Friday, August 7, 2015

मसाला निर्यातकों को राहत, मिलेगी सब्सिडी

कोटा। राजस्‍थान के मसाला निर्यातकों के लिए अच्‍छी खबर है। मसालों के निर्यात पर अब राज्य सरकार निर्यातकों को सब्सिडी देगी। इसके तहत 31 मार्च 2018 तक मसालों के निर्यात पर मालभाड़े में सब्सिडी मिलेगी। यह योजना राज्य में उत्पादित जीरा, धनिया, मेथी, सौंफ, अजवायन, लाल मिर्च, सोंठ, हल्दी, राई, लहसुन, कलौंजी और साबुत प्रसंस्कृत मसालों के विदेशी निर्यात पर लागू होगी। 
योजना का लाभ राज्य की किसी भी कृषि उपज मंडी समिति या राजस्थान कृषि उपज विपणन अधिनियम 1961 की पालना करते हुए सीधे किसान से खरीद कर देश में किसी भी बंदरगाह से निर्यात करने पर मिलेगा। जिन देशों में समुद्री मार्ग से निर्यात नहीं हो उनमें ट्रक, रेल से सीधे निर्यात करने पर अनुदान देय होगा।
मालभाड़े का 25 प्रतिशत मिलेगा अनुदान
क्रय स्थल से बंदरगाह तक ट्रक या रेल भाड़े का 25 प्रतिशत या 500 रुपए प्रति टन जो भी कम हो, अनुदान मिलेगा। इसके अलावा समुद्री पोत से निर्यात करने पर 26 मीट्रिक टन क्षमता के कंटेनर तक 5000 रुपए प्रति कंटेनर अथवा 500 रुपए प्रति टन जो भी कम हो अनुदान मिलेगा। केवल स्थल मार्ग या सीधे ट्रक, रेल से निर्यात किए जाने पर सतही भाड़े का 25 प्रतिशत अधिकतम 500 रुपए प्रति टन या जो भी दोनों में से कम हो अनुदान मिलेगा।
अनुदान के लिए कराना होगा पंजीयन
कृषि विपणन बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक इस योजना में मसाला निर्यातकों को अनुदान का लाभ लेने के लिए पंजीयन कराना होगा। उन्होंने बताया कि शर्तों के मुताबिक निर्यात किया गया माल वापस होने पर भुगतान किया गया अनुदान वापस लौटाना होगा। गौरतलब है कि कोटा और रामगंजमंडी से करीब चार लाख बोरी के आसपास धनिए का निर्यात होता है। कभी-कभी मेथी का भी मांग आने पर निर्यात किया जाता है।

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