दिनेश माहेश्वरी
कोटा। बैंक अब एटीएम में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए ई-सर्विलांस का सहारा ले रहे हैं। यानी, एटीएम के अंदर किसी तरह की गतिविधियों पर न केवल 24 घंटे निगरानी होगी, बल्कि किसी तरह की संदेहास्पद गतिविधि पर बैंक और पुलिस को भी तुरंत अलर्ट पहुंचेगा। ई-सर्विलांस प्रणाली को आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक जहां अपना चुके हैं, वहीं सरकारी बैंक एसबीआई, पीएनबी, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंक पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक इस प्रणाली को बैंकों के लिए अनिवार्य करने पर भी वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक चर्चा कर रहे हैं।
6,000 एटीएम में ई-सर्विलांस
बैंकों के अनुसार यह प्रणाली गार्ड रखने की तुलना में 60-70 फीसदी सस्ती है, वहीं मौजूदा प्रणाली की तुलना में कहीं ज्यादा प्रभावी है। इस मामले पर पंजाब नेशनल बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैंक ने 6,000 एटीएम में ई-सर्विलांस लगाने के लिए टेंडर निकाला है। यह प्रणाली जहां लागत में सस्ती है, वहीं सुरक्षा के मामले में भी कहीं ज्यादा प्रभावी है।
ई-सर्विलांस सिस्टम देने वाली कंपनी सिक्योरेंस सिस्ट्मस प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी सुनील उदूपा ने बताया कि कंपनी ने करीब 3,000 एटीएम के लिए ई-सर्विलांस की सेवाएं दी है। जिसमें आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अलावा सरकारी बैंक एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया आदि ने भी पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए हैं।
कैसे काम करता है सिस्टम
ई-सर्विलांस देने वाली कंपनी टेलीकॉम कंपनियों के जरिए एटीएम की नेटवर्किंग करती है। कंपनी के तहत आने वाले एटीएम की सेंट्रलाइज्ड निगरानी होती है। सर्विलांस करने वाली कंपनी एटीएम में किसी तरह की असामान्य गतिविधि होने पर न केवल ऑडियो के जरिए अपराधी को डराती है, बल्कि एटीएम में लगा एक सायरन भी बजता है, जो 2 किलोमीटर की रेंज तक सुनाई देता है। इसके अलावा कंपनी बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत सतर्क करती है। सुनील उदूपा के अनुसार विकसित देशों में एटीएम की सुरक्षा 100 फीसदी ई-सर्विलांस के जरिए ही होती है। जहां अपराधी भगाने या पकड़वाने में 99.6 फीसदी सफलता की दर है।
कोटा। बैंक अब एटीएम में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए ई-सर्विलांस का सहारा ले रहे हैं। यानी, एटीएम के अंदर किसी तरह की गतिविधियों पर न केवल 24 घंटे निगरानी होगी, बल्कि किसी तरह की संदेहास्पद गतिविधि पर बैंक और पुलिस को भी तुरंत अलर्ट पहुंचेगा। ई-सर्विलांस प्रणाली को आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक जहां अपना चुके हैं, वहीं सरकारी बैंक एसबीआई, पीएनबी, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंक पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक इस प्रणाली को बैंकों के लिए अनिवार्य करने पर भी वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक चर्चा कर रहे हैं।
6,000 एटीएम में ई-सर्विलांस
बैंकों के अनुसार यह प्रणाली गार्ड रखने की तुलना में 60-70 फीसदी सस्ती है, वहीं मौजूदा प्रणाली की तुलना में कहीं ज्यादा प्रभावी है। इस मामले पर पंजाब नेशनल बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैंक ने 6,000 एटीएम में ई-सर्विलांस लगाने के लिए टेंडर निकाला है। यह प्रणाली जहां लागत में सस्ती है, वहीं सुरक्षा के मामले में भी कहीं ज्यादा प्रभावी है।
ई-सर्विलांस सिस्टम देने वाली कंपनी सिक्योरेंस सिस्ट्मस प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी सुनील उदूपा ने बताया कि कंपनी ने करीब 3,000 एटीएम के लिए ई-सर्विलांस की सेवाएं दी है। जिसमें आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अलावा सरकारी बैंक एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया आदि ने भी पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए हैं।
कैसे काम करता है सिस्टम
ई-सर्विलांस देने वाली कंपनी टेलीकॉम कंपनियों के जरिए एटीएम की नेटवर्किंग करती है। कंपनी के तहत आने वाले एटीएम की सेंट्रलाइज्ड निगरानी होती है। सर्विलांस करने वाली कंपनी एटीएम में किसी तरह की असामान्य गतिविधि होने पर न केवल ऑडियो के जरिए अपराधी को डराती है, बल्कि एटीएम में लगा एक सायरन भी बजता है, जो 2 किलोमीटर की रेंज तक सुनाई देता है। इसके अलावा कंपनी बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत सतर्क करती है। सुनील उदूपा के अनुसार विकसित देशों में एटीएम की सुरक्षा 100 फीसदी ई-सर्विलांस के जरिए ही होती है। जहां अपराधी भगाने या पकड़वाने में 99.6 फीसदी सफलता की दर है।
0 comments:
Post a Comment