उभरती आर्थिक ताकत भारत का डंका पूरा दुनिया में बज रहा है। यह देश करोड़पतियों की संख्या के हिसाब से दुनिया में 15वें नंबर पर आ चुका है। ग्लोबल संपत्ति प्रबंधन उद्योग पर बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देश में 1.75 लाख परिवारों के पास 10 लाख डॉलर यानी करीब छह करोड़ रुपये की संपत्ति है। इसमें उम्मीद जताई गई है कि भारत 2018 तक दुनिया का सातवां सबसे धनी देश बन जाएगा।
बीसीजी ने 14वीं वार्षिक रिपोर्ट "राइडिंग अ वेब ऑफ ग्रोथ : ग्लोबल वेल्थ 2014" मंगलवार को जारी की। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2013 में दुनिया में करोड़पतियों की संख्या 1.63 करोड़ हो गई है। इस दौरान निजी संपत्ति में 14.6 फीसद की वृद्धि हुई। इससे इन अमीरों की कुल संपत्ति 1,52,000 अरब डॉलर पहुंच गई। शेयर बाजारों की तेजी को दो साल से जारी बेहतर प्रदर्शन का आधार बताया जा रहा है।
भारत में 1.75 लाख करोड़पति (10 लाख डॉलर संपत्ति वाले) बताए गए हैं। 2012 में भारत दुनिया में 16वें नंबर पर रहा था। पिछले साल भारत में 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा संपत्ति वाले अति अमीरों (अल्ट्रा हाई नेटवर्थ) की संख्या 284 थी। फिलहाल सबसे ज्यादा करोड़पति अमेरिका में हैं। इनकी संख्या पिछले साल 71 लाख रही। अमेरिका में 11 लाख नए करोड़पति भी बने। चीन ने इस मामले में जापान को पीछे छोड़ दिया। वहां करोड़पतियों की संख्या बहुत तेजी बढ़ रही है।2012 में चीन में 15 लाख करोड़पति थे। 2013 में इनकी संख्या 24 लाख हो गई। जापान में करोड़पतियों की संख्या 15 लाख से घटकर 12 लाख रह गई है। पांच साल तक एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमीरों की संख्या बढ़ती रहेगी। भारत, चीन और इंडोनेशिया की उभरती अर्थव्यवस्थाएं बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। ऐसे में यहां रईसों की निजी संपत्ति बढ़ना तय है। आबादी के लिहाज से देखा जाए तो कतर में करोड़पतियों का अनुपात सबसे ज्यादा है। इस देश के प्रति 1,000 परिवारों पर 175 करोड़पति हैं। इस अनुपात के मामले में 127 करोड़पतियों के साथ स्विट्जरलैंड दूसरे नंबर पर और सिंगापुर (100) तीसरे स्थान पर है।
बीसीजी ने 14वीं वार्षिक रिपोर्ट "राइडिंग अ वेब ऑफ ग्रोथ : ग्लोबल वेल्थ 2014" मंगलवार को जारी की। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2013 में दुनिया में करोड़पतियों की संख्या 1.63 करोड़ हो गई है। इस दौरान निजी संपत्ति में 14.6 फीसद की वृद्धि हुई। इससे इन अमीरों की कुल संपत्ति 1,52,000 अरब डॉलर पहुंच गई। शेयर बाजारों की तेजी को दो साल से जारी बेहतर प्रदर्शन का आधार बताया जा रहा है।
भारत में 1.75 लाख करोड़पति (10 लाख डॉलर संपत्ति वाले) बताए गए हैं। 2012 में भारत दुनिया में 16वें नंबर पर रहा था। पिछले साल भारत में 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा संपत्ति वाले अति अमीरों (अल्ट्रा हाई नेटवर्थ) की संख्या 284 थी। फिलहाल सबसे ज्यादा करोड़पति अमेरिका में हैं। इनकी संख्या पिछले साल 71 लाख रही। अमेरिका में 11 लाख नए करोड़पति भी बने। चीन ने इस मामले में जापान को पीछे छोड़ दिया। वहां करोड़पतियों की संख्या बहुत तेजी बढ़ रही है।2012 में चीन में 15 लाख करोड़पति थे। 2013 में इनकी संख्या 24 लाख हो गई। जापान में करोड़पतियों की संख्या 15 लाख से घटकर 12 लाख रह गई है। पांच साल तक एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमीरों की संख्या बढ़ती रहेगी। भारत, चीन और इंडोनेशिया की उभरती अर्थव्यवस्थाएं बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। ऐसे में यहां रईसों की निजी संपत्ति बढ़ना तय है। आबादी के लिहाज से देखा जाए तो कतर में करोड़पतियों का अनुपात सबसे ज्यादा है। इस देश के प्रति 1,000 परिवारों पर 175 करोड़पति हैं। इस अनुपात के मामले में 127 करोड़पतियों के साथ स्विट्जरलैंड दूसरे नंबर पर और सिंगापुर (100) तीसरे स्थान पर है।
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