मैमोरी फुल होना लाजिमी है। वैसे भी टाइम के साथ फोन पुराना हो जाता है, तब मैमोरी की परेशानी बढ़ जाती है, मैमोरी फुल होने से फोन स्लो, हैंग और सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने में असमर्थ होने लगता है।इन परेशानियों के समाधान के लिए फोन की setting में जाएं, storage को सिलेक्ट करें, अब आपको Cached memory clear करने का विकल्प दिखेगा, इस पर टैप करके क्लियर कर दें। अब भी परेशानी बरकरार है तो फोन के डाटा का बैकअप लेके Factory reset कर दें।
7. अगर फोन लैपटॉप या कंप्यूटर से कनेक्ट नहीं हो तो यह करें
बहुत से फोन्स विंडोज डेस्कटॉप और लैपटॉप से कनेक्ट नहीं हो पातें। ऐसे में जब भी आप फोन को कंप्यूटर या लैपटॉप से से कनेक्ट करें को चेक करें कि नोटिफिकेशन में आपका फोन मीडिया डिवाइस (एमटीपी) पर हो। अगर इतने पर भी कनेक्ट न हो तो setting में जाएं, अब about phone का चुनाव करें। यहां आपको Build Number मिलेगा। इसे कुछ देर तक लगातार प्रेस करते रहें। इसके साथ ही, आपके फोन में डेवलपर्स developers option on दिखने लगेगा। अब फिर से सेटिंग में जाएं और यहां से developers option को चुनें। इसमें डीबगिंग का विकल्प दिखेगा, बस उसे ऑन कर दें। अब आपका मोबाइल कंप्यूटर के साथ कनेक्ट होने के लिए तैयार है।
8. स्मार्टफोन वाइ-फाइ से कनेक्ट नहीं हो तो यह करें
बहुत बार देखा गया है कि फोन वाइ-फाइ से कनेक्ट नहीं हो पाता, तब आप अपने फोन और वाइ-फाइ राउटर को restart करें। ऐसा करते ही वाइ-फाइ कनेक्ट हो जाएगा, लेकिन न हो तो फोन को factory reset कर दें।
9. फोन का यूजर इंटरफेस काम नहीं करें तो यह करें
एंड्रायड स्मार्टफोन में एक आम समस्या यह भी देखी गई है कि user interface काम नहीं करता। इसके लिए setting में जाएं, अब app को सिलेक्ट करें। फिर all app में जाएं और system UI को सिलेक्ट करें। इसमें Cached memory को डिलीट मारें और दोबारा restart करें। अब आपका फोन ठीक से काम करने के लिए तैयार है।

Monday, August 17, 2015

साल भर में 22 हजार आएगा सोना

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा। बीते एक साल के दौरान सोना 2750 रुपए प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो चुका है। पिछले साल 14 अगस्त 2014 को सोने की कीमत 28,614 रुपए प्रति ग्राम थी। जबकि इस साल शुक्रवार को सोना 25,862 रुपए प्रति 100 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। मनीभास्कर के एक्सपर्ट पोल के मुताबिक सोने की कीमतों में गिरावट का सिलसिला आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। सोने के दाम अगले एक साल में 22,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक आ सकते है। क्योंकि सितंबर से अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की पूरी संभावना है। इसके अलावा चीन और भारत से घटती डिमांड और इक्विटी मार्केट से मिलते बड़े रिटर्न से निवेश के लिए सोने मांग कम हुई है।
देश के बड़े पांच ब्रोकिंग हाउस के बीच कराए गए पोल के मुताबिक सोने की कीमतों में गिरावट का दौर जारी रहेगा। पांचों ब्रोकिंग हाउस ने एक सुर में कहा सोने में गिरावट का रुझान है। अगले साल 15 अगस्त तक तक सोना 22,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है।
अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ना तय
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है। इसको देखते हुए सितंबर में होने वाली बैठक में फेड ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की घोषणा कर सकता है। फेड चेयरपर्सन जेनेट येलेन ने अपने हाल के बयान में कहा था कि अगर अमेरिकी लेबर मार्केट में सुधार आता है तो ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती है। जुलाई में अमेरिका में बेरोजगारी दर 5.3 फीसदी रही है। अमेरिका में ब्याज दरे बढ़ी तो प्रमुख करंसी के मुकाबले डॉलर इंडेक्स में जोरदार उछाल देखने को मिल सकता है।
चीन और भारत से घटती मांग
दुनियाभर में 2015 की दूसरी तिमाही के दौरान सोने की डिमांड में तगड़ी गिरावट आई है। अप्रैल-जून में ग्‍लोबल स्‍तर पर सोने की डिमांड 12 फीसदी और भारत में 25 फीसदी घटी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक सोने की डिमांड में आई गिरावट की मुख्‍य वजह दुनिया के दो सबसे बड़े सोना उपभोक्‍ता देश इंडिया और चीन से डिमांड घटना है। देश में सोने की इन्‍वेस्‍टमेंट डिमांड में भी 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि चीन में दूसरी तिमाही के दौरान ज्वैलरी की डिमांड 5 फीसदी घटकर 174 रह गई है। युआन की वैल्यू कम होने के बाद चीन से इंपोर्ट डिमांड घट सकती है।
इक्विटी में तेजी से घटी निवेश मांग
सोना पिछले दो साल से निगेटिव रिटर्न दिया है। वहीं फंडामेंटल को देखते हुए लग रहा है कि 2015 तीसरा साल होगा जब सोना निवेशकों को एक बार फिर निराश करेगा। जबकि इक्विटी ने पिछले तीन साल में करीब 60 फीसदी का रिटर्न दिया है। अरविन्द प्रसाद के मुताबिक इसलिए निवेशकों का रुक्षान सोने के प्रति कम हुआ है।
गोल्ड मोनेटाइजेशन से घटेगी सोने की मांग
 देश में 20,000 टन से ज्यादा सोना होने के बावजूद हम सालाना 800-1000 टन सोना इंपोर्ट करते है। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम शुरु होने के बाद घरों और मंदिरों में रखा सोना बाजार में आएगा। ऐसे में सप्लाई बढ़ने और इंपोर्ट घटने से की कीमतों पर दबाव देखने को मिल सकता है। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम दिसबंर से शुरु होने की संभावना है।
गोल्ड इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती
2013 में करेंट अकाउंट डेफिसिट को कम करने के लिए सरकार ने सोने के इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया था। उसके बाद 80:20 नियम को लागू किया था। लेकिन अब करेंट अकाउंट डेफिसिट काबू में है। एडलवाइस कॉमट्रेड की सीनियर मैनेजर रेनीशा चेनानी ने कहा कि ऐसे में सरकार आने वाले दिनो में सोने पर लगने वाले इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती कर सकती है। इससे सोने का आयात सस्ता होगा और कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

जयपुर सहित 25 शहरों में पाइप लाइन से मिलेगी रसोई गैस

 कोटा। जयपुर सहि त राजस्‍थान के 25 शहरों में घरेलू गैस बुक कराने और सिलेंडर की डिलीवरी करने का झंझट खत्म करने की तैयारी शुरू हो गई है। गैस की आपूर्ति बेहतर करने के लिए इन शहरों में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) सिस्टम बनाया जाएगा, जिसका जिम्मा सरकार इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) को देने जा रही है। पेट्रोलियम विभाग की ओर से इसकी फाइल क्लियर कर दी गई है।
अगस्त के अंतिम सप्ताह में सरकार और आईओसी के बीच एमओयू होने जा रहा है। राजस्थान के बीचों बीच से जल्द ही मेहसाणा भटिंडा गैस की बड़ी लाइन गुजरेगी। 2012 से ही इसकी शुरुआत हो गई थी। ठीक उसी समय से प्रदेश सरकार ने भी उस लाइन से राज्य के तमाम शहरों में घरेलू गैस की आपूर्ति पाइप लाइन से करने के लिए प्रयास शुरू कर दिया था।
संभावना है कि जल्द ही मेहसाणा भटिंडा गैस लाइन के लिए पर्यावरण स्वीकृति मिल जाएगी। ऐसे में राज्य सरकार ने भी अपने स्तर पर प्रदेश के संभावित शहरों में सीजीडी बनाने के लिए फाइल को क्लियर कर दिया है। इसी महीने अगस्त के आखिर में आईओसीएल से एमओयू किया जाएगा।
कैसे होगा गैस का डिस्ट्रीब्यूशन
पानीऔर बिजली की तरह हर घर तक घरेलू गैस की पाइप लाइन पहुंचाई जाएगी। हर घर में मीटर लगाया जाएगा। उस मीटर के जरिए जो व्यक्ति जितना गैस का इस्तेमाल करेगा, उससे उतना बिल वसूल किया जाएगा। पानी और बिजली की ही तरह उसका बिल आएगा।
सीजीडी से जुड़ेंगे ये शहर
सिरोही,जालौर, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ,राजसमंद, पाली, जोधपुर, भीलवाड़ा, बारा, अजमेर, किशनगंज, टोंक, सवाई माधोपुर, जयपुर, सीकर, झुंझुनूं, बीकानेर, हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू, दौसा, भिवाड़ी, अलवर।

Thursday, August 13, 2015

प्राची मिश्रा जिनकी योग्यता देखकर दंग रह गए राजन

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा।  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को रेट्स तय करने में बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इंट्रेस्ट रेट्स पर आरबीआई के फैसले पर कमर्शल बैंक बहुत ही मुश्किल से अमल करते हैं। अब तक आरबीआई के लगभग सभी गवर्नर इन चुनौतियों का सामना करते आए हैं। हाल ही में आरबीआई के मौजूदा गवर्नर रघुराम राजन ने भी कहा था कि देश में योग्य इकॉनमिस्ट की कमी है। इसके अलावा रिसर्च के लिए आवश्यक आधारिक संरचना की कमी भी बहुत बड़ी चुनौती बनती है जबकि रिसर्च आरबीआई के लिए काफी अहमियत रखता है।
इस अहम काम में अब आरबीआई का हाथ बंटाने का काम अनुभवी और प्रसिद्ध इकॉनमिस्ट प्राची मिश्रा करेंगी। पटना में जन्मीं 40 वर्षीय प्राची मिश्रा अपने अनुभवों के आधार पर कुछ नए प्रयोग के साथ आरबीआई में रिसर्च को नई दिशा देंगी। कोलम्बिया यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा प्राची मिश्रा पहले इंटरनैशनल मॉनिटरी फंड की इकॉनमिस्ट भी रह चुकी हैं।
एक इंटरव्यू में मिश्रा ने ईटी को बताया, 'हमारी रिसर्च डेटा और साक्ष्य पर निर्भर होगी। मैं अपनी टीम में इस चीज की आदत डाल रही हूं।' उन्होंने बताया, 'मुझे रिसर्च की कुछ खास प्रैक्टिसेज का इस्तेमाल करके उन विषयों पर रिसर्च करना ही मेरा मुख्य कार्य है जो पॉलिसी निर्माण के लिए आरबीआई के काम आ सकता है।'
महंगाई दर और मॉनिटरी ट्रांसमिशन के अध्ययन में वह आरबीआई का मार्गदर्शन करेंगी। वह भारत के सेंट्रल बैंक में रिसर्च में अपनी अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञता का इस्तेमाल करके इसे नई दिशा देंगी। सेंट्रल बैंक इंट्रेस्ट रेट पर जो ऐक्शन लेता है उस पर कमर्शल बैंक अमल नहीं करते हैं। आरबीआई के लिए यह बहुत बड़ी समस्या है। उम्मीद है कि प्राची इस दिशा में आरबीआई का सहयोग करेंगी जिससे सेंट्रल बैंक को इस समस्या का समाधान निकालने में मदद मिलेगी।
मिश्रा की इकॉनमिस्ट बनने की कहानी भी बहुत ही दिलचस्प है। उनके परिवार के ज्यादातर लोग मेडिकल प्रैक्टिशनर हैं। उनके घर के लोग नहीं चाहते थे कि वह इकनॉमिक्स की पढ़ाई करे। इसके अलावा उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा भी नहीं दी जबकि बिहार से संबंध रखने वाले परिवार के बीच में सिविल सर्विसेज की एक खास पोजिशन है। लेकिन इकनॉमिक्स में उनकी गहरी दिलचस्पी ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। उन्होंने अपने रिसर्च स्किल्स से राजन को प्रभावित कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि अप्रत्याशित रूप से उनको आरबीआई के मॉनिटरी पॉलिसी डिपार्टमेंट में हायर किया गया।
दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से कोलम्बिया और वहां से आईएमएफ तक फेलोशिप की एक लम्बी श्रंखला के दौरान उनकी सलाहियत का लोहा माना गया। उनको पॉलिटिकल इकॉनमी, इंटरनैशनल ट्रेड ऐंड एक्सचेंज रेट्स में इनोवेटिव रिसर्च के लिए आईएमएफ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
बेन बरनांक को पढ़ाने वाले स्टैनली फिशर, फेडरल रिजर्व के मौजूदा चेयरमैन और कोलम्बिया के डोनाल्ड डेविस जैसी दुनिया की बड़ी से बड़ी हस्तियों के साथ काम कर चुकीं प्राची के अगर जीवन की बात की जाए तो वह बहुत सादगी पसंद हैं। स्ट्रीड फूड जैसे पानी पुरी और वडा पाव उनका मनपसंद व्यंजन हैं।

Wednesday, August 12, 2015

पीएफ निपटारे की अवधि 30 से घटाकर 20 दिन

कोटा।   कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने दावों के नपटारे में तेजी लाई है। पीएफ, पेंशन और इंश्योरेंस के दावे 20 दिन के भीतर निपटा दिए जाएंगे। अब तक यह समयसीमा 30 दिन थी। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से जारी एक रिलीज में कहा गया है कि ईपीएफओ ने जुलाई में दावे निपटाने की समयसीमा संशोधित करके 20 दिन कर दी थी। ईपीएफओ के प्रदर्शन का जायजा लेते हुए सेंट्रल पीएफ कमिशनर केके जालान ने कहा कि ईपीएफओ ने जुलाई में 11.56 लाख दावों का निपटारा किया। इनमें से 43 फीसदी दावे महज 3 दिन के भीतर निपटाए गए। 83 फीसदी दावों का निपटारा 10 दिन में किया गया, जबकि 97 फीसदी दावे 20 दिन में निपटाए गए। बहरहाल, मंत्रालय ने रिलीज में कहा है, 'ईपीएफओ नई सख्त समयसीमा का पालन करने के लिए कमर कस चुका है। फील्ड ऑफिसों से भी पेंशनभोगियों को फौरन लाभ मुहैया करने के लिए बैंकों के संपर्क में रहने के लिए कहा गया है।'
फंड मैनेजमेंट की क्षमता बढ़ाने के लिए ईपीएफओ के ऐडमिनिस्ट्रेटिव अकाउंट में नई फंड प्रबंधन प्रणाली (एनएफएमएस) शुरू की गई है। इसके तहत इन्वेस्टमेंट अकाउंट में फंड ट्रांसफर करने के लिए ऑटोस्वीप फैसिलटी इस्तेमाल की जाती है।

आधार कार्ड सभी सेवाओं के लिए नहीं होगा अनि‍वार्य

 सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आधार कार्ड मामले पर बड़ा फैसला दि‍या है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि‍ सरकार की वि‍भि‍न्‍न वेलफेयर स्‍कीम्‍स के लि‍ए आधार कार्ड देना अनि‍वार्य नहीं है लेकि‍न पीडीएस और एलपीजी डि‍स्‍ट्रि‍ब्‍यूशन सि‍स्‍टम के लि‍ए आधार कार्ड देना होगा। कोर्ट ने कहा कि‍ आधार कार्ड वि‍कल्‍प के तौर पर इस्‍तेमाल कि‍या जा सकता है।
आधार कार्ड होल्‍डर्स की नि‍जी जानकारी सार्वजनि‍क होने के खतरे को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि‍ कोई भी अथॉरि‍टी इस बात को सुनि‍श्‍चि‍त करें कि‍ जानकारि‍यों का खुलासा न हो सके। कोर्ट ने यह भी कहा कि‍ केंद्र सरकार प्रिंट और इलेक्‍ट्रॉनि‍क मीडि‍या में यह सार्वजनि‍क सूचना दे कि‍ आधार कार्ड अनि‍वार्य नहीं है।
कैश सब्‍सि‍डी का दायरा बढ़ाने की कोशि‍श
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि‍ पब्‍लि‍क डि‍स्‍ट्रि‍ब्‍यूशन सि‍स्‍टम (पीडीएस) और एलपीजी सब्‍सि‍डी हासि‍ल करने के लि‍ए आधार कार्ड देना अनि‍वार्य होगा। ऐसे में सरकार की कैश सब्‍सि‍डी योजना काे बढ़ाने में मदद मि‍लेगी। सरकार कई अन्‍य योजनाअों के लि‍ए भी कैश सब्‍सि‍डी स्‍कीम पेश करने की योजना बना रही है।
 आधार कार्ड को वापस लेना मुश्‍कि‍ल
सुप्रीम कोर्ट की कई बार फटकार के बाद केंद्र सरकार की ओर से आधार कार्ड पर साफ कहा गया कि इस योजना को वापस लेना मुश्किल है। सरकार ने कहा कि 120 करोड़ लोगों में 80 करोड़ लोगों के आधार कार्ड बन चुके हैं। कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि इस योजना में अब तक 5000 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। सरकार ने कहा कि इस योजना के जरिये सरकार कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचा रही है। कई सब्सिडी इसे के माध्यम से लोगों को दी जा रही है।

Tuesday, August 11, 2015

स्‍टेशन आने से पहले आएगा रेलवे का एसएमएस

कोटा। रेलवे एक ऐसी सेवा की शुरुआत करने जा रहा है, जिससे मुंबई राजधानी के मुसाफिरों को रात के वक्त अपने गंतव्य से पहले एसएमएस के जरिए अलर्ट मिलेगा। यह सेवा रात 11 बजे से सुबह 6 बजे के दौरान उपलब्ध कराई जाएगी। इन सेवाओं की शुरुआत रेल मंत्री सुरेश प्रभु बुधवार को करेंगे।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुंबई और दिल्ली के बीच चलने वाली अगस्त क्रांति राजधानी में बुधवार से एसएमएस अलर्ट सेवा शुरू होगी। अधिकारी ने बताया कि इसका उद्देश्य रात के वक्त सफर कर रहे यात्रियों को उनके गंतव्य स्थल के आने से पहले अलर्ट करना है। यात्री अपने मोबाइल फोन पर यह अलर्ट हासिल करेंगे। इस सेवा को चरणबद्ध ढंग से अन्य ट्रेनों में भी लागू किया जाएगा। मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान का साथ देने के लिए रेल मंत्रालय मुंबई उपनगरीय यात्रियों के लिए पेपरलेस अनारक्षित टिकट प्रणाली और ई-टिकटिंग के हिंदी वर्जन के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन शुरू करेगा। 

Sunday, August 9, 2015

नहीं देंगे मजीठिया, भास्कर प्रबंधन ने ठोका सीना,

 भास्कर प्रबंधन ने अब प्रबंधन ने सीना ठोंककर यह कहना शुरू कर दिया है कि मजीठिया के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जाएगा. मजीठिया की मांग करने वाले को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. सूत्र बता रहे हैं कि भास्कर के नेशनल स्तर के एक बड़े अधिकारी ने अपने सभी संपादकों को एक मेल भेजा है, जिसमें अपने स्तर से श्रम अधिकारियों को मैनेज करने का आदेश दिया गया है. मेल मिलने के बाद कुछ संपादकों ने तो संबंधित रिपोर्टरों को यह काम सौंप भी दिया है. नौकरी बचाने के लिए रिपोर्टर भी इस काम में लग गए हैं.
साफ है कि मजीठिया को हजम करने के लिए दैनिक भास्कर प्रबंधन हर कोशिश कर रहा है. तीन महीने विलंब से महज पांच से सात प्रतिशत इन्क्रीमेंट कर भास्कर ने स्पष्ट रूप से यह संकेत दे दिया है कि मजीठिया तो दूर, मजीठिया की उम्मीद भी रखा तो इन्क्रीमेंट भी नहीं दिया जाएगा. प्रबंधन के गुर्गे और चमचे सरेआम यह कह रहे हैं कि प्रबंधन का सरकार हो या कोर्ट, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. 

Friday, August 7, 2015

नए उद्यमियों के लिए आएगी स्‍टार्टअप नीति

कोटा । प्रदेश में निवेश कर नया कारोबार स्थापित करने वाले उद्यमियों के लिए सरकार जल्द नीति बनाएगी। 'द इंडस एंटरप्रिन्योर्स (टाई) की ओर से आईटीसी राजपूताना में आयोजित टाईकॉन-2015 की बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि जयपुर और राजस्थान के अन्य शहरों में प्रतिभाओं की बहुतायत है। इसमें नया कारोबार शुरू करने वालों के लिए प्रक्रिया आसान बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा तैयार की जाने वाली नई नीति के जरिए नई पीढ़ी के उद्यमियों को पहचान दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में इन्क्यूबेशन सेंटर की अच्छी शुरुआत हुई है और इस तरह के सेंटर्स को और भी प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
ऐसे उत्पाद बने जो जरूरत के अनुसार हो और जिसकी तकनीक सरल हो
कार्यक्रम में शामिल हुए मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चेयरमेन, मोहनदास पई ने कहा कि व्यापार को ग्लोबल बनाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऐसे उत्पाद बनाने की आवश्यकता है जरूरत के अनुसार हो और जिसकी तकनीक सरल हो। इससे पहले, आई स्पिरिट फाउंडेशन और ब्रांड सिग्मा इंक के सह संस्थापक, शरद शर्मा ने 'सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट इंडस्ट्री की चुनौतियां और अवसर विषय पर संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स और मोबाइल एप्लिकेशन जैसे कंज्यूमर सॉफ्टवेयर की पहल बेहद सफल रही हैं। लेकिन उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जिस तरह से ई-कॉमर्स को संचालित किया जा रहा है, यह बुलबुले के समान फूट सकता है।

मसाला निर्यातकों को राहत, मिलेगी सब्सिडी

कोटा। राजस्‍थान के मसाला निर्यातकों के लिए अच्‍छी खबर है। मसालों के निर्यात पर अब राज्य सरकार निर्यातकों को सब्सिडी देगी। इसके तहत 31 मार्च 2018 तक मसालों के निर्यात पर मालभाड़े में सब्सिडी मिलेगी। यह योजना राज्य में उत्पादित जीरा, धनिया, मेथी, सौंफ, अजवायन, लाल मिर्च, सोंठ, हल्दी, राई, लहसुन, कलौंजी और साबुत प्रसंस्कृत मसालों के विदेशी निर्यात पर लागू होगी। 
योजना का लाभ राज्य की किसी भी कृषि उपज मंडी समिति या राजस्थान कृषि उपज विपणन अधिनियम 1961 की पालना करते हुए सीधे किसान से खरीद कर देश में किसी भी बंदरगाह से निर्यात करने पर मिलेगा। जिन देशों में समुद्री मार्ग से निर्यात नहीं हो उनमें ट्रक, रेल से सीधे निर्यात करने पर अनुदान देय होगा।
मालभाड़े का 25 प्रतिशत मिलेगा अनुदान
क्रय स्थल से बंदरगाह तक ट्रक या रेल भाड़े का 25 प्रतिशत या 500 रुपए प्रति टन जो भी कम हो, अनुदान मिलेगा। इसके अलावा समुद्री पोत से निर्यात करने पर 26 मीट्रिक टन क्षमता के कंटेनर तक 5000 रुपए प्रति कंटेनर अथवा 500 रुपए प्रति टन जो भी कम हो अनुदान मिलेगा। केवल स्थल मार्ग या सीधे ट्रक, रेल से निर्यात किए जाने पर सतही भाड़े का 25 प्रतिशत अधिकतम 500 रुपए प्रति टन या जो भी दोनों में से कम हो अनुदान मिलेगा।
अनुदान के लिए कराना होगा पंजीयन
कृषि विपणन बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक इस योजना में मसाला निर्यातकों को अनुदान का लाभ लेने के लिए पंजीयन कराना होगा। उन्होंने बताया कि शर्तों के मुताबिक निर्यात किया गया माल वापस होने पर भुगतान किया गया अनुदान वापस लौटाना होगा। गौरतलब है कि कोटा और रामगंजमंडी से करीब चार लाख बोरी के आसपास धनिए का निर्यात होता है। कभी-कभी मेथी का भी मांग आने पर निर्यात किया जाता है।

Wednesday, August 5, 2015

20J का तोड़... नीचे दिए गए फार्मेट में कंप्लेन श्रम विभाग को दें …

Date:
To,                                       
The Labour Commissioner .....
Sub: Illegal acts by the management of M/s .....
Sir,
We are the  employees of the establishment named above and constrained to report against the illegal, highhanded acts of the management named above. The management has extracted our signature on pre typed formats and papers to the effect that we do not want the benefits of the Majithia Wage Board award and have entered into a settlement with the management.  
The aforesaid act of the management is illegal and an attempt to overreach the notification of the Majithia Wage Board as issued by the central government and the violation of the orders dated 7/2/2015 passed by the Supreme Court of India. Since all the employees are being coerced and pressurized to sign on the said formats, we have no option then to write to you that we re-affirm our demand for Majithia Wage Board notification and do not subscribe to the forcible extraction of our signatures on the pre typed formats of the management. Our signatures on the said papers be treated as withdrawn, cancelled and our dues under Majithia Wage Board be released to us. 
You are requested to ignore any such declaration, pretyped format presented to you showing the declaration by the employees as the same is against the law. Please issue directions to the management to release us the benefits of the Majithia Wage Board and do not victimize the workers of the establishment. 
Thanking You,
Yours
Name ...................
Post .....................
Contact No. ..................

Copy forwarded to:
SHO, PS ....................  for information.

Tuesday, August 4, 2015

दैनिक भास्कर कर्मचारीयो के साथ इन्क्रीमेंट के नाम पे धोखा

दैनिक भास्कर में सभी कर्मचारियो को ऐसा धोखा दिया है जो कर्मचारी अब तक समझ भी नहीं पाए है ! जैसा की अबकी बार भास्कर में सभी को इन्क्रीमेंट लेटर दिए गये है वो असल में इन्क्रीमेंट लेटर नहीं बल्कि सभी को ठेकेदारी मतलब MP Printer नाम की कंपनी में डाल दिया है ! भास्कर में सैलरी स्लिप निकलने के लिए एक ऑनलाइन सिस्टम है जिसको पीपल सॉफ्ट बोलते है जब कर्मचारियो ने अपनी सैलरी स्लिप चेक की तो पाया की कंपनी ने धोखे से उनकी पिछले एक साल की सैलरी स्लिप में कंपनी का नाम चेंज कर दिया है कुछ लोग ऐसे है जो हर महीने अपनी स्लिप साथ के साथ निकलते है तो जब उन्होंने पुरानी सैलरी स्लिप को अब नई निकली सैलरी स्लिप के साथ मिलाया तो पाया की कंपनी ने पूरा ऑनलाइन डाटा ही बदल दिया है जो की गैर क़ानूनी है . इसके अलावा कंपनी ने अबकी बार सभी विभागों की पुरानी सभी पोस्ट ख़त्म करके सभी को senior management associate नामक ऐसी पोस्ट दे दी है जिसके बारे में गूगल ने भी जानकारी देने से मना कर दिया की ये होता क्या है तो जो लोग ये सोचे बैठे है वो DBCORP के कर्मचारी है ओर मजेठिया के हकदार है तो वो इसको अपने दिल से निकल दे क्योकि अब वो प्रिंट मीडिया के कर्मचारी ही नहीं है!

Monday, August 3, 2015

अखबार मालिकों और लेबर अफसरों में फिर एका

इस देश में बड़े लोग अपने हित में एक से एक फंडे निकालते रहते हैं और गरीब आदमी न्याय के लिए टुकुर टुकुर ताकता रह जाता है. मीडियाकर्मियों को बेहतर सेलरी और भत्ता देने के लिए बनाई गई सरकारी मजीठिया वेज बोर्ड के रिपोर्ट को लागू करने के केंद्र सरकार के कानूनी और सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक आदेश को धता बताने के लिए मीडिया मालिकों ने झूठ दर झूठ बोलने का काम शुरू कर दिया है. किस तरह पैसे बचा लिए जाएं और अपने कर्मियों को कम दाम में काम करने को मजबूर किया जाता रहे, इसके लिए रोजाना ये अखबार मालिक नए तरीके निकाल रहे हैं.सुप्रीम कोर्ट ने लेबर डिपार्टमेंट को जिम्मा दिया कि वह तीन महीने में जमीनी रिपोर्ट ले आए कि क्या वाकई सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मीडिया मालिकों ने लागू नहीं किया है, तो लेबर आफिस और मीडिया मालिकों ने मिलकर एक नई तरकीब ढूंढ ली है. 20J के कागजों पर साइन कराकर हर मीडियाकर्मी से यह घोषित करवा दे रहे हैं कि वह मालिक के दिए जा रहे सेलरी से संतुष्ट है और इसी के तहत वह दस्तखत कर रहा है.
दैनिक भास्कर, जयपुर में कल लेबर इंस्पेक्टर की टीम गई. इस टीम ने एडिटर के साथ बैठकर चाय पकौड़े का आनंद लिया. प्रबन्धन ने एक-एक कर कर्मचारियों को बुलाकर 20 j के कागजों पर साइन कराना शुरू किया. लेबर इंस्पेक्टर ने उनको वेरीफाई किया. कल भास्कर राजस्थान के 200 कर्मचारियों ने साइन किए. यही प्रक्रिया दूसरी यूनिट में भी शुरू होने वाली है. नए सिरे से 20J पर साइन करवाने के बाद लेबर विभाग यही रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देगा कि प्रत्येक इंप्लाई मजीठिया वेज बोर्ड पा चुका है या मजीठिया वेज बोर्ड से बेहतर सेलरी पाकर खुशी का लिखित इजहार कर चुका है. हालांकि कई ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने 20 J वाले कागज पर साइन नहीं किया है लेकिन भास्कर प्रबंधन इन्हें साइन किया हुआ घोषित कर रहा है और सहमति के लिस्ट में इन लोगों का नाम भी श्रम विभाग को भेज रखा है. ये वो 7 लोग हैं जिन्होंने 20J पर साइन नहीं किया- 1. ओम कटारा 2. राजीव सक्सेना 3. देवेन्द्र राठौड़ 4. मनोज गौतम 5. राजेश सक्सेना 6. गुरु दत्त शर्मा 7. हरी प्रसाद सुमन. 
दैनिक भास्कर कोटा के करीब 48 कर्मियों ने श्रम विभाग में मुकदमा डाल रखा है, मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर. 24 जुलाई 2015 को स्थानीय लेबर कार्यालय में समझौता वार्ता थी. लेकिन भास्कर प्रबंधन की तरफ से कोई नहीं गया. इस दौरान दूसरे अख़बार के अन्य साथियों ने भी शिकायत लिखित में दी कि उन्हें अभी तक मजीठिया का कोई लाभ नहीं मिला है. दैनिक भास्कर प्रबंधन की शिकायत करने वालों की संख्या बढ़कर 48 हो गई जिसमें 10 साथी कर्मचारी वो हैं जिन्होंने दैनिक भास्कर को कभी अपना कीमती समय दिया लेकिन उनको उसके अनुरूप प्रतिफल नहीं मिला. इस सन्दर्भ में उन्होंने भी अपने एरियर के लिए भुगतान के लिए लिखित में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है. दूसरे अख़बारों से 7 लोगों ने मजीठिया के लिए कोटा लेबर आफिस में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया. 
इस बीच, जार यानी  जर्नलिस्ट आफ राजस्थान संगठन के कोटा ज़िला अध्यक्ष हरी वल्लभ मेघवाल ने मीडिया कर्मचारियों के साथ संयुक्त लेबर कमिश्नर से मुलाकात की और मजीठिया को लेकर बातचीत की. उन्होंने लिखित में एक शिकायती पत्र दिया जिसमें कहा गया है कि सर्वोच्च नयायालय के आदेशों का पालन नहीं करते हुए लेबर विभाग ने अभी तक किसी भी अख़बार या संस्थान में जाँच के लिए कोई टीम नहीं भेजा. अत: बिना जांच कराए जनसुनवाई निराधार है. 
दैनिक भास्कर कोटा के दर्जनों कर्मियों द्वारा मजीठिया वेज बोर्ड से संबंधित श्रम विभाग में की गई शिकायत के जवाब में भास्कर प्रबंधन ने जो जवाब प्रस्तुत किया है वह चौंकाने वाला है. भास्कर ने अपनी सफाई में लिखित दस्तावेज दिया कि सभी कर्मचारियों ने 20J पर साइन कर रखे हैं. लेकिन प्रबंधन ये नहीं बता रहा कि किसने कब साइन किया और कहां किया. इस बारे में भास्कर के दस्तावेज मौन हैं. ऐसा बताया जाता है कि Journalist act 1955 के अनुसार 20 J पर letter of notification के 3 महीने के अंदर अंदर साइन होना जरूरी है जबकि भास्कर ने सबसे साइन 31 मार्च 2014 को करवाये थे और भारत सरकार का मजेटिया गैजेट 11 NOV 2011 से लागू होता है.
भास्कर ने भेड़चाल चलते हुए सबका एक ही जवाब बनाया कि सभी कर्मचारियों ने 20J पर साइन कर रखे हैं. जबकि 46 में से 9 लोग ऐसे हैं जो मार्च 14 से पहले ही नौकरी छोड़ चुके हैं और उन्होंने 20J पर साइन भी नहीं किए हैं. लेबर इंस्पेक्टर ने जब सभी कर्मचारियों का वो साइन किया हुआ 20J फॉर्म माँगा तो भास्कर ने जयपुर लेबर आफिस मुख्यालय में जमा होने का हवाला दिया. भास्कर के लिखित जवाब को कर्मचारियों ने न्यायसंगत नहीं बताया और उसे अस्वीकार किया. भास्कर मैनजमेंट ने भी आश्वासन दिया कि जो कर्मचारी कार्य कर रहे हैं, जिन्होंने लेबर कार्यालय मे मजीठिया की शिकायत दी है, उनको यथावत कार्य करने दिया जायेगा, उनकी सेवा शर्तों में कोई परिवर्तन नहीं किया जायेगा.

मिले इन्क्रीमेंट लेटर, संपादक के कुछ चापलूसों को फायदा

दैनिक भास्कर ने आखिरकार 31 जुलाई को अपने कर्मियों के बीच इन्क्रीमेंट लेटर का वितरण किया. लेटर मिलते ही भास्कर कर्मी मायूस हो गए. उन्हें उम्मीद थी कि मजीठिया के चक्कर में उनका कुछ बेहतर इन्क्रीमेंट हो जाएगा लेकिन लेटर मिलते ही उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. संपादक के कुछ चापलूसों को छोड़कर बाकी सबका पांच से सात प्रतिशत ही इन्क्रीमेंट लगाया गया है. प्रबंधन मजीठिया को पूरी तरह खा जाने के मूड मे है. प्रबंधन के इस रवैए से आहत होकर कुछ कर्मी श्रम विभाग का दरवाजा खटखटा सकते हैं. कुछ लोग माननीय सुप्रीम कोर्ट की ओर टकटकी लगाए हुए हैं कि माननीय न्यायालाय कब तक इन शातिरों के खिलाफ कार्रवाई करता है. 

Sunday, August 2, 2015

आयकर विभाग ने जारी किया नया आईटीआर 6

कोटा। गैर-वेतनभोगियों के लिए भी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2015-16 (वित्तीय वर्ष 2014-15) के लिए संशोधित आय कर (आईटी) रिटर्न फॉर्म जारी कर दिया है। आईटीआर 3 से आईटीआर 7 तक वाले फॉर्म्स मालिक (बिजनसमेन या प्रफेशनल्स), सीमित उत्तरदायित्व भागीदारी, भागीदारी वाली कंपनियां, हिंदू संयुक्त परिवारों और कंपनियों आदि जैसे कर दाताओं के लिए हैं। कंपनियों को आईटीआर 6 का इस्तेमाल कर अपना टैक्स रिर्टन भरना है। इस फॉर्म में पहले के सालों से कहीं ज्यादा जानकारियां देनी होंगी। इनमें कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत खर्चों के खुलासे भी शामिल हैं। इसके अलावा यह फॉर्म टैक्स प्राधिकरणों को विदेशी संपत्तियों और आय पर बेहतर नजर रखने में सक्षम बनाता है। इससे टैक्स अथॉरिटीज को मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को उजागर करने में भी मदद मिलेगी।
सरकार ने पहली बार 31 मार्च, 2015 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत खर्चों का उल्लेख किए जाने वाला फॉर्म पेश किया है। ऐसे खर्चे आई-टी ऐक्ट की धारा 37(1) के तहत व्यावसायिक खर्चे नहीं माने जाते और ना ही टैक्स पर्पसेज के लिए डिडक्शन माना जाएगा। दूसरे शब्दों में, यह कंपनी की कर योग्य आय में कौटती नहीं करता है। इस प्रकार अगर कंपनी के लाभ-हानि वाले खाते से सीएसआर को घटाया जाता है तो आईटीआर के फॉर्म 6 में इसका खुलासा करना होगा।
अगर कोई कंपनी एक साल में नए प्लांट और मशीन में 25 करोड़ या इससे ज्यादा का निवेश करती है तो लागत के 15 फीसदी का डिडक्शन निवेश भत्ता के रूप में मान्य होगा। इस भत्ते की दावेदारी के लिए डीटेल्स देने होंगे। आईटीआर फॉर्म 6 में सभी घरेलू बैंकों के डीटेल्स भी भरे जाने हैं। मसलन, बैंक के नाम, आईएफएससी कोड, अकाउंट नंबर और अकाउंट की प्रकृति। हालांकि, तीन साल से ज्यादा वक्त से निष्क्रीय पड़ चुके बैंक अकाउंट के डीटेल्स दिए जाने की जरूरत नहीं है।
भारतीय कंपनियों द्वारा अर्जित विदेशी आय और मनी लॉन्ड्रिंग की किसी भी आशंका पर नजर रखने के लिए आईटीआर फॉर्म 6 में एफए का डीटेल शेड्यूल पेश किया गया है। कंपनियों को विदेशी संपत्तियों का विस्तृत ब्योरा देना होगा, जिसमें विदेशी बैंक खातों, विदेशी ट्रस्टों और अचल संपत्ति (वित्तीय वर्ष के दौरान कभी भी मालिकाना हक वाले) से लगाव की घोषणा भी शामिल है। इतना ही नहीं जो संपत्ति सीधा मालिकाना हक के रूप में नहीं बल्कि लाभार्थी के रूप में हक में आए, उसके भी डीटेल्स देने होंगे। ऐसी विदेशी संपत्तियों से हो रही आय की भी घोषणा करनी होगी।

Saturday, August 1, 2015

मजीठिया वेज बोर्ड मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख खिसकी

कोटा। चर्चा ये थी कि तीन या चार अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया मामले पर सुनवाई होगी. लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट की आई ताजा लिस्ट में इस मामले के लिए कोई तारीख तय नहीं हुई है. अब अगले हफ्ते जो लिस्ट आएगी, उसमें संभावना है कि सुनवाई की तारीख तय मिले. ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट में वीकली एक लिस्ट आती है जिसमें हफ्ते भर में मुकदमों की तारीखें तय होती हैं.
कई मामलों की तारीखें संभावित होती हैं लेकिन फाइनल लिस्टिंग के दौरान इसे आगे बढ़ा दिया जाता है. मजीठिया मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमों की तारीख आज 31 अगस्त को आई लिस्ट में नहीं दर्ज है. पहले माना जा रहा था कि आज आई लिस्ट में मजीठिया मामले पर सुनवाई की तारीख तीन या चार अगस्त मिल सकती है. पर ऐसा नहीं हुआ. अब चर्चा है कि 11 अगस्त को यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए अगली लिस्ट में नियत हो. हालांकि यह भी संभावना है कि यह प्रकरण अगले हफ्ते भी टाल दिया जाए. उपरोक्त जानकारी मजीठिया प्रकरण को लेकर सैकड़ों मीडियाकर्मियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रहे एडवोकेट उमेश शर्मा ने दी.