Monday, August 17, 2015

साल भर में 22 हजार आएगा सोना

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा। बीते एक साल के दौरान सोना 2750 रुपए प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो चुका है। पिछले साल 14 अगस्त 2014 को सोने की कीमत 28,614 रुपए प्रति ग्राम थी। जबकि इस साल शुक्रवार को सोना 25,862 रुपए प्रति 100 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। मनीभास्कर के एक्सपर्ट पोल के मुताबिक सोने की कीमतों में गिरावट का सिलसिला आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। सोने के दाम अगले एक साल में 22,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक आ सकते है। क्योंकि सितंबर से अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की पूरी संभावना है। इसके अलावा चीन और भारत से घटती डिमांड और इक्विटी मार्केट से मिलते बड़े रिटर्न से निवेश के लिए सोने मांग कम हुई है।
देश के बड़े पांच ब्रोकिंग हाउस के बीच कराए गए पोल के मुताबिक सोने की कीमतों में गिरावट का दौर जारी रहेगा। पांचों ब्रोकिंग हाउस ने एक सुर में कहा सोने में गिरावट का रुझान है। अगले साल 15 अगस्त तक तक सोना 22,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है।
अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ना तय
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है। इसको देखते हुए सितंबर में होने वाली बैठक में फेड ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की घोषणा कर सकता है। फेड चेयरपर्सन जेनेट येलेन ने अपने हाल के बयान में कहा था कि अगर अमेरिकी लेबर मार्केट में सुधार आता है तो ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती है। जुलाई में अमेरिका में बेरोजगारी दर 5.3 फीसदी रही है। अमेरिका में ब्याज दरे बढ़ी तो प्रमुख करंसी के मुकाबले डॉलर इंडेक्स में जोरदार उछाल देखने को मिल सकता है।
चीन और भारत से घटती मांग
दुनियाभर में 2015 की दूसरी तिमाही के दौरान सोने की डिमांड में तगड़ी गिरावट आई है। अप्रैल-जून में ग्‍लोबल स्‍तर पर सोने की डिमांड 12 फीसदी और भारत में 25 फीसदी घटी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक सोने की डिमांड में आई गिरावट की मुख्‍य वजह दुनिया के दो सबसे बड़े सोना उपभोक्‍ता देश इंडिया और चीन से डिमांड घटना है। देश में सोने की इन्‍वेस्‍टमेंट डिमांड में भी 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि चीन में दूसरी तिमाही के दौरान ज्वैलरी की डिमांड 5 फीसदी घटकर 174 रह गई है। युआन की वैल्यू कम होने के बाद चीन से इंपोर्ट डिमांड घट सकती है।
इक्विटी में तेजी से घटी निवेश मांग
सोना पिछले दो साल से निगेटिव रिटर्न दिया है। वहीं फंडामेंटल को देखते हुए लग रहा है कि 2015 तीसरा साल होगा जब सोना निवेशकों को एक बार फिर निराश करेगा। जबकि इक्विटी ने पिछले तीन साल में करीब 60 फीसदी का रिटर्न दिया है। अरविन्द प्रसाद के मुताबिक इसलिए निवेशकों का रुक्षान सोने के प्रति कम हुआ है।
गोल्ड मोनेटाइजेशन से घटेगी सोने की मांग
 देश में 20,000 टन से ज्यादा सोना होने के बावजूद हम सालाना 800-1000 टन सोना इंपोर्ट करते है। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम शुरु होने के बाद घरों और मंदिरों में रखा सोना बाजार में आएगा। ऐसे में सप्लाई बढ़ने और इंपोर्ट घटने से की कीमतों पर दबाव देखने को मिल सकता है। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम दिसबंर से शुरु होने की संभावना है।
गोल्ड इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती
2013 में करेंट अकाउंट डेफिसिट को कम करने के लिए सरकार ने सोने के इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया था। उसके बाद 80:20 नियम को लागू किया था। लेकिन अब करेंट अकाउंट डेफिसिट काबू में है। एडलवाइस कॉमट्रेड की सीनियर मैनेजर रेनीशा चेनानी ने कहा कि ऐसे में सरकार आने वाले दिनो में सोने पर लगने वाले इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती कर सकती है। इससे सोने का आयात सस्ता होगा और कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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