दैनिक भास्कर में सभी कर्मचारियो को ऐसा धोखा दिया है जो कर्मचारी अब तक समझ भी नहीं पाए है ! जैसा की अबकी बार भास्कर में सभी को इन्क्रीमेंट लेटर दिए गये है वो असल में इन्क्रीमेंट लेटर नहीं बल्कि सभी को ठेकेदारी मतलब MP Printer नाम की कंपनी में डाल दिया है ! भास्कर में सैलरी स्लिप निकलने के लिए एक ऑनलाइन सिस्टम है जिसको पीपल सॉफ्ट बोलते है जब कर्मचारियो ने अपनी सैलरी स्लिप चेक की तो पाया की कंपनी ने धोखे से उनकी पिछले एक साल की सैलरी स्लिप में कंपनी का नाम चेंज कर दिया है कुछ लोग ऐसे है जो हर महीने अपनी स्लिप साथ के साथ निकलते है तो जब उन्होंने पुरानी सैलरी स्लिप को अब नई निकली सैलरी स्लिप के साथ मिलाया तो पाया की कंपनी ने पूरा ऑनलाइन डाटा ही बदल दिया है जो की गैर क़ानूनी है . इसके अलावा कंपनी ने अबकी बार सभी विभागों की पुरानी सभी पोस्ट ख़त्म करके सभी को senior management associate नामक ऐसी पोस्ट दे दी है जिसके बारे में गूगल ने भी जानकारी देने से मना कर दिया की ये होता क्या है तो जो लोग ये सोचे बैठे है वो DBCORP के कर्मचारी है ओर मजेठिया के हकदार है तो वो इसको अपने दिल से निकल दे क्योकि अब वो प्रिंट मीडिया के कर्मचारी ही नहीं है!
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