Tuesday, December 20, 2016

डिजिटल भुगतान लेने पर व्यापारियों को टैक्स में छूट

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
दो करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे व्यापारी और कंपनियां अगर बैंक और डिजिटल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करती हैं तो उन्हें कम कर देना होगा। सरकार ने नकदी के इस्तेमाल को कम करने के प्रयास के तहत
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक नोटिस में कहा कि कानून की धारा 44 एडी के तहत लाभ को कारोबार का आठ प्रतिशत माने जाने की मौजूदा दर को कम कर छह प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। यह 2016-17 के लिए बैंक चैनल (डिजिटल माध्यमों ) से प्राप्त कुल कारोबार या सकल प्राप्ति की राशि के संदर्भ में लागू होगा। कर विभाग ने यह भी कहा है कि कानून की धारा 44एडी के तहत उस स्थिति में जबकि कुल कारोबार या सकल प्राप्ति नकद में हासिल की जाती है तो कर लगाने के लिए लाभ को आठ प्रतिशत ही माना जाएगा। सरकार ने ताजा फैसला अर्थव्यवस्था में डिजिटल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करने वाले छाटे कारोबारियों और कंपनियों को प्रोत्साहन देने के मकसद से किया गया है।

राहत
2 करोड़ रुपये तक सालाना कारोबार करने वाले व्यापारियों को फायदा
8% लाभ मानकर टैक्स का आकलन करने का है मौजूदा नियम
6% लाभ मानकर टैक्स का आकलन होगा नए नियम के लागू होने पर

यह लाभ भी होगा
वर्तमान में आठ फीसदी से कम लाभ दिखाने पर व्यापारियों को खाता-बही का चाटर्ड अकाउंटेट से ऑडिट करवाना पड़ता है।
व्यापारियों को चाटर्ड अकाउंटेट को इसके लिए मोटी फीस चुकानी पड़ती है।
ऑडिट के बाद भी व्यापारियों को आयकर विभाग की कई तरह की जांज-पड़ताल का सामना करना पड़ता है।
आयकर कानून, 1961 की धारा 44एडी के तहत छोटे कारोबारियों को आठ फीसदी मानक करारोपण की स्थिति में ऑडिट कराने की जरूरत नहीं।

इसकी घोषणा की। 

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