Thursday, August 20, 2015

रि‍लायंस, एयरटेल समेत 11 कंपनि‍यों को पेमेंट बैंक खोलने की मंजूरी

कोटा।  रि‍जर्व बैंक ऑफ इंडि‍या (आरबीआई) ने पेमेंट बैंकों के लि‍ए 11 आवेदकों को ‘सैद्धांति‍क’ मंजूरी दे दी है। आरबीआई ने एयरटेल एम कॉमर्स सर्वि‍स, वोडाफोन एम  पैसा और पोस्‍टल डि‍पार्टमेंट समेत 11 आवदेकों को पेमेंट बैंकों के लाइसेंसिंग के लि‍ए जारी दि‍शा-नि‍र्देशों के तहत पेमेंट बैंक खोलने के लि‍ए सैद्धांति‍क मंजूरी दे दी है। आरबीआई ने कहा कि‍ आवेदकों को गाइडलाइन के तहत सभी जरूरी शर्तों को 18 माह के भीतर पूरा करना होगा।
कि‍न आवेदकों को मि‍ली मंजूरी
1 आदि‍त्‍य बि‍रला नूवो लि‍मि‍टेड 2 एयरटेल एम कॉमर्स सर्वि‍स लि‍मि‍टेड 3 चोलामंडलम डि‍स्‍ट्रि‍ब्‍यूशन सर्वि‍सेज लि‍मि‍टेड 4 डि‍पार्टमेंट ऑफ पोस्‍ट 5 फि‍न पेटेक लि‍मि‍टेड  6 नेशनल सि‍क्‍योरि‍टीज डि‍पॉजि‍टरी लि‍. 7 रि‍लायंस इंडस्‍ट्रीज लि‍मि‍टेड 8 दि‍लि‍प शांति‍लाल सांघवी (सनफार्मा) 9 वि‍जय शेखर शर्मा (पेटीएम) 10 टेक महिंद्रा लि‍मि‍टेड 11 वोडाफोन एम-पैसा
कैसे हुआ सेलेक्‍शन
सबसे पहले आवदेकों को एक्‍सटर्नल एडवाइजरी कमि‍टी (ईएसी) के तहत स्‍क्रूटनी प्रक्रि‍या से गुजरना पड़ा। इस समि‍ति‍ की अध्‍यक्षता नचि‍केत मोर ने की। ईएसी की सि‍फारि‍शों को इंटरनल स्‍क्रीनिंग कमि‍टी (आईएससी) को भेजा गया। इस कमि‍टी में गवर्नर समेत चार डि‍प्‍टी गवर्नर शामि‍ल थे। आईएससी ने अपनी सि‍फारि‍शों की अंति‍म सूची जारी कर उसे कमि‍टी ऑफ द सेंट्रल बोर्ड (सीसीबी) के पास भेजा गया। 19 अगस्‍त 2015 को हुई बैठक में ईएसी, आईएससी और सीसीबी की सि‍फारि‍शों के तहत इन आवेदकों को सैद्धांति‍क मंजूरी देने का फैसला लि‍या गया।
कैसे काम करेगा पेमेंट बैंक
=> इनका मुख्य काम छोटे कारोबारियों और कम आमदनी वाले परिवारों को पेंमेंट सेवा, रेमिटेंस सेवा और डिपॉजिट सेवा उपलब्ध कराना होगा।
=> ये बैंक डिपॉजिट्स (करेंट डिपॉजिट्स और सेविंग्स बैंक डिपॉजिट्स) स्वीकार कर सकेंगे।
=> पेमेंट्स बैंक शुरुआत में किसी ग्राहक से अधिकतम एक लाख रुपए तक जमा ले सकेंगे।
=> ग्राहकों की ओर से इस बैंक में की गई जमा डिपॉजिट इंश्योरेंस स्कीम के तहत कवर (सुरक्षित) होगी।
=> ये बैंक शाखाओं, बिजनेस कॉरेस्पांडेंट और मोबाइल बैंकिंग के जरिए पेमेंट और रेमिटेंस सेवा दे सकेंगे।
=> ये बैंक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रुमेंट्स जारी कर सकेंगे।
=> ये बैंक इंटरनेट बैंकिंग की सेवा भी अपने ग्राहकों को दे सकेंगे। हालांकि इसके लिए जरूरी होगा कि ये बैंक इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित सुरक्षा के लिए आरबीआई की ओर से जारी किए गए निर्देशों का पालन करें।
=> कोई पेमेंट्स बैंक किसी अन्य बैंक के बिजनेस कॉरेस्पांडेंट के तौर पर भी काम कर सकेगा। लेकिन वह बैंक यह काम केवल उन्हीं सेवाओं के लिए कर सकेगा, जो सेवाएं वह खुद नहीं दे रहा (जैसे कर्ज देना)।
=> ये बैंक एनबीएफसी गतिविधियां चलाने के लिए सब्सिडियरीज स्थापित नहीं कर सकेंगे।
=> पेमेंट बैंक लोन देने वाली गति‍वि‍धि‍यों में शामि‍ल नहीं होंगे।



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