दिनेश माहेश्वरी
कोटा। आयकर विभाग ने अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री के लिए नियमों में बड़ा बदलाव किया है। सबसे महत्वपूर्ण यह कि अब जमीन और मकान की खरीद आप नकद रुपये देकर नहीं कर सकते।चेक व डिमांड ड्राफ्ट से ही जमीन की खरीद-बिक्री करनी होगी। सीए अनिल अग्रवाल के अनुसार आयकर विभाग द्वारा यह नियम लागू करने का उद्देश्य ब्लैक मनी के जरिये प्रापर्टी इन्वेस्टमेंट पर रोक लगाना है।अब तक लोग जमीन की खरीद और बिक्री में नकद लेनदेन का इस्तेमाल करते थे और रजिस्ट्री के दौरान कम राशि दर्शाकर रजिस्ट्री शुल्क में भी छूट प्राप्त कर लेते थे। अब ऐसा नहीं होगा।
यदि आपने 10 लाख रुपये से अधिक अपने बचत खाते में जमा किया तो इसकी रिपोर्ट आयकर विभाग के एआइआर (एन्युअल इंफॉर्मेशन रिटर्न) में चली जाएगी।इसके बाद आयकर विभाग आपसे इन रुपयों का स्रोत जानेगा। यदि आप जमा रुपयों का सोर्स ऑफ इनकम बताने में नाकामयाब साबित हुए तो 30 फीसद टैक्स तो कटेगा ही साथ में जुर्माना भी भरना पड़ेगा।विक्रेता का नुकसान अधिक अगर जमीन बेचने के दौरान विक्रेता नकद राशि लेता है या फिर बयाना वापस करते समय राशि नकद वापस करता है, तो दोनों ही सूरत में जानकारी विक्रेता को ही देनी होगी।समुचित कारण न बताने पर जुर्माने की राशि विक्रेता देगा। हालांकि नकद राशि में जमीन की खरीद-बिक्री में आयकर विभाग की ओर से नोटिस क्रेता और विक्रेता दोनों के पास जाएगा।किसानों को इस नियम को ध्यान में रखकर जमीन बेचनी होगी। आयकर विभाग के नियम के अनुसार अगर संपत्ति खरीदने के लिए बयाना भी देते हैं तो यह लेनदेन भी अकाउंट पे चेक और डिमांड ड्राफ्ट के जरिये किया जाना चाहिए।इसकी पूरी जानकारी रजिस्ट्री के समय उपलब्ध करवाना अनिवार्य है। मान लीजिए बयाना 20 हजार रुपये है तो संपत्ति बेचते समय आपको पूरी राशि अकाउंट पे चेक द्वारा लेनी होगी।
कोटा। आयकर विभाग ने अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री के लिए नियमों में बड़ा बदलाव किया है। सबसे महत्वपूर्ण यह कि अब जमीन और मकान की खरीद आप नकद रुपये देकर नहीं कर सकते।चेक व डिमांड ड्राफ्ट से ही जमीन की खरीद-बिक्री करनी होगी। सीए अनिल अग्रवाल के अनुसार आयकर विभाग द्वारा यह नियम लागू करने का उद्देश्य ब्लैक मनी के जरिये प्रापर्टी इन्वेस्टमेंट पर रोक लगाना है।अब तक लोग जमीन की खरीद और बिक्री में नकद लेनदेन का इस्तेमाल करते थे और रजिस्ट्री के दौरान कम राशि दर्शाकर रजिस्ट्री शुल्क में भी छूट प्राप्त कर लेते थे। अब ऐसा नहीं होगा।
यदि आपने 10 लाख रुपये से अधिक अपने बचत खाते में जमा किया तो इसकी रिपोर्ट आयकर विभाग के एआइआर (एन्युअल इंफॉर्मेशन रिटर्न) में चली जाएगी।इसके बाद आयकर विभाग आपसे इन रुपयों का स्रोत जानेगा। यदि आप जमा रुपयों का सोर्स ऑफ इनकम बताने में नाकामयाब साबित हुए तो 30 फीसद टैक्स तो कटेगा ही साथ में जुर्माना भी भरना पड़ेगा।विक्रेता का नुकसान अधिक अगर जमीन बेचने के दौरान विक्रेता नकद राशि लेता है या फिर बयाना वापस करते समय राशि नकद वापस करता है, तो दोनों ही सूरत में जानकारी विक्रेता को ही देनी होगी।समुचित कारण न बताने पर जुर्माने की राशि विक्रेता देगा। हालांकि नकद राशि में जमीन की खरीद-बिक्री में आयकर विभाग की ओर से नोटिस क्रेता और विक्रेता दोनों के पास जाएगा।किसानों को इस नियम को ध्यान में रखकर जमीन बेचनी होगी। आयकर विभाग के नियम के अनुसार अगर संपत्ति खरीदने के लिए बयाना भी देते हैं तो यह लेनदेन भी अकाउंट पे चेक और डिमांड ड्राफ्ट के जरिये किया जाना चाहिए।इसकी पूरी जानकारी रजिस्ट्री के समय उपलब्ध करवाना अनिवार्य है। मान लीजिए बयाना 20 हजार रुपये है तो संपत्ति बेचते समय आपको पूरी राशि अकाउंट पे चेक द्वारा लेनी होगी।
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