Wednesday, December 7, 2016

कहीं खाली न हो जाए आपका वॉलेट

दिनेश  माहेश्वरी
कोटा। नोटबंदी के बाद कैशलैस पेमेंट बढ़ने से ऑनलाइन फ्रॉड के केस भी बढ़ रहे हैं। इन हालात में स्वाइप मशीन, नेटबैंकिंग या ई-वॉलेट से शॉपिंग करते वक्त सतर्क रहने की जरूरत है। यूपी पुलिस साइबर सेल के लिए भी ऐसे केस हल करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।ई-बैंकिंग के समय लोग ब्राउजर पर कई टैब भी खुले रखते हैं। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के बाद लॉग-आउट न करने से जरूरी जानकारी ब्राउजर के जरिए हैक होने का खतरा रहता है। इसके अलावा काम खत्म होने के बाद इंटरनेट डिसकनेक्ट कर देना चाहिए। उन्होंने बताया कि कम्प्यूटर की हर एक्टिविटी कैश फाइल के तौर पर ब्राउजर में सेव होती है। इस कारण ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के बाद कैश क्लियर जरूर करें। इससे बैंकिंग एक्टिविटी की जानकारी ब्राउजर से हट जाएगी।
दो-तीन महीने में बदलें पिन
 स्वाइप मशीन में कार्ड स्वाइप करते वक्त पिन छिपाकर डालें और ज्यादा स्वाइप मशीन यूज़ करने वाले अपना पिन हर दो-तीन महीने पर बदलते रहें।
ई-वॉलेट ऐप डाउन लोड करते समय रखें ध्यान
 ई-वॉलेट ऐप डाउनलोड करते वक्त इसका ध्यान रखना चाहिए कि ऐप ऑथराइज्ड हो। ऐप स्टोर में एक जैसे कई ऐप आते हैं। ओरिजिनल ऐप वही होता है जो सबसे अधिक डाउनलोड किया गया हो और उसके सबसे अधिक री-व्यू हों।
यह भी रखें ध्यान
- साइबर कैफे, किसी ऑफिस या अन्य स्थान से ऑनलाइन खरीदारी न करें। अपने पीसी या लैपटॉप का इस्तेमाल करें।
- टेलिफोन पर किसी को पिन, पासवर्ड, ओटीपी, सीवीवी नंबर या बैंक से जुड़ी डिटेल न दें।
- फेक साइट्स पर ऑनलाइन शॉपिंग न करें। http वाली साइट्स से नहीं, बल्कि https वाली साइट्स से ऑनलाइन पेमेंट करें। यह ज्यादा सुरक्षित हैं।
- कभी पब्लिक नेटवर्क एरिया, जहां फ्री वाई-फाई या हॉटस्पॉट मिल रहा हो तो मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल न करें।

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