कोटा। वन एवं पर्यावरण संबंधी मंजूरी की आवेदन प्रक्रिया को सरकार डिजिटल करने जा रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर एवं निवेश परियोजनाओं में तेजी लाने और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की कवायद के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सभी वन मंजूरी की प्रक्रियाओं का 1 जुलाई से डिजिटाइजेशन करने का फैसला किया है। इसके तहत मंजूरी के लिए आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके साथ ही आवेदनों की स्थिति जानने के लिए ऑनलाइन ट्रैकिंग सेवा इस साल 1 सितंबर से शुरू कर दी जाएगी। उद्योग संगठन फिक्की की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘ऑप्टिमाइजिंग प्रोजेक्ट क्लीयरेंस फ्रेमवर्क फॉर स्टिम्युलेटिंग इनवेस्टमेंट्स’ में केंद्रीय सचिवालय में अतिरिक्त सचिव (प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप) अनिल स्वरूप ने कहा कि खानों के अन्वेषण के लिए मिली मंजूरियों को इस साल एक नवंबर से ऑनलाइन कर दिया जाएगा। इन कदमों से उम्मीद है कि निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और पिछले कुछ सालों के दौरान निवेश के गिरते ग्राफ को ऊपर लाने में मदद मिलेगी।
5,27,299 करोड़ रुपए की योजनाएं
फिक्की बड़ी परियोजनाओं की मंजूरी प्रक्रिया को आसान और तर्कसंगत बनाने के लिए प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप (पीएमजी) के साथ मिलकर काम कर रहा है।अबतक स्वरूप की अगुवाई वाला पीएमजी 5,27,299 करोड़ रुपये की 150 से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दे चुका है। हालांकि, पीएमजी के पास इस समय 280 से अधिक ऐसी परियोजनाएं के आवेदन पड़े हैं, जिन्हें विभिन्न प्रकार की मंजूरी का इंतजार है।स्वरूप ने कहा कि पीएमजी नीतिगत मुद्दों पर भी नजर बनाए हुए है। एक बार निवेश परियोजनाओं की आवेदन प्रक्रिया को डिजिटल स्वरूप में बदलने का काम पूरा हो जाए, तो उसके बाद मंजूरी प्रक्रिया की रि-इंजीनियरिंग और उनकी बाधाएं दूर करने की कवायद शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें भी इस काम में पीएमजी को सहयोग दे रही हैं।जुलाई के अंत तक ज्यादा निवेश वाले 16 राज्यों में स्थानीय पीएमजी का गठन किया जाएगा। स्वरूप ने उद्योगों से राज्य सरकारों की वेबसाइटों का इस्तेमाल करने की अपील की है। इससे पीएमजी को उद्योगों की दिक्कतें समझने में मदद मिलेगी और उन्हें दूर करने की पहल की जा सकेगी
5,27,299 करोड़ रुपए की योजनाएं
फिक्की बड़ी परियोजनाओं की मंजूरी प्रक्रिया को आसान और तर्कसंगत बनाने के लिए प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप (पीएमजी) के साथ मिलकर काम कर रहा है।अबतक स्वरूप की अगुवाई वाला पीएमजी 5,27,299 करोड़ रुपये की 150 से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दे चुका है। हालांकि, पीएमजी के पास इस समय 280 से अधिक ऐसी परियोजनाएं के आवेदन पड़े हैं, जिन्हें विभिन्न प्रकार की मंजूरी का इंतजार है।स्वरूप ने कहा कि पीएमजी नीतिगत मुद्दों पर भी नजर बनाए हुए है। एक बार निवेश परियोजनाओं की आवेदन प्रक्रिया को डिजिटल स्वरूप में बदलने का काम पूरा हो जाए, तो उसके बाद मंजूरी प्रक्रिया की रि-इंजीनियरिंग और उनकी बाधाएं दूर करने की कवायद शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें भी इस काम में पीएमजी को सहयोग दे रही हैं।जुलाई के अंत तक ज्यादा निवेश वाले 16 राज्यों में स्थानीय पीएमजी का गठन किया जाएगा। स्वरूप ने उद्योगों से राज्य सरकारों की वेबसाइटों का इस्तेमाल करने की अपील की है। इससे पीएमजी को उद्योगों की दिक्कतें समझने में मदद मिलेगी और उन्हें दूर करने की पहल की जा सकेगी
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